RE: Antarvasna sex stories मेरी बीबी की सहेली
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--6
गतान्क से आगे......... " अरे चोदो मेरे राजा इस दर्द के लिए बहुत तड़प
रही हू, कई राते जागी हू.... मेरी चूत को इस तरीके से चोदो की इस चुदाई
का अहसास ज़िदगी भर रहे" देव के हाथ का मेरे शरीर पर फिसलना बहुत अछा लग
रहा था मेरे शरीर मे बहुत आग लगा रहा था... देव ने मेरे से कहा " अरी
मेरी कबाड़ी कल्लो रानी.... मैं भी तेरी इस काली कलूटी चूत का दीवाना हुआ
करता था.. मैं भी कई बार तुम्हारी चूत के नाम पर मूठ मार चुका हू" अब देव
धीरे धीरे लंड आगे पीछे करते हुए पेलने लगा था वो पूरा लंड सीधा खीचता और
जैसे स्क्रू कस रहा हो ऐसे लंड घुमा घूमाकर अंदर पेलता मेरी चूत की
दीवारे देव के लंड को कसे हुए थी अब मुझे मज़ा आने लगा था. मैने देव को
चिडाने के लिए बोला ' देव मेरे जानू तुम्हारा लंड भी कोई ख़ास नही लगा
मुझे अब तो आसानी से जा रहा है लेकिन मुझे मज़ा बहुत आ रहा है... देखो अब
जल्दी अपना लंड खाली मत कर देना...." नही तो मैं तुमको गॅंडू जीजू
बुलाऊंगीइइ.." मैने देव की मर्दानगी को तगड़ी ललकार लगा दी थी लेकिन देव
हल्का हल्का मुस्कुरा रहा था उसने अपनी स्पीड ज्यों की त्यों रखी और धीरे
से मेरे से बोला " मेरी रानी मुझे प्यार से चोदना पसंद है तुमको
ताबड़तोड़ चुदाई चाहिए क्या..... अभी मैने सिर्फ़ अपना आधा ही लंड पेला
है पूरा अभी तुम्हारी चूत मैं नही घुसा है तो तुम्हारी यह हालत है " मैं
सोच मे पड़ गई और मैने तुरंत कहा " देव मेरे प्यारे चोदु ख़सम तुम मुझे
प्यार से ही चोदो... मैं तो यूँ ही तुमको चिडाने के लिए कह रही थी" तभी
देव ने अपनी दो उंगलिया मेरे गांद के छेद मे डाल दी और गांद और चूत को एक
साथ चोदने लगा मैं दोहरे मज़े के नशे मे आ गई साथ ही मुझे जोश भी बदता जा
रहा था क्योंकि देव भी धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था और मुझे दर्द
भी हो रहा था चूत मे क्योंकि देव हर धक्के के साथ लंड कुछ इंच और अंदर
खिसक रहा था '' मैने मस्ती मे आकर अपने हाथ से अपनी गांद को फैलाया और
देव को बोला "देव आज तुम मेरी गांद भी मारना लेकिन प्यार से" "हा मेरी
रानी मैं उसी की तय्यारी कर रहा हू" देव बोला और तभी देव ने कहा ज्योति
हाथ सामने टेक एक फाइनल धक्का और जब तक मैं हाथ टेक कर तय्यार हो पाती
तभी मेरे मूह से बहुत जोरो से चीख निकल गई.. वो तो मेरा घर साउंड प्रूफ
है नही तो मोहल्ले वाले इकट्ठे हो जाते और सारा का सारा गुरु गोबिंद सिंग
वॉर्ड मेरे दरवाजे पर होता. मेरी चूत मे जलन हो रही थी इधर देव का लॉडा
मेरी बच्चे दानी को ठेले हुए था मुझे देव का लंड अपने पेट तक महसूस हो
रहा था. इधर मेरी चूत से फिर से खून की धार गिरने लगी थी जिससे पूल का
पानी लाल होना शुरू हो गया था मेरे पैर काप रहे थे मैं चाहकर भी अपने पैर
नही हिला सकती थी क्योंकि देव ने मेरे पैर बाँध दिए थे मैं कुछ देर आँख
बंद किए रही देव अपना लंड मेरी चूत की जड़ तक घुसाए हुए था और वोही गोल
गोल घुमा रहा था और मेरे दूध मरोड़ रहा था मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद
कर दिया था कि मैं किस दर्द पर कराह रही हू दूध के या चूत के " मैने रोते
हुए देव से कहा जानू पेलो चोदो मेरे कू मेरी तुमने मुराद पूरी कर
दी....." "आज तुमने मुझे औरत बना दिया....... आज के बाद मैं रोज साड़ी ही
पहनुँगी ..... आज मेरी चूत को सही मर्द मिला हाई'''''' और देव ने पूरा
लंड बाहर खीचा और एक बार मे ही पूरा का पूरा फिर पेल दिया देव ऐसे ही
गहरे धक्के मार रहा था देव ने अपनी तूफ़ानी स्पीड पकड़ ली थी देव अपने
दोनो हाथो से मेरी गांद और चूत को फैलाए हुए था वो पोज़िशन ही ऐसे ली थी
उसने की उसका ज़्यादा से ज़्यादा लंड अंदर घुसेगा और डीप पेनीश्रेशन होगा
साथ ही वो मेरी चूत हाथो से फैला कर चोदे जा रहा था. अब मैं भी देव का
साथ देने लगी थी ; हा देव चोदो शाबाश मुझे भी अब मज़ा आ रहा है. यह बहुत
अछा दर्द है हा और जोरो से और जोरो से मैं देव के हर धक्के का जवाब अपनी
गांद पीछे धकेल कर दे रही थी मैं 2-3 बार पानी छोड़ चुकी थी. लेकिन मेरा
मन अभी भरा नही था देव ने मेरे पैर खोल दिए और मुझे पूल की पट्टी पर चित
लिटा दिया. उसने मेरी दोनो टाँगो को कुछ देर मसाज दिया जिससे मैं फिर से
चार्ज महसूस करने लगी और देव ने मेरी दोनो टांगे मेरे दूध तक मोडी जिससे
मेरी चूत बिल्कुल खुल गई इधर देव भी ताव मे था देव पूल मे ही रहा उसने
उसी पोज़िशन मैं एक सिंगल स्ट्रोक मैं ही पूरा का पूरा लंड पेल दिया था
और अब तोमुझे बहुत तूफ़ानी रफ़्तार से चोद रहा था. " हाई हम हूंम्म हुछ
फुक्कक फॅक फक्का पक की आवाज़े हो रही थी और मेरे मूह से भी एयेए हाअ और
जोरो से ऐसे ही चोद्ते रहो" देव तुमसे तो जो एक बार चुदवा ले फिर किसी
दूसरे के पास वो नही जा सकती" हा मेरे राजा और जोरो से आज साली चूत
कोफाड़ दो इसको.... हा राजा बहुत खुजलाती है बहुत परेशान करती है चोदो
मेरे राजा और जोरो से मैं आ रही हा और ज़ोर और अंदर डालो शाबाश हाआ.. अरे
और हिम्मत लगा और मैने पहली बार बहुत सारा पानी छोड़ा जो की देव ने मेरी
गर्दन उठाकर मेरे को निकलता हुआ दिखाया और देव फिर से अपनी स्पीड जारी
रखे था देवे मेरे मम्मे मरोड़ मरोड़ कर लाल नीले कर दिए थे देव इस्सामय
मेरे दोनो निपल्स को भी भीच रहा था मैं झरने के बाद निढाल सी होने लगी थी
तभी देव ने मुझे करवट दिला दी और फिर तिरछे मे लंड पेलने लगा मैं फिर से
मस्ती मे आ गई अब तक मेरे को चुदवाते हुए लगभग 30 मिनिट हो चुके थे लेकिन
देव झरने का नाम ही ले रहा था मैं अनगीनती बार झार चुकी थी. मेरे शरीर का
एक एक जोड़ ऐसे दुख रहा था जैसे उनमे हज़ारो सुई चूबो दी गई हो.. मैने
देव से कहा राजा प्ल्ज़ अब तुम झर जाओ "मैं तुम्हारी धार को अपनी चूत मे
महसूस करना चाहती हू" देव ने कहा अभी तो मैने चोदना शुरू किया है अभी से
बोली प्लज़्ज़्ज़ मुझे मेरी प्यास बुझाने दो ना...." मत तरपाऊ.. देव ने
कहा तो ठीक है और तभी मेरी आँखो मे फिर से अंधेरा सा छाता हुआ दिखाई दिया
और दिमाग़ जैसे सुन्न हो गया हू इस बार देव ने मुझे बिना तय्यार किए हुए
अपना सूपड़ा मेरी गांद के छेद पर रख कर थोड़ा अंदर सरका दिया था. मैं
चिल्ला पड़ी और देव से गिड़गिदने लगी प्ल्ज़ वाहा अभी नही वो भी आज ही
दूँगी पर अभी नही अभी तो मेरी चूत ही मारो" देव बहुत ही अछा आदमी है वो
जानता है औरत को कैसे खुश रखे उसने मेरी बात मान ली और मेरे को चूमते हुए
मुझे चित लिटाकर मिस्षनरी पोज़िशन मे मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चुचिया
उसकी मर्दानी छाती से रगड़ खा रही थी और देव मेरे होंठो को चूस्ते हुए
तबाद तोड़ धक्के मारे जा रहा था. इस पोज़ीशन मे देव का लंड मेरे
क्लाइटॉरिस को भी रगड़ रहा था जिससे मेरी चूत फिर से झरने को तय्यार हो
गई थी.. तभी देव ने कहा "क्यो चुड्डो रानी मेरा लावा मूह मे लोगि या अपनी
इस कल्ली कलूटी बुर मे" मैने झट से कहा " जानम मेरी यह कालू बहुत प्यासी
है इस मदारचोड़ी ने ना जाने कितने चक्को को चित किए हुए है आज इसकी जोरो
से रागड़ाई हो गई है आज इसी का पेट भर दो" हा राजा तुम बहुत आछे से
चोद्ते हो देव मेरे मम्मो को मसल रहा था और एक निपल अपने होंठो मे लेकर
भी चूस लेता था साथ ही कह रहा था " हाई रानी तुम्हारी चूत तो तुम्हरी
सहेली से भी ज़्यादा अछी है मुझे बहुत अछी लगी इसका स्वाद भी अछा है ....
और मुझे सबसे ज़्यादा जो पसंद आए वो यह कि जैसे झाँते मुझे पसंद है
बिल्कुल वैसे ही बना रखी थी" तभी देव ने अपने लंड बहुत गहरे गहरे स्ट्रोक
लगाने लगा मैं भी फिर से झाड़ने के करीब थी तो मैं देव को अपनी टाँगो मे
कसी हुई थी और देव का पूरा साथ दे रही थी एका एक देव मुझे गालियाँ देने
लगा उसको गाली देकर चोदने मे बहुत मज़ा आता है' री मदर्चोद ले और ले
भोसड़ा वाली तेरी बुर ने बहुत परेशान किया है मेरे लंड को ले अब खा जा
मदारचोड़. छिनाल्ल्ल ,,, ' हा मेरे राजा ' मैं छीनाल रंडी मदारचोड़ी....
" मैं जवाब दे रही थी क्योंकि देव झरने के बिल्कुल करीब था और वो इस जोश
मे मेरे शरीर को भी मरोड़े और निचोड़े ले रहा था तभी एक और जबरदस्त धक्का
लगा और देव ने अपना पूरा लंड मेरी बच्चे दानी की जड़ तक पेल कर वोही रुक
कर ना जाने कितनी पिचकारियाँ अपने गरम लावे की मारी होगी उसकी इन
पिचकार्रियों के साथ मैं भी झार गई....... "आईईईईईई देववव मेरे रजाअ मैं
गैईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्म्म्ममममममममममममममम लौउउउउउउउउउउउउउउउ" मेरी
बीबी की सहेली पार्ट--7 गतान्क से आगे......... देव मेरे ऊपेर पड़ा ऐसे
हाफ़ रहा था जैसे 100 200 किलोमेटेर की दौड़ लगा कर आया हो हम दोनो पसीने
मे भीगे हुए थे उसका लंड झरने के बाद भी मुलायम नही हुआ था वो अभी भी
मेरी चूत मे लंड पेले हुए पड़ा था और मेरे को चूम रहा था और उसने करवट
बदल कर मेरे को अपने ऊपेर कर लिया था मैं उठने वाली थी तभी उसने टोक
दिया' जानम ऐसी ग़लती मत करो... प्लज़्ज़्ज़ अभी एक और मज़ा बकाया है''''
देव के ऐसा कहने से मैं डर गई कि इतनी ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अब क्या
बकाया है " देव मुझे किस किए जा रहा था मुझे बहुत अछा लग रहा था इससे
मेरी चुदाई की थकान दूर होने लगी थी और मैं बहुत हल्का महसूस करने लगी
थी" देव ने कहा " मेरी जान मैं अभी तुम्हारी बुर मे मूतुंगा" मैं चौंक
पड़ी " क्या जीजू' क्या कह रहे हू सच मे !!!! क्या ऐसा हो सकता है!!!! "
देव बोला " क्या तुमको पसंद नही " "नही ऐसे बात नही ... दर असल ऐसा है कि
आज तक मुझे जीतनो ने भी चोदा या जीतनो ने भी मुझे बताया वो तो सभी कह रहे
थे कि बस लंड चूत मे झारा बल्कि चूत के दरवाजे पर ही झार जाता है" और बस
हो गया... तुम्हारी बीबी ने सही बताया था कि देव बहुत जबरदस्त चोद्ता है
और चुदाई के बाद असली मज़ा देता है. "मैं तय्यार हू इसके लिए.... मुझे
बताए मुझे क्या करना होगा " मैने पूछा देव कहने लगा कुछ ज़यादा नही अपनी
चूत को थोडा ढीला करो और उसने लंड अड्जस्ट करके बहुत गरमा गॅरम जेट जैसी
धार मेरी चूत मे भरने लगा मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी और मेरा पेट भी
उसकी पेशाब से फूलने लगा था उसका पेशाब मेरी चूत से बाहर भी रिसने लगा था
देव ने बहुत सारी पेशाब करी थी और पक से देव ने अपना लंड बाहर खीच लिया
और मेरी टांगे फैला दी. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत मे किसी ने
फाउंटन फिट कर दिया हो इतनी जोरो से देव का पेशाब मेरी चूत से भरभर निकल
रहा था. यह तो बहुत ही अछा अनुभब था इसके बाद देव ने अपना लंड मेरे मूह
मे डाल दिया जिसको मैने चाट चाट कर सॉफ किया और देव नहाने लगा. मैने अपनी
चूत का आलम देखा तो वो सूजी फूली हुई थी और उसका मूह इंग्लीश के "ओ" के
आकार मे खुला हुआ था मेरे बूब्स पर लाल और नीले देव के दिए निशान थे. हम
दोनो ने नाहया और हम नंगे ही किचन मे गये जहा मेरी ममी सुबह बंदकपूर जाने
से पहले मेरे लिए पूरी, हलवा और रबरी छोड़ गयी थी. देव ने लगभग 500ग्राम
रबरी, 1/2 लीटर मिल्क और खूब पूरी खाई और दोनो बाते करने लगे. तो दोस्तो
कैसे लगी मेरी कहानी यह ओरिजिनल इन्सिडेंट है और भी मस्त कहानिया है आप
लोगो के लिए समय समय पर लाता रहूँगा तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज
शर्मा
समाप्त........
|