RE: रिश्तों में चुदाई तीन बहनों की चुदाई
इसी दौरान अमित ने नीता की
चूंची को चूसना फिर से चालू कर दिया. नीता की चूंची अब पत्थर के समान कड़ी हो गयी थी. तब अमित ने नीता को फिर बिस्तेर पर चित लिटा दिया और नीता की बुर को अपनी जीव से चाटने लगा. उसने
अपनी जीव नीता की बुर के अंदर बाहर करने लगा. अपनी बुर मे अमित की जीव घुसते ही नीता को बहुत मज़ा आने लगा और वो ज़ोर से अमित का सिर अपनी बुर के उपर पकड़ दबाने लगी और थोड़ी देर के बाद अपनी कमर
उपर नीचे करने लगी. अमित जो कि चुदाई के मामले मे बहुत माहिर था, समझ गया कि अब नीता अपनी बुर मे उसका लंड पिलवाना चाहती है. उसने नीता का मुँह चूम कर धीरे से उसके कान पर मुँह रख कर पूछा, "हाई! नीता रानी, अपनी कमर क्यों उछाल रही हो? क्या तुम्हारी चूत मे कुछ कुछ हो रहा है?" नीता बोली, "हाँ मेरे सर, अरे नही मेरे राजा तुम सही कह रहे हो, मेरी चूत मे चीटियाँ रेंग
रही है. मेरा सारा बदन टूट रहा है , अब तुम ही कुछ करो." फिर अमित ने पूछा, "क्या तुम अपनी चूत हमारे लंड से चुदवाना चाहती हो?" नीता ने बोली, "आरे मेरे कपड़े सब उतार दिए और अपने कपड़े भी उतार दिए और अब भी पूछते हो क्या हम लोग चुदाई करेंगे?" "ठीक अब हम तुमको चोदेन्गे, लेकिन पहले थोड़ा दरद होगा पर मैं तुम्हे बहुत ही प्यार से धीरे धीरे चोदुन्गा और तुमको दर्द महसूस नही होने दूँगा," अमित ने नीता से बोला.ये सुन कर अमित उठा और नीता के दोनो पैर उठा कर घुटने से मोड दिया और दोनो पैर को अपने हाथों से फैला दिया. फिर उसने ढेर सारा थूक अपने हाथ मे लेकर पहले अपने लंड मे लगाया फिर नीता की बुर पर लगाया. थूक से सने बुर के मुँह पर अपने खड़े लंड को रखा और धीरे से कमर को आगे बढ़ा कर अपना सुपाड़ा नीता की बुर मे घुसा दिया और नीता के उपर चुप चाप पड़ा रहा. थोड़ी देर के बाद जब नीता नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी तो अमित ने धीरे धीरे अपना लंड नीता की बुर मे डालना शुरू किया. नीता का बदन दर्द से काँपने लगा और वो चिल्लाने लगी, "बाहर निकालो, मेरी बुर फटी जा रही है. हाई! मेरी बुर फटी जा रही है. तुम तो कह रहे थे कि थोड़ा सा दर्द होगा और तुम आराम आराम से चोदोगे. मुझे नही चुदवाना है, तुम अपना लंड बाहर निकालो." अमित नीता के मुँह पर अपना हाथ रख कर बोला, "बस रानी बस, अभी तुम्हारा दर्द ख़तम हो जाएगा और तुम्हे मज़ा आने लगेगा. बस थोड़ी सा और बर्दास्त करो." "हाई! मेरी बुर फटी
जा रही है और तुम कह रहे हो कि थोड़ा और बर्दास्त करो. आरे मुझे नही चुदवानी है अपनी बुर, तुम अपना लंड मेरी बुर से बाहर निकालो," नीता बोली और उसकी आँख से आँसू आ गये. इतनी देर मे अमित ने
अपनी कमर उठा कर एक ज़ोर दार धक्का मारा और उसने महसूस किया कि उसका सारा का सारा लंड नीता की बुर मे घुस गया है और नीता की बुर से खून निकल रहा है. नीता मारे दर्द के तडप्ने लगी और अमित को
अपने हाथों से अपने उपर से हटाने की कोशिस करने लगी. लेकिन अमित नीता को मज़बूती से पकड़े हुए था और उसका हाथ नीता के मुँह के उपर था इसी लिए नीता कुछ ना कर सकी बस तडप कर रह गयी.
अमित ने अपना लंड नीता की बुर के अंदर ही थोड़ी देर के लिए रहने दिया. उसने नीता की एक चूंची को अपने मुँह मे लेकर जीव से सहलाना शुरू कर दिया और दूसरी चूंची को हाथ से सहलाना शुरू कर
दिया. थोड़ी देर बाद नीता का दर्द गायब हो गया, अब उसे मज़ा आने लगा और नीचे से अपनी कमर उपर नीचे करना शुरू कर दिया. अमित अब धीरे धीरे अपनी कमर हिला हिला कर अपना लंड नीता की बुर मे अंदर-बाहर करने लगा. नीता ने भी अब जोरदार धक्के देना शुरू किया और जब अमित का लंड उसकी बुर मे होता तो नीता उसे कस कर जकड लेती और अपनी बुर को सिकोड लेती थी. अब अमित समझ गया कि नीता को अब मज़ा आने लगा है तो उसने अपनी कमर को उपर खींच कर अपना लंड पूरा का पूरा नीता की बुर से बाहर निकाल लेता, सिर्फ़ अपना सुपाड़ा अंदर छोड़ देता और फिर ज़ोर दार झटके के साथ अपना लंड नीता की बुर मे पेल दे रहा था.
नीता बुरी तरह अमित से लिपटी हुई थी और अमित को अपने हाथ और पैर से जकड रखी थी. सारे कमरे मे नीता और अमित की सिसकारी और उनकी चुदाई का `फ़च' `फ़च' पकात' `पकत' की आवाज़ गूँज रही थी. नीता अपने मुँह से "आह! आह! ओह! ओह! हाँ! हाँ! और ज़ोर से, और ज़ोर से हाँ हाँ ऐसे ही अपना लंड मेरी बुर मे पेलते रहो," बोल रही थी. अमित फुल स्पीड से नीता की बुर मे अपना लंड अंदर-बाहर करके
उसको चोद रहा था और नीता बुरी तरह से अमित से चिपकी हुई थी. इतनी देर से नीता की बुर चोद रहा अमित अब झड्ने वाला था और उसने अब 8-10 धक्के काफ़ी जोरदार लगाए और अमित के लंड से ढेर सारा पानी
नीता की बुर मे गिरा और समा गया. अमित के झड्ने के साथ ही साथ नीता की बुर ने भी पानी छोड़ दिया और उसने अपने हाथ पैरो से अमित को जकड लिया. अमित हान्फते हुए नीता के उपर गिर गया और थोड़ी देर तक दोनो एक दूसरे से चिपके रहे. फिर नीता उठ कर अपनी बुर मे हाथ लगाए बाथरूम की तरफ भाग गयी.अमित इस समय बुरी तरह से थक चुका था और बेड पर पड़ा रहा, लेकिन उसका लंड अभी भी खड़ा था. उदार निधि और नंदिनी दोनो एक दूसरे को बुरी तरह से चूम रहे थे. अमित अपनी जगह से उठ कर उन दोनो के पास चला गया और निधि के चिकने पैर पर अपना हाथ फेरने लगा. निधि जो पहले ही मदहोश थी अपने पैर पर अमित का हाथ लगते ही अपने आप पर काबू नही रख सकी.
क्रमशः………………………….
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