RE: Sex Hindi Kahani में अम्मी और मेरी बहिन
में अम्मी और मेरी बहिन-15
मैंने उसकी मस्त गाण्ड के नीचे एक तकिया लगाया उसकी शानदार,
अनछुई चूत पर अपने होंठ रखे और फिर जीभ को इस्तेमाल करने लगा,
बुर के होंठ मोटे रस-भरे थे, अंदर गुलाबी संकरी गली दिख रही थी,
चूत पर छोटे छोटे बाल भी थे, पर मस्त लग रही थी उसकी चूत !
मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चाटने लगा,
उसकी चूत से कुछ लिसलिसा सा पानी निकल रहा था, नमकीन सा स्वाद था !
साथ ही उसकी रेशमी जाँघों को सहलाते हुए अपने हाथ ऊपर करते हुए उसकी चूचियों पर पहुँचा कर उन्हें मसलने लगा,
मैं उसके ऊपर लेट कर उसकी एक चूची मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरी मसलने लगा फिर यही दूसरी चूची के साथ भी किया.
आखिर मेरी सगी बहिन आज मुझे प्यार से अपनी चूत देने वाली थी.
नजमा कामवासना में बिल्कुल बेसुध थी,
लेकिन जब मैंने उसके होंठों पर होठ रखा तो उसे जैसे होश आ गया और उसने जोश से साथ दिया,
भरपूर चुम्बन के बाद मैंने उससे पूछा कि लंड डालूँ ..?
उसने सिसकते हुए कहा- हाँ भाईजान , मैं तड़प रही हूँ..
मदमस्त कमर, गुलाबी बदन, मुझे अब चुदाई किए बहुत अरसा हो गया था, अब बस मन नहीं मान रहा था..
आज तो चूत चोदनी ही थी, चाहे वो बहिन की ही क्यों ना हो ..
फिर मैं उसकी चूत पर अपना लण्ड रख कर अन्दर करने लगा तो बोली- पागल हो क्या..?
पहले थूक लगा दो मेरी चूत और अपने लण्ड पर ! नहीं तो दर्द होगा !
मैंने पूछा = तुम्हे केसे पता बहना ,
नजमा = में अब इतनी भी छोटी नहीं हूँ भाईजान, में भी सब जानती हूँ बस लंड ही नहीं डलवाया है इस चूत में बाकि सब किया है मैंने ..
मैंने झट से थूक अपने लण्ड और उसकी चूत पर लगाया और लंड को उसकी चूत में घुसाने लगा.
मेरा लण्ड थोडा सा उसकी चूत में घुस गया,
उसको थोड़ी तकलीफ हुई, उसने कहा- उई ईई ईए थोड़ा धीरे से करो न !
मैंने थोडा ठुक और लगाया फिर ..
मैंने लौड़े को नजमा की चूत के मुँह पर रख कर धीरे-धीरे दबाव बना कर अन्दर डालने लगा,
मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत की छेद से सटाया और सांस रोक कर जोर लगाने लगा,
पर उसकी चूत बहुत कसी लग रही थी.
तो मैंने थोड़ा जोर से धक्का लगाया तो उसकी चीख निकल गई,
लौड़े का सुपारा उसकी चूत में घुस चुका था,
उसकी सील टूट गई और खून निकलने लगा.
अब मैंने लण्ड को थोड़ा सा पीछे करके एक और जरा सा धक्का दिया,
लण्ड चूत की दीवारों को चीरता हुआ आधा घुस गया,
अब वह दर्द के मारे अपने सर को इधर-उधर मार रही थी।
मैंने अपनी साँस रोकी और लण्ड को थोड़ा पीछे करके एक और धक्का दिया तो मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया.
थोड़ी देर रुक कर मैं धीरे-धीरे लण्ड आगे-पीछे करने लगा,
नजमा की चूत का दर्द अब कम हो रहा था और उसे भी अब मजा आ रहा था.
नजमा ने मुझे कस कर पकड़ रखा था और उसके नाखून मेरी पीठ में धंस रहे थे,
पर मुझे उसकी परवाह नहीं थी, मैं बस कमर को धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा,
तो नजमा भी, “आह... आह्ह... ओह्ह... ओह्ह... फ़क मी...” चिल्लाने लगी और कमर उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी..
तो मैंने अपनी रफ्तार थोड़ी तेज कर दी,
नजमा अब कमर उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
उसे बहुत मजा आ रहा था.
वो अब ‘कम आँन- भाई जान फक मी हार्ड’ चोदो मुझे रंडी बनाकर ''कहकर मेरा साथ दे रही थी,
हम दोनों की साँसे तेज हो गई थी, ,
नजमा अ..आ… उ.. ऊ.. आ की आवाज करके मजा ले रही थी।
दस बारह लगातार झटकों के बाद जब लंड बाहर निकाला तो परर की आवाज़ के साथ चूत से हवा निकल पड़ी,
हम दोनों को हंसी आ गई,
मैंने फिर चूत को पौंछा और फिर से लंड अंदर डाल कर जोर से झटका दिया,
उस समय मेरे जोर जोर से उछलने से एक बार तो ऐसा लग रहा था कि बेड ही टूट कर गिर जायेगा.
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में दबा दिया।
उसने कहा- थोड़ा रुक जाओ, अभी थोड़ा दर्द हो रहा है, लण्ड को अन्दर ही रहने दो !
फिर दो मिनट के बाद उसने कहा- अब करो !
उसे थोड़ा दर्द हो रहा था। फिर मैं उसकी चूत में लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा।
वो भी नीचे से अपनी गाण्ड हिला-हिला कर मेरे लण्ड के ठुमकों को जवाब दे रही थी।
मस्त चुद रही थी वो !
उई ई ई ई ई ई आ आ आह्ह उफ्फ की आवाजें निकल रही थी उसके मुँह से !
कभी कभी मेरी पीठ पर अपने नाख़ून भी गड़ा देती !
वो पूरे जोश में चुदवा रही थी मेरे नीचे लेट कर मजे से !
उसने कहा= हई ई ई मजे से चोदोभाके ईजान !
कितने सालो के इन्तजार बाद मिला है लण्ड !
मजे से जोर-जोर से चोदो मुझे !
वो फिर जोर जोर से अपनी कमर हिलाने लगी,
मेरे लण्ड को धक्के मारने लगी,
पूरी मस्ती में थी वो, कह रही थी- जोर से चोदो ! जोर से ! और जोर से !
मैं भी जोर जोर से चुदाई कर रहा था उसकी, मुझे भी बहुत मजा जा रहा था।
अब वो पूरी मस्ती में थी,
बाद में हमने पोजीशन बदली, अब वो ऊपर थी और मैं नीचे,
नजमा अब मुझे चोद रही थी जेसे वो गजब की घुड़सवार साबित हो रही थी,
अचानक उसकी रफ़्तार तेज हो गई अब मैं भी मन्जिल के करीब पहुँच रहा था.
अब वो कुतिया सी बनी हुई थी और मैं उसकी कमर पकड़े जोर जोर जोर से उसे चोद रहा था.
हाल में जैसे गर्म बेतरतीब सांसों का तूफ़ान आ गया और उसकी उत्तेजक सिसकारियों के साथ हमारे संगम की फच्च-फच्च की आवाजें आग भर रही थी.
वो चरम पर पहुँचने लगी तो जोर जोर से किसी रांड की तरह गन्दी गन्दी गलियों के साथ मुझे उकसाने लगी,
मैं और भी उत्तेजित होकर उसके साथ ही गालियाँ बकते हुए उसे और तेज़ चोदने लगा..
"निकलने वाला है ! अंदर ही छोड़ दूँ?" मैंने टूटती आवाज़ में पूछा।
"नहीं, मेरे मुँह में दे दे !" नजमा बोली और मुड़ कर मुँह खोल के बैठ गई,
पिचकारी निकालने में मेरी मदद करने लगी,
थोड़ा वीर्य पी गयी थोड़ा थूक के साथ अपने मम्मों पर गिरने दिया, चूस कर मेरा लंड साफ़ किया..
फिर नजमा ने मुझे अपनी चूत दिखाई और बोली = भाई इसका भी पानी पियो ना ..
में अब नजमा की चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था ..
करीब 4-5 मिनिट बाद ही अचानक ही उसने मुझे कस कर पकड़ लिया जैसे निचोड़ डालेगी..
फिर नजमा ने मेरा सर बुरी तरह से अपनी चूत में दबा दिया ..
नजमा की चूत ने भी अपना पानी मेरे मुंह में ही छोड़ दिया ...
में जब अपनी बहिन को चोद रहा था तो मदीना बाहर चली गयी थी,
अब नजमा बेड पर बेठ कर अपनी चूत को देख रही थी,
वो थोड़ी उदास थी अपनी चूत देख कर ..?
उसकी चूत हलकी सी खुल गयी थी .
तभी मदीना अंदर आ गयी...
नजमा मदीना से बोली = आजा रंडी अब तेरी बारी है गांड में लंड लेने की ..
तभी फोन बज गया .
मैंने फोन उठाया फोन अम्मी का था.
अम्मी ने फोन उठाते ही अम्मी ने शिकायत की, फोन नही करता है मेरा राजा बेटा कोई दूसरी लैंड चूसने वाली मिल गयी क्या मेरे बेटे को……
मैंने कहा = नहीं अम्मी, कोई नहीं मिली है,
अम्मी = झूठे , कहीं नजमा की चूत में तो अपना लंड नहीं डाल दिया,मेरे बेटे ने,अपनी बहिन को तो नहीं चोद डाला...
में = नहीं अम्मी आप पागल हो गयी हो क्या ...
अम्मी = तो मुझे याद नहीं किया, बुआ को चोद रहे हो या नहीं..?
(अब में अम्मी को क्या बताता की किस किस को चोद रहा हूँ )
में = नहीं अम्मी बस आपकी ही याद आ रही है,(तभी नजमा मेरे पास आ गयी)
अम्मी = मुझे भी तेरी बहुत याद आ रही है साहिल कितना मज़ा कर रहे है ,
हम दोनों यहाँ पर कितनी लडकिय है चोदने को काश तू आता तो हम तीनो मज़ा करते मेरे बेटे...
साहिल यहाँ तो जन्नत का नज़र ही है..
मेरे बेटे (अम्मी की आवाज बिलकुल धीमी हो गयी) तेरे लंड की बहुत याद आ रही है..
नजमा मेरे पास आगयी थी, फोन की बाते उसको भी सुनाइ पड़ रही थी,
अम्मी से इस तरह बात करते देख वो हेरान थी,
तभी में (नजमा को सुनकर अम्मी से बोला) अम्मी मेरा लंड बहुत तडफ रहा है किसी चूत के लिए,
कोई चूत बताओ ना, ये बोल है मैंने फोन को हैण्ड फ्री कर दिया.
अम्मी = बेटा तेरी बहिन अब जवान हो गयी है इससे पहले की कोई उसकी कंवारी चूत में अपना लंड डाले,
तुम ही चोद डालो उसको ..
में = अम्मी पर अगर नजमा नहीं मानती है तो क्या करूँ ...?
अम्मी = साहिल तुम भी कोई भी लड़की हो, चूत में खुजली होती ही होती है,
उसको कोई सेक्सी फिल्म दिखाकर चोद डाल मेरे बेटे, फिर हम चारो घर में खुलकर सेक्स का मज़ा लेंगे बेटे,
और हाँ ले तेरे भाईजान से बात कर ना ..
नजमा मेरे पास ही खड़ी थी,ये सब सुन कर वो थोड़ी परेशान सी हो गयी..
भाईजान फोन पर आये हमने दुआ स्लाम की,
भाईजान = साहिल तुम नजमा को पटाकर चोद लो,में भी उसकी चूत चोदना चाहता हूँ मेरे भाई,
(मैंने फिर से हैण्ड फ्री चालू कर दिया) अम्मी भी नजमा के साथ लेस्बो सेक्स करना चाहती है,
यहाँ आकर तो अम्मी बिलकुल ही पागल हो गयी है, हर टाइम सेक्स सेक्स ही करती रहती है,
कल तो दो फिरंगियों के साथ गयी थी,करीब चार घंटे चूदी उनसे वापस आई तो ढंग से चला भी नहीं जारहा था,
अम्मी की गांड भी मारी उन्होंने और अभी अम्मी ने उन दोनों और उनकी लोवर को यहाँ बुलाया है,
सब मिलकर एक साथ सेक्स का मज़ा लेंगे,और इनसब का विडिओ भी बनायेंगे..
नजमा ये सुनकर हेरान ही थी की में उसे अपनी बांहों में ले लिया,वो मेरी बांहों में आ गयी,
भाईजान बोल रहे थे = साहिल यहाँ हर और रंडिया ही रंडिया है , हर उम्र की रंडिया, परसों मैंने भी एक रंडी बुलाई थी .
क्या बताऊ मेरे भाई करीब 23 साल की ही थी बिलकुल अपनी बहिन नजमा की तरह लग रही थी,
अम्मी और में और वो पहले तीनो ने शराब पी फिर हमने सेक्स किया,अम्मी तो उसको नजमा नजमा ही बुला रही थी,
करीब तिन बार मेरे लंड ने पानी छोड़ा था,और अम्मी तो उसकी चूत और गांड जेसे काटकर ही खाना चाहती थी..
बहुत मज़ा आ रहा है भाई,
तुम भी नजमा को चोद लो....
भाई ..
अब रखता हूँ चोदने का वक्त हो गया है .. ये कहकर भाईजान ने फोन रख दिया..
मैंने नजमा की आँखों में देखा, वो सेक्स के मारे लाल हो रही थी,
नजमा = भाईजान क्या तुमने अम्मी के साथ भी ....
में = हाँ नजमा, क्या हुआ तो, नजमा सेक्स कोई गुनाह नहीं है,
नजमा = पर भाई सगी अम्मी को चोदना क्या सही है,
में = नजमा क्या तुम सेक्स को गलत मानती हो,
नजमा = भाई मुझे ये अजीब लग रहा है, क्या रहमान भाई भी अम्मी को चोद...मतलब वो करते है क्या,
(अब नजमा मेरे सामने खुल रही थी और में भी उसको और खोलना चाहता था )
में = हाँ नजमा में और भाई जान दोनों मिलकर अम्मी की गांड और चूत एक साथ में हो मारते है..
नजमा = अम्मी की भी गांड लेते हो आप बड़े गंदे हो भाई, तभी मैंने उसकी नंगी चुन्चिया पकड़ ली.
नजमा जोर से चीखी, मैंने उसको छोड़ दिया ,तो वो हंस पड़ी और बोली = डर गए क्या भाई ,,,?
में समझ गया की मेरी छोटी सी बहिन अब बड़े बड़े लंड से खेलना चाहती है,
तभी मदीना अंदर आ गयी, वो आइस क्रीम ले कर आई थी,
में और नजमा अब भी नंगे ही थे जबकि मदीना ने ब्रा पेंटी डाल ली थी,
मेरा लंड हल्का हल्का खड़ा था,मदीना मेरे लंड की तरफ देख रही थी,
तभी नजमा बोली = भाई क्या आपने कभी गर्म आइस क्रीम खाई है क्या...?
में = नहीं नजमा कभी नहीं ये केसी होती है,बहना बताओ ना ..
नजमा हंसने लगी, और मदीना भी,
नजमा = मेरे पास तो गर्म आइस क्रीम की फेक्ट्री है भाई,
ये देखो, नजमा अपनी चूत को दोनों हाथो से पकड़ कर छोड़ी करके दिखने लगी,
तभी मदीना ने उसमे आइस क्रीम लगादी और चाटने लगी..
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