RE: स्कूल कॉलेज सेक्स शरीफ सिस्टर
लेकिन शमी मान कर ही नही दे रही थी वो चिल्लाने लगी बचाओ… बचाओ… बचाओ… मैं ने उस के मुँह पर हाथ रखा और दूसरे हाथ से उस की शलवार नीचे कर दी. वो चीखने की कोशिश कर रही थी मगर मैं ने उस का मुँह अपने हाथ से दबाया हुआ था, मगर शमी ने मेरे हाथ पर काट लिया और मैं ने दर्द के मारे उस के मुँह से हाथ हटा लिया और वो बचाओ बचाओ चीखते हुए कमरे से बाहर भागी… मैं उस के पीछे बाहर भगा. कॉरिडर में निकला तो मैं ने देखा कि हमारा चोकीदार गुल ख़ान शमी के सर पर हाथ फेर रहा था और गुस्से से मेरी तरफ देख रहा था उस ने मुझे देखते ही कहा.
सूअर शैतान अपनी मासूम बहन को चोदना चाहता है? तुम को शर्म नही आती. लानत है तुम पर, गुल ख़ान ने मुझे धमकी दी कि वो मेरे माँ बाप को बताए गा और अगर मैं ने शमी को हाथ भी लगाया तो वो मुझे शूट कर दे गा मैं गुल ख़ान की धमकी से डर गया वो 30-35 साल का ऐक हॅटा कटा पठान था. उस ने शमी को गोद में उठा लिया और कहने लगा,
बेटी तुम फिकर मत करो यह शैतान अब तुम्हे हाथ भी नही लगा सकता. और शमी को उस के कमरे में ले आया और मुझे भी आवाज़ दी कि इधर आओ. मैं डर रहा था मगर अंदर गया. गुल ख़ान ने शमी को गोद में उठाया हुआ था क्योंकी शमी उसे अंकल कहती थी और वो थी भी ऐक 15 साल की मासूम बच्ची. शमी अब हिचकियाँ ले रही थी और उसे गुल ख़ान ने गोद में बिठाया हुआ था और खुद शमी के बेड पर बैठा हुआ था. उस ने मुझे कहा इधर आओ और साथ ही आँख मार दी. मैं तो हैरान रह गया… मैं गुल ख़ान के पास गया उस ने कहा कि,
गॅंडू अपना जंगिया (शॉर्ट्स) उतारो. मैं समझा वो मेरी गांद मारेगा लैकिन मैं ने डरते हुए शलवार उतार दी शमी हिचकियाँ लेटे हुए मेरी तरफ देख रही थी और मेरे लंड को जो अब दोबारा खड़ा हो रहा था, कि तरफ देख रही थी कि अचानक गुल ख़ान ने मुझे कहा,
गांडू का बच्चे तुम को कुच्छ नही पता की कैसे करते हैं, यह कह कर उस ने अपनी शलवार के नाले में हाथ डाला और अपनी शलवार में से नाला निकाल लिया, शमी हैरान थी कि अंकल गुल यह क्या करने वाले हैं. गुल ख़ान ने अचानक शमी के बाज़ू उस की कमर के पीछे किए और अपने नाले/ अज़रबंद से मेरी छ्होटी बहन के हाथ बाँधने लगा.
मैं हैरान था कि और खुश भी की गुल ख़ान भी मेरा साथी बन गया हे लैकिन मेरी बहन शमी मचलने लगी और दोबारा चीखने लगी तो गुल ख़ान ने ऐक ज़ोरदार थप्पर मेरी मासूम बहन के मुँह पर मारा कि शमी के मुँह में से खून बहने लगा. उस का गाल अंदर से फॅट गया था. फिर गुल ख़ान ने मेरी बहन को उठा कर बेड पर लिटाया और उस के पेट पर से अपनी टाँग ऐसे गुज़ारी कि शमी का बदन उस की टाँग का नीचे दब गया, अब वो हिल भी नही सकती थी. शमी के हाथ उस की कमर पर बँधे हुए थे. फिर गुल ख़ान ने मुझे इशारा किया और कहा,
लो अब आओ और मज़ा करो और हम को भी मज़ा लैने दो. मेरी खुशी की कोई इंतेहा नही थी मैं अपनी बहन के पास आया और उस के क्यूट से चेहरे को हाथों में लिया और उस के होन्ट चूसने लगा. शमी चीख रही थी.
कुत्तो हरमजादो छोड़ दो मुझे… भेया मैं तुम्हारी सग़ी बहन हूँ अपनी छोटी बहन से ऐसा कर रहे हैं आप… भाई जान मैं मर जाऊं गी मेरी इज़्ज़त ना लूटो भाई जान मुझे छोड़ दें. मगर कौन सुनता उस की बकवास उस वक़्त. मैं ने गुल ख़ान की तरफ देखा तो उस ने खुद को कपड़ो के तकल्लूफत से आज़ाद करवा लिया था और उस का 10 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड 90 के आंगल पर खड़ा था, वो मुस्कुरा रहा था.
मैं ने शमी की तकलीफ़ का सोचा तो मुझे झुरजूरी आ गयी कि मेरी मासूम कुँवारी बहन के साथ क्या होने वाला है जब यह दरिन्दा उसे चोदे गा तो क्या हो गा. मगर मैं ने यह फज़ूल बातें सोचने में वक़्त ज़ाया नही किया और अपनी छ्होटी बहन की शलवार खेंच कर उतार ली. वाउ उस की नन्ही मुन्नी चूत हल्के हल्के ब्राउन रूवे के साथ इंताई खूबसूरत लग रही थी. ईतने में शमी जो हिचकियाँ ले रही थी उस ने दोबारा ज़ोर से चीखना और रोना शुरू कर दिया.
बचाओ… बचाओ… मुझे बचा लो अम्मी जी… पापा मुझे बचाएँ मम्मी! लेकिन उस की यह आवाज़े उस के हलक़ में ही दब गयीं क्योंकि मैं ने उस की शलवार उठा कर उस का गोला बनाया और उस के मुँह में डाल दिया अब उस के मुँह से घ्ह्ह्ह्ह…गग्ग्ग….ग….ग..घह….ऊओ ण्न्न्न्न्घ्ह्ह्ह की आवाज़े आ रही थीं. फिर मैं ने उस की क़मीज़ का गिरेबान दोनों हाथों से पकड़ा और ऐक झटके से फार डाला. अब शमी हम दोनों के बीच बिल'कुल नंगी थी.
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