RE: रिश्तों में चुदाई डॉक्टर रश्मि
मैने रश्मि को सोफे पर बैठाया...और उसके एक मम्मे को नीचे से चाटना और चूसना शुरू किया... जैसे ही जीव हटती उसके मम्मे से वाहा पर गहरे लाल और बाद मे नीला निशान बन जाता... रश्मि की झांतों भरी सामली सलोनी और अंदर से गुलाबी चूत उसके पानी के कारण चमक रही थी....
वो अपने दोनो पैर फैलाए हुई थी... मैने एक उंगली उसकी चूत मे जैसे ही घुसेडि... वो चिहुक पड़ी... उसकी चूत बहुत चिकनी थी उसके पानी छोड़ने के कारण और टाइट तथा गरम बहुत थी मैं एक दो बार अंदर बाहर कर के उसका जी-स्पॉट पर उंगली फेरी और उसके एक एरोला कोमुह मे भरकर निपल को बुरी तरह से चूसा... उसे स्मझ नही आ रहा था कि वो मेरे सिर अपने बूब्स पर दबाए या मेरी उंगली अपनी चूत पर.... वो पगलाती जा रही थी....... .
उई.... माआआअ... यह क्या कर रहे हो देव...... मैं पिघल रही हू..... जल रही हू.... मेरी चूत को चोदो अपने लंड से......... उम्म्म .....आआआअ..... देव... प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
मत तडपऊ..........उम्म्म्मम.........आआआ.... मैईन तो अब तुमसे चुदवाती रहूंगी..........
मैने उसके मम्मो को फ्री कर दिया था जिनपर मेरे प्यार के निशनात दिख रहे थे....
मैं उसको किस करते हुए उसकी चूत की तरफ बढ़ता चला था..... उसकी चूत के किनारे और उसकी जाँघो से चूत के किनारे और चूत के किनारे से जांघों तक चाट रहा था साथ मे उसकी चूत मे उंगली कर रहा था.....बीच बीच मे उसकी बुर के दाने को भी मसल देता...... रश्मि से जब सहन नही हुआ तो उसने मेरे बाल पकड़े और मेरे होंठ अपनी चूत पर दबा दिए और अपनी टांगे मेरी गर्दन पर कस ली.....
:' ले चूस्स्स.... साले बहुत चूसना है... ना ले... इसे कभी किसी ने नही चूसा तुम्हारे जैसा..... एयाया...... बहुत मज़ा आ रहा है... "
मेरी साँस घुटने लगी थी वो नीचे से चूत रगड़ रही थी और उपर से सिर दबाए थी... उसकी झाँते मेरी नाक मे रगड़ रही थी और मैं चूत चाट नही पा रहा था....
मैने फिर से उसके पैर फैलाए.....और उसकी चूत को उंगली से खोल कर उस पर गांद के छेद के पास से उसकी क्लितोरियाल हुड तक चूत को चटा.... वो निढाल हो गई....
'उ माआ..........उईईइ अओमम्म्म द्द्डड़डेव.... सीईईईई बहुत अछा लग रहा है.......मैं अपनी जीव से उसकी चूत पर अलग अलग मोशन्स मे गुदगुदी कर रहा था... और बुर के छेद मे जीव अंदर तक डाल कर गोल घुमा ता तो वो अपनी कमर उठा लेती सोफे पर से.... रश्मि की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी....
वो बहुत कसमसकर झारी..... मुझे उसकी चूत का छोड़ा हुआ पानी बहुत टेस्टी लगा.. सही कहु तो अपन वाइफ से भी ज़्यादा... हो सकता है कि रुका हुआ पानी ज़यादा टेस्टी हो जाता हो इसलिए..... लगा हो
अब मेरा लंड भी तन्ना रहा था.....
प्लज़्ज़्ज़्ज़ देवववववव.. आइ बेग उउउ.... फक मी... हरद्दद्ड... उम्म्म्ममम... ईडिडन्त कंट्रोल....... प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
मैने सोफे पर उसकी कमर को और किनारे तक लाया और उसके दोनो पैर फैलाकर उसकी अंद्रूणी जाँघो से थाम लिया..... उसकी चूत मेरे लंड को खुला निमंत्रण दे रही थी........
मैने अपना सूपड़ा उसकी खुली हुई चूत से टीकाया और उसे चूत पर रगड़ा....
"उफ़फ्फ़ देववव बहुत गरम है तुम्हारा लंड.. और बहुत कड़ा.......... भीइ... एब्ब तो पेल दो........."
उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी बुर की ओपनिंग पर टीका लिया......
मैने कहा रश्मि थोड़ा दर्द होगा.... ऊपेर को साँस लो..... उसने ऐसा ही किया.....मैने सूपदे को दबाया तो सूपड़ा चूत मे घुस गया.......
'अयाया देववववव....... बहुत फूला हुआ है तुम्हारा लंड...... जब मेरी जैसी चुदी हुई औरत को इतनी तक़लीफ़ हो रही है... तो तुम्हारी वाइफ तो कुँवारी ही थी.......""""
और मैने रश्मि से कहा अपने पैर संभलो अपने हाथ से... और उसके एक निपल को अपने मूह मे लेकर जोरो से चूसना चुबलाने लगा वो बहुत गरमा रही थी....
" देव अंदर करो... आआआआ मेरी चूत.....एयाया........मैने उसके निपल को अपने दाँत मे दबाया तो कराह उठी और उसकी समय फ़च्छाआक्ककक..... से लंड पूरी ताक़त से उसकी बुर मे ठेल दिया...........
रश्मि दोहरे दर्द के मारे चीख पड़ी......
" उईईई...माआआआआआआआआआआआअ... फट गयीईईईईई.... देव तुमने अँगारे घुसेड दिया..........थोड़ा रूको.... प्लज़्ज़्ज़्ज़....."
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