RE: Antarvasna sex stories चुदाइ का दूसरा रूप
सारा की जिंदगी नर्क बनती जा रही थी. अब तो उसका पति उसे दो - तीन
आदमियों से एक साथ ही चुदवाता था. वो एक रंडी की जिंदगी जी रही थी और
उसका अपना पति ही जैसे उसका दलाल / भड़वा बन गया था. सारा को बड़े बड़े
आदमियों से चुदवा कर, अपना काम निकलवा कर, उसके पति ने अपने धन्दे मे
बहुत पैसा कमाया. अलग अलग आदमी सारा को अपनी पसंद के अनुसार अलग अलग
तरीके से चोद्ते थे और सारा चुदवाने के सिवाय कुछ नही कर पाती थी.
और इसी कारण वो एक पक्की शराबी बन गई थी और बहुत धूम्रपान करती थी. सारा
ने अपनी किस्मत से समझौता कर लिया था. अब तो ये हालत थी कि सारा को
चुदवाने की जैसे आदत पड़ गयी थी और वो अब चुदाई के बिना नही रह सकती थी
और उसको रोज़ एक से ज़्यादा मर्द चाहिए चुदवाने के लिए. अब वो अपनी आदत
और मर्ज़ी से एक रांड़ बन चुकी थी. अब उसे किसी तरह की शर्म भी नही आती
थी. वो किसी से भी, कभी भी, कैसे भी चुदवा सकती थी.
मुझे सारा के मूह से उसकी कहानी सुन कर बहुत धक्का लगा और बहुत दुख हुआ.
मगर सारा मुस्कराती रही, शराब पीती रही, धूम्रपान करती रही और अपनी चुदाई
की भयानक कहानी सुनाती गई.
अंत मे सारा ने बताया - मेरा भड़वा पति अपने तीन विदेशी दोस्तों को लाने
के लिए बाहर गया है और आज मैं तीन तीन विदेशियों से एक साथ चुदवाउंगी.
मैं बोली - सारा, ये सब तुम कितनी आसानी से कह रही हो. ये चिंता की बात है.
सारा ने जवाब दिया - नही यार! मेरी जिंदगी मे ये सब आम बात है. मैं खुद
अब इन सब के बिना नही रह सकती.
मैं बोली - सारा ! मेरी दोस्त ! मुझे बताओ कि मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ
कि तुम इस नर्क से बाहर आ जाओ.
सारा - कुछ नही जूली! मुझे अब इसकी आदत पड़ गई है. मैं जो भी कर रही हूँ,
वो अपनी मर्ज़ी से कर रही हूँ. मुझे किसी से कोई शिकायत नही है. मुझे
रोज़ाना चुदवाने के लिए एक नया मर्द चाहिए और जिस दिन मेरे भॅडव पति का
कोई दोस्त नही आता, उस दिन मैं अपने दलाल पति से किसी मर्द का बंदोबस्त
करने को कहती हूँ और वो किसी ना किसी को मुझे चोदने के लिए ले आता है.
मैं अब बहुत खुश हूँ.
पर मैं जानती थी, वो बहुत तो क्या, ज़रा भी खुश नही है. पर मैं उसके लिए
कुछ भी नही कर सकती थी.
शाम के 7.30 बज चुके थे. सारा ने बताया की उसके भदवे पति के, उसके तीन
विदेशी दोस्तों के साथ आने का समय हो गया है. वो तीनो विदेशी मिलकर अब
उसको उसके ही भद्वे पति के सामने चोदेन्गे. मैं उसके पति को भड़वा नही
कहना चाहूँगी क्यों कि भड़वा तो उसके लिए बहुत छ्होटा शब्द है.
मैने भारी मन से सारा से विदाई ली और अपने घर की तरफ रवाना हो गई. मैने
उसी समय सोच लिया था कि मैं ये कहानी अपनी अगली चुदाई की दास्तान मे
ज़रूर लिखूँगी ताकि लोगों को पता चले कि चुदाई का ये भी एक रूप है.
समाप्त
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