RE: Kamukta Kahani मम्मी – पापा का खेल
हां मेरी एक सहेली की दीदी की शादी हुई है ना अभी 2 महेने पहले.
तो उसकी दीदी ने उसे बताया की सुहग्रात मैं बड़ा मज़ा आया. इतना की
सारी रात मनाई. उसकी दीदी ने तो ये भी बताया की उसके जीजाजी ने उसकी
दीदी की चूत मैं अपने लंड से खूब वीएरया भरा और आब उसकी दीदी
मम्मी बन जाएगी. फिर एक दिन मेरी सहेली ने अपने जीजाजी से कहा की वो
उसके साथ भी मना दे सुहग्रात…..एक दिन वो सोई भी अपने जीजाजी के
साथ …पर जीजाजी उसके साथ चुदाई ना कर सके…..
क्यों?
वो अपना ये लंड मेरी सहेली के चूत मैं घुस्सा ना सके. मेरी सहेली
तदपकर रह गई…
अपनी सहेली को मेरे पास लेकर आना…कितनी उमर है तुम्हारी सहेली की?
14 साल…..आपके पास लाउन्गी तो आप उसके चूत मैं घुसा दोगे?आपका तो
इतना मोटा लंड है….
पगली ये लंड घुस्साना तो एक कला है ……हर मर्द थोड़े ही जानता
है…..खास तौर से कक़ची चूत छोड़ना आसान नहीं है…और कितनी
सहेलियाँ है तुम्हारी…..जो अपना कौमार्या लुटाना चाहती हैं?
सात – आठ…है…लेकिन किसी ने सुहग्रात नहीं मनाई..कभी …आप
मनाओगे ना आज मेरे साथ….मेरे दूल्हा बनकर…..?
हां ज़रूर…तुम्हारे इस मादक जिस्म की कसम मैं आज रात वो सुहग्रत
मनऊंगा तुम्हारे साथ …जैसी किसी लड़के ने किसी लड़की के साथ नहीं
मनाई होगी!
साच….? और फिर मेरे गर्भ को भी सींच देना….मैं आपको अपने
जीवन का पहला पुरुष मानकर अपने गर्भ मैं सबसे पहले आपके
वीरया की बूँद चाहती हूँ……आप दोगे ना?
हां मेरी रानी….क्यों नहीं….
तो फिर मैं आपके लंड के लिए अपना कौमार्या समर्पित करती
हूँ….!पर आप प्यार से करना मेरे साथ….मैं कच्ची कली हूँ
ना…..मेरी चूत बहुत टाइट है…..प्लीज़ धीरे धीरे चोदना मुझे
मेरे राजा……मेरे दूल्हे…..और वो मुस्कुरई…
उसने फिर जल्द ही अपनी पॅंटी उतार दी और पूरी नंगी खड़ी हो
गई…..मेरे तने लंड के सामने. मैने देखा… उसके चूत से रस बह रहा
था. वो पूरी तरह गीली थी. मैने उसे उठाया और बेडरूम मैं लाकर
उसे बिस्तर पर रख दिया. फिर उस पर चढ़ बैठा….उसके बूब्स चूसने
के लिए बेताब था मैं. हम जल्द ही गूँथ गये….दो जवान भूखे
जिस्म…जो आज पहली बार कॉम्क्रीडा करने जा रहे थे…! एक दूसरे पर
जैसे झपट पड़े….मैं उसके बूब्स बुरी तरह चूस रहा था…
उउउफ़फ्फ़…आ..हह..आआ..हह प्लीज़ थोड़ा धीरे….कतो ना…..उूउउइयौर
ज़ोर से चूसो…
दोनो बदन तप उठे. वो बुरी तरह तड़प उठी…..फिर मैने उसकी नाभि
से खेला….तो उसने मेरे सिर को अपने गुप्ताँग की तरफ धकेला….मैं
उसका इशारा समझ गया…तुरंत ही मेरे मुँह ने उसके उभरी हुई चूत
को किस किया और मैं फिर उसकी चूत को चाटने और पीने लगा. उसकी
झिर्री पर अपनी झीभ की नोक फिराते हुए…मैने उसके चूत के होंठ
खोलने चाहे….पर वो बेहद टाइट थे…फिर मैने वो इरादा छोड़ा और उस
झिर्री पर जीब की नोक फिराते हुए जीब को नीचे ले जाने
लगा….गुप्ताँग के नीचे चाटा कुरेदा….किस दिए…और फिर करते करते
जीब की नोक से उसके चुटटर के छेद को कुरेदने लगा. कभी मैं उसे
चाट लेता पूरी जीभ का चपटा भाग रखकर….मुझे मज़ा आ रहा था…वो
और ज़्यादा तड़पति जा रही थी…उसका बदन आब ज़ोर ज़ोर से उछल रहा
था. वो बहुत आवाज़ें भी निकाल रही थी…..पर मेरा घर बहुत बड़ा
है……उस शोर से मेरी कामग्नी और भड़क रही थी…सो मैने उसे और
तड़पाने लगा.
म्म्म्मायन्न…म्म्माआररर …ज्ज्जााूऊन्नननज्गगीइइइ …. प्प्प्ल्लीआसए.. मैं
उसकी ऊट मे उंगली डाल कर उसे थोड़ी ढीली करने की कोशिश कर रहा
था.. साथ ही जीभ से चाट रहा था.
मैने देखा की उसकी चूत से बहुत पानी निकल रहा है.. वो मेरे तने
हुए लंड को मसालने लगी .. मैं अब उसके पैरों को फैलाकर उसके बीच
मे बैठ गया.. और अपना लंड उसके चूत के दरार मे रगड़ने लगा.. वो
तड़प उठी.. राज.. मेरी चूत मे कुछ हो रहा है.. आग लग गयी
है.. मैने पास रखी पॉंड्स कोल्ड क्रीम की बॉटल से पूरी क्रीम अपने
लंड पर लगाया और उसकी चूत मे क्रीम डाल कर एक उंगली घुसाई..
बहुत टाइट थी उसकी गुलाबी ऊट.. वो सिहर उठी.. कहा दर्द हो रहा
है.. मैने कहा थोड़ा दर्द बर्दाश्त करो मेरी रानी.. अब लंड का मोटा
सूपड़ा उसकी चूत के छेद पर रखा और दबाया.. क्रीम की वजह से
लंड का सूपड़ा फिसलने लगा क्यूकी चूत टाइट थी. मैने फिर से लंड
को टीकाया और कमर टाइट करते हुए एक झटका दिया और वो चीख
पड़ी.. मैने उसके मुँह पर हाथ रखा.. और दूसरा धक्का दिया.. और
उसकी चूत ने खून की पिचकारी चला दी… उसने ज़ोर से मेरे हाथ मे काट
लिया जिससे मेरे हाथ से भी खून निकल आया.. उसकी आँखे बाहर निकल
आई और आँसू बहने लगे.. मैं उसे किस करने लगा…"राज …
निकाआआल्ल्ल लूऊओ…. मैं मर् जाउन्गी… ऊहह..माआआ. बहुत दर्द हो
रहा है…. मैने नीचे देखा मेरी चादर पूरी लाल हो गयी थी.. ये
देख कर मैं रुक गया लेकिन लंड बाहर नही निकाला.. उसका दर्द कम
होते ही मैने और एक धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत मे
डाल दिया और उसके होंठो को मेरे होंटो से पकड़ लिया .. वो
गगगगगगगगग…. करने लगी.. मेरी पकड़ मजबूत थी..करीब 3-4 मिनूट के
बाद उसका दर्द कम हुआ और मैने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर
करना शुरू किया.. उसे भी मज़ा आने लगा.. और 2 मिनूट मे ही वो झाड़
गयी.. मैने स्पीड बढ़ा दी.. अब वो भी मज़े लेने लगी.. ज़ोर से ..
मेरे दूल्हे राजा.. चोदो अपनी दुल्हन को अच्छे से चोदो.. आज तुमने
मेरी चूत फाड़ ही दी.. कितनी लकी हूँ मैं.. मेरी सहेली के जीजा से
तुम ज़्यादा अच्छे हो..आआआहह… ज़ोर से..मैं भी ज़्यादा रुकने की
पोज़िशन मे नही था.. मैने अब तूफ़ानी धक्के मारते हुए पूरे लंड को
बाहर खीच कर धक्के लगाने शुरू किए.. और फिर जड़ तक उसकी गुलाबी
चूत मे डाल कर मेरे लंड का पानी डाल दिया.. और उसकी चूंचियों
को चूमते हुए उसके उपर लेट गया..
हम दोनो तक गये थे.. इसलिए सो गये.. शाम को करीब 4 बजे उठे
.. दोनो बाथरूम गये और नहाए.. फिर वो शरमाती हुई.. अपने घर
चली गयी.. मैने देखा उसे चलने मे काफ़ी तकलीफ़ हो रही थी..
दोस्तो कैसी लगी ये कहानी आपको
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