RE: Antarvasna sex stories मेरी बीबी की सहेली
मेरी बीबी की सहेली पार्ट--5
गतान्क से आगे......... ' देव मेरे राजा अपनी बीबी के साथ भी बाथरूम मे
घुसते हो क्या??" तुम तो बहुत उस्ताद हो औरत को बिल्कुल चुदासी रंडी की
तरह बना देते हो???" मुझे इतने सालों तक क्यूँ तडपाया मेरी चूत ना जाने
कितने लंड का स्वाद ले चुकी है लेकिन मेरी चूत की प्यास नही भुजी अभी तक.
मैने उसकी चूत से हाथ हटाकर उसके दूसरे निपल और दूध को सहलाने लगा और
उसकी गर्दन मे लिक्क करने लगा अब मैं उसके दोनो मम्मो को बहुत तार्जीह दे
रहा था और उनको सर्क्युलर मोशन मे कभी हल्का कभी बिल्कुल वैसे जैसे नीबू
निचोड़ते है ऐसा निचोड़ रहा था. साथ मे गर्दन से उसके कान तक और गर्दन से
उसके बूब्स तक लिक्क भी कर रहा था वो क्मोड पर बैठी अपनी साँसे भारी करती
हुई. मोन कर रही थी शाइयियी सीईईईईईई ऊओमुंम्म्म बहुत अछा लग रहा है देव
मेरे डार्लिंग जिजुउउउ..... प्लज़्ज़्ज़ आज मुझे जी भरकर चोदना.... मेरी
चूत की आग ठंडी कर देना ..... जीजू तुम्हारा लंड कहा हाईईईई मुझे उसके
सहलाने दो...... ऐसा बक रही थी ज्योति. मैने ज्योती से पूछा "तुमने कर ली
हो तो उठो...." और चलो बाथ टब मे...... वो लड़खड़ाती सी खड़ी हुई और अपनी
गांद धोइ पहले पानी से फिर लिक्विड सोप से..... ... मैने बाथ टब का हॉट
वॉटर टॅप ऑन कर दिया था. ज्योति बोली यहा नही चलो पूल मे. उसने घर मे
छोटा सा अंडर रूफ पूल बनवा रखा था. पूल मे लेगया उसको और पहले पूल के
बाहर शवर से उसको नहलाया और मैने नाहया मेरा लंड फन्फना रहा था. और अपनी
पूरी जवानी के जोश से आज तो मुझे नॉर्मल साइज़ से कुछ इंच ज़्यादा ही
लंबा दिख रहा था. मैं पूल मे घुस गया और उसको पूल के किनारे बनी टॉप
पट्टी पर बैठा दिया. इससे मैं ऐसी पोज़िशन मे आ गया जहा से मैं उसकी पूरी
बॉडी एक्सप्लोर कर सकता था. मैने उसकी दोनो टांगे फैला दी और बोला'''
मेरी कबड चढ़ो ज्योति रानी तुम सामली ज़रूर हो पर बहुत सुंदर और चुदासी
हो... तुम्हारी चूत से तो किसी भट्टी की चिमनी की तरह से गर्म भाप निकल
रही है. मैं उसके मम्मे मसल रहा था और चूत और गांद के छेद के भीच मे दो
उंगलियों से मसाज भी कर रहा था" ज्योई मोन करते हुए कहने लगी " शाइयियी
मेरे जनम्म्म बहुत मज़ा आ रहा है, इस तरीका से तो किसी ने भी मुझे प्यार
नही किया.... तुम्हारी बीबी इसीलिए तुम्हारी दीवानी है और वो तुमको एक पल
के लिए भी दूर नही करना पसंद करती है" साली बहुत स्वार्थी है शादी के
पहले मेरे से अपनी चूत चटवाती थी और मज़ा लेती थी. उसने मेरे से प्रॉमिस
किया था कि वो अपनी शादी के बाद अपने पति यानी कि तुमसे मुझे भी
चुदवायेगी. शी रज्जा बहुत और करो बहुत मज़ा रहा हाईईईईईई" (ज्योति) बके
जा रही थी. दोस्तो अब आगे की कहानी ज्योती की मुँह ज़ुबानी
सुनो............. मेरे तन बदन मे आग सुलग ने लगी थी मैं देव के मस्त लंड
को पूरा का पूरा अपनी चूत मे महसूस करना चाहती थी इसके लिए मैं बरसो तदपि
थी. मेरी सुहाग रात भी बिल्कुल ठंडी ही रही थी क्योंकि मेरे पति दीपक
मेरी चूत की गर्मी सहन नही कर पाए थे और मेरी चूत मे घुसते ही झार गये
थे. उनका यह हॉल हर रात को होता था मैं चुदाई की आग मे तरस रही थी. यह तो
अछा हुआ कि मेरी भी शादी हुए अभी 2 महीने ही निकले थे. "देव मेरी
डार्लिंग मुझे जल्दी से अपने प्यारे लंड से चोदो और मुझ पर किसी प्रकार
का रहम मत करना" प्ल्ज़ मेरी प्यास भुजा दो. "आओ देव मेरे पास आओ ' देव
मेरे को पूरी ताक़त से थामे हुए था मैं हिल भी नही पा रही थी देव पूल मे
था और मैं पूल की उप्पेर वॉल पर टिकी थी इसी बीच देव ने मेरी दोनो टांगे
फैला दी और अपनी जीव का कमाल दिखाना शुरू कर दिया देव मेरी इन्नर थाइस से
चूत के बगल तक और गांद के छेद और चूत के छेद के बीच मे अपनी जीव घुमा रहा
था. देव की जीव का हर एक स्पर्श उसकी जीव की गर्मी मेरी चूत मे समाती जा
रही थी मैं जल रही थी मैने अपने हाथ से ही अपनी चूत मरोड़ना शुरू कर
दिया. और देव से कहा' हाई मेरे राजा मत तद्पाओ मेरी चूत पर तरस खाओ
उम्म्म्म शाइयियी सीईईईईईईईई मैं बहुत तदपी हू प्लज़्ज़्ज़ देव्व्व्व बाद
मे चाट लेना पहले मुझे अपने लंड से चोद दो " देव ने मेरी चूत की फाँक खोल
कर मेरी चूत मे जीव से चोदना चालू कर दिया था.. "हा देव और अंदर तक और
तेज़ी से चोदो. मेरी सहेली तो खूब गांद उठा उठा कर तुमसे अपनी चूत और
गांद चटवाती और चुदवाती है" बहुत किस्मत वाली है वो जिसको तुम्हारे जैसा
प्यार करने वाला और चोदने वाला चोदु पति मिला. प्लज़्ज़्ज़ अपनी साली को
प्यासा मत छोड़ना.. शी देव जल्दी करो और मैने देव के बाल जोरो से पकड़ कर
ना जाने कहा से मुझमे इतनी शक्ति और ताक़त आ गई कि मैने देव का मूह अपनी
चूत पर रगड़ना चालू कर दिया इधर मैं अपनी चूत भी उसके मूह पर दबा रही थी"
देव का मूह मेरी चूत और जाँघो के भीच दब गया था जिससे उसकी साँस रुक रही
थी उसने मेरी दोनो टाँगे हटा कर अपना मूह हटाया और मेरे को पूल मे खीच
लिया. पूल मे नी तक पानी था देव ने मुझे कुतिया बना दिया और पहली ही बार
मे वो मुझे डॉग्गी स्टाइल से चोद ने वाला था. मैं तो खुश हो गई क्योंकि
किसी का लंड मुझे मिस्षनरी पोज़िशन मे मेरी चूत की गहराई तक नही पहुचा
था. मेरे हज़्बेंड का लंड तो देव के लंड का आधा लंबा और पेन्सिल की तरह
पतला था और मुलायम भी था. इधर देव का लंड बिल्कुल देव जैसा लंबा चौड़ा और
नसो से भरा हुआ. देव ने मेरी गर्दन पूल की नीचे वाली सीढ़ी पर टीका दी और
मेरी एक टाँग को शवर के टॅप पर टीका कर बाँध दिया मैने पूछा ऐसा क्यों
किया जानू. देव बोला " अरी चुददो देख अभी तेरी चूत तो क्या तेरी गर्दन तक
मेरा लंड महसूस होगा तुमको" इस पोज़िशन मे मेरी चूत बिल्कुल खुल गई थी और
देव की लंबाई ज़्यादा होने के कारण आंगल उसके लंड घुसने के लिए सफिशियेंट
हो गया था ऐसे मे गहरा पेनीश्रेशन होना था देव ने मेरी इन्नर थाइस पर फिर
से लिक्क करते हुए मेरी चूत के किनारे आ गया. देव मेरी लाबिया और
क्लाइटॉरिस से नीचे पेरिनुम तक जीव से चूत मे इंग्लीश के लेटर बनाते हुए
लिक्क कर रहा था मैं तो ना जाने कितने गहरे आनंद के समुंदर मे डूब रही
थी. मेरी चूत जोरो से जूसज़ का दरिया बहा रही थी मेरी मूह से आहह और्र
सीईईईई उम्म्म्म जल्दी चोदो मत तडपाऊ की आवाज़े लगातार निकल रही थी. मेरी
कराहतों और मोनिग से देव को और आनंद आ रहा था अभी मैं इसका मज़ा ले ही
रही थी मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने बिल्कुल जलता हुआ अंगारा मेरी चूत के
मुहाने पर रख दिया हो. यह देव का फंफनता हुआ सूपड़ा था. जिसको मैं अपनी
चूत पर महसूस कर रही थी "देव मेरे ख़सम मेरे चोदु जीजू प्लज़्ज़्ज़ मैं
जल कर भस्म हो जाऊंगी इस चूत की आग मे मैं तुम्हारे पाव पड़ती हू मेरी
चूत फार्डो चोद ओ प्लज़्ज़्ज़........" देव मुस्कुराता हुआ मेरे दोनो
पॉंदों(गांद) को सहला रहा था और मेरी गांद के छेद से लेकर चूत की ऊपरी
हिस्से यानी क्लाइटॉरिस तक लंड रगड़ रहा था. तबी देव मेरे सामने आए और
उसने मेरे बॉल पकड़ कर मेरा चेहरा ऊपेर उठाया . देव ने बड़ी ही बहरहमी से
मेरे बाल खीचे हुए थे जिससे मेरा मूह दर्द के मारे खुल गया था देव ने एक
झटके मे अपना हल्लभी लॉडा मेरे मूह मे घुसेड दिया. मुझे लगा कि मेरे होंठ
साइड से फट जाएँगे और वो जोरो से लंड पेलता हुआ मेरे गले तक जा पहुचा
मेरी साँस रुकती हुई सी लगी तो एक झटके ही मे निकाल लिया. मैं हड़बड़ा गई
थी देव मेरी इस हालत पर मुसुकुरा रहा था उसने बड़े प्यार से मेरे माथे को
चूमा और फिर होंठो को चूमा और बोला ' मेरी चुदैल रानी छीनअल्ल कैसा लगा
स्वाद. मज़ा आया कि नही. वो क्या है कि जब तक औरत तडपे नही मुझे मज़ा नही
आता. इसके बाद मैं बहुत प्यार से तुमको चोदुन्गा. चॅटो मेरा लंड एक बार"
" हाई राजा मुझे मालूम था तुम ऐसा ज़रूर करोगे मैं इंतेज़ार कर रही थी इस
वक़्त का, मेरे चोदु ख़सम आओ मैं एक बार तो क्या जिंदगी भर तुम्हारा लॉडा
चूसना चाहूँगी. और मैं आइस क्रीम की तरह देव का लंड च्छुक चूक करके चूसने
लगी जिससे वो और कड़ा हो गया देव ने सेल्फ़ पर रखी क्रीम की डिब्बी उठाई
और मेरे पीछे पहुच कर फिर से मुझे उसी पोज़िशन मे कर दिया और बहुत सारी
क्रीम मेरी चूत के छेद मे भर दी और अपने लंड पर लगा ली.... "यह क्या देव
प्ल्ज़्ज़ यह नही मैं मर जाऊंगी तुम्हारा लंड घोड़े जैसा मोटा और लंबा
है" प्ल्ज़्ज़ यह नही.. देव ने मेरी गांद के छेद मे अपनी दो उंगलियों से
बहुत सारी क्रीम घुसेड दी थी और वो उसे छेद के अंदर ऐसे फैला रहा था
(चिकना कर रहा था) जैसे किसी चीज़ पर मक्खन या लोहे पर ग्रीस लगा रहा हो'
देव ने फिर से अपना लंड मेरी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे धीरे मेरी चूत
की लंबाई की डाइरेक्षन मे लंड घिसने लगा. उसका लंड बहुत कड़क और फूला हुआ
था साथ ही गरम भी बहुत था इसलिए चूत मे लगी क्रीम के साथ बहुत अछा लग रहा
था 'मैं चुदाई की चाहत मे आई-बाई बकने लगी थी..... " तभी अचानक मेरी आँखो
मे अंधेरा छा गया और मुझे मेरी चूत मे ऐसा लगा जैसे किसी ने उबलता हुआ
लावा और कोई बहुत मोटा डंडा घुसेड दिया हो..... " अयीईयी मर गैईईइ,,, रुक
जाअ साले हरामी चूदुउउउउउउउ फट गैईईई थोड़ा तो रहम कर देता मेरे ऊपरर रा
हॅयियी भगवांन्न्न् मेरी चूत फट गेयीयीयीयियी रुक जाऊ प्लज़्ज़्ज़्ज़ अब
नहियिइ निकल लो" देव रुका हुआ था और मेरे दोनो मम्मो को मसल रहा था. मेरी
पीठ पर और गर्दन पर वेट किस्सस दे रहा था मुझे इस्मै बहुत आराम मिल रहा
था. जब कुछ साँस थमी तो मैने नीचे नज़र दौड़ाई तो मेरे मूह से "हाई
भगवान.... यह-- ई--तनाअ क्खून कहा से टपक रहा है" मेरी कई बार चुदाई हो
चुकी थी पर इस दर्द के लिए मैं से हमेशा ही तड़प रही थी." " रानी चिंता
मत करो अभी तुम को यह लंड भी छोटा महसूस होगा और मज़ा भी बहुत आएगा... यह
तुम्हारी चूत मे जाम लगा हुआ था बहुत सालों से जो मेरे लंड ने खोल दिया
आज" और वो मेरे निपल्स मरोड़ ने लगा मुझे बहुत अछा लग रहा था और बहुत
धीरे धीरे अपना लंड बाहर खीच रहा था. देव ने सिर्फ़ सूपड़ा ही मेरी चूत
मैरख छोड़ा था और बाकी पूरा लंड बाहर निकाल लिया था. देव पक्का चुड़क्कड़
था उसने लंड को वोही रोक कर मेरी गांद के और चूत के दोनो तरफ दो उंगलियो
से मालिश कर रहा था जिससे मुझे बहुत आराम मिल रहा था अब मैं भी मस्ती मे
आने लगी थी क्रमशः.........
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