Kamukta xxx Story रद्दी वाला
07-03-2017, 01:09 PM,
#10
RE: Kamukta xxx Story रद्दी वाला
रद्दी वाला पार्ट--6

गतान्क से आगे................... फिर सुदर्शन ने रंजना को बैठा दिया और स्कर्ट खोल दी.स्कर्ट के खुलते ही रंजना की ब्रा मे क़ैद शख्त चूचिया सिर उठाए वासना में भरे पापा को निमन्त्रण देने लगी. सुदर्शन ने फ़ौरन उन पर हाथ रख दिया और उन्हें ब्रा पर से ही दबाने लगा. वाह रंजना तुम'ने तो इत'नी बड़ी बड़ी कर ली. तुम्हारी चिकनी जांघों की ही तरह तुम्हारी चूचियाँ भी पूरी मस्त है. भाई हम तो आज इन'से जी भर के खेलेंगे, इन्हें चूसेंगे. यह कह कर सुदर्शन ने रंजना की ब्रा उतार दी. ब्रा के उतर'ते ही रंजना की चूचियाँ फुदक पड़ी. रंजना की चूचियाँ अभी कच्च्चे अमरूदों जैसी ही थी. आनच्छुई होने की वजह से चूचिया बेहद सख़्त और अंगूर के दाने की तरह नुकीली थी. सुदर्शन उन'से खेल'ने लगा और उन्हें मुख में लेकर चूसने लगा. रंजना मस्ती में भरी जा रही थी और ना तो पापा को मना ही कर रही थी और ना ही कुच्छ बोल रही थी.इससे सुदर्शन की हिम्मत और बढ़ी और बोला, अब हम प्यारी बेटी की जवानी देखेंगे जो उस'ने जांघों के बीच च्छूपा रखी है.ज़रा लेटो तो.रंजना ने आँखें बंद कर ली और चित लेट गई. सुदर्शन ने फिर एक बार चिकनी जाँघो पर हाथ फेरा और ठीक चूत के छेद पर अंगुल से दबाया भी जहाँ पॅंटी गीली हो चुकी थी. हाय रंजू तेरी चूत तो पानी छोड़ रही है. यह कह'के सुदर्शन ने रंजना की पॅंटी जांघों से अलग कर दी.फिर वो उसकी जांघों, चूत,गांद और कुंवारे मम्मो को सहलाते हुए आहें भरने लगा. चूत बेहद गोरी थी तथा वहाँ पर सुनेहरी रेशमी झांतों के हल्के हल्के रोए उग रहे थे. इसलिए बेटी की इस आनच्छुई चूत पर हाथ सहलाने से बेहद मज़ा सुदर्शन को आ रहा था. सख़्त मम्मों को भी दबाना वो नहीं भूल रहा था.इसी बीच रंजना का एक हाथ पकड़ कर उसने अपने खड़े लंड पर रख कर दबा दिया और बड़े ही नशीले से स्वर मैं वो बोला, "रंजना! मेरी प्यारी बेटी ! लो अप'ने पापा के इस खिलोने से खेलो. ये तुम्हारे हाथ मैं आने को छॅट्पाटा रहा है मेरी प्यारी प्यारी जान.. इसे दबाओ आह!"लंड सह'लाने की हिम्मत तो रंजना नहीं कर सकी, क्योंकि उसे शर्म और झिझक लग रही थी. मगर जब पापा ने दुबारा कहा तो हल'के से उसे उसे मुट्ठी मैं पकड़ कर भींच लिया. लंड के चारों तरफ के भाग मैं जो बाल उगे हुए थे, वो काले और बहुत सख़्त थे. ऐसा लगता था, जैसे पापा सेव के साथ साथ झाँटेन भी बनाते हैं. लंड के पास की झाँते रंजना को हाथ मे चुभती हुई लग रही थी,इसलिए उसे लंड पकड़ना कुच्छ ज़्यादा अच्छा सा नहीं लग रहा था.अगर लंड झाँत रहित होता तो शायद रंजना को बहुत ही अच्छा लगता क्योंकि वो बोझिल पल'कों से लंड पकड़े पकड़े बोली थी,"ओह्ह पापा आप'के यहाँ के बाल भी दाढ़ी की तरह चुभ रहे हैं.. इन्हे सॉफ कर'के क्यों नहीं रख'ते." बालों की चुभन सिर्फ़ इसलिए रंजना को बर्दस्त करनी पड़ रही थी क्योंकि लंड का स्पर्श बड़ा ही मन भावन उसे लग रहा था.एका एक सुदर्शन ने लंड उसके हाथ से छुड़ा लिया और उसकी जांघों को खींच कर चौड़ा किया और फिर उस'के पैरो की तरफ उकड़ू बैठा.उसने अपना फंफनाता हुआ लंड कुद्रति गीली चूत के अनछुए द्वार पर रखा. वो चूत को चौड़ाते हुए दूसरे हाथ से लंड को पकड़ कर काफ़ी देर तक उसे वहीं पर रगड़ता हुआ मज़ा लेता रहा. मारे मस्ती के बावली हो कर रंजना उठ-उठ कर सिसकार उठी थी, "उई पापा आपके बाल .. मेरी पर चुभ रहे हैं.. उसे हटाओ. बहुत गड़ रहे हैं. पापा अंदर मत कर'ना मेरी बहुत छ्होटी है और आप'का बहुत बड़ा." वास्तव मैं अपनी चूत पर झाँत के बालों की चुभन रंजना को सहन नही हो रही थी,मगर इस तरह से चूत पर सुपादे का घससों से एक जबरदस्त सुख और आनंद भी उसे प्राप्त हो रहा था. घससों के मज़े के आगे चुभन को वो भूलती जा रही थी. रंजना ने सोचा कि जिस प्रकार बिरजू ने मम्मी की चूत पर लंड रख कर लंड अंदर घुसेड़ा था उसी प्रकार अब पापा भी ज़ोर से धक्का मार कर अपने लंड को उसकी चूत मैं उतार देंगे,मगर उसका ऐसा सोचना ग़लत साबित हुआ. क्योंकि कुच्छ देर लंड को चूत के मूँ'ह पर ही रगड़ने के बाद सुदर्शन सह'सा उठ खड़ा हुआ और उसकी कमर पकड़ कर खींचते हुए उसने ऊपर अपनी गोद मैं उठा लिया. गोद मैं उठाए ही सुदर्शन ने उसे पलंग पर ला पट'का था. अपने प्यारे पापा की गोद मैं भरी हुई जब रंजना पलंग तक आई तो उसे स्वर्गिया आनंद की प्राप्ति होती हुई लगी थी. पापा की गरम साँसों का स्पर्श उसे अपने मूँ'ह पर पड़ता हुआ महसूस हो रहा था,उसकी साँसों को वो अपने नाक के नथुनो मैं घुसता हुआ और गालों पर लहराता हुआ अनुभव कर रही थी.इस समय रंजना की चूत मैं लंड खाने की इच्च्छा अत्यंत बलवती हो उठी थी.पलंग के ऊपर उसे पटक सुदर्शन भी अपनी बेटी के ऊपर आ गया था. जोश और उफान से वो भरा हुआ तो था ही साथ ही साथ वो काबू से बाहर भी हो चुका था, इसलिए वो चूत की तरफ पैरो के पास बैठते हुए टाँगों को चौड़ा करने मे लग गया था.टाँगों को खूब चौड़ा कर उसने अपना लंड उपर को उठा चूत के फड़फड़ाते सुराख पर लगा दिया था.रंजना की चूत से पानी जैसा रिस रहा था शायद इस्लियेशुदर्शन ने चूत पर चिकनाई लगाने की ज़रूरत नहीं समझी थी. उसने अच्छी तरह लंड को चूत पर दबा कर ज्यों ही उसे अंदर घुसेड़ने की कोशिश मे और दबाव डाला कि रंजना को बड़े ज़ोरो से दर्द होने लगा और असेहनीय कष्ट से मरने को हो गयी.दबाव पल प्रति पल बढ़ता जा रहा था और वो बेचाती बुरी तरह तड़फने लगी थी. लंड का चूत मैं घुसना बर्दाश्त ना कर पाने के कारण वो बहुत जोरो से कराह उठी और अपने हाथ पाँव फैंकती हुई दर्द से बिलबिलाती हुई वो ताड़-पी, "हाई !पापा अंदर मत डालना. उफ़ मैं मरी जा रही हूँ. हाय पापा मुझे नही चाहिए आप'का ऐसा प्यार.रंजना के यू चीखने चिल्लाने और दर्द से कराह'ने से तंग आ कर सुदर्शन ने लंड का सूपड़ा जो चूत मैं घुस चुका था उसे फ़ौरन ही बाहर खींच लिया. फिर उसने उंगलियों पर थूक ले कर अपने लंड के सुपादे पर और चूत के बाहर व अंदर उंगली डाल कर अच्छि तरह से लगाया. पुनः चोदने की तैयारी करते हुए उसने फिर अपना दहाकता सुपाड़ा चूत पर टीका दिया और उसे अंदर घुसेड़ने की कोशिश करने लगा.हालाँकि इस समय चूत एकदम पनियाई हुई थी, लंड के छेद से भी चिपचिपी बूंदे चू रही थी और उस'के बावजूद थूक भी काफ़ी लगा दिया था मगर फिर भी लंड था कि चूत मैं घुसना मुश्किल हो रहा था. कारण था चूत का अत्यंत टाइट छेद. जैसे ही हल्के धक्के मैं चूत ने सुपाड़ा निगला कि रंजना को जोरो से कष्ट होने लगा, वो बुरी तरह कराहने लगी, "धीरे धीरे पापा, बहुत दर्द हो रहा है. सोच समझ कर घुसाना.. कहीं फट .. गयी. तो. अफ. मर. गयी. हाई बड़ा दर्द हो रहा है.. टीस मार रही है. है क्या करूँ." चूँकि इस समय रंजना भी लंड को पूरा सटाकने की इच्च्छा मैं अंदर ही अंदर मचली जा रही थी.इसलिए ऐसा तो वो सोच भी नही सकती थी कि वो चुदाई को एकदम बंद कर दे. वो अपनी आँखों से देख चुकी थी कि बिरजू का खूँटे जैसा लंड चूत मैं घुस जाने के बाद ज्वाला देवी को जबरदस्त मज़ा प्राप्त हुआ था और वो उठ उठ कर चुदी थी. इसलिए रंजना स्वयं भी चाहने लगी कि जल्दी से जल्दी पापा का लंड उसकी चूत मैं घुस जाए और फिर वो भी अपने पापा के साथ चुदाई सुख लूट सके,ठीक बिरजू और ज्वाला देवी की तरह.उसे इस बात से और हिम्मत मिल रही थी कि जैसे उसकी मा ने उसके पापा के साथ बेवफ़ाई की और एक रद्दी वाले से चुद'वाई अब वो भी मा की अमानत पर हाथ साफ कर'के बद'ला ले के रहेगी. रंजना यह सोच सोच कर कि वह अप'ने बाप से चुदवा रही है जिस'से चुद'वाने का हक़ केवल उस'की मा को है और मस्त हो गई.क्योंकि जबसे उसने अपनी मा को बिरजू से चुद'वाते देखा तबसे वह मा से नफ़रत कर'ने लगी थी. इसलिए अपनी गांद को उचका उचका कर वो लंड को चूत मैं सटाकने की कोशिश करने लगी, मगर दोनो मैं से किसी को भी कामयाबी हासिल नहीं हो पा रही थी. घुसने के नाम पर तो अभी लंड का सुपाड़ा ही चूत मैं मुश्किल से घुस पाया था और इस एक इंची घुसे सुपादे ने ही चूत मैं दर्द की लहर दौड़ा कर रख दी थी. रंजना ज़रूरत से ज़्यादा ही परेशान दिखाई दे रही थी. वो सोच रही थी कि आख़िर क्या तरकीब लड़ाई जाए जो लंड उसकी चूत मैं घुस सके. बड़ा ही आश्चर्य उसे हो रहा था. उसने अनुमान लगाया था कि बिरजू का लंड तो पापा के लंड से ज़्यादा लंबा और मोटा था फिर भी मम्मी उसे बिना किसी कष्ट और असुविधा के पूरा अपनी चूत के अंदर ले गयी थी और यहाँ उसे एक इंच घुसने मैं ही प्राण गले मैं फँसे महसूस हो रहे थे. फिर अपनी सामान्य बुद्धि से सोच कर वो अपने को राहत देने लगी, उसने सोचा कि ये छेद अभी नया नया है और मम्मी इस मामले मैं बहुत पुरानी पड़ चुकी है. चोदु सुदर्शन भी इतना टाइट व कुँवारा च्छेद पा कर परेशान हो उठा था मगर फिर भी इस रुकावट से उसने हिम्मत भी नहीं हारी थी. बस घभराहट के कारण उसकी बुद्धि काम नहीं कर पा रही थी इसलिए वो भी उलझन मैं पड़ गया था और कुच्छ देर तक तो वो चिकनी जांघों को पकड़े पकड़े ना जाने क्या सोचता रहा.रंजना भी सांस रोके गरमाई हुई उसे देखे जा रही थी. एका एक मानो सुदर्शन को कुछ याद सा आ गया हो वो अलर्ट सा हो उठा,उसने रंजना के दोनो हाथ कस कर पकड़ अपनी कमर पर रख कर कहा, "बेटे! मेरी कमर ज़रा मजबूती से पकड़े रहना, मैं एक तरकीब लड़ाता हूँ, घबराना मत." रंजना ने उसकी आग्या का पालन फ़ौरन ही किया और उसने कमर के इर्द गिर्द अपनी बाँहें डाल कर पापा को जाकड़ लिया. वो फिर बोला, "रंजना! चाहे तुम्हे कितना ही दर्द क्यों ना हो, मेरी कमर ना छ्चोड़ना,आज तुम्हारा इम्तहान है.देखो एक बार फाटक खुल गया तो समझ'ना हमेशा के लिए खुल गया."इस बात पर रंजना ने अपना सिर हिला कर पापा को तसल्ली सी दी.फिर सुदर्शन ने भी उसकी पतली नाज़ुक कमर को दोनो हाथों से कस कर पकड़ा और थोडा सा बेटी की फूल'ती गांद को ऊपर उठा कर उसने लंड को चूत पर दाबा तो, "ओह! पापा रोक लो. उफ़ मरी.."रंजना फिर तदपि मगर सुदर्शन ने सूपड़ा छूत मे अंदर घुसाए हुए अपने लंड की हरकत रोक कर कहा, "हो गया बस मेरी इत'नी प्यारी बेटी. वैसे तो हर बात में अप'नी मा से कॉंपिट्षन कर'ती हो और अभी हार मान रही हो. जान'ती हो तुम्हारी मा बोल बोल के इसे अपनी वाली में पिल्वाती है और जब तक उसके भीतर इसे पेल'ता नहीं सोने नहीं देती. बस. अब इसे रास्ता मिलता जा रहा है. लो थोड़ा और लो.." यह कह सुदर्शन ने ऊपर को उठ कर मोर्चा संभाला और फिर एकाएक उछल कर उसने जोरो से धक्के लगाना चालू कर दिया. इस तरह से एक ही झट'के मैं पूरा लंड सटाकने को रंजना हरगिज़ तैयार ना थी इसलिए मारे दर्द के वो बुरी तरह चीख पड़ी. कमर छ्चोड़ कर तड़पने और च्चटपटाने के अलावा उसे कुछ सूझ नहीं रहा था, "मार्रिई.. आ. नहीं.. मर्रिई.छोड दो मुझे नहीं घुस्वाना... उऊफ़ मार दिया. नहीं कर'ना मुझे मम्मी से कॉंपिट्षन.जब मम्मी आए तब उसी की में घुसाना.मुझे छोड़ो.छ्चोड़ो निकालो इसे .. आईई हटो ना उऊफ़ फट रही है.. मेरी अयेयीई मत मारो."पर पापा ने ज़रा भी परवाह ना की. दर्द ज़रूरत से ज़्यादा लंड के यूँ चूत मैं अंदर बाहर होने से रंजना को हो रहा था. तड़प कर अपने होंठ अपने ही दांतो से बेचारी ने चबा लिए थे, आँखे फट कर बाहर निकलने को हुई जा रही थी. जब लंड से बचाव का कोई रास्ता बेचारी रंजना को दिखाई ना दिया तो वो सूबक उठी, "पापा ऐसा प्यार मत करो.हाई मेरे पापा छ्चोड़ दो मुझे.. ये क्या आफ़त है.. अफ नहीं इसे फ़ौरन निकाल लो.. फाड़ डाली मेरी . है फट गयी मैं तो मरी जा रही हूँ. बड़ा दुख रहा है . तरस खाओ आ मैं तो फँस गयी.." इस पर भी सुदर्शन धक्के मारने से बाज़ नही आया और उसी रफ़्तार से ज़ोर ज़ोर से धक्के वो लगता रहा.टाइट व मक्खन की तरह मुलायम चूत चोदने के मज़े मे वो बहरा बन गया था दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा ये पार्ट यही ख़तम होता है आगे की कहानी जानने के लिए रद्दी वाला पार्ट ७ पढ़ना ना भूले क्रमशः............
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta xxx Story रद्दी वाला - by sexstories - 07-03-2017, 01:09 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,564,474 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 551,637 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,260,156 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 952,811 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,689,934 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,111,639 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,003,993 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,233,170 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,095,383 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,039 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)