XXX Kahani मुम्बई के सफ़र की यादगार रात
07-01-2017, 11:30 AM,
#3
RE: XXX Kahani मुम्बई के सफ़र की यादगार रात
मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-3

लेखक : सन्दीप शर्मा 

मैं थोड़ा और नीचे खिसक कर उसकी नाभि के पास आया और मैंने उसकी नाभि के चारों तरफ अपनी जीभ चलाना शुरू कर दी। मेरी जीभ जैसे ही उसकी नाभि पर गई वो तो उछल गई, उसने हाथों से मेरे बालों को नोचना शुरू कर दिया और अपने पैरों को मेरी पीठ पर लपेट लिया। मैंने अपनी जीभ को उसकी नाभि के अंदर तक घुसा दिया और जोर जोर से चलाने लगा, मेरा सीना उसकी चौड़ी टांगों के बीच में था जिससे वो खुद को रगड़ रही थी। मैंने उसकी नाभि के छेद को जीभ से चूसना लगातार चालू रखा और वो मुझे अपने में समाने की कोशिश करते हुए अचानक अकड़ने लगी और मैं कुछ समझता उससे पहले ही वो बुरी तरह से झड़ने लगी और झटके मारने लगी। 

हर झटके के बाद उसकी पकड़ ढीली होती और हर झटके के वक्त मुझे कस लेती, जब वो दस-बारह झटके मार कर पूरी तरह से झड़ गई तो बड़े प्यार से उसने मेरे सिर को पकड़ कर मुझे ऊपर की तरफ खींचा और मैं भी उसकी तरफ खिचंता चला गया। 

उसने अपने तपते हुए होंठ को मेरे होंठों पर रख दिए... और हम दोनों फिर एक दूसरे को के होंठों का रसपान करने लगे, जिस तरह से साक्षी झड़ी थी मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि वो दूसरी बार के लिए भी इतनी जल्दी तैयार होगी, अब उसने मुझे पलट कर नीचे कर दिया और खुद मेरे ऊपर आ गई और उसके ऊपर आने के बाद उसके नर्म नर्म स्तन मेरे सीने पर दब रहे थे, उसके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे, उसके हाथ मेरे बालों पर चल रहे थे और मेरे हाथ उसकी ब्रा को खोलने में मग्न थे। 

वो मुझे चूमती जा रही थी और मैंने उसकी ब्रा खोलने के बाद मेरे हाथों से उसकी पैंटी को भी थोड़ा सा नीचे खसका दिया और फिर मेरे पैरों का इस्तेमाल करते हुए उसकी पैंटी को पूरा निकाल दिया, जिसमें साक्षी ने भी मेरी पूरी मदद की। 

अब साक्षी पलट कर के मेरे पैरों की तरफ आ गई और मेरे लण्ड को उसने मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया, कभी वो मेरे लण्ड को सीधे चूस रही थी कभी बगल से चाट रही थी और कभी मेरी अंटियों को मुँह में भर ले रही थी और दूसरी तरफ मैं भी उसकी चूत को चूमते जा रहा था, कभी मेरे होंठों से उसके निचले बड़े बड़े होंठों को मुँह मे भर कर निचोड़ लेता तो कभी वो मेरे लण्ड के सुपारे को अपने मुँह से निचोड़ रही थी... 

हम दोनों का यही सब काम कुछ देर तक चला था कि मैं झड़ने वाली हालात में आ गया, मैंने कहा- साक्षी, मैं झड़ने वाला हूँ ! 

यह सुनते ही उसने मेरे लण्ड को चूसना बंद कर दिया, मेरे लण्ड के सुपारे की चमड़ी को पलट कर उसे चाटने लगी और जोर जोर से जीभ सुपारे के ढके रहने वाले संवेदनशील हिस्से पर चलाने लगी और जीभ से उसे चाटने लगी। 

मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ ! और इसके साथ ही वो अपनी चूत को भी मेरे होंठों पर रगड़े जा रही थी। मेरी हालत ऐसी थी कि मैं कभी भी झड़ सकता था। 

साक्षी ने इसी तरह से कुछ देर मेरे सुपारे को चाटा और फिर मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर उसे वापस चूसना शुरू कर दिया और मैं पूरे वक्त उसकी चिकनी चूत को चूस रहा था, रस का मजा ले रहा था, उसकी मोटी गाण्ड को मसल रहा था कि अचानक वो झड़ने लगी, वो झड़ते हुए मेरे लण्ड को भी जोर जोर से चूस रही थी और मैं भी झड़ने लगा, कभी मैं झटका मार रहा था कभी वो ! 

साक्षी की चूत से ढेर सारा नमकीन रस निकला जो मैं पूरा पी गया और मेरे सारे वीर्य को वो पी गई, उसने एक बूँद भी इधर उधर नहीं जाने दी, पूरा वीर्य अंदर गटक गई। 

जब हम दोनों का झड़ना बंद हुआ तो मैं तो बुरी तरह से थक चुका था और साक्षी की भी हालत कोई ठीक नहीं थी तो वो मेरे बगल मे आ कर मेरे दायें कंधे पर सर रख कर लेट गई और मेरे बालों को सहलाने लगी और बड़े प्यार से बोली- तुम्हें कम से कम तुम्हारे प्यूबिक हेयर तो साफ़ करके रखना चाहिए ना ! कितनी तकलीफ देते हैं, मुँह में आते हैं। 

मैंने कहा- सॉरी डार्लिंग ! आगे से कर लूँगा ! 

और लेटे लेटे ही फोन उठा कर पावभाजी का एक्स्ट्रा पाव के साथ आर्डर दे दिया, और चार बोतल पानी की भी लाने को कह दिया। मुझे सेक्स के बाद यूँ भी बहुत भूख प्यास लगती है और तब तो दिन भर का भूखा था ही। 

मैंने खाने का आर्डर दे दिया तो वो बोली- थोड़ा आराम कर लो, फिर कुछ काम करना पड़ेगा.. 

मैंने कहा- काम तो आज रात भर करना है ! जानू, तुम क्यों चिंता करती हो? 

हम दोनों थोड़ी देर लेटे थे कि दरवाजे की घंटी बजी... साक्षी ने कम्बल पूरी तरह से ओढ़ लिया मैने जल्दी से शर्ट पहनी, तौलिया लपेटा और जाकर ट्रॉली ले ली और वेटर को बाहर से ही चलता कर दिया। 

अब हम दोनों ने पाव भाजी खाई और उसके बाद साक्षी मुझसे बोली- अब तुम्हें एक काम करना होगा मेरी मर्जी से... 

मैंने कहा- हुकुम करो जान ! क्या करना है? 

वो उठी, उसके बैग में से कुछ निकालने गई और मुझसे बोली- तुम बाथरूम में चलो, मैं भी आ रही हूँ। 

मैं आज्ञाकारी बच्चे की तरह बिना किसी सवाल के बाथरूम में चला गया, पीछे पीछे वो भी आई, जब वो अंदर आई तो उसके हाथ में... 

इसके बाद की कहानी अगली कड़ी में ! 

मुझे मेल भेज कर बताइये कि कैसी लगी मेरी कहानी आपको !
Reply


Messages In This Thread
RE: XXX Kahani मुम्बई के सफ़र की यादगार रात - by sexstories - 07-01-2017, 11:30 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,533,482 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 548,013 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,245,928 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 941,913 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,672,552 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,097,007 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,978,284 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,146,473 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,065,803 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,009 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)