RE: Sex Hindi Kahani में अम्मी और मेरी बहिन
में अम्मी और मेरी बहिन-14
उफ्फ अल्लाह फिर मदीना ने अपनी जुबान यानी की जीभ से मेरी बहिन की गांड चाटना शुरू किया ...
अल्लाह नजमा किसी विदेशी ब्लू फिल्म की तरह मदीना की गांड चाट रही थी,
दोनो गरम थीं और तभी मैने महसूस किया कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है....।
मेरा ट्राउजर तन गया था और मेरा लंड उत्तेजना के मारे ऐंठ रहा था..।
पर में ये सब देखना चाहता था इसलिए खामोश रहा पर में अपना मोबाइल निकला और ये सब का विडिओ बनाने लगा.
मदीना बहुत ही मज़े ले लेकर मेरी बहिन की गांड चाट रही थी ,,
ये देखकर मुझे जमीला की याद आ गयी,
मेरी भी गांड में कुछ कुछ होने लगा ...
काश कोई लंड मेरी गांड में जाता पर अभी तो दो दो चूत और दो दो गांड मेरे लंड के सामने थी
तभी नजमा का फोन बजा,
नजमा = अम्मी का लोडा भोस्डी वाला किसका फोन है इस टाइम ..
मदीना = बेबी देख ही लो ना tab तक में पेशाब करके आती हूँ मेंरी रानी ,,,
नजमा फोन की तरफ गई और फोन पर बात करने लगी , वो उसकी कोई दोस्त का फोन था ..
मदीना बाथरूम की तरफ आई में उसी के पास ही आड़ में था ..
जेसे ही वो मेरे पास आई मैंने जल्दी से उसका मुंह बंद किया,
और मदीना के कान में धीरे से बोला = क्या हाल है मेरी छमिया ,,बड़े मज़े कर रही हो मेरी बहिन के साथ...
मदीना उछल हई पड़ी पर मैंने उसे सख्ती से पकड़ रखा था ..
मैंने उससे धीरे से कहा की आज मुझे तुम दोनों की चूत चाहिए ..
मदीना न न करने लगी तभी मैंने उसे बाथरूम में धकेला और में भी बाथरूम में गया ..
बाथरूम अंदर से लॉक किया और मदीना को वो विडिओ दिखाया जो मैंने अभी अभी बनाया था .
मदीना विडिओ देख बुरी तरह से हिल गयी और वो मेरे पैर पकड़ने लगी और कहने लगी की में उसको चोद लू पर वो विडिओ डिलीट कर दूँ ,
मैंने उससे धीरे से कहा की आज मुझे तुम दोनों की चूत चाहिए ..
में अपनी बहिन की चूत और तेरी गांड दोनों एक साथ चोदना चाहता हूँ ,
मदीना हेरत से मुझे देखने लगी,
मदीना बोली = ये क्या कह रहे हो साहिल वो आपकी सगी बहिन है..
में = तो क्या हुआ जब तेरे सगे अब्बू तुझे चोद सकते है तो में अपनी बहिन को क्यों नहीं चोद सकता हूँ.
ये सुन कर मदीन सोच में डूब गयी.
में फिर बोला = इन सब में तेरा भी भला है मदीना तेरी चूत भी प्यासी नहीं रहेगी और में तुझे पैसे भी दूंगा..
मदीना चुप थी में समझ गया की गाड़ी लाइन पर ही है ..
मैंने मदीना के बूब चूमें और उसकी नंगी चूत पर अपनी जीभ लगा दी मदीना सिसक पड़ी ,पर मेरे पास टाइम नहीं था,
आज में नजमा की चूत को चोदना चाहता था,
किसी भी कीमत पर ..
तभी बाथरूम का दरवाजा बजा,
बहार नजमा थी.
नजमा = मदीना खोल न दरवाजा मुझे भी पेशाब करना है साली रंडी अभी तो नंगी मेरे साथ थी अब शर्मा रही है.
बेचारी नजमा उसको क्या पता था की आज उसके साथ क्या होने वाला है,
मैंने जल्दी से मदीना को समझाया की वो मुझे नजमा को चोदने में मेरी मदद करे,
मदीना ने हामी भर दी..
दरवाजा फिर बजा में दरवाजे के पीछे हो गया और मदीना ने दरवाजा खोला ,
नजमा सीधी अंदर आई उसने मुझे नहीं देखा था,
आते ही क्मोड पर खड़ी खड़ी ही पेशाब करने लगी और कहने लगी= मदीना आ न मेरा पेसाब पी ना..
मदीना उसके सामने बेथ गयी और उसकी कंवारी चूत से मुंह लगा लिया और धीरे धीरे नजमा का पेशाब पिने लगी.
में धीरे से उसके पीछे गया और नजमा को पीछे से दबोच लिया,
इस हमले से नजमा हडबडा गयी और चीखने लगी पर मैंने जल्द से उसका मुंह बंद किया और मदीना भी खड़ी हो गयी.
वो भी नजमा को दबोच रही थी ,
नजमा मेरी और देख कर कुछ धीमी पड़ी और मुंह से गु गु करने लगी,
मदीना और नजमा दोनों ही मादरजात नंगी ही थी..
मैंने नजमा को पीछे से पकड़ रखा था नजमा की मस्त गंद मेरे लंड से टच हो रही थी,
पेंट के अंदर से ही मेरा लंड बहार आकर नजमा की गांड में तूफान मचने को मचल रहा था .
तभी मदीना नजमा के सामने बेठ गयी और नजमा की नंगी चूत को चाटने लगी,
नजमा पहले से ही उतेजित तो थी ही,
मदीना के यूँ चूत चाटने से वो सिसकिय भरने लगी और में भी उसकी मस्त और कसी हुई चुन्चिया दबाने लगा था ..
तभी मदीना खड़ी हो गयी और नजमा के मुंह से मुंह मिलाकर लिप्प किस करने लगी अब नजमा ने मचलना छोड़ दिया था.
तभी मैंने अपनी पेंट और कमीज निकल दी..
कपडे खुलते ही मेरा लौड़ा पूरा टनटना रहा था और मैंने जल्दी से अपना लंड अपनी बहिन नजमा की गांड से सटा दिया .
मेरे हाथो में मेरी प्यारी बही के बूब थे जो की काफी बड़े थे,
मैंने नजमा की कमर पकड़ ली,
मदीना ने अपने हाथ से मेरा लण्ड नजमा की गांड के मुँह पर लगा लिया और बोली- अब तेजी से धक्का मारो साहिल !
मैंने बिना देर किये उसकी कमर पकड़ कर उठाया और एक तेज झटके में लण्ड को गांड के छेद में डाल दिया ,
नजमा चीख पड़ी पर मदीना ने जल्दी से उसके मुंह पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लड़ी नजमा की गांड कोई कंवारी तो थी नहीं ..
इसलिए मेरा लंड जल्द ही गंद के छोटे से छेद के अंदर चला गया ,
नजमा की गांड में वाकई एक अनोखा मज़ा था !
मैंने उसकी चूचियां पीछे से पकड़ राखी थी, नजमा की आँखों में आंसू आ गए थे पर में आज तरस खाने के मुड में नहीं था..
मेरा लंड नजमा की गांड की सेर कर रहा था,
तभी मदीना मेरे पीछे आ गयी और पीछे से मेरी गांड का छेद अपनी जीभ से चाटने लगी उफ्फ क्या मज़ा था,
क्या मज़ा था दोस्तों मेरा लंड मेरी सगी बहिन की गांड के अंदर बाहर हो रहा था और मेरी खुद की गांड को एक सुन्दरी चाट रही थी,
वह क्या बात थी इस तरहा का सेक्स पहली ही बार कर रहा था में ,
अब में ने देर ना करते हुए नजमा को कुतिया की तरह झुकाया और दे दनादन गंद में लंड ठोकने लगा,
तब तक नजमा भी सही हो चुकी थी तभी मादिना ने मुझे रोका और मदीना ने हमें बिस्तर पर चलने को कहा,
मैंने नजमा की गांड से जेसे ही लंड निकाला सैट की आवाज आई ..
फिर हम तीनो बिस्तर पर आगये ,
मैंने नजमा को फिर कुतिया बनने को कहा पर तभी मदीना ने रोका,
फिर मदीना पहले निचे सो गयी ,उसने नजमा को अपने उपर आने को कहा,
अब सीन ये था की मदीन सीधी सोई हुई थी और नजमा उसके उपर उलटी सो गयी,
मतलब दोनों 69 की पोजीशन में थी,
फिर मदीना ने मुझे नजमा की गांड में लंड डालने को कहा,
अब में नजमा की गांड मार रहा था और नजमा और मदीना एक दूजे की चूत से खेल रही थी,
नजमा के मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी, पूरा कमरा उनकी आवाज से गूंज रहा था,
में सटा सट नजमा की गांड में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा,
सुबह से मेरा लंड खड़ा ही था तो ज्यादा देर न करते हुए मेरा लंड झड़ने लगा मेरी प्यारी बहिन की गांड में मेरे लंड का पानी निकल गया,
उह उहाआ आआआआआह ''आआयययययययीीईईईईईईई .........अहह उम्म्म्मममममममम''.
करते हुए मैंने अपना पानी नजमा की मस्त गांड में छोड़ दिया,,
में और नजमा दोनों ही थक गए थे ,
दोस्तों एक बात तो है की चूत मारने से ज्यादा थकावट गांड मारने में होती है..
में हांफने लगा था जबकि नजमा सुबक रही थी,
मदीना उसको समझा रही थी,
मदीना (नजमा से )= रो मत नजमा, इस दुनिया में सगे भाई से बढ़ कर कुछ नहीं होता है,
देखो एक दिन कोई अनजान आदमी तेरी चूत और गांड का मालिक बन जायेगा,
ये तो तुम्हारा सगा भाई है इसका तो तेरी हर चीज पर हक है नजमा,और इसका तना हुआ लंड देखो ना,
तुम ही तो बोलती हो ना की बड़े लंड से चुदना या गांड मरवाना बड़े ही मज़े की बात है तो फिर ये रोना क्यों नजमा..
नजमा सिसकते हुए = मदीना लेकिन इतने बड़े लंड से बिना चिकने गांड मरवाना कितना दर्द भरा काम है रे ,
क्या तूने इतना बड़ा लंड अपनी गांड में लिया है क्या कभी, तेरे अब्बू का तो तू बता ही चुकी है की, बस चार इंच का ही है..
*
मदीना = पागल तो क्या मैंने सिर्फ अपने अब्बू का ही लिया है तुझे मैंने बताया था न की मेरे अब्बू मुझे दुसरे लोगो से भी चुद्वाते है,
एक दिन मेरे अब्बू मुझे एक सरदार के पास ले गये थे उस सरदार ने मुझे छोड़ने के 5000/- दिए थे,
नजमा उस सरदार का लंड पुरे दस इंच का था और उसने न सिर्फ मेरी चूत मरी बल्कि मेरी कोमल और मुलायम गांड भी माँरी थी,
*
नजमा = में नहीं मानती हूँ,की तुमने अपनी गांड में किसी का लंड लिया है,अगर लिया है तो मेरे भाईजान का भी लेकर बताओ फिर में मानूंगी.
*
में भी बोल पड़ा = मदीना क्या तुमभी बस फेंकती हो दस इंच का लंड तो क्या तुम मेरा ये सात-आठ इंच का लंड भी अपनी गांड में नहीं ले सकती हो,
मदीना बोली =अगर ले लिया तो क्या करोगे तुम दोनों ,
में = बोलो क्या करना है,
मदीना = मानोगे क्या..
नजमा = हाँ हाँ क्यूँ नहीं मदीना बोलो तो सही..
मदीना = तो फिर सुनो नजमा साहिल में तुमसे गांड और चूत मरवाने को तैयार हूँ,
पर मेरी एक शर्त है की तुम पहले मेरे सामने ही अपनी बहिन की चूत में अपना लंड डालो..
नजमा = मदीना ये क्या कह रही हो तुम साहिल मेरे भाई जान ह..
में = नजमा अब तुम दो बार अपनी गांड मरवा ही चुकी हो तो चूत भी मरवा ही लो ना ...
नजमा = नहीं भाईजान आप मेरे भाई हो और मेरी चूत मेरे शोहर के लिए अभी तक बचा कर रखी हुई है,
हाँ आप चाहो तो मेरे मुंह को चोद सकते हो भाई जान..?
मदीना = क्या बच्चियों जेसी बात कर रही हो नजमा, चूत चुदवाने से घिस थोड़े ही जाएगी,
इसी उम्र में ही तो सेक्स का मज़ा लिया जाता है बेबी, और तेरे भाईजान जेसा लंड तो तुझे पता नहीं कहीं मिलेगा की नहीं,
इसके लंड में वो कशिश है की कोई भी चुदवा ले बेबी.
ये कहकर मदीना मेरे सामने बेठ गयी,और सट से मेरा सिकुड़ा हुआ और मेरे पानी और नजमा की गांड के पीलेपन से पीले हुए
लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी किसी आइस क्रीम की तरह,,
मेरा लंड धीरे धीरे फिर से खड़ा होने लगा .
मदीना = नजमा आ ना तेरे भाईजान का लंड चूस ना..कितना रसभरा है,
आ ना देख तो सही अब गांड मरवा ली है तो लंड का चूस कर मज़ा तो ले ना बेबी ..
नजमा = नहीं मदीना इससे कहीं बच्चा ठहर गया तो ..
में = नजमा लंड चूसने से बच्चा नहीं होता है बहिन लंड का पानी चूत में जाने से बच्चा होता है...
मदीना = नजमा आ ना क्यों नाटक करती है बेबी आ जवानी का मज़ा ले ना आज तो तेरे अब्बू भी नहीं आने वाले है,
वो कल सुबह ही आने वाले है,
में = आओ ना नजमा आओ प्लीज़ मेरी प्यारी बहिन अपने भाई के लंड को लुत्फ़ दो ना अपने मुंह का ..
नजमा = पर आप मेरी चूत तो नहीं फाड़ोगे भाई जान ..?
में = नहीं आब आ भी जा ना बहिन ..क्यों तद्फई हो मेरे लंड को ..
नजमा मेरे सामने मेरे पाँवों के बीच में बैठ गई, और अपने मुलायम हाथो में मेरा खड़ा लंड थम लिया,
तभी मदीना ने उसको मेरे लंड की तरफ धकेला मेरा लंड उसके गालो से टकरा गया..
नजमा मुस्करा दी , में समझ गया की आज मुझे अपनी बहिन की कच्ची चूत मिलने ही वाली है..
तभी मदीना ने मेरा लंड नजमा के मुंह में डाल दिया,
वह क्या मस्त होंठ थे मेरी बहीन के पतले पतले नजमा ने मेरा लंड का सुपारा अपने मुंह में लिया,
वह कयामत ही थी मेरी बहिन की लंड चुसाई,
तभी मदीना मेरी बहिन के पीछे गयी और पीछे से हाथ डाल कर नजमा के बूब दबाने लगी,
नजमा मस्ती में आ गयी थी वो धीरे धीरे मेरा लंड चूस रही थी,
में उसके गालो पर अपने दोनों हाथ रखे हुए था,
मैंने लंड उसके मुख में ठूंस दिया,
उसके बदन से मस्त परफ़्यूम की सुगंध आ रही थी,
जिससे मैं और भी मोहित हो रहा था,
नजमा मेरा पूरा लंड मुँह के अंदर बाहर करने लगी,
लंड के ऊपर उसका सीधा हाथ चलने भी लगा था,
वह एक साथ मुझे चुसाई और हस्तमैथुन का मजा दे रही थी,
वो जिस तरह से लंड चूस रही थी,
उससे तो ऐसा लग रहा था कि उसकी भरी हुई जवानी का राज लंड की प्यास और चुदाई ही था,
मैंने लंड को उसके मुख से बाहर निकाला,
जिसके ऊपर अब मुँह की लार से चिकनाहट की अलग ही परत लगी हुई थी,
मेरा लंड चमक रहा था, ऐसे हिल रहा था,
वह चुदाई के लिए तीव्र झंकार कर रहा था और नजमा भी सिसकने लगी थी तभी मदीना ने नजमा को खड़ा किया,
नजमा को खड़ी करके मदीना ने नजमा के पीछे से गांड में अपनी जीभ घुसा दी,
मैंने भी नजमा की चूत पर अपनी जीभ लगा दी.
अब सीन ये था की नजमा खड़ी हुई थी और मैं और मदीना उसके आगे पीछे बेठे थे ,
हम दोनों तरफ से उसकी चूत और गांड को अपनी जीभ से चोद रहे थे,
अब नजमा की हालत देखने लायाक्क थी .वो सिसक भी रही थी..
अब वो कामाग्नि में थिरक रही थी- अब नहीं सहा जाता...
नजमा की सिसकारियाँ गहरी होती चली गईं- आआहह... आआहहहह..
तभी नजमा ज़ोरों से मेरा लंड चूसने लगी और बोली- अब से यह लंड मेरा.. और मेरी चूत तेरी मेरे भाई जान ...
आओ चोदो मुझे फाड़ दो मेरी कंवारी और चिकनी चूत मेरे भाईजान आओ अब मुझे चुदना है आपसे ...
ये कहते हुए नजमा खड़ी हो गयी और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी ..
अब उससे रहा नही गया,
वो बेताबी से मेरा लण्ड पकड़ पर दबाने लगी और फ़िर अपने मुँह में लेकर चूसने लगी जैसे कोई आइसक्रीम चूसता है..।
मुझे बहुत मजा आ रहा था कसम से ! मैंने कहा- छोड़ो, नहीं तो तुम्हारे मुँह में ही मेरा गिर जाएगा.. !
उसने छोड़ दिया और कहा- जल्दी से चूत में घुसाओ भाईजान ! अब बर्दाश्त नहीं होता !
मैंने कहा- रुको ! थोडा सब्र कर बहना ...
मैंने उसे अपने करीब खींच कर उसके होंठों पर होंठ रख दिये,
वह मुझसे बेल की तरह लिपट गई,
मैंने उसे बेड पर सीधा लेटा दिया..
मैंने उसके तलवों को चाटने से शुरु किया और बारी-बारी से उसकी चिकनी और रेशमी जाँघों तक पहुँच कर चूमता-चाटता रहा,
नजमा के मुँह से आहें निकल रही थी,
उसकी छोटी झांटों वाली चूत चाटने लगा,
फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसकी संगमरमरी चूत को उंगली से चोदने लगा,
उसकी चूत एकदम कसी थी, अनचुदी कली थी..
और में उसके पेट पर बेठ गया .. साथ ही मैं अपने दोनो हाथों से उसकी चूचियाँ दबाता रहा और उसके निप्पल पर चुटकियाँ काटता रहा..
उसके रसीले होंठों से उसकी जवानी का रस चूसते हुए मैंने उसकी चूचियों और कूल्हों को खूब मसला.
उफ़ क्या चुचिया थी , गोल मटोल कठोर और निप्पल नुकीले..
अभी उसकी काली झाँटें ही नहीं उगी थी, बस भूरे भूरे रोम से थे.
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शानदार !
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