RE: Chudai Kahani स्वामी जी का कमाल
उन्हों-ने धक्के तेज़ कर दिए, बिल्कुल ऐसे जैसा कुत्ता कुतिया पर चढ़ कर
100 की स्पीड से धक्के लगाता है. स्वामी जी अपनी पूरी मर्दानगी सुबू के
अंडर उडेल देना चाहते थे. उनके धक्कों की रफ़्तार बढ़ती गयी और सुबू के
सिसकारियाँ बढ़ती गयी.`आआह्ह. … मारो मेरी चूत तुम साले स्वामी कहाँ थे….
तुम अब तक….कहाँ थे…. आह….ऊऊहह. … चोदो… फाड़ डालो.. हाआन्न… ईईईई… …
आआआ.आ अगया गयी में हाए स्वामी ये क्या हो रहा है……आह. …आह
स्वायायायामियीयियैयियीयियी. …..स्वायायीययाया मी……एयाया. .
..हबाअस्सस्स. आअहह…. ` चीखने के साथ सुबू ने अपने चूतड़ ज़ोर ज़ोर से
उपर नीचे करने शुरू कर दिए मानो स्वामीजी का रत्ती भर भी लंड बाहर ना
छोड़ना चाहती हो. स्वामी जी को भी मज़ा आ गया . उन्हों-ने धक्कों की
रफ़्तार तेज़ कर दी. अब वो भी बुदबुदाने लगे,` हाई मेरी जान तेरी चूत तो
स्वर्ग का मज़ा दे रही है . साली बड़ा मस्त चुदवाति है तुझे अब कभी नही
छोड़ूँगा. हर हफ्ते तेरी चूत को चोदने आऊंगा.` दोनो ही बोल रहे थे . दोनो
मस्ती में थे , और अचानक लावा फट गया. स्वामीजी के गले से आवाज़ निकली….
आआआहह. …एयाया. …गया… तेरी चूऊऊत में रे एयाया…. गया.` उधर सुबू चिल्ला
रही थी,` आअहह… मर गयी में स्वामी साले मादर्चोद अब तक कहाँ था भोसड़ी
वाले. में तुझ से चुदने के लिए ही तो थी…..आह. ….आह आहह आआआआआ.. …बस
बस….स्वामी बस….बस स्वामी आआहह…बस स्वामी आह स्वामी सवं सवमी.` स्वामी जी
ने पूरा मज़ा ले कर और दे कर अपना लंड बाहर निकाल लिया. कम से कम 50 म्ल
वीरया तो निकला ही होगा. सुबू की चूत से बाहर भी वीर्या निकल रहा था.
स्वामी जी का पूरा लंड भी क्रीम से साना पड़ा था. सुबू तो वीर्य सने लंड
को देख कर मस्त हो गयी. वो चाट कर उसे सॉफ करने लगी. चाट-ते चाट- ते उसे
चूसने लगी. स्वामी जी ने उसका सिर पकड़ कर लंड पर दबा दिया. उनका लंड
खड़ा होने लगा था. सुबू ने फील किया की स्वामी जी फिर से मस्त होने लगे
हैं. उसने और ज़ोर से चुसाइ शुरू कर दी. स्वामी जी का लंड फिर तन गया.
सुबू को अप्नी चूत में खुजली महसूस हुई और वो चूत को खुजलाने लगी. स्वामी
जी बोले` सुबू यह काम तुम्हारा नही मुझे खुजलाने दो.` स्वामी जी की नियत
जान कर सुबू बोली,` अभी तो चोद कर हटे हो स्वामी जी अब क्या फाड़ ही
डालोगे.`स्वामी जी ने शरारत से कहा ,` फटनी होती तो फॅट गयी होती, अब तो
मस्त चोदने का टाइम है. सुबू अब में तुझे पीछे से चोदुन्गा. पीछे से
चुदाई का ज़्यादा मज़ा आता है. सही में चुदाई का असली और नॅचुरल तरीका तो
पीछे से ही चूत मारने क़ा है स्वामी जी नें सुबू को घुमा कर उसकी पीठ
अपन्नी तरफ कर ली सुबूकी नंगी बाहों के नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूचियाँ
पकड़ कर उन्हें दबाना शुरू कर दिया. सुबू मस्त थी. पूरा स्मर्पण करते हुए
उसने अपना सर पीछे झुकाया और स्वामी जी की तरफ देखा. स्वामी जी उसकी
सेक्सी गुलाबी आँखों को देख कर मस्त हो गये. उन्होंने झुक कर सुबू के
होंठ अपने होंठो में ले लिए और चूसने लगे. सुबू ने अपने होंठ खोल दिए.
स्वामी जी नें अपनी जीभ सुबू के मुँह मे डाल दी और घूमने लगे. दोनो की
मस्ती बढ़ गयी. अब औ रहा नहीं जा रहा था . स्वामी जी नें सुबू को बेड के
कॉर्नर पर घुटनों और कुहनियों के बल लिटा दिया. सुबू के कंधों को नीचे
झुका दिया और गांद उपेर उठा दी. सुबू की चूत टाँगों के बीच से दिखाई देने
लगी. नज़ारा सेक्सी था. सुबू अभी अभी चुद कर हटी थी. स्वामीजी का वीर्य
चूत केआस पास लगा हुआ था . मोटे लंड के कारण चूत की फाँकें कुछ फैल गयी
थी और एक गुलाबी लाइन सी दिखाई दे रही थी. सुबू अपने चूतड़ ऊपेर नीचे
करने लगी. स्वामीजी समझ गये कि वो लंड लेना चाहती है. स्वामीजी नें लंड
सुबू की चूत पर रखा और एक ही बार में धीरे से अंडर घुसेड दिया.सुबू के
मुँह से एक सिसकारी निकली, दर्द की नहीं ,मस्ती और मज़े की.स्वामी जी नें
लंड को अंडर बाहर करना शुरू कर दिया.पीछे से चुदाई में लंड पूरा अंडर जा
रहा था सुबू सोच रही थी स्वामीजी ठीक ही कह रहे थे की पीछे सेचुदाई का
मज़ा ही अलग है . सच ही था. सुबू चुदाई के साथ सोच रही थी की कैसे
स्वामीजी को कहा जाए की जल्दी जल्दी आ कर चुदाई किया करें. सुबू अपनी
बेहन रश्मि- जो उसकी देवरानी बन-ने वाली थी, को भी स्वामीजी से चुदाई का
मज़ा दिलवाना चाहती थी. वो जानती थी की उसका देवर मनोज भी रामजी की तरहा
ख़ास्सी है और रश्मि को नहीं चोद पाएगा. अचानक सुबू का ध्यान टूटा.
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