RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--7
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
और जब होश आया तो एसके मेरे ऊपेर लेटे थे लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी छोटी सी नाज़ुक चूत को फाड़ के अंदर घुस्स चुका था लैकिन धक्के नही लगा रहे थे शाएद एसके को पता था के मेरा टोटल ब्लॅक आउट हो गया है और मैं बे होश हो चुकी हू. फिर थोड़ी देर के बाद जब मेरे बदन मे कुछ जान वापस आई तो मैं ने फटी आँखो से एसके की तरफ देखा जैसे मेरी आँखें एसके से कह रही हो के तुम बड़े ज़ालिम हो हथोडे जैसे लंड से मेरी नाज़ुक चूत को फाड़ डाला पर शाएद वो मेरी नज़रों को समझ नही पाए और थोडा सा मुस्कुरा दिए और किस करने लगे उनका लंड मेरी चूत मे फसा हुआ था मेरी चूत पूरी तरह से खुल चुकी थी और मुझे लग रहा था जैसे मेरे चूत के अंदर जैसे कोई रेलवे एंजिन का पिस्टन घुसा हो जिस से मेरी चूत के अंदर की सारी हवा निकल गई हो. मुझे लग रहा था के मेरे बदन के दो टुकड़े हो गये हो.
थोडा और होश आया और मेरी आँखें खुली तो जब एसके ने पूछा कियों मेरी रानी अभी तक तकलीफ़ हो रही है क्या ?? तो मैं ने सर हिला के कहा हा मगर मूह से एक शब्द भी नही निकला बॅस सरर हिला के हा मे जवाब दिया तो वो मुझे किस करने लगे और कहा अभी सब ठीक हो जाएगा तुम फिकर ना करो और धीरे से लंड को बाहर खीचने लगा. जैसे जैसे वो अपने लंड को बाहर खेच्ते मुझे लगता जैसे मेरे बदन मे से कोई चीज़ बाहर निकल रही हो और मेरे बदन को खाली (एंप्टी) कर रही हो. पहले तो वो आहिस्ता आहिस्ता धाके
मारने लगे और स्लोली उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ने लगी. . अब मेरी चूत के मसल्स एसके के इतने बड़े और मोटे लंड को पूरी तरह से अड्जस्ट कर चुकी थी और मैं मज़े लेने लगी आआआआआआअहह इतना मज़ा कभी नही आया था मुझे मेरी टाँगें उसके बॅक पे लपेटी हुई थी और वो नीचे खड़े खड़े धक्के मार रहे थे लंड चूत के अंदर बाहर हो रहा था. जैसे ही लंड बाहर निकालता मुझे लगता जैसे मेरा बदन खाली हो रहा हो और जैसे ही फिर से लंड चूत के अंदर घुस जाता मुझे लगता जैसे मेरा बदन और चूत फिर से फुल हो गई हो. उसके हर झटके से मेरे मूह से हप्प्प्प्प्प उउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ हप्प्प्प्प्प्प्प आआआहहह ऊऊईईईईईईईइ म्म्माआआअ ऊऊईईईई आआआअहह ईईएहह उउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह जैसी आवाज़ें निकल रही थी और मैं फिर से झड़ने लगती.और अब मेरी आँखों से आँसू भी नही निकल रहे थे. तकलीफ़ की जगह मज़े ने ले ली थी और मैं मस्त चुदाई के फुल मज़े ले रही थी.
एसके अपनी गंद उठा उठा के लंड को पूरा बाहर तक निकाल निकाल के मुझे घचा घूच घचा घच चोद रहे थे कमरे मे चुदाई की प्प्प्पक्कक्चह्क्कक प्प्प्पक्कक्चह्क्कककक प्प्प्पकक्चक्कक की आवाज़ें गूँज रही थी मैं एसके के बदन से चिपकी हुई थी मेरे चुचियाँ हर एक झटके से मेरे बदन पे डॅन्स करने लगती और कभी एसके मेरी चुचिओ को पकड़ के मसल देते कभी झुक के मूह मे ले के चूसने लगते और कभी निपल्स को काटने लगते. लंड पूरा बाहर सूपदे तक निकाल निकाल के मेरी टाइट चूत मे घुसेड देते तो मेरी आँखें बाहर निकल आती और मुझे लगता जैसे एसके का मूसल जैसा लंड मेरी चूत को फाड़ के मेरी गांद मे से बहेर निकल जाएगा. अब मैं पेन और प्लेषर से कराह रही थी बोहोत मज़ा आ रहा था और मैं एसके के बदन से छिपकली (वॉल लिज़र्ड) की तरह चिपकी हुई थी टाइट पकड़ा हुआ था उसके बदन को और वो था के फुल स्पीड से चोदे जा रहा था मैं तो पता नही कितने टाइम झाड़ गई झड़ने से चूत अंदर से बोहोत गीली हो गई थी और अब लंड आसानी से अंदर बहेर फिसल रहा था मेरी चूत पूरी तरह से खुल चुकी थी और तकलीफ़ से सूज के डबल रोटी ( ब्रेड ) हो गई थी. चुदाई की स्पीड बढ़ गई थी और मेरे चूत के अंदर फिर से लावा निकलने को बेचैन होने लगा मेरे मूह से मज़े की सिसकारियाँ निकल ने लगी और इसी टाइम पे चुदाई की स्पीड और बढ़ गई और फिर एसके ने अपना “आकाश मिज़ाइल” जैसा रॉकेट लंड पूरा सूपदे तक बाहर निकाला और एक इतनी ज़ोर से धक्का मारा के मैं फिर से चिल्ला उठी आआआआआआआअहह म्म्म्माआआआआआअ उउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ
ऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्म्म्ममाआआअ और मुझे लगा जैसे कमरा गोल गोल घूम रहा हो और मुझे कुछ नज़र ही नही आ रहा था सारा बदन पसीने से भीग चुका था आँखें बहेर को निकल गई थी और फिर उसके लंड मे से मलाई की पिचकारियाँ निकलने लगी पहली पिचकारी मेरी चूत मे लगते ही मेरी चूत फिर से झड़ने लगी और जो लावा चूत के अंदर उबल रहा था बहेर निकलने लगा उसकी पिचकारियाँ निकलती रही और उसके धक्के स्लो होते गये और थोड़ी देर मे एसके मेरे बदन पे गिर गये और मेरी ग्रिप भी उनके बदन पे लूस हो गई और मेरे हाथ पैर फिर से ढीले पड़ गये दोनो गहरी गहरी साँसें ले रहे थे मेरी चुचियाँ हम दोनो के बदन के बीच मे पिसी जा रही थी दोनो चुचियाँ फ्लॅट हो गई थी दोनो के बदन के बीच मैं.झड़ने के बाद भी उसका लंड मेरी चूत मे फूलता रहा और फिर वो मेरे ऊपेर से मेरे साइड मे लेट गया तो उसका लंड एक प्लॉप की आवाज़ के साथ ही मेरी फटी चूत से बहेर निकल गया और हम दोनो थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे फिर दोनो ऊपेर खिसक के बेड के ऊपेर आ गये. उसका लंड चूत से बहेर निकलते ही मेरी चूत मे से दोनो की मिली जुली क्रीम निकल के बेड पे गिरने लगी. . थोड़ी देर मे देखा तो पता चला के मेरी चूत से सच मे खून निकल आया है. मैं हैरान रह गई के मेरी चूत की सील तो पहले ही टूट चुकी थी फिर यह सेकेंड टाइम खून कियों निकला फिर ख़याल आया के इतना बड़ा मूसल जैसा लंड इतनी छोटी सी चूत मे घुसेगा तो खून तो निकलेगा ही और यह ख़याल आते ही मेरे मूह पे हल्की सी मुस्कुराहट आ गई. मेरी अंगारे की तरह से जलती और प्यासी चूत आज इतने महीनो के बाद शांत पड़ गई थी चूत की प्यास बुझ चुकी थी चूत की आग ठंडी पड़ चुकी थी. मैं आँखें बंद किए लेटी रही और हम दोनो गहरी गहरी साँसें लेते रहे.
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