RE: Hindi Sex Stories मैं और मेरी मम्मी
इतना होने के बावजूद मेरे लिए मम्मी के लिए कोई ग़लत भावना नही आई थी। अगले दिन सुबह मम्मी ने मुझे पैखाना के बाद फिर से नहलाने लगी। मम्मी ने अपने सारे कपड़े उतार रखे थे। लेकिन मेरे लंड में उनके मुममे और चूत को देख कर कोई तनाव नही था। साबुन लगाने के क्रम में मम्मी मेरे लंड पर विशेष रूप से सहलाने लगी। जिससे मेरे लंड में हल्का तनाव आ गया और मेरा लंड खड़ा होने लगा था ।
मम्मी बोली- आज मुठ नही मारना है?
मै बोला- वैसे तो जरूरत नही है लेकिन अगर तुम्हे दिक्कत नही हो तो मार दो।
मम्मी ने कहा – आज तेरी मुठ मै दूसरे तरीके से मारूंगी।
मै बोला – ठीक है। मम्मी नीचे बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुह में भर लिए और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी।
मैंने कहा- मम्मी ये क्या कर रही हो?
मम्मी बोली- देख तो सही।
मम्मी ने मेरे लंड को इस तरह से चूसना चालू किया मानो वो वो कोई लोलीपोप हो। मुझे अत्यधिक आनंद आ रहा था। मेरे लंड पूरे आकार में खड़ा था। मम्मी ने मेरे लंड को चूसना जारी रखा। 2-3 मिनट के बाद मेरे लंड से माल निकलने लगा। मेरा पूरा लंड लोहे की तरह से सख़्त हो चुका था ।
मैंने कहा- मम्मी अब मेरे माल निकलने वाला है। छोड़ दो इसे।
लेकिन वो मेरे लंड को और कस के पकड़ ली और अपने मुह में अन्दर तक ठूस ली। मेरे लंड से माल निकलने लगा और मम्मी सारे माल को पीती रही। कुछ माल मम्मी के मुह से बाहर भी आ रहा था। मै मस्त हो रहा था। जब कुछ शांत हुआ तो मम्मी ने मेरी लंड को अपने मुह के कैद से आज़ादी दी ।
वो खड़ी हो गई और बोली- कैसा लगा रवि बेटा?
मैंने कहा- बहुत अच्छा लगा।
मम्मी ने कहा- रवि, आज मेरी भी इच्छा पूरी कर दे। जिस जगह से तेरा पूरा शरीर निकला है आज तुझे अपने शरीर का एक भाग फिर से डालना है।
मै समझ गया की मम्मी क्या चाहतो है। मम्मी मेरा मोटा और लंबा तगड़ा लंड देख कर मस्त हो चुकी थी, शायद मम्मी की छूट में खुजली शुरू हो चुकी थी।
मै बोला – ठीक है।
मम्मी बाथरूम के ज़मीन पर लेट गई और मुझे अपने बदन पर लेट जाने को कहा। मै उनके शरीर पर लेट गया। मम्मी की जिन मुममे को मैंने 16-17 साल पहले चूस चूस कर छोड़ दिया था आज फिर से उन स्तनों को अपने मुह में लिया। और उन्हें चूसने लगा। काफ़ी देर तक चूसने के बाद मैंने उनके बदन को चूमना आरम्भ किया। चुमते चुमते उनके चूत को भी अपने मुह से चुसना शुरू कर दिया। मम्मी की मुह से हलकी हलकी सिसकारी निकल रही थी।
बोली – बेटा, अब ना तरसाओ, और फिर से उसी चूत में अपना लंड डाल के अपने ऊपर का क़र्ज़ मिटाओ जिस चूत से तू आज से 19 साल पहले निकला था।
मेरा लंड अब पूरी तरह टाईट था।
मैंने कहा -किधर और कैसे डालना है मुझे पता नही है।
मम्मी ने अपनी दोनों पैरो को खोल दिया। एवं अपने उँगलियों को अपनी चूत में घुसाया और
बोली- देख, इसी में डालना है।
मैं मम्मी की चूत को गौर से देखा। मम्मी की चूत घने बालों से ढकी थी। अन्दर एक छेद दिख रहा था। मुझे यकीन नही हो रहा था की इसी छेद से मै बाहर आया था।
मम्मी बोली- क्या सोचने लगा।
मैंने कहा- इतने से छेद में मेरा इतना मोटा और लंबा लंड जाएगा?
मम्मी बोली- अरे इस छेद से तो तू निकला है तेरे लंड की क्या बिसात। चल डाल।
मैंने मम्मी की जाँघों को थोड़ा और चौड़ा किया। लेकिन मेरा लंड मेरे काबू के बाहर हो रहा था। वो लहराते हुए बांस की तरह इधर उधर बाग़ रहा था। किसी तरह मम्मी के योनी पर मैंने अपना लंड रखा। जब उसे अन्दर डालने की कोसिस की तो लंड से निकला चिकने की वजह से वो आगे फिसल गया। मम्मी ने मेरे लंड को अपने हाथो से पकड़ा और अपनी चूत की द्वार पर रख दिया बोली- अब डाल।
मैंने सावधानीपूर्वक अपने लंड को मम्मी की चूत में प्रवेश करा दिया। सचमुच मम्मी की चूत बहूत ही गहरी और मुलायम थी। तभी तो मेरे सारे लंड को अन्दर लेने के बाद भी वो आनंदित हो रही थी। मैंने अपना पूरा लंड मम्मी की चूत में डाल दिया। अब मेरी मम्मी के चूत के बाल और मेरे लंड के बाल आपस में उलझ गए थे। मैंने थोड़ी सी अपनी लंड को बहार निकाला और फिर अन्दर धकेला। लेकिन मम्मी में चेहरे पर दर्द का भाव नही आया। मुझे अब कोई फिक्र नही थी। मैंने अब अपनी स्पीड बढा दी । अब मै मम्मी के चूत में जोर लगा लगा के कस के लंड के धक्के मरने लगा। मेरे धक्के से मम्मी को थोड़ी तकलीफ होने लगी।
बोली- बेटा धीरे धीरे डाल ना।
लेकिन अब मुझे इस बात का गर्व हो गया था की मै भी आपको ऐसे चोद सकता हूँ की आपको दर्द होने लगे।
मम्मी ने जब देखा की मै नही मान रहा हूँ तो वो मुस्कुरा कर अपने दोनों पैरों को और भी ज्यादा खोल दिया। शायद इस से उनका दर्द कुछ कम हो गया। मै मम्मी के चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के मार रहा था और वो हर धक्के पर हाए… …… हाए… …… .कर रही थी। मैंने अपने बांह से अपनी मम्मी को लपेट लिया था जिस से मम्मी के मुममे मेरे सीने से चिपके हुए थे। चूँकि थोड़ी ही देर पहले मम्मी ने मेरे लंड को चूस कर मेरा माल बाहर निकाला था इसलिए इस बार मेरा लंड जल्दीबाजी में माल निकालने को तैयार नही था। अचानक मेरे लंड को अहसास हुआ की की मम्मी झड़ गयी थी, मम्मी के चूत में गरम गरम पानी निकल रहा है।
मैंने मम्मी को देखा वो आँखे बंद कर ना जाने किस आनंदलोक में उड़ रही थी। काफ़ी देर मम्मी को चोदने के बाद भी मेरे लंड से माल नही निकलने लगा तो मम्मी ने कहा ला मै तेरा माल निकलवा देती हूँ. मैंने लंड को बाहर कर लिया और मम्मी ने उसे अपने मुह में ले कर फिर से चूसने लगी। थोड़ी ही देर में मुझे लगा की अब शायद माल फिर जमा हो गया है।
मैंने मम्मी को कहा -ला रवि, अब हो जाएगा।
मैंने फिर से अपने लंड को मम्मी के चूत के पास ले गया। मम्मी का चूत का मुह अभी भी फैला हुआ ही था। इसलिए मुझे अपना लंड उसमे डालने में कोई परेशानी नही हुई। अब मै अधिक तेजी से मम्मी के चूत को चोदना शुरू किया। 10 मिनट के बाद ही मेरे लंड से माल की धारा फूटने वाली थी।
मैंने मम्मी को कहा- अब निकलने वाला है। कहाँ निकालूँ?
मम्मी बोली- चूत में ही माल गिरा दे।
मम्मी के कहते कहते मेरे लंड से माल का फव्वारा निकल के मम्मी के चूत में समाने लगा। पता नही कितना गहरी थी मम्मी की चूत। सारा का सारा माल चूत के अन्दर में कहाँ चला गया पता भी नही चला। एक बूंद भी बाहर नही आई। मै निढाल हो कर मम्मी के मुममे पर अपना मुह रख के लेट गया।
थोड़ी देर के बाद मम्मी ने ही मुझे सहायता दे कर उठाया। वो समझती थी की 22 साल के लड़के से दो बार माल तुरंत तुरंत निकलवाया जाए तो क्या हाल होगा बेचारे का। वो भी पहला अनुभव में। उस दिन के बाद से मम्मी और मेरे बीच जो शारीरिक रिश्ता बना है वो आज भी मेरे पिता की नजरों से छिप के बदस्तूर जारी है।
हर 1-2 दिन के बाद मम्मी मेरे कमरे में आकर मेरे साथ सेक्स करती है। या तो जब मेरा मन होता है तो मम्मी को उनके बेडरूम में जा कर चोद आता हूँ। कई बार तो मम्मी मेरे पिता से सेक्स करने के बाद बिना अपने चूत से पापा का माल साफ़ किए नंगे बदन ही मेरे रूम में आ जाती है । और उसी में मुझे चोदने को कहती है।
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समाप्त
दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको ,
कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा ...
आपके जवाब के इंतेज़ार में ...
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