RE: kamukta Sex kahaaniya किरण की कहानी
हम दोनो बाज़ू बाज़ू मे बैठे थे. मैं घुटने मोड़ के बैठी थी और वो पलटी (क्रॉस लेगेड) मार के बैठा था. अब उसने मुझे समझाना शुरू क्या के यह है फीमेल का रिप्रोडक्टिव ऑर्गन इसे इंग्लीश मैं वेजाइना, पुसी या कंट कहते है और हिन्दी मे योनि या चूत कहते हैं. मैं शरम के मारे एक दम से लाल हो गई पर कुछ कहा नही. फिर उसने डीटेल बताना शुरू किया के यह है लेबिया मेजॉरा जिसे पुसी के लिप्स कहते है और यह उसके अंदर लेबिया मिनोरा यह डार्क पिंक कलर का या लाल कलर का होता है और यह उसके ऊपेर जो छोटा सा बटन जैसा बना हुआ है वो क्लाइटॉरिस या हिन्दी मे घुंडी या चूत का दाना भी कहते हैं और जब इसको धीरे धीरे से रगड़ा जाता है या मसाज किया जाता है तो यह जो चूत का सुराख नज़र आ रहा
है इस मे से पानी निकलना शुरू हो जाता है. या फिर अगर लड़की बोहोत ही एग्ज़ाइटेड हो जाती है तो ये निकलने वाले जुजिसे से चूत गीली हो जाती है जो के रिप्रोडक्षन के इनिशियल काम को आसान बना देती है. इतना सुनना था के मेरी चूत मे से समंदर जितना जूस निकलने लगा और चूत भर गई.
अब यह देखो दूसरी फिगर यह मेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन है. इसे इंग्लीश मे पेनिस या कॉक कहते है और हिन्दी मे लंड या लौदा कहते हैं. यह नॉर्मल हालत मे ऐसे ही ढीला पड़ा रहता है जैसे के पहली पिक्चर मे है ( दो डाइयग्रॅम्स थे. एक मे नों एरेक्टेड पेनिस था दूसरे मे फुल्ली एरेक्टेड पेनिस था ) . और जब यह बोहोत एग्ज़ाइटेड हो जाता है तो यह दूसरी फिगर की तरह खड़ा हो जाता है. यह पेनिस के अंदर जो ब्लड वेसल्स है इन्न मे डॉरॅन खून (ब्लड सर्क्युलेशन) बढ़ जाता है और उसकी वजह से मसल्स अकड़ के लंड लंबा मोटा और सख़्त हो जाता है और मेरा हाथ पकड़ के अपने आकड़े हुए लंड पे रख दिया और कहा ऐसे .
अब मेरी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी बदन मे इतनी गर्मी आ गई थी के मुझे लग रहा था मानो मेरा बदन किसी आग मे जल रहा हो. और यह देखो उसने मेरा हाथ लंड के नीचे किया और कहा इसके नीचे जो यह दो बॉल्स दिखाई दे रहे हैं इन्है इंग्लीश मे टेस्टिकल्स या स्क्रोटम और हिन्दी मे अंडे भी कहते हैं. यह आक्च्युयली स्पर्म प्रोड्यूसिंग फॅक्टरी है जहा स्पर्म बनते हैं. यह स्पर्म जब मेल के ऑर्गन से ट्रान्स्फर हो के फीमेल के ऑर्गन मे जाता है तो बचा पैदा होता है. मेरा मानो बुरा हाल हो गया था कुछ समझ मे नही आ रहा था के क्या कहु और सुनील था के बॅस एक प्रोफेसर की तरह से लेक्चर दिए जा रहा था. मैं अंजाने मे उसका तना हुआ लंड अपने हाथ मे पकड़े बैठी थी मुझे इतना होश भी नही था के मैं अपना हाथ उसके लंड पे से हटा लू.
जब मेल का यह एरेक्ट लंड फीमेल की चूत के अंदर जाता है और चुदाई करते करते जब एग्ज़ाइट्मेंट और मज़ा बढ़ जाता है तो अपना स्पर्म चूत के अंदर यह जो बचे दानी दिख रही है उसके मूह पे छोड़ देता है जिस से स्पर्म बचे दानी के खुले मूह के अंदर चला जाता है और बचा पैदा होता है. मुझे पता ही नही चला के उसका एक हाथ तो मेरी चूत पे है जिसका वो मसाज कर रहा है और मेरा हाथ उसके लंड को पकड़े हुए था और मैं अंजाने मे उसके मोटे लंड को दबा रही थी. यह पहला मोका था के मैं ने किसी के लंड को अपने हाथो मे पकड़ा हो. उसने फिर कहा के देखो कैसी गीली हो गई है तुम्हारी चूत ऐसे ही हो जाती है एग्ज़ाइट्मेंट के टाइम पे. तब मुझे एहसास हुआ के यह मैं क्या कर रही हू और एक दम से
अपना हाथ उसके लंड पे से खेच लिया लैकिन उसने अपने हाथ मेरी चूत पे से नही हटाया. मेरी नाइटी मे हाथ डाले हुए ही था और मेरी चूत का मसाज करता ही जा रहा था जिस से मेरी चूत बोहोत गीली हो चुकी थी,
सुनील हस्ने लगा और बोला के डरती कियों हो मैं तो तुम्है थियरी के साथ प्रॅक्टिकल भी बता रहा था ताके तुम अछी तरह से समझ सको. बॅस इतना कहा उसने और एलेक्ट्रिसिटी चली गई और बल्ब बुझ गया और कमरे मे अंधेरा छा गया. मैं तो बे तहाशा गरम और गीली हो चुकी थी साँसें तेज़ी से चल रही थी दिमाग़ और बदन मे सन सनाहट दौड़ रही थी ब्लड सर्क्युलेशन हंड्रेड टाइम्स बढ़ चुका था चेहरा लाल हो गया था गहरी गहरी सांस ले रही थी. उसने मुझे धीरे से पुश किया और मैं बेड पे सीधे लेट गई. वो मेरी साइड मे था उसका हाथ अभी भी चूत पे था मुझे इतना होश भी नही था के मैं उसका हाथ पकड़ के हटा दूं.
बॅस ऐसे ही चित्त लेटी रही और अंजाने मे मेरी टाँगे भी खुल गई थी और वो मेरी चूत का अछी तरह से मसाज कर रहा था. मुझे बोहोत ही मज़ा आ रहा था. अब उसने फिर मेरा हाथ पकड़ के अपने आकड़े हुए लंड पे रख दिया और मेरे हाथ को अपने हाथो से ऐसे दबाया जैसे मैं उसका लंड दबा रही हू. बहुत मोटा, सख़्त और गरम था उसका लंड. उसन्ने एलास्टिक वाला जॉगिंग पॅंट पहना था जिसको उसने अपने घुटनो तक खिसका दिया था और मेरे हाथ मे अपना लंड थमा दिया था और मैं हमेशा की तरह बिना पॅंटी और बिना ब्रस्सिएर के नाइटी पहनी थी मुझे क्या मालूम था के ऐसे होने वाला है. मैं तो रोज़ रात को सोने के टाइम पे अपनी पॅंटी और ब्रस्सिएर निकल के ही सोती थी.
|