RE: XXX Kahani दोस्त बना साला
दो तीन मिनिट बाद रमेश अलग हुवा और मुझे कुच्छ देर अपनी बहन की चूची को पीते देखने के बाद बोला, "चल सपना बेड पर चलते हैं." "चलो भाय्या." वह उठी और अपने भाई के बेड पर आकर लेट गयी. हम दोनो भी उसके पास आए तो रमेश ने सपना का स्कर्ट खींचकर उतार दिया. वह नीचे ब्लॅक पॅंटी पहने थी जिसमे से उसकी चूत उभरी हुई थी. मैं उसे देखने लगा तो वह बोली, "उम्म क्या देख रहे हैं आप? क्या कभी देखी नही किसी की?" "श न्न्न नही." "इतने बड़े हो गये और किसी की नही देखी. अपनी बहन कंचन की भी नही?" "हाए नही." "ओह्ह कैसे भाई हो? मेरे भाय्या तू मुझे एक साल से चोद रहे हैं और एक तुम हो की अपनी बहन की चूत भी नही देखी. हाए आपके ऊपर बहुत तरस आ रहा है. कंचन बहुत खूबसूरत है उसकी तो मुझसे भी अच्छी होगी." वह खुलकर बिना शरम के बोल रही थी. उसका बड़ा भाई चुपचाप उसकी चुचियों को चूस और मसल रहा था. उसे जैसे मतलब ही नही था कि उसकी बहन मुझसे क्या बात कर रही है. वह मेरे गाल पर हाथ फेर बोली, "आप मेरे भाई के सबसे अच्छे दोस्त हैं इसलिए मैं आपको अपनी दिखाउन्गी. लीजिए चड्डी हटाकर देख लीजिए मेरी चूत." उसकी बात सुन खुश हो गया. काँपते हाथों से उसकी काली चड्डी को एक तरफ किया तो उसकी चिकनी बिना बॉल वाली गोरी-गोरी चूत मेरी आँखो के सामने चमकने लगी. मैं ललचाया सा देखने लगा तो वह बोली, "लो मज़ा जैसे चाहो." मैने उसकी चूत पर हाथ रखा तो मेरा लंड झटके खाने लगा. दो तीन बार हाथ फिराने के बाद उसकी चूत की दोनो फांको को खोलकर अंदर का गुलाबी च्छेद देखा तो मुँह मैं पानी आ गया. वह बोली, "चाट कर देखो मज़ा आ जाएगा." मैं कई स्टोरी मैं लिखा देख चुक्का था कि चूत चाटने मैं बहुत मज़ा मिलता है इसलिए उसकी बात सुन चाटने को तैय्यर हुवा.. रमेश उसकी चुचियों मैं खोया हुवा था. मैने उसकी चड्डी को एकदम अलग कर दिया और अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी. चूत की सोंधी खुश्बू से नाक मस्त हो गयी. पूरी चूत पर ऊपर से नीचे तक जीभ चलाकर चाटने लगा. सच लड़की मैं बहुत मज़ा भरा होता है. रमेश सच कह रहा था कि वह कभी बोर नही होता. अभी 3-4 मिनिट ही चॅटा था कि वह अपने पैरों से धक्का दे मुझे अपनी चूत से अलग कर बोली, "हटो दूर, तुमको तो कुच्छ भी नही आता."
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