RE: Kamukta xxx Story रद्दी वाला
रद्दी वाला पार्ट--4
गतान्क से आगे................... दुनिया को नज़र अंदाज़ कर'के चुदाई का ज़बरदस्त मज़ा लेने के मूड मे दोनो आते जा रहे थे. इस दृश्या को देख कर रंजना का हाल अजीब सा हो चला था, खून का दौरा काफ़ी तेज़ होने के साथ साथ उसका सिर भी ज़ोरो से घूम रहा था और चूत के आस पास सुरसुराहट सी होती हुई उसे लग रही थी.दिल की धरकने ज़ोर ज़ोर से जारी थी.गला वा होंठ खुश्क पड़ते जा रहे थे और एक अजीब सा नशा उस पर भी छाता जा रहा था. ज्वाला देवी शराब पीती हुई बिरजू से बोले जा रही थी, उसकी बाँहें पीछे की ओर घूम कर बिरजू के गले का हार बनी हुई थी.ज्वाला देवी बिरजू को बार बार"सनम" और "सैय्या" के नाम से ही सम्भोधित करती जा रही थी.बिरजू भी उसे "रानी" ओर "मेरी जान" कह कह कर उसे दिलो जान से अपना बनाने के चक्कर मे लगा हुआ था. बिरजू का एक हाथ ज्वाला देवी की गदराई हुई कमर पर कसा हुआ था, और दोसरे हाथ मैं उसने शराब का ग्लास पकड़ रखा था. ज्वाला देवी की कमर मे पड़ा उसका हाथ कभी उसकी चूची पकड़ता और कभी नाभि के नीचे उंगलियाँ गढ़ाता तो कभी उसकी जांघें. फिर शराब का ग्लास उसने ज्वाला देवी के हाथ मैं थमा दिया. तब ज्वाला देवी उसे अपने हाथों से शराब पिलाने लगी. मौके का फ़ायदा उठाता हुआ बिरजू दोनो हाथों से उसकी भारी मोटी मोटी चूचियो को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से भींचता और नोचता हुआ मज़ा लेने मैं जुट जाता था.एकाएक ज्वाला देवी कुछ फुसफुसा और दोनो एक दूसरे की निगाहो मैं झाँक कर मुस्कुरा दिए.शराब का खाली गिलास एक तरफ रख कर बिरजू बोला, "जान मेरी !अब खड़ी हो जाओ."बिरजू की आग्या का तुरंत पालन करती हुई ज्वाला देवी मुस्कुराते हुए ठीक उसके सामने खड़ी हो गयी,बिरजू बड़े गौर से और चूत फाड़ निगाहो से उसे घूरे जा रहा था और ज्वाला देवी उसकी आँखों मैं आँखे डाल कर चूत की ज्वाला मैं मचलती हुई मुस्कुराते हुए अपने कपड़े उतारने मैं लग गयी. उसके हाथ तो अपना बदन नंगा करने मैं जुटे हुए थे मगर निगाहे बराबर बिरजू के चेहरे और लंड के उठान पर ही जमी हुई थी. अपने शरीर के लगभग सारे कपड़े उतारने के बाद एक ज़ोरदार अंगड़ाई ले कर ज्वाला देवी अपना निचला होंठ दन्तो मैं दबाते हुए बोली,"है ! मैं मर जाऊं सैयाँ ! आज मुझे उठने लायक मत छ्चोड़ना.सच बड़ा मज़ा देते हो तुम,मेरी चूत को घोट कर रख देते हो तुम." पॅंटी वा ब्रा मैं ज्वाला देवी इस उम्र मे लंड पर कयामत ढा रही थी.उसका नंगा बदन जो गोरा होने के साथ साथ गुद्देदार भींचने लायक भी था.लाल बल्ब की हल्की रौशिनी मैं बड़ा ही लंड मार साबित हो रहा था. वास्तव मैं रंजना को ज्वाला देवी इस समय इतनी खराब सी लगने लगी थी कि वो सोच रही थी कि काश ! मम्मी की जगह वो नंगी हो कर खड़ी होती तो चूत के अरमान आज आवश्या पूरे हो जाते.मगर सोचने से क्या होता है? सब अपने अपने मुक़द्दर का खाते है.बिरजू का लंड जब ज्वाला देवी की चूत के मुक़द्दर मैं लिखा है तो फिर भला रंजना की चूत की कुँवारी सील आज कैसे टूट सकती थी. जोश मैं आ कर बिरजू अपनी जगह छोड़ करखड़ा हुआ और मुस्कुराता हुआ ज्वाला देवी के ठीक सामने आ पहुँचा, कुच्छ पल तक उसने सिर से पाँव तक उसे देखने के बाद अपने कपड़े उतारने चलुकर दिए,एक एक करके सभी कपड़े उस्नेउतार कर रख दिए और वएक दम नंग धड़ंग हो कर अपना खड़ा लंड हाथ मैं पकड़ दबाते हुए सिसका, "हाई रानी आज! इसे जल्दी से अपनी चूत मैं ले लो."इस समय जिस दृष्टिकोण से रंजना अंदर के चुदाई दृश्या को देख रही थी उसमें ज्वाला देवी का सामने का यानी चूत और चूचियाँ तथा बिरजू की गांद और कमर यानी पिच्छवाड़ा उसे दिखाई पड़ रहा था.बिरजू की मर्दाना तंदुरुस्त मजबूत गांद और चौड़ा बदन देख कर रंजना अपने ही आप मे शर्मा उठी थी, अजीब सी गुदगुदी उसे अपनी चूचियो मे उठती हुई जान पड़ने लगी थी.बिरजू अभी कपड़े उतार कर सीधा खड़ा हुआ ही था कि ज्वाला देवी ने अपनी गुदाज वा मुलायम बाँहें उसकी गर्दन मे डाल दी और ज़ोर से उसे भींच कर वो बुरी तरह उससे चिपक गयी चुदने को उतावली हो कर बिरजू की गर्दन पर चूमि करते हुए वो धीरे से फुसफुसा कर बोली,"मेरे सनम ! बड़ी देर कर दी है तुमने ! अब जल्दी करो ना ! देखो,मारे जोश के मेरी तो ब्रा ही फटी जा रही है, मुझे बड़ी जलन हो रही है,अफ !मैं तो अब बर्दाश्त नही कर पा रही हूँ, आ जल्दी से मेरी चूत का बजा बजा दो सैयाँ आह."बिरजू उत्तर मे होंठो पर जीभ फ़िराता हुआ हंसा और बस फिर अगले पल अपनी दोनो मर्दानी ताक़तवर बाँहें फैला कर उसने ज्वाला देवी को मजबूती से जाकड़ लिया. जबरदस्त तरीके से भींचता हुआ लगातार काई चूमि उस'के मचलते फड़फदते होंठो और दाहाकते उभरे गोरे गोरे गालों पर काट'नि शुरू कर डाली. ज्वाला देवी मदमस्त हो कर बिरजू के मर्डाने बदन से बुरी तरह मतवाली हो कर लिपट लिपट जा रही थी.दोनो भारी उत्तेजना और चुदाई के उफान मैं भरे हुए ज़ोर ज़ोर से हान्फ्ते हुए पलंग की तरफ बढ़ते जा रहे थे.पलंग के करीब पहुँचते ही बिरजू ने एक झटके के साथ ज्वाला देवी का नंगा बदन पलंग पर पटक दिया. अपने आपको संभालने या बिरजू का विरोध करने की बजाए वो गेंद की तरह हँसती हुई पलंग पर धदाम से जा गिरी थी. पलंग पर पताकने के तुरंत बाद बिरजू ज्वाला देवी की तरफ लपका और उसके ऊपर झुक गया.अगले ही पल उसकी ब्रा खींच कर उसने चूचियो से अलग कर दी और उसके बाद चूत से पॅंटी भी झटके के साथ जोश मैं आ कर उसने इस तरह खेंची की पनटी ज्वाला देवी की कमर वा गंद का साथ छोड़ कर एकदम उसकी टाँगो मे आ कर गिरी. जैसे ही बिरजू का लंड हाथ मैं पकड़ कर ज्वाला देवी ने ज़ोर से दबाया तो वो झुंझला उठा, इसी झुंझलाहट और ताव मे आ कर उसने ज्वाला देवी की उठी हुई चूचियो को पकड़ कर बेरेहमी से खींचते हुए वो उनपर ख़तरनाक जानवर की तरह टूट पड़ा.ज्वाला के गुलाबी होंठो को जबरदस्त तरीके से पीना उसने शुरू कर डाला था. उस'के गालों को ज़ोर ज़ोर से भींच कर होंठ चूस्ते हुए वो अत्यंत जोशिलापन मह'सूस कर रहा था. चाँद पॅलो मैं उसने होंठो को चूस चूस कर उनकी मा चोद कर रख दी थी.जी भर कर होंठ पीने के बाद उसने एकदम ही ज्वाला देवी को पलंग पर घुमा कर चित्त पटक दिया और तभी उछल कर वो उस'के ऊपर सवार हो गया.अपने शरीर के नीचे उसे दबा कर उसका पूरा शरीर ही उसने ऐसे धक लिया मानो ज्वाला देवी उसके नीचे पिस कर रहेगी.बिरजू इस समय ज्वाला के बदन से लिपट लिपट करऔर उसे ज़ोरो से भींच कर अपना बदन उसके मुलायम जानने बदन पर बड़ी बेरेहमी से रगड़े जा रहा था. बदन से बदन पर घस्से मारता हुआ वो दोनो हाथों से चूचियों को ज़ोर ज़ोर से दबाता जा रहा था और बारी बरी से उसने चूचियो को मूँ'ह मैं ले ले कर तबीयत से चूसना भी स्टार्ट कर दिया था.बिरजू और ज्वाला देवी दोनो ही इस समय चुदाई की इच्च्छा मैं पागल हो चुके थे. बिरजू के दोनो हाथों को ज्वाला देवी ने मजबूती से पकड़ कर उसकी चूमि का जवाब चूमि से देना शुरू कर दिया था.ज्वाला देवी मस्ती मैं आ कर बिरजू के कभी गाल पर काट लेती तो कभी उस'के कंधे पर काट कर अपनी चूत की धधकति ज्वाला का प्रदर्शान करती जा रही थी. अपनी पूरी ताक़त से बिरजू को ज़ोर से वो भींचे जा रही थी. एकाएक ज्वाला ने बिरजू की मदद करने के लिए अपनी टाँगे ऊपर उठा कर अपने हाथों से टाँगों मैं फँसी हुई पॅंटी निकाल कर बाहर कर दी और कपड़े का नामोनिशान तक अपने बदन से उसने हटा कर रख दिया. उसकी तनी हुई चूचियों की उभरी हुई घुंडी और भारी गांद सभी रंजना को सॉफ दिखाई पड़ रहा था.बस उसे तमन्ना थी तो सिर्फ़ इतनी कि कब बिरजू का लंड अपनी आँखों से वो देख सके.सहसा ही ज्वाला देवी ने दोनो टाँगे ऊपर उठा कर बिरजू की कमर के इर्द गिर्द लपेट ली और जोंक की तरह उस'से लिपट गयी. दोनो ने ही अपना अपना बदन बड़ी ही बेरेहमी और ताक़त से एक दूसरे से रगड़ना शुरू कर दिया था. चूमि काट'ने की क्रिया बड़ी तेज़ ज़ुट जोशीलेपान से जारी थी. ज़ोर ज़ोर से हान्फ्ते सिसकारियाँ छ्चोड़ते हुए दोनो एक दूसरे के बदन की मा चोदने मैं जी जान एक किए दे रहे थे. तभी बड़ी फुर्ती से बिरजू ज़ोर ज़ोर से कुत्ते की तरह हांफता हुआ सीधा बैठ गया और तेज़ी से ज्वाला देवी की टाँगों की तरफ चला. इस पोज़िशन मे रंजना अपनी मम्मी को अच्छी तरह नंगी देख रही थी. उसने मह'सूस किया कि मम्मी की चूत उसकी चूत से काफ़ी बड़ी है. चूत की दरार काफ़ी चौड़ी उसे दिखाई दे रही थी. उसे ताज्जुब हुआ कि मम्मी की चूत इतनी काली होने के साथ साथ एकदम बॉल रहित सफाचत थी.कुछ दिन पहले ही बड़ी बड़ी झांतो का झुर्मुट स्वयं अपनी आँखों से उसने ज्वाला देवी की चूत पर उस समय देखा था, जब सुबह सुबह उसे जगाने के लिए गयी थी. इस समय ज्वाला देवी बड़ी बैचैन, चुदने को उतावली हुई जा रही ही. लंड सटाकने वाली नज़रो से वो बिरजू को एक तक देखे जा रही थी. चूत की चुदाई करने के लिए बिरजू टाँगों के बल बैठ कर ज्वाला देवी की जांघों, चूत की फांको और उसकी दरार पर हाथ फिराने मे लगा हुआ था और फिर एकदम से उसने घुट'ने के पास उसकी टाँग को पकड़ कर चौड़ा कर दिया. तत्पश्चात उसने पलंग के पास मेज़ पर रखकी हुई खुश्बुदार तेल की शीशी उठाई और उसमें से काफ़ी तेल हाथ मैं ले कर ज्वाला देवी की चूत पर अच्छी तरह से अंदर और बाहर इस तरह मलना शुरू किया की उसकी सुगंध रंजना के नथुनो मैं भी आ कर घुसने लगी.
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