RE: Kamukta stories मेडम को कार चलाना सिखाया
सुमित तुम्हे सबसे पहले अपने बेसिक्स ही स्ट्रॉंग बनानी चाहिए ..जिसके बेसिक्स स्ट्रॉंग नहीं उससे कुच्छ भी नहीं आता”
मॅम तो बेसिक्स स्ट्रॉंग कैसे होंगे”
उम्म…मैं तुम्हे बेसिक्स स्ट्रॉंग करने में हेल्प कर दूँगी”
यस मॅम.आप मुझे कुच्छ दिन- के लिए कोचैंग दे दी जीये”
ओके .तुम एक काम करो तुम कल से सुबेह 10 बजे आ जाया करो”
ओके मॅम”
कॉफी तो पियो..ठंडी हो रही है”
येस मॅम.मॅम आपकी फॅमिली में कौन-कौन है”
मैं , मेरे हज़्बेंड और एक लड़की और एक लड़का”
मॅम कहाँ हैं सब.कोई दिख नहीं रहा”
बच्चे तो अपनी नानी के यहाँ छुट्टियाँ बिताने गये हैं .आक्च्युयली मैं भी वहाँ से कल ही आई हूँ पर बच्चे वहीं रुक गये हैं..और हज़्बेंड 2 हफ्ते के लिए ऑफीस के काम से आउट ऑफ स्टेशन गये हैं”
बच्चे कब तक आएँगे”
वो भी दो-एक हफ्ते बाद आएँगे..यही तो दिक्कत है.अब मुझे मार्केट से कुच्छ भी लाना हो तो मैं नहीं ला सकती”
क्यों मॅम”
मार्केट यहाँ से काफ़ी दूर है..रिक्शा से जाने में बहुत टाइम लगता है…और स्कूटर और कार मुझे चलानी नहीं आती”
मॅम इस में प्राब्लम क्या .आपको जब कुच्छ चाहिए हो तो आप मुझे कह दीजिएगा”
नहीं ऐसी बात नही है..दट’स नाइस ऑफ यू…सुमित..तुम्हे कार चलानी आती है क्या”
यस मॅम”
तुम मुझे कार चलाना सिखा सकते हो…आक्च्युयली मेरे हज़्बेंड तो सारा दिन बिज़ी रहते हैं…और आज कल तो हमारी कार खाली ही पड़ी है..हज़्बेंड तो ऑफीस की कार ले गये हैं”
यस मॅम.इट वुड मी माइ प्लेषर.मैं आपको कार सीखा दूँगा”
कितना टाइम लगेगा कार सीखने में”
करीबन एक हफ़्ता तो लगेगा ही”
तो ठीक है तुम मुझे कल से ही कार सिखाना शुरू कर दो”
ओके मॅम.पर किस टाइम”
तुम 10 बजे मुझसे पढ़ने तो आओगे ही .. तुम्हे पढ़ाने के बाद मैं तुमसे कार सीख लिया करूँगी..पर सुमित. कोई बहुत बड़ा ग्राउंड है क्या…आक्च्युयली कोई मुझे सीखते देखे तो मुझे शरम आयगी..ऐसी कोई जगह हो जो एक दम खाली हो और जहाँ ज़्यादा लोग ना आते हो”
यस मॅम ..शहर से बाहर निकलते ही एक ग्राउंड है जो एक खाली रहता है”
ठीक है.तो वहीं चलेंगे कल दोपहर (नून) में”
पर मॅम दोपहर (नून) में तो काफ़ी गर्मी होती है”
दोपहर में इस लिए की उस वक़्त लोगे बाहर नहीं निकलते और हमारी कार तो एर कंडीशंड है..मैं क्या करूँ लोग मुझे कार सीखते देखें तो मुझे शरम आती है..बाइ दा वे.तुम्हे तो कोई प्राब्लम नहीं है ना”
बिल्कुल नहीं..तो मॅम मैं कल आता हूँ 10 बजे”
ओके सुमित…बाइ”
मैं अगले दिन ठीक 10 बजे मॅम के घर पहुच गया. मॅम ने उस दिन ग्रीन कलर का सूट पहना हुआ था. हलकी मॅम थोड़ी मोटी और डार्क थी.लेकिन मुझे तो मॅम सेक्सी लगती थी. मॅम ने मुझे 10 से 1 बजे तक पढ़ाया. उसके बाद हम कार सीखाने शहर से बाहर एक ग्राउंड में गये. आस पास कोई भी नहीं था क्योंकि दुपहर का वक़्त था.
ग्राउंड में पहुँच कर मैने मॅम को कार सिखानी शुरू की
मॅम.पहले तो मैं आपको गियर डालना सीखाता हूँ”
मैं कुच्छ देर तक मॅम को गियर , आक्सेलरेटर, क्लच, ब्रेक एट्सेटरा. के बारे में बताता रहा
चलिए मॅम.अब आप चलाइए”
मुझे डर लग रहा है”
कैसा डर”
कहीं मुझसे कंट्रोल नहीं हुई तो”
उसके लिए मैं साथ हूँ ना”
फिर मॅम ड्राइवर सीट पर बैठ गयी और मैं ड्राइवर की साथ वाली सीट पे आ गया. फिर मॅम ने कार चलानी शुरू की लेकिन मॅम ने एक दम से ही रेस दे दी तो एक दम से कार बहुत स्पीड में चल पड़ी. मॅम घबरा गयी..मैने कहा
मॅम आक्सेलरेटर से पैर हटाइए”
मॅम ने पेर हटा लिया तो मैने स्टियरिंग पकड़ कर कार कंट्रोल में करी
मैने कहा था ना मुझ से नहीं चलेगी”
कोई बात नहीं मॅम..पहली बार ऐसा होता है”
नहीं….मैं कार सीख ही नहीं सकती…मुझ से नहीं चलेगी”
चलेगी…चलिए अब स्टार्ट की जीए और फिर ट्राइ करिए.पर इस बार आक्सेलरेटर आराम से छोड़ना”
नहीं मुझे नहीं होगा”
मॅम शुरू शुरू में ग़लतियाँ होती हैं..कोई बात नहीं”
नहीं मुझे डर लगता है”
अच्छा..एक काम करते हैं..मैं भी आपकी सीट पर आ जाता हूँ .फिर आपको डर नहीं लगेगा”
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