RE: Antarvasna प्यार की खुजली
इतने मे दरवाज़े के बाहर से उनकी मा की आवाज़ आई ?नीता दरवाज़ा खोल.
रमेशजी आयें हैं. उनकी ट्रेन कॅन्सल हो गई है.? ये सुनते ही दोनो के होश
उड़ गये. जीतू ने झट से कपड़े पहन लिए और खिड़की से मा के कमरे मे कूद
गया. नीता ने अपना ब्लाउस और पेटिकोट पहना और दरवाज़ा खोला.
नीता को ऐसी सेक्सी स्तिति मे देख कर रमेश के पसीने छूट गये. उसकी पतली
कमर पे नाभि से कई इंच नीचे लटकता हुआ पेटिकोट और ब्लाउस मे से कड़क उभरे
हुए निपल देख कर रमेश सून्न हो गया. कमला भी नीता को इस हालत मे देख कर
मन ही मन मुस्कुरा उठी. वो समझ गई जीतू ने उसे पटा लिया था?.
जैसे ही कमरे के अंदर दोनो घुसे रमेश ने उसका पेटिकोट उपर किया और उसकी
चूत मे उंगली डाल दी. ?ये तो पहले से ही गीली है? कहते हुए रमेश ने उससे
बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत मे मुँह मार दिया. रमेश को क्या पता था
की चूत जीतू के लिए गीली हुई थी, नीता बोली ?आप की याद मे टपक रहा था ये
पानी?. रमेश ये सुन कर और उत्तेजित हो गया और पॅंट उतार कर सीधा उस पर
चढ़ गया. आज उससने इतनी देर तक उसे चोदा जितना पहले कभी नही. नीता भी
जीतू को याद करते हुए चुदवाती रही?.
खाना खाते समय महॉल गर्म हो गया था. रमेश कभी अपनी सेक्सी नीता को देखता
तो कभी अपनी सेक्सी सास को. कमला बस के हादसे के बाद समझ गई थी कि रमेश
उसके शरीर को चाहता है. लेकिन जमाई होने की वजह से उसस्पर कुच्छ बंदिश
हैं. पर रात भर कमला को नींद नही आई. वो आख़िर इस नतीजे पे पहुची की उसको
अपने जमाई को खुश रखना चाहिए ताकि उसकी बेटी खुश रहे.
अगले दिन नीता और जीतू को बेज़ार भेज दिया कमला ने और उन्हे कहा अपनी
चाची से भी मिल आयें. रमेश ने बोर होने का बहाना कर दिया और घर पर ही रुक
गया. कमला समझ गैट ही रमेश ने क्यों मना किया था.
?मैं कमरा ठीक कर दूं. आइए आप भी वहीं बैठिए.? कहते हुए कमला अपने कमरे
की और चल दी. रमेश कुत्ते की तरह दूम हिलाता हुआ उसके पिछे चल दिया. कमला
ने अपनी सारी का पल्लू खींच कर अपने ब्लाउस के बीच मे डाल दिया और कमर मे
बाँध लिया ताकि जमाई राजा उसके बड़े बड़े मम्मों को देख कर उत्तेजित हों
और उसकी नाभि के दर्शन कर सकें.
?आप जैसा जमाई पा कर मैं धन्य हो गई. कितने अच्छे हैं आप.? कहते हुए कमला
ने अपनी सारी कमर से निकाली और पल्लू से मुँह पोंच्छने लगी. उसके ब्लाउस
मे कसे हुए बूबे देख कर रमेश मंत्रमुग्ध हो गया.
?मैं नहा कर आती हूँ? कहते हुए कमला ने धीरे से अपनी सारी खोलनी शुरू की.
उसकी कमर का कटाव देख कर राजेश तो जैसे पागल हो गया. जब उसने सारी पूरी
उतार ली और घूम कर कपबोर्ड की तरफ गई उसके पेटिकोट मे से छलक्ति उसकी
गांद की दरार देख कर वो अपने लंड को मसल बैठा.
?आप जैसे जमाई बहुत कम नसीब वालो को मिलते हैं.? मुस्कुराते हुए कमला
बोली और अपनी निकाली हुई पॅंटी को देखने लगी. राजेश अब पागल हुआ जा रहा
था. वो उठ कर उसके पीछे चला गया ?आप जैसी सास भी तो बहुत कम लोगों को
मिलती है? कहते हुए राजेश कमला से एक फुट दूर खड़ा हो गया.
कमला चाहती तो सब आज ही कर लेती पर फिर उसने अपने आप को समझाया. लेकिन
थोड़ा तो चलता है?. सोच कर उसने अपने ब्लाउस के बटन खोलने शुरू कर दिए.
?आप बहुत अच्छे हैं, नीता आपकी हमेशा तारीफ़ करती है? कहते हुए कमला पलट
गई और धीरे से अपना ब्लाउस उतारने लगी.
उसकी ब्रा से बाहर निकलने को बेचैन उसके वक्ष देख कर राजेश का लॉडा फूल
गया. लेकिन कमला ने जिस आसानी से उसके सामने अपना ब्लाउस उतारा था राजेश
सोच मे पड़ गया ?क्या ये मेरे लिए ब्लाउस उतार रही हैं या मुझे अपने
लड़के की तरह समझते हुए कर रही हैं??.
कमला थोड़ी देर ऐसे ही खड़ी रही ताकि रमेश उसके बूबे अच्छि तरह निहार
सके. ?ज़रा ये हुक खोल दीजिए? कहते हुए कमला मूड गई. राजेश तो यही चाहता
था. वो सीधा उसकी गांद से चिपक गया और हुक खोलने लगा.
?ये क्या कर रहे हैं? कहते हुए कमला ने अपनी गांद उसके गरम सख़्त लंड से
दूर करी. ?सॉरी !? रमेश इस के अलावा कुच्छ ना कह पाया. ?कल बस मे भी
आप?..? कहते हुए कमला मुस्कुराते हुए मूड गई क्योंकि हुक खुल गया था.
?माफ़ करना कल सब अंजाने मे हो गया? रमेश डर गया था. ?कोई बात नही, मुझे
बुरा नही लगा? कहते हुए कमला ने अपने कपड़े हाथ मे लिए और बाथरूम मे चली
गई.
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