RE: Sex Hindi Kahani अनाड़ी पति और ससुर रामलाल
अनीता ने रामलाल की बात पर कुछ देर तक सोचा और फिर बोली, "हाय मेरे राजा ...मैं कैसे राज़ी करूंगी उसे तुम्हारे साथ सोने को?" रामलाल ने बहू की योनि में अब अपना समूचा लिंग घुसेड़ दिया और उसे धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करता हुआ बोला, "मेरी बिल्लो, वह सीडी किस दिन काम आएगी। उसे दिखा कर पटा लेना। जब वह घोड़े, कुत्ते, भालुओं को नंगी औरतों की योनि फाड़ते हुए देखेगी तो उसकी योनि भी पानी छोड़ने लगेगी। तू उसको पहले इतने सीन दिखा डालना फिर वह तो खुद ही अपनी योनि में उँगलियाँ घुसेड़ने लगेगी। अगर वह ना अपनी फड़वाने को राज़ी हो जाए तो मैं तेरा हमेशा के लिए गुलाम बन जाऊँगा।" अनीता बोली, "ये कौन सा बड़ा काम करोगे। गुलाम तो मेरे अब भी हो मेरे दिल के राजा! मैं तो तुम पर अपना सब-कुछ लुटाये बैठी हूँ, अपनी लाज-शर्म, अपनी इज्जत-आबरू और अपना ईमान-धर्म तक। अब धीरे-धीरे मेरी योनि की संग मजाक और खिलवाड़ मत करो। जरा, जोरों के धक्के मार दो कस-कस के।" रामलाल ने अपने लिंग में तेजी लानी शुरू कर दी, उसपर मानो मर्दानगी का भूत सबार हो गया था। इतने तेज धक्कों की चोट तो शायद ही कोई औरत बर्दाश्त कर पाती। पर अनीता तो आनन्दित होकर ख़ुशी की किलकारियां भर रही थी - आह मेरे शेर ...कितना मज़ा आ रहा है मुझे ...बस ऐसे ही सारी रात मेरी दहकती भट्टी में अपना भुट्टा भूनते रहो। तुम्हारी कसम मैं अपनी बहिन की जवानी का पूरा-पूरा मज़ा दिलवा कर रहूंगी ...आह: ओह ...सी ई ई ई ई ई...आज तो मेरी पूरी तरह से फाड़कर रख दो ... भले ही कल तुम्हें मेरी योनि किसी मोची से ही क्यों न सिलवानी पड़े।" रामलाल ने धक्कों की रफ़्तार पूरी गति पर छोड़ दी, दे दना दन ...आज रामलाल ने तय कर लिया कि जब तक अनीता उससे रुकने को नहीं कहेगी, वह धक्के मारता ही रहेगा। करीबन तीस-चालीस मिनटों तक रामलाल ने थमने का नाम नहीं लिया। अंत में जब तक अनीता निचेष्ट होकर न पड़ गयी रामलाल उसकी बजाता ही रहा।
दूसरे ही दिन अनीता ने खबर भेज कर अपनी छोटी बहिन सुनीता को अपने यहाँ बुलवा लिया। अनीता के मायके में तीन भाई और एक बहिन थी उससे सिर्फ तीन साल छोटी। माता-पिता उसके बचपन में ही मर चुके थे। सभी भाई-बहिनों को बड़े भाई ने ही पाला था। अनीता के दो भाई विवाहित थे और सबसे छोटा भाई अभी अविवाहित था। वह हाल में ही नौकरी पर लगा था। कुल मिलकर उसके मायके वालों की दशा कुछ ख़ास अच्छी न थी। उस पर सुनीता के ससुराल वालों का दहेज़ में पांच लाख रूपए की मांग करना, किन्तु रामलाल द्वारा उनकी मांग पूरी करने की बात सुनकर अनीता की सारी चिंता जाती रही। आज ही उसकी छोटी बहिन उसके घर आयी थी। ससुर रामलाल ने अनीता को अपने पास बुलाकर उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा - "रानी समझ गयी न तुझे क्या करना है, किसी प्रकार अपनी बहिन को वह सीडी दिखा दे। तेरी कसम, जबसे उसके रूप को मैंने देखा है, तन-बदन में आग सी लगी हुयी है। आज ही तो अनमोल बाहर गया है, सात दिनों के बाद लौटेगा। तब तक तुम दोनों बहिनों की जवानी का रस खूब छक कर पिऊंगा। खूब जम कर मज़ा लूँगा इन सात रातों में। जा, जाकर उसे वह सीडी दिखा ..."
अनीता अपने कमरे में आई और उसे ब्लू-फिल्म दिखाने की कोई तरकीब सोचने लगी। दोपहर का खाना खाकर दोनों बहिनें पलंग पर लेट कर बातें करने लगीं। बातों ही बातों में अनीता ने उसके ब्याह का ज़िक्र छेड़ दिया। इसी दौरान अनीता ने सुनीता से पुछा, "सुनीता, तुझे सुहागरात के वारे में कुछ नालेज है कि उस रात पति-पत्नी के बीच क्या होता है? फिर न कहना कि मुझे इस वारे में किसी ने कुछ बताया ही नहीं था।" सुनीता ने अनजान बनते हुए शरमाकर पूछा, "क्या होता है दीदी, उस रात को? बताइये, मुझे कुछ नहीं मालूम।" अनीता बोली, "पगली, इस रात को पति-पत्नी का शारीरिक मिलन होता है।" "कैसे दीदी, जरा खुल के बताओ न, कैसा मिलन?" "अरी पगली, पति-पत्नी एक दूसरे को प्यार करते हैं। पति पत्नी के ओठों का चुम्मन लेता है, उसके ब्लाउज के हुक खोलता है और फिर उसकी ब्रा को उतार कर उसकी चूचियों का चुम्मन लेता है, उन्हें दबाता है। धीरे-धीरे पति अपना हाथ पत्नी के सारे शरीर पर फेरने लगता है, वह उसकी छातियों से धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी जाँघों पर ले जाता है और फिर उसकी दोनों जाँघों के बीच की जगह को अपनी ऊँगली डाल कर उसका स्पर्श करता है।" "फिर क्या होता है दीदी, बताइये न, आप कहते-कहते रुक क्यों गयीं?" "कुछ नहीं, मैं भी तुझे क्यों ये बातें बताने लगी। ये सारी बातें तो तुझे खुद भी आनी चाहिए, अब तू बच्ची तो नहीं रही।" अनीता ने नकली झुंझलाहट का प्रदर्शन किया। "दीदी, बताओ प्लीज, फिर पति क्या करता है पत्नी के साथ?" "उसे पूरी तरह से नंगी कर देता है और फिर खुद भी नंगा हो जाता है। दोनों काफी देर तक एक दूसरे के अंगों को छूते हैं, उन्हें सहलाते हैं और अंत में पति अपनी पत्नी की योनि में अपना लिंग डालने की कोशिश करता है। जब उसका लिंग आधे के करीब योनि के अन्दर घुस जाता है तो पत्नी की योनि की झिल्ली फट जाती है और उसे बड़ा दर्द होता है, योनि से कुछ खून भी निकलता है। कोई-कोई पत्नी तो दर्द के मारे चीखने तक लगती है। परन्तु पति अपनी मस्ती में भर कर अपना शेष लिंग भी पत्नी की योनि में घुसेड ही देता है।" "फिर क्या होता है दीदी?" "होता क्या, थोड़ी-बहुत देर में पत्नी को भी पति का लिंग डालना अच्छा लगता है और वह भी अपने कुल्हे मटका-मटका कर पति का साथ देती है। इस क्रिया को सम्भोग-क्रिया या मैथुन-क्रिया कहते हैं।"
क्रमशः....
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