RE: रिश्तों में चुदाई डॉक्टर रश्मि
मेरा पॅंट निकाल कर उसे डाइरेक्ट ही मेरे लंड के दर्शन हो गये...... क्योंकि मैं उन दिनो अंडरवेर नही पहनता था......
मेरा लंड खुलते ही उसने अपने हाथों पर दस्ताने चढ़ा लिए और कहा कि बहुत मस्त माल पाया है रे देव तूने तो इसे देख कर तो किसी की भी नीयत खराब हो जाए और अंदर जाने पर अछी ख़ासी मेच्यूर औरत भी चीखेगी....
" उसने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे लेकर उसको उपर से नीचे और नीचे से ऊपेर सहलाया मूठ मारने की स्टाइल मे"
उसके हाथ लगाने से मेरा लंड कुछ और फूल गया था.. मुझे लग रहा था कि मैं ज़्यादा नही टिक पाउन्गा... मैने कहा डॉक्टर यदि चेक कर लिया हो तो मैं पेंट पहन लू
बोली अभी नही... फिर उसने एक बॉटल मे से कुछ लिक्विड निकाल कर लंड पर लगाया उस्मै से चेररिश खुसबू आ रही थी......
"देव तेरा पेनिस तो बहुत मस्त है ऐसा लगता है इसे प्यार करती रहू" रश्मि ने कहा... रस्मी की गांद मेरी ओर थी और वो झुक कर मेरे लंड का मुआईना कर रही थी....
मुझे लगा कि वो शायद गरम हो गई है तो मैने चान्स लेना ठीक समझा...
मैने अपना हाथ उसकी गांद पर फेरना चालू किया... और उंगलिया सलवार के ऊपेर से ही उसकी चूत के पास तक ले गया.....
"सीईईईईईई दीएव मैं अपना कॉंटरोल्ल खोती जा रही हू........ "
"एक तो तुम्हारा यह गुलाबी मस्त मलांगा लंड और उपर से तुम्हारी यह हरकते......उम्म्म्म देव... आइ म गॉन मड्ड....."
'रश्मि ....... मुझे तो अब चूत चाहिए चाहे तुम मुझे दो या मेरी वाइफ को यहा बुलाओ...... " कहते हुए मैने उसकी चूत को अपनी हथेली मे भर लिया सलवार के ऊपेर से ही........
उसकी चूत को मसलते ही रश्मि ने गहरी साँस के साथ सिसकारी भरी मोअन्न किया... सीईईईूम्म्म्मम .....आआआआ........... और मेरा लंड अपने मूह मे भर लिया.......... और वो मेरे लंड को पागलों की तरह चूसने लगी....... मैं उसकी चूत को सलवार और उसकी पॅंटी समेत ही मसल्ने लगा.....
रस्मी मेरा लंड मूह मे ही लिए हुए मेरे ऊपेर सवार हो गई और उसने अपनी सलवार एक झटके मे नीचे खिसका दी.. उसकी सलवार मे नाडा की जगह एलास्टिक लगी हुई थी..... मेरे सामने उसकी सामली सामली सी गोल गोल गांद और उसकी येल्लो प्रिंटेड पॅंटी थी जो की चूत की जगह से बहुत गीली थी.......
वो चूत को मेरे मूह पर रख रही थी.. और मेरे लंड को बहुत जोरो से चूस रही थी... मैने पहले उसकी जांघे और खोल कर उसकी पॅंटी जहा से गीली थी उसको सूँघा उस्मै से उसकी पेशाब और उसके पानी की मिली जुली स्मेल आ रही थी......
मैने कहा रश्मि मेरी जान तुमने मूत लिया क्या .... तुम्हारी पेशाब की खुसबू तो बहुत ही अछी है मैने इतना कहते हुए वित पॅंटी उसकी चूत को अपने मूह मे भरकर चूसा....
मेरे चूसने से वो मेरा लंड अपने मूह मे कसने लगी और वैसे मे ही मोन करने लगी.....मैं भी उसकी तबाद तोड़ चूसा उसकी चुसाइ से मैंझरने के करीब था और वो भी मेरे चूत चूसने से वैसे ही झार गई..... मैने ना जाने कितनी पिचकारी उसके गले मेछोड़ी होंगी.........वो बिना एक भी बूँद टपकाए मेरा पूरा पानी पी गई और वो निढाल होकर पैर मेरे सिर के दोनो ओर फैलाकर मेरे उपर ही लेट गई.... मेरा लंड अब भी उसके मूह मे था.... मैने उसकी पॅंटी चूत पर से खिसकाई तो उसकी झांते थी...... मैने चूत को सूँघा और उसे जीव से चॅटा....... तो वो चिहुक पड़ी........
"उई....देव.... बहुत गुदगुदी होती है.... ऐसा करने से........."
'रश्मि थोडा उठो ना.....अपने कपड़े उतारो"
' नही पूरे नही अभी तो मुझे तुम ऐसे ही चोदो..."
मैने कहा अभी यह खड़ा होने मे 10-15 मिनिट लेगा जब तक मुझे प्यार तो कर लेने दो....
वो उठी तो मैने उसका कुर्ता निकाला जिस्मै उसकी येल्लोयिश ब्रा मे मम्मे बाहर को निकलने को बेताब थे मैं भी पूरा नंगा हो चुका था.....
मैने रश्मि से कहा तुम्हारे हज़्बेंड तो इन दूध की घाटी मे ही मस्त हो जाते होंगे.....
" कहा जानू..... वो तो मेरे हाथ लगाते ही ढेर हो जाते है फिर मुझे अपने मूह से फारिग करते है"....
" तुम दूसरों का तो इलाज़ करती हो फिर उनका क्यों नही किया" .....
"क्या फ़ायदा.. करने से... उनका तुम्हारे लंड का 1/4थ भी नही है"
"देव मुझे जबरदस्त चोदो..... आज.... मेरी 3 साल से चुदाई नही हुई...मैं तो तुम्हारी वाइफ की चूत की हालत और कॅबिन मे तुम्हारा लंड अपनी गांद पर महसूस करके ही पानी छोड़ दी थी.....और निश्चय कर लिया था की आज चाहे कुछ हो जाए तुमसे चुदवा के रहूंगी.."
" हा रानी..... मैने उसके मम्मो को मसलते हुए.. कहा"" मैं तुम्हारी चूत का उससे भी बुरा हाल करूँगा.....
" तो करो... ना जाअँ बात मत करो...."
कही प्रीति(मेरी वाइफ) आ गई तो" मैने कहा....
" नही यार मैने उसे नींद का इंजेक्षन दिया है 11-12 के पहले नही उठ पाएगी.. और मैने तुम्हारे घर भी फोन कर दिया है की हमारे यहा डिन्नर कर रहे है लेट आएँगे"
फिर तो मैने रश्मि को पलंग से नीचे खड़ा किया और उसके रसीले होंठ को अपने होंठ मे दबाए और उसके मम्मे इस स्टाइल से दबा रहा था कि उसके दोनो निपल मेरे अंगूठे और उंगली की गिरफ़्त मे भी रहे.....
"उम्म्म.....आआ....... देववव इन्हे बहुत मस्लो...... इनकी तरफ सिर्फ़ मेडिकल कॉलेज मे प्रोफेस्सर्स ने ध्यान दिया था फिर तो किसी ने इनको देखा तक नही..."
उम्म्म्ममाआ................. मस्लो मैने रश्मि के माथे को चूमा और एक निपल को मरोड़ा और उसकी पीठ सहलाई.... फिर कान को चूमा फिर गले को.... और उसकी गांद को मसला....उसकी गांद के छेद को सहलाया.....मैं उसके मम्मो के इर्द-गिर्द वेट किस कर रहा था... रूम मे मेरे किस की पुचह... पुचह.... और रश्मि के मुँह से उम्म्म एयाया ... सीईइ ही गूँज रहे थे......
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