RE: Sex Hindi Kahani में अम्मी और मेरी बहिन
में अम्मी और मेरी बहिन-12
हाँ तो दोस्तों फिर में घर चला गया,अम्मी और भाईजान बेकोग जा चुके थे,
घर पर नजमा और में ही अब्बू रात को कब आये कोई पता नहीं था,
घर पर समझिये में और नजमा ही थे या मदीना थी,
मेरे लंड के मज़े हो गए थे,,
जमीला का लंड अपनी गांड में लेने के बाद मेरी गांड में कुछ कुछ हो रहा था.
खुजली जेइसा...पता नहीं क्यों मुझे दर्द में भी मज़ा आया जमीला से अपनी गांड मरवाके .
खेर ये आगे अभी घर पर पहुँच गया.
अंदर हॉल में नजमा tv देख रही थी,
मुझे देख कर वो मुस्करा गयी में भी मुसकुराया.
फिर मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया,
पर नजमा मेरी बांहों से निकल गयी..
मैंने दोड़ कर पीछे से पकड़ लिय, मेरा लंड उसकी गांड पर लग गया और मेरे दोनों हाथ उसके बूब दबाने लगे,
तभी नजमा बोली=भाई प्लीज छोडो ना'''''
मैंने कहा- नजमा अपनी चूत मुझे दो ना ,,
नजमा बोली- भाई जान मुझे छोडो ना ,अम्मी कहकर गई है कि तुम्हें में अपने हाथ की चाय पिलाउ,
मैं बोला- नहीं मैं पहले नहाऊँगा, फिर चाय पिऊँगा,
वो बोली- ठीक है, मैं आपको नहाने के बाद चाय बना कर दे दूँगी,
मैंने कहा- ठीक है,
मेरे मन में अभी तक कुछ भी गलत ना था, मैं नहा कर निकला और थोड़ी देर में नजमा मेरे रूम में आ गयी ,
मैं उसे देखता रह गया क्योंकि वो अब एक मैक्सी पहन कर आई थी ,
जबकि थोड़ी देर पहले वोसलवार सूट में थी ,उसके इस बदले रूप से मुझे लगा कि नजमा भी वही चाहती है ,
जो मैं चाहता हूँ,
नजमा बोली- चाय बना दूँ?
मैं जैसे सपने से जागा और कहा- हाँ, अब बना दो, मैं नहा चुका हूँ,
नजमा रसोई में चाय बनाने चली गई,
मैं अब अपने ही काबू में नहीं था, मैंने सोच लिया अगर उसको बुरा लगे तो लगे और मैं किचन की तरफ चल दिया,
मैं आपको बता दूँ ,की नजमा का फिगर 32-28-24 होगा,
मैंने पीछे से उसको देखा उसके चूतड़ मस्त लग रहे थे,
मैंने आगे बढ़ कर उसकी कमर पकड़ ली और उसके मम्मों पर हाथ रख दिया,
‘उफ्फ्फ्फ़’... इतने बड़े और नर्म और गर्म मम्मों की मैंने कल्पना तक नहीं की थी..
नजमा चिल्लाई- ये क्या कर रहे हो?
मैं बोला- जानेमन, मैं आज रुकने वाला नहीं हूँ, मुझे करने दो जो मैं चाहता हूँ,
वो बोली- साहिल भाई, तुम गलत कर रहे हो,मेरी गांड में अभी भी दर्द हो रहा है भाईजान ..
पर मुझे अब मेरी सगी बहिन की चूत चोडनी ही थी ,
मैंने फिर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, वो चीखना चाहती थी ,
पर मैंने उसका मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया,
मैं उसके उरोजों को सहलाने लगा,वो मना करती रही पर मैं अपना काम करता रहा,
मैंने हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया,
हुक खुलते ही उसके बड़े और सेक्सी मम्मे मेरे हाथों में थे..
‘या अल्लाह !!!’ मैं अपनी किस्मत पर नाज़ कर उठा कि इतने सेक्सी,
सुन्दर मुखड़े और सेक्सी बदन की मलिका अब मेरी लंड की गुलाम है..
शुरू से ही मुझे बड़े-बड़े और नर्म मुलायम मम्मे बहुत अच्छे लगते हैं..
उसके ऊपर चढ़ कर उसके मम्मे चूसने लगा..
वो “अह्ह्ह...ओह्हह्ह...सीईईए...”करने लगी..
इतनी धीरे कि सिर्फ मेरे कानों तक ही पहुँच रही थी..
मैंने दुबारा उसके होठों से शुरुआत की, थोड़ी देर तक उसके शहद से भरे होठों को चूसा..
उसकी जीभ, फिर नीचे आ कर उसकी गर्दन को चाटा,
फिर उसके अंगूर के दाने के आकार के चुचूकों को होठों में लेकर कम से कम 15 मिनट तक चूसता रहा...।
मुझे आज बहुत ख़ुशी हो रही थी कि जिस लड़की को मैं इतना पसंद करता हूँ आज वो मेरी बाँहों में है,
वो दबी जुबान से कहने लगी- प्लीज मुझे छोड़ दो..
मैंने कहा- देख कभी किसी से चुदना तो तुझे है ही,
इससे तो अच्छा है कि तू मेरा साथ दे और खुद भी मजे ले और मुझे भी दे,
मैंने उसकी मैक्सी ऊपर कर दी और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बोबे सहलाने लगा,
अब उसका विरोध कुछ धीमा पढ़ रहा था, वो सिसकारियाँ ले रही थी,
मैंने फिर उसकी मैक्सी को हटा दिया, अब वो भी मेरा थोड़ा-थोड़ा साथ दे रही थी.
वो अब मेरा मुँह अपने बोबे पर दबा रही थी, कुछ देर बाद वो ज्यादा गरम हो गई,
मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और जबरदस्त तरीके से चूसने लगी,
और एक हाथ से मेरे लण्ड को जोर-जोर से हिला रही थी..
मैंने उसकी ब्रा उतारकर उसके बदन से अलग कर दी और उसके नंगे संतरों को मसलने लगा,
वो आनन्द भरी सिसकारियाँ ले रही थी..
मैंने अपने होंठों से उसके एक मम्मे के चुचूक चुभलाना शुरू किये और दूसरे हाथ से मैं उसके दूसरे मम्मे को दबा रहा था,
मुझे बोबे चूसने में बहुत मजा आया।,
वो भी गर्म होकर मेरा मुँह अपनी चूचियों में दबाने लगी, उसको गर्म होते देख मैंने उसकी पेंटी हटानी चाही..
लेकिन उसने मना कर दिया और बोली- शादी के बाद मेरा पति क्या सोचेगा भाईजान ?
प्लीज मुझे चोदना मत, आपने मेरी गांड मारी तो भी मैंने किसी को नहीं बोला था .
पर चूत नहीं चोदना मेरे भाई जान..
मैंने उसकी बात मानते हुए कहा- मैं तुझे चोदूँगा नहीं बस तेरी चूत चाटूँगा...बहिन ..
फिर उसने मेरी टी-शर्ट भी निकाल दी और मेरी छाती पर काटने लगी..उसने जगह-जगह अपने दांत गड़ा दिए,
हम दोनों एक-दूसरे को बुरी तरह से चूम रहे थे,,
मैंने भी उसकी कमीज निकाल दी और फिर उसका नाड़ा भी खोल दिया,
अब वो केवल ब्रा और पैन्टी में रह गई थी, गुलाबी ब्रा और पैन्टी में, वो बिल्कुल कटरीना लग रही थी..
मैंने उसे पकड़ कर नीचे लेटा दिया और उसके शरीर को बुरी तरह से चूमने लगा..
वो मान गई और फिर मैंने उसकी पेंटी उसके बदन से अलग कर दी.
उसकी चूत देखकर मैं होश में नहीं रहा,
मैं भी अपना कण्ट्रोल खो बैठा और उसे जोर-जोर से चूमने लगा, हम दोनों के मुँह से ‘आह-आह’ की आवाज आ रही थी..
अपना आपा खो कर मैं टूट उसकी चूत पर पड़ा और उसकी बुर को चाटने लगा..
मैंने भी कई जगह अपने दांत गड़ा दिए थे..
मेरी बहन के मुँह से एक आनन्द भी चीख निकल गई और उसने मुझे जानवर कहा..
नजमा बोली- देखो भाई, तुम एक जानवर की तरह से हरकत कर रहे हो,
देखो तुमने कैसे मेरी चूत को चाट कर गुदगुदा दिया और काट लिया, मुझे दर्द हो रहा है..
जैसे उसने अंडरवीयर खींचा, मेरा बड़ा मोटा सांवला लण्ड देख उसका मुँह खुला रह गया,
मेरे लण्ड को मसलने के लिए पकड़ा तो पागल हो गई,
"क्या हुआ?" नजमा मेरी प्यारी बहिन ..
"इतना बड़ा औज़ार? कैसे पाला है इस शेर को?" कह कर वो चूमने लगी..
में ="क्यूँ पहले कभी कोई लण्ड नहीं देखा?" नजमा ..
नजमा हंसी और बोली
"नहीं पहली बार है, ऐसा लण्ड ब्लू फिल्मों में ही देखा है" वो सुपारे को चूसने लगी
में = "चल एक साथ दोनों एक दूसरे को चूमते हैं !"
वो तब तक बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी,
मुझे अपने से लिपटाये मेरे सर को अपने मम्मों से सटा रही थी,
और अचानक मैंने उसके हाथ को अपने लण्ड पर महसूस किया...
मैं समझ गया कि अब यह मुझसे चुदना चाहती है, जो सही भी था..
मैंने भी अब मम्मों को छोड़ा और उसका पेट चूमते हुए उसकी जांघों तक आ गया..
पहले तो मैंने उसकी जांघें चाटी और जानबूझ कर उसकी चूत की तरफ ध्यान नहीं दिया ''
ताकि वो खुद तड़प कर मुझे चूत चाटने के लिए बोले..
मेरी उंगलियाँ अब उसकी कुँवारी चूत की फांकों को अलग-अलग करने लगीं थी..
मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के अंदर घुमा कर जायजा लेना चाहा पर उसकी चूत इतनी कसी हुई थी..
कि मेरी उंगली उसके अन्दर जा ही नहीं सकी.
उसकी बुर पर एक भी बाल नहीं था और एकदम गुलाबी थी, अगर कोई बुड्ढा भी देख ले तो उसका भी खड़ा हो जाये.
एसी थी मेरी बहिन नजमा की चूत ...
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर तक डालकर उसे चोदा और उसके दाने को चूसा,
खैर मैंने उसको धीरे-धीरे सहलाना चालू रखा,
जल्दी ही मुझे लगा कि मेरी उंगली में कुछ गीला और चिपचिपा सा लगा ..
मेरी प्यारी बहना का शरीर कुछ अकड़ने लगा..
मैं समझ गया कि इसकी चूत को पहली बार किसी मर्द की उंगलियों ने छुआ है,
जिसे यह बर्दाश्त नहीं कर सकी और इसका योनि-रस निकल आया है..
मैं तुरंत अपनी उँगलियों को अपने मुँह के पास ले गया, क्या खुशबू थी उसकी कुँवारी चूत की !
अब उसकी सिसकारियाँ तेज़ होने लगी थी, बदन कांपने लगा था..
ज़ाहिर था कि वो झड़ने वाली थी और अचानक उसने मेरा सर पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर रख दिया.
बिना बोले उसने मुझे कह दिया कि मेरी चूत चाटो !
और बारी थी दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की की सबसे सुन्दर चूत की,
जो मेरी सगी बहिन नजमा की ही थी जिसको मैं बड़े प्यार से और धैर्य के साथ चाटना चाहता था.
जैसे ही मैंने उसकी प्यारी और फूली हुई चूत पर चुम्बन लिया,
उसके मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली, “आह...!”
मुझे ऐसा करने में मज़ा आ रहा था और नजमा भी अपनी पिछाड़ी को मटकाते हुए सिसकारियाँ ले रही थी,
"ओह भाई, तुम बहुत सता रहे हो डार्लिंग ब्रदर !
इसी प्रकार से अपनी बहन की गरमाई हुई बुर को चाटते रहो चूसो,
मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और मेरी चूत पानी छोड़ने ही वाली है..
ओह भाई तुम कितना मजा दे रहे हो, ओहहह... चाटो... मेरी जान मेरे कुत्ते मेरे प्यारे भाई !"
उसके मुँह से अनाप-शनाप बड़बड़ाना यह साबित कर रहा था कि मेरी चिकनी बहन अब अपनी चुदाई लीला की रौ में बहने लगी थी..
उसकी चूत इतनी रसीली हो गई थी कि मुझे लग रहा था कि इसका फव्वारा किसी भी क्षण छूट सकता है..
उसके मुख से लगातार सीत्कारें निकल रहीं थीं,
मुझे उसकी सीत्कारों को सुन कर बहुत ही मजा आ रहा था.. वो और गर्म हो गई और मेरे मुँह को अपनी चूत में दबाने लगी,
नजमा ने जोर से मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया और कांपते हुए अपनी प्यारी चूत से रस छोड़ दिया,
मुझे भी उसका ऐसा करने से बहुत मजा आया..
आखिरकार नजमा से भी रहा नहीं गया और उसने मुझे कहा- चोद दे मेरे भाई राजा, फाड़ दे मेरी चूत को..
तोड़ दे अपनी बहन की चूत की सील को..
यह सुन कर मेरा लंड फड़फड़ाने लगा और मैंने फिर देर न करते हुए अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया,
लंड थोड़ा सा अन्दर जाते ही वो चीख पड़ी क्योंकि उसकी चूत अभी तक कुँवारी थी,
मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और एक और धक्का दिया और लंड पूरा अन्दर सरक गया..
मैं थोड़ी देर रुका और जब मैंने देखा अब उसका दर्द कम हो गया है, तो मैंने धक्के मारने शुरू किये,
कुछ ही धक्कों के बाद उसको भी अब मजा आने लगा,
वो भी नीचे से अपने चूतड़ों को उठा कर मेरा साथ देने लगी,
थोड़ी देर बाद उसने मेरी कमर को जोर से पकड़ा और झड़ गई...
मैंने धक्के लगाना जारी रखा और थोड़ी देर बाद में भी झड़ गया,
उसने मुझे कहा- ये क्या कर दिया तूने? अब मैं किसी को क्या मुँह दिखाऊँगी..भाईजान
मैंने कहा- देख नजमा , तू मुझे बहुत अच्छी लगती है.
इसलिए मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और तुझे भी तो मजा आया न?
वो बोली- मजा तो आया लेकिन दुनिया वाले क्या कहेंगे?
मैंने उसको समझाया- जब दुनिया को पता ही नहीं चलेगा तो कोई क्या बोलेगा?
रही अम्मी और भाईजान की बात तो उनकी टेंसन मत करो ..
उसने पास आकर मुझे चूम लिया और मुस्कुराने लगी..
इस तरह में पहली बार किसी कमसिन और कच्ची कली की चूत का मज़ा लिया..!
अपनी सगी बहिन का ......
फिर मैंने और नजमा ने साथ में ही खाना खाया और अपने अपने रूम में जाकर सो गए..!
आगे सब कुछ नया ....
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