RE: Chudai Kahani स्वामी जी का कमाल
सुबू और
रश्मि देर तक एक दूसरे से लिपटी रही.अलग हुई तो दोनो की आँखें गुलाबी हो
रही थी. दोनो कामुक थी, और चूत गीली हो रही थी.सुबू को तो फिर स्वामीजी
की याद आ गयी. चूत फिर लंड माँगनें लगी. बड़ी मुश्किल से अपने मन पर काबू
किया. रश्मि को एक बार फिर चूमा और पूछा,` रश्मि सच सच बताओ, तुमने कभी
चूत नही चुदवाइ?` ` नहीं दीदी, सच`. `कभी दिल नहीं करता था ?` ` दिल तो
करता था, पर मेरी सहेली रेखा और में मूली चूत में डाल कर मज़ा लेती थी.`
`मूलीइीईई, ` सुबू हैरानी से चिल्लाई और हँसने लगी, `मेने सुना था की
जवान लड़किया केला चूत में लेती हैं या आजकल रब्बर या प्लास्टिक के लंड
मिलते हैं, पर ये मूली ? में कुछ समझी नही इसका मतलब है कुछ भी डाल लो
चूत में, लौकी, तौरई…कुछ भी? `अर्रे दीदी, ये कोइमामूली मूली नही होती,
इसे स्पेशल बनाया जाता है` `स्पेशल बनाया जाता है, वो कैसे?` `देखो दीदी,
पहले तो अपनी चूत के साइज़ के अनुसार मूली मूली सेलेक्ट कर लो. फिर इसे
7-8 दिन के लिए कहीं रख दो. 7-8 दिन के बाद ये नरम हो जाएगी- बिल्कुल लंड
की तरहा नरम और फ्लेक्सिबल- चूत को ना दुखाने वाली. बस मूली लंड तैयार
है. क्रीम लगाओ और जितना चाहे अंदर लो और जैसे चाहे चोदो.` `कमाल है, तू
कितनी बड़ी मूली लेती है ?` रश्मि नें हाथ से गोलाई और लंबाई बताई. सुबू
नें देखा, मूली का लंड स्वामीजी के लंड बहुत छोटा था. सुबू को तस्सली हुई
की रश्मि अभी चुड़दक़्कड़ नही हुई थी और स्वामी के लंड का पूरा मज़ा
लेगी. बोली, ` बस इतना ही.` `हां दीदी,में तो इतना ही लेती थी, पर रेखा
काफ़ी बड़ी मूली लेती थी.` फिर शरारत से बोली,` दीदी आप भी ले कर देखो ना
कभी.` `हॅट, तू भी एक बार स्वामीजी से चुद जा, मूली भूल जाएगी.` दोनो
बहनें हँसनें लगी. दिन बीत गये . मंगलवार आ गया. सुभह से ही सुबू स्वामी
जी का इंतेज़ार कर रही थी. 11 बजे डोरबेल बजी. सुबू भागी और दरवाजा खोला.
स्वामी जी ही थे. अपने चेले के साथ.चेला भी गुरु की तरह मस्त था. गोरा
लंबा, लेकिन क्लीन शेव. सुबू सोचने लगी रश्मि की चुदाई मस्त होगी. `आइए
स्वामी जी स्वागत है.` स्वामी जी अंदर आए और सोफा पर बैठ गये, और बोले `
सुबू ये है हमारा चेला. हम डाल है तो ये पात. हम से दो कदम आगे.` सुबू
शर्मा गयी, और चेले की तरफ देख भी नहीं सकी. स्वामी जी बोले, ` सुबू,
वक़्त कम है, क्या कहती हो. रश्मि घर में है क्या ?` `हाँ स्वामीजी` ` तो
फिर देर किस बात की है.` `वो शर्मा रही है स्वामीजी` `ओह तो फिर में जा
कर लाता हूँ`. `नहीं स्वामी जी में जाती हूँ और ले कर आती हूँ.` सुबू
अंदर गयी और कुछ देर बाद रश्मि के साथ वापस आ गयी……. सुबू रश्मि को ले कर
आ गयी. स्वामी जी नें अपने पास जगह बनाते हुए कहा, ` आओ रश्मि मेरे पास
बैठो.` रश्मि शरमाती शरमाती स्वामी जी के पास बैठ गयी. स्वामी जी बोले, `
रश्मि एक बात बताओ, क्या सुबू नें तुम्हें कुछ समझाया है, तुम समझ रही हो
ना.` रश्मि नें हां में सर हिलाया. स्वामी जी बोले, ` तो फिर शरम का परदा
उतार दो और पूरा मज़ा लो. क्या तुम तैयार हो रश्मि? में बार बार इस लिए
पूछ रहा हूंकि में किसी लड़की पर कोई ज़ोर ज़बदस्ती नही करता, बोलो
रश्मि.` रश्मि नें स्वामीजी के तरफ देखा और हां में सर हिला दिया.
स्वामीजी बोले, `तो ठीक है सुबू हमे सॉफ सॉफ बात करने चाहिए. में रश्मि
को चोदुन्गा और ये मेरा चेला तुम्हारी चुदाई करेगा.` सुबू को अच्छा नहीं
लगा. वो तो स्वामीजी का लंड लेना चाहती थी. स्वामीजी उसके चेहरे के भाव
पढ़ गये," सुबू चिंता मत करो, ये हमारा चेला चुदाई में हमारा गुरु है.
मेने तुम्हें कहा था ना की में तुम्हारे लिए सर्प्राइज़ लाऊंगा, ये है वो
सर्प्राइज़. दूसरी बात ये जवान है नातुज़रबेकार है रश्मि अभी नयी है , ये
उसकी चूत को नुकसान पहुँचा सकता है. रश्मि को मुझे ही चोदने दो. और एक
बात, इसका लंड ले कर तुम मेरा लंड भूल जाओगी.` सुबू अनमने मॅन से बोली,`
स्वामीजी में आपके लंड को भूलना नहीं चाहती, पर आप कहते हेँ तो ठीक है.
मगर स्वामीजी आप दोनो हम दोनो को यहीं चोदोगे?` स्वामी जी बोले ,` यहीं
ठीक रहेगा , अपनी चुदाई के साथ दूसरे की भी चुदाई देखो`. ये कह कर
उन्हों-ने सुबू को बाहों में भर कर चूम लिया और चेले से बोले, `लो
नारायण, इनकी कामाग्नि को शांत करो`.और खुद उन्होंने रश्मि को बाहों मे
ले लिया. स्वामीजी नें रश्मि के और नारायण नें सुबू के कपड़े उतार दिए.
दोनो उन्हें बेतहाशा चूमने लगे. दोनो औरतें गरम हो गयी.सुबू नें तो
नारारण का लंड हाथ में लिया और उसे एकदम शॉक लगा. स्वामी जी का लंड देखने
के बाद वो सोच रही थी की इस-से बड़ा लंड हो ही नहीं सकता, पर ये…..ये तो
गधे के लंड जैसा था. स्वामीजी ठीक ही कह रहे थे , ये लंड रश्मि की
कुँवारी चूत को फाड़ सकता था.सुबू से रहा नहीं गया. वो जल्दी से जल्दी
नारायण का लंड देखना चाहती थी. उसने नारायण के कपड़े उतार दिए. नारायण का
लंड ऐसे था मानो संसार मे नारायण का लंडसिर्फ़ एक बड़ा लंड है. सुबू नें
एक नज़र स्वामी जी की तरफ डाली. दोनो की नज़रा टकराई. सुबू की आखों में
ऐसा लंड देने के लिए स्वामीजी के लिए आभार था. स्वामी जी मुस्कुराए और
रश्मि को गरम करने में जुट गये. रश्मि नें जब स्वामीजी का लंड देखा तो
घबरा गयी. उसने सुबू की तरफ देखा मगर वो नारायण के साथ मस्त थी.
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