RE: Sex Hindi Kahani में अम्मी और मेरी बहिन
में अम्मी और मेरी बहिन-8
फिर में अपने रूम में जाकर सो गया ..
अगली सुबह आँख खुली तो दोपहर के 12 बज गए थे नजमा कॉलेज जा चुकी थी.
में उठा और नीचे रसोई में गया तो वहां एक नइ लड़की काम कर रही थी,
उसका नाम मदीना था ..
उसके पास भी मेरे रूम की एक चाभी रहती थी.
इसलिए मुझे पता भी नही चला कि मदीना मेरे रूम में आई है.
और मै नंगा ही सोया हुआ था.मदीना मेरे कमरे में अचानक आ गयी.
उसने मुझे नंगा सोया हुआ देखा तो वो मुझे वापस नहीं लौट मेरे कमरे की सफाई करने लगी.
सफाई कर के वो वापस दुसरे कमरे में चली गयी.
उसकी साडी ही रात की थी.मै सुबह के नौ बजे उठा.
मैंने अपने आप को नंगा पाया तो सोचा चलो कोई बात नहीं किसने मुझे देखा है?
अचानक कमरे में नजर दौड़ायी तो देखा हर सामान करीने से रखा हुआ है. तो क्या मदीना मेरे कमरे में आयी थी?
क्या उसने मुझे नंगा देख लिया है ,,,?
क्या मदीना मेरा लंड देख गयी है ..
मै सोच कर शर्मा गया. मै सोचा क्या सोचती होगी वो.
मेरी तो सारी इज्ज़त मिटटी में मिल गयी.
खैर मैंने कपडे पहने और अपने कमरे से बाहर आया.
देखा मदीना किचन में काम कर रही थी.
थोड़ी देर के बाद जब मै फ्रेश हो गया तो मैंने मदीना से नाश्ता मांगा.
उसने मुझे ब्रेड और आमलेट ला कर दी. मै चुप चाप खाता रहा.
मैंने धीरे से पूछ लिया =मेरे कमरे की सफाई तुमने कर दी?
मदीना ने कहा=हाँ.
मैंने कहा =कब?
मदीना ने कहा =जब आप सोये हुए थे.
मेरा गाल शर्म से लाल हो गया.
मैंने थोड़े गुस्से में कहा=मुझे जगा कर ना मेरे कमरे में आना चाहिए था,
तो वो बोली क्यों बाबु क्या होता फिर ,,,,,,,,,
मैंने कहा=अच्छा सुनो, अम्मी को नहीं बता देना आज सुबह के बारे में.
मदीना =क्या?
मैंने कहा =यही कि में नंगा सोया हुआ था.
मदीना ने मुस्कुराते हुए कहा =सिर्फ नंगे सोये थे आप,आपके तौलिये में ढेर सारा माल है वो किसका था?
मैंने कहा =हाँ जो भी था. किसी को बताना नही.
मदीना ने कहा=चिंता नहीं करें. नहीं बताऊँगी. अरे आप जवान है. ये सब तो चलता रहता है.
मै अब कुछ निश्चिंत हो गया. उसने मुझे जवान होने के कारण कुछ छुट दे दी .
मै ब्रेकफास्ट खा रहा था.
मदीना ने कहा= एक बात कहूं साहिल ? बुरा तो नहीं मानोगे?
मैंने कहा= बोलो क्या बात है?
मदीना ने कहा= आपका हथियार बहुत ही बड़ा है,
मैंने इतना बड़ा आज तक नहीं देकहा है ,,
मैंने कहा=हथियार,,,,, ये हथियार क्या है,
मदीना=हथियार मतलब आपका लंड कह के वो मुस्कुराने लगी.
ये सुन के मेरा दिमाग सन्न रह गया,तो इसने मेरे लंड का साइज़ भी देख लिया था,
मै अचानक उठा और अपने कमरे में आ कर लेट गया. मुझे मदीना पर काफी गुस्सा आ रहा था.
थोड़ी देर के बाद मेरा गुस्सा कुछ कम हुआ.
मै सोचने लगा =सचमुच मेरे लंड का साइज़ बड़ा है. मेरी बहिन भी ये ही बोल रही थी और अम्मी और बुआ भी ...
तभी मदीना मेरे कमरे में आई,मैंने मदीना से कहा- क्या कर रही है तू अभी मेरे रूम में मदीना ...
मदीना= कुछ नही साहिल बस इधर उधर सफाई कर रही थी.
मैंने कहा =वो सब छोड़ दो और देख न मेरा बदन बड़ा दुःख रहा है क्या तू मेरी मालिश कर देगी?.
वो मेरे बगल में मेरे बिस्तर पर बैठ गयी, बोली =हाँ , क्यों नहीं ,आप लेट जाओ मै आपकी मालिश कर देती हूँ.
मै कहा =नहीं सिर्फ कंधे को थोडा दबा दो कह कर मैंने शर्ट उतार दिया. .
वो मेरे कंधो की मालिश करने लगी. फिर बोली =ये भी खोल दो साहिल अच्छे से तेल लगा कर मालिश कर देती हूँ.
मैंने टीशर्ट उतार दिया. और बिस्तर पर लेट गया.मै सिर्फ बरमुडे में था.
वो मेरे नंगे छाती और पीठ की बेहतरीन तरीके से मालिश कर रही थी.
घर में सिर्फ अम्मी ही थी ,
में अपने रूम में था ,
एक लड़की मेरे बदन की मालिश कर रही थी, मामला फिट था. लगा अब सही मौका है इसे शीशे में उतारने का.
मै उसकी चूची को घूरने लगा. वो मेरी नजर को पढ़ रही थी लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मैंने उस से कहा = मदीना , तू दिन भर काम करती है. थकती नहीं है क्या?
मदीना मेरे छाती पर हाथ फेरती हुई बोली = साहिल थकती तो हूँ , मगर काम तो निपटाना होता है न.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी मालिश रोकते हुए कहा=आज कौन सा काम है तुझे,
देखो न घर में कोई है भी नहीं बातचीत करने के लिए,
मै बहुत बोर हो रहा हूँ,तू यहाँ बैठ मेरे पास,आज तुझसे ही बात करके मन बहलाऊंगा.
मदीना =अच्छा साहिल जैसा तुम कहो ....
मैंने=ठीक से बैठ ना ..नहीं तू लेट जा....आराम से.. इसे अपना बिस्तर समझ.
मैंने जब ये कहाँ तो वो धीरे से मेरे बिस्तर पर मेरे बगल में लेट गयी.
उसकी बड़ी बड़ी चूचीया किसी गुम्बद की तरह ऊपर की तरफ ताक रही थी.
मेरी नजर कामुक होने लगी. मै उसकी कुर्ती में से झांकते उसके गोरे गोरे चुचियों पर नजर गडाने लगा.
वो भी मेरी नजर को ताड़ गयी थी.
अब उसकी चुचीयों के गहरी घाट बड़ी आसानी से दिख रहे थे.
मुझे लग गया कि ये बहूत ही खुली हुई मस्त लड़की है,
और इस से कुछ गरम बातें की जा सकती है. वैसे भी घर पर अम्मी के शिवा कोई और है नहीं.
फिर मै उसके बदन से थोडा और सटते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा और कहा =और बता, तेरे घर में कौन कौन है.
उसने बेफिक्री के साथ कहा=में और मेरे अम्मी अब्बू साहिल ,
मैं उसकी नाभी पर उंगली फेरते हुए कहा=तेरे अब्बू क्या काम करते है ...
मदीना = मेरे अब्बू कुछ नहीं करते है ,साहिल ...
मैंने उसकी नाभि में उंगली डालते हुए पूछा=तो फिर घर केसे चलता है मदीना ....
मै उसके नाभि में उंगली डाल रहा था ,
लेकिन उसने किसी प्रकार का कोई प्रतिरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढी ,
में उसकी चुन्चिया दबाने लगा ...
इधर मेरा लंड टाईट होने लगा था .
मै जान बुझ कर उसके चूची पर हाथ रखे रहा........
काफी धीरे धीरे सहलाते हुए कहा=मुझे आज तक पता नहीं था की तेरे घर की हालत ये है.
तो आपके घर के खर्चे केसे चलते है मदीना ...
मदीना=साहिल आपको क्या बताऊ में की क्या क्या करना होता है,,
बस ये ही समझ लो की में गरीबी का जीता जगता साबुत हूँ और साहिल में क्या कहूँ की,,
कभी-कभी मुझे वो काम करना पड़ता है जो किसी भी लड़की के लिए के लिए भी बहुत ही खराब है ,
मेरे अब्बू ही मुझे .....और मदीना रोने लगी..मैंने उसे पुचकारा...और पूरी बात बताने को कहा..
मदीना= मेरे अब्बू मुझे दुसरे मर्दों के साथ भेजते है और खुद भी कभी कभी मेरे साथ वो काम करते है,
जो सिर्फ एक शोहर ही अपनी बीबी के साथ करता है,
में हेरान था की एक बाप अपनी ही बेटी को चोदता है और चुद्वाता भी है.
में मदीना की चुचिया निहार रहा था,उसके मटकती मस्त गोल मटोल गांड देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
उसकी गांड एकदम सुदोल और उभरी हुई थी.
उसने एक बार पीछे मुड़कर मेरी चोरी पकड़ कर मुस्करा कर बोली
क्या मस्त चुन्चिया थी वो हिल भी रही थी,
लगता था की मदीना भी हवस के नशे में थी,
मैंने मोहिनी से कहा- क्या कर रही है तू अभी?
मदीना =कुछ नही बाबा, बस इधर उधर सफाई कर रही थी.
मैंने कहा=वो सब छोड़,देख न मेरा बदन बड़ा दुःख रहा है क्या तू मेरी मालिश कर देगी,
वो मेरे बगल में मेरे बिस्तर पर बैठ गयी. बोली=हाँ , क्यों नहीं .आप लेट जाओ मै आपकी मालिश कर देती हूँ.
मै कहा - नहीं सिर्फ कंधे को थोडा दबा दो कह कर मैंने शर्ट उतार दिया. .
वो मेरे कंधो की मालिश करने लगी. फिर बोली - ये गंजी भी खोल दो बाबा,
अच्छे से तेल लगा कर मालिश कर देती हूँ. मैंने गंजी उतार दिया.
और बिस्तर पर लेट गया.मै सिर्फ बरमुडे में था, मेरी आँखों में शरारत थी,
वो मेरे नंगे छाती और पीठ की बेहतरीन तरीके से मालिश कर रही थी.
एक औरत मेरे बदन की मालिश कर रही थी,मामला फिट था,लगा अब सही मौका है इसे शीशे में उतारने का.
मै उसकी चूची को घूरने लगा. वो मेरी नजर को पढ़ रही थी लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मेरी हिम्मत बढ़ गई, और मैंने उसके गालो पर हाथ फिराया वो धीमे धीमे हंस रही थी .
मैंने उस से कहा =मदीना, तू दिन भर काम करती है. थकती नहीं है क्या?
मेरे छाती पर हाथ फेरती हुई बोली=साहब, थकती तो हूँ , मगर काम तो निपटाना होता है न.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी मालिश रोकते हुए कहा=आज कौन सा काम है तुझे,
देखो न घर में अम्मी के शिवा कोई है भी नहीं बात चीत करने के लिए .
मै बहुत बोर हो रहा हूँ. तू यहाँ बैठ मेरे पास. आज तुझसे ही बात करके मन बहलाऊंगा.
मदीना =जैसा आप कहें साहिल, पर अगर आपकी अम्मी या भाईजान को पता लग गया तो ...?
मैं= कुछ नहीं होगा मदीना तुम चिंता ना कर ,ठीक से बैठ ना ..नहीं तू लेट जा....आराम से..
इसे अपना बिस्तर समझो और क्या देखोगी तुम लेपटोप पर बताओ ना ,
मैंने जब ये कहाँ तो वो धीरे से मेरे बिस्तर पर मेरे बगल में बेठ गयी.
मैंने मेरे लेपटोप पर एक सेमी sexi फिल्म चलादी
मदीना भी देख रही थी मेरे लेपटोप को ,
उसकी बड़ी बड़ी चूची किसी गुम्बद की तरह ऊपर की तरफ ताक रही थी.
मेरी नजर कामुक होने लगी. मै उसके ढीले ब्लाउज में से झांकते उसके गोरे गोरे चुचियों पर नजर गडाने लगा.
वो भी मेरी नजर को ताड़ गयी थी. उसने जान बुझ पर अपनी सलवार से दुपट्टा नीचे कर दिया और कहा - आज बड़ी गरमी है ना साहिल,
और ये केसी फिल्म है साहिल इसमें तो एक जवान लड़का एक बूढी ओरत के साथ ,,,
मदीना चुप हो गयी .
में = हाँ हाँ बोलो ना आगे मदीना क्या बोलना चाहती हो तुम ,
मदीन = शर्मा कर चुप हो गयी मैंने धीरे से अपनी कोहनी उसकी चुन्चियो से सटा दी ,
उसने कुछ नहीं कहा,अब उसकी चुचीयों के गहरी घाट बड़ी आसानी से दिख रहे थे.
उसके चूची के उभर के बिच की दरार कुछ फेली हुई सी थी.
मुझे लग गया कि ये बहूत ही खुली हुई मस्त औरत है और इस से कुछ गरम बातें की जा सकती है.
मैंने उसके साड़ी के पल्लू को उसके बदन से दूर हटाते हुए कहा कहा - हाँ सही कह रही है तू, बड़ी गरमी है.
वो बिना किसी परेशानी के मेरे बदन में सट गयी थी.
फिर मै उसके बदन से थोडा और सटते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा.
मैंने उसकी चुन्चिया पकड ली , उसने सिसकी ली पर कुछ कहा नहीं,
उसके चूची को खुल्लम खुल्ला जोर जोर से दबाने लगा.
अब मुझे अन्दर से काफी यकीन हो गया कि इस से कुछ और भी काम करवाया जा सकता है.
मैंने अपनी एक टांग उसके ऊपर चढाते हुए,
meine उस से सट कर कहा=मदीना अगर मै तुमसे एक सवाल पूछूंगा तो तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
मदीना ने कहा= पहले पूछिए तो सही साहिल,
मैंने पूछा = तेरे अब्बू ने तुम्हे केसे चोदा था पहली बार बताओ ना..?
मदीना = बाबु ये लम्बी कहानी है किस्सी और दिन सुनाउंगी..
तभी किसी के आने की आवाज आई और
मदीना बहार चली गई अम्मी आई थी ...
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