XXX Kahani नंबर वन माल
06-30-2017, 11:25 AM,
#8
RE: XXX Kahani नंबर वन माल
नंबर वन माल--8

थोड़ी देर तक अम्मी से अपना लंड चुसवाने के बाद करामात उनके चूतड़ों की तरफ आ गया और अपना लंबा लंड हाथ में पकड़ कर उनकी मोटी चूत में अपनी बड़ी उंगली डाल कर हिलाने लगा. अम्मी ने आहिस्ता से कहा के ऐसा मत करो अपना लंड अंदर डालो. इस पर करामात ने एक झटके से अपने लंड को अम्मी के अंदर घुसेड़ दिया. अम्मी उस वक़्त नज़ीर का लंड चूस रही थीं लेकिन जब करामात ने अपना लंड अचानक उनकी चूत में डाला तो नज़ीर का लंड उनके मुँह से निकल गया. करामात ने फॉरन ही अम्मी के चूतड़ों को पकड़ा और उनकी चूत में घस्से मारने लगा. उस का ताक़तवर लंड अम्मी की चूत को जैसे फाड़ता हुआ उस के अंदर जा रहा था. अम्मी के चेहरे पर शदीद तक़लीफ़ के आसार थे और वो अपनी चूत में लगने वाले हर घस्से पर आआआअ…..आआआ……..आआआ… …आआआअ…….आआआआआ कर रही थीं . करामात का लंड उनकी चूत में तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था. इसी तरह चीखें मारते मारते अम्मी फिर खलास हो गईं.

खाला अम्बरीन नज़ीर के बिल्कुल साथ जुड़ कर लेटी थीं और अम्मी की चीखें उन पर भी असर कर रही थीं . हम ने उनके मम्मों के निप्पल अकड़े हुए देखे. उन्होने अपने बाज़ू अपने नंगे मम्मों पर रख कर उन्हे छुपा लिया. वो लंड लेने के लिये बेताब दिखाई देती थीं लेकिन नज़ीर और करामात दोनो की तवजो अम्मी को चोदने पर मोरक़ूज़ थी. बिल-आख़िर नज़ीर ने अम्मी को करामात के हवाले किया और खाला अम्बरीन को अपने लंड पर बैठने को कहा. उन्होने वक़्त ज़ाया किये बगैर नज़ीर के ऊपर टाँग पलटाई और और उस का लंड अपनी चूत में ले लिया. दोनो बहनों को दो इंतिहा तजर्बकार मर्द बे-तहाशा चोद रहे थे.

खाला अम्बरीन नज़ीर के लंड पर बैठी ही थीं के फिर खलास हो गईं. नज़ीर हँसने लगा. उस ने खाला अम्बरीन को बेड पर लिटाया और खुद उनके ऊपर चढ़ गया. अभी उस ने उनकी चूत में दस घस्से ही लगाइय थे के उस के मुँह से अजीब भोंडी आवाजें निकालने लगीं. उस के काले चूतड़ अकड़ गए और उस ने खलास होते हुए खाला अम्बरीन की चूत में अपनी सारी मनी छोड़ दी. फिर उस ने अपना लंड उनके अंदर से निकाला और उनके साथ लेट गया.

जब नज़ीर और करामात ने अम्मी और खाला अम्बरीन को चोदने के बाद फ़ारिग़ किया तो उन्होने जल्दी जल्दी अपने कपड़े उठाये और बेडरूम से निकल गईं. मै और राशिद वहीं रहे.

अम्मी और खाला अम्बरीन को चोदने के बाद नज़ीर और करामात बारी बारी बाथरूम गए. मैंने नज़ीर को 50,000 रुपय दिये और कहा के अब वो फिल्म मुझे दे दे. उस ने कहा चलो. मैंने पूछा के इस की किया गरनटी है के उस ने फिल्म की और कॉपीस नही बना’ईं. वो बोला के वो मुल्क से बाहर जा रहा है उसे अब इस फिल्म की ज़रूरत नही है.

हम चारों घर से बाहर निकल कर सड़क पर आए तो नज़ीर ने अपनी क़मीज़ की साइड की जेब से एक DVD निकाल कर मुझे दी और कहा के ये लो मज़े करो. फिर वो और करामात एक रक्ष में बैठे और चलते बने. इस का मतलब था के फिल्म सारा वक़्त उस के पास थी लेकिन उस ने तुरप का ये पत्ता अपने पास ही रखा था. मै और राशिद बोझल क़दमों से घर वापस आ गए.

हम घर पुहँचे तो अम्मी और खाला अम्बरीन बेडरूम में उसी बेड की चादर बदल रही थीं जिस पर थोड़ी देर पहले नज़ीर और करामात ने उनकी फुद्दियों का हाशर नशर किया था. मै राशिद को ले कर अपने कमरे में आ गया. हम ने नज़ीर की दी हुई DVD को DVD प्लेयर में लगा कर चेक किया और फिर उससे तोड़ कर उस के कई टुकड़े कर दिये ताके वो दोबारा कभी इस्तेमाल ना हो सके.

एक बहुत बड़ा बोझ हमारे सर से उतर गया था. मेरे अन्दर की आवाज़ कह रही थी के नज़ीर अब हमारी ज़िंदगी से हमेशा के लिये निकल चुका है. अगर वो मुल्क से बाहर ना भी जाता तो बार बार यहाँ आ कर अपने आप को ख़तरे में नही डाल सकता था.

मुझे राशिद के चेहरे से अंदाज़ा हो रहा था के मेरी तरह उस के ज़हन में भी अम्मी और खाला अम्बरीन की चुदाई की फिल्म मुसलसल चल रही थी. वो भी शायद मेरी दिमागी कैफयत जान गया. कहने लगा के नज़ीर और करामात कैसे खौफनाक तरीक़े से अम्मी और खाला यासमीन को चोद रहे थे. काश हम भी कभी दो औरतों के साथ ऐसा कर सकैं. मेरा माथा ठनका. उस ने ये बात बगैर वजह के नही की थी. ज़रूर इस के पीछे कुछ था.

राशिद समझ रहा था के चूँके वो अम्मी को चोद रहा था इस लिए मैंने उस से बदला लेने की खातिर खाला अम्बरीन पर हाथ डाला जब के मुझे तो उस के और अम्मी के ता’अलूक़ का पता ही पिंडी से वापस आने के बाद चला था. लेकिन में उससे इस हक़ीक़त से क्यों आगाह करता. अगर उसे अपना आप गुनाह-गार लग रहा था तो ये अच्छी बात थी क्योंके में किसी ना किसी तरह बाहरहाल उस की माँ को चोदना चाहता था. मैंने कहा पिछली बातों को छोड़ो राशिद अब आगे का सोचो.

वो कुछ देर खामोश रहा और फिर बोला के शाकिर क्यों ना अम्मी और खाला यासमीन के साथ हम भी वोही करें जो नज़ीर और करामात ने किया. फिर खुद ही कहने लगा के वो कभी नही मानेंगीं. मुझे इसी बात का इंतिज़ार था. मैंने कहा अब ये इतना ना-मुमकिन भी नही है. उस ने मेरी तरफ सवालिया नज़रों से देखा.

मैंने कहा के हमारी माओं ने पिछल दिनों कई दफ़ा बड़ी ज़ोरदार चुदाई करवाई है और उनके साथ वो हुआ है वो इस से पहले यक़ीनन कभी ख्वाब में भी नही हुआ था. ये उनके लिये ज़िंदगी को हर तरह से और हमेशा के लिये बदलने वाला तजर्बा था. अब दुनिया उन्हे पहले के मुक़ाबले में बिल्कुल मुख्तलीफ़ नज़र आ रही होगी. वो अब वैसी नही रही हैं जैसी इन तजरबात से पहले थीं . जब में मर्द हो कर नज़ीर की वजह से कुछ ही दिन में 16 से 26 साल का हो गया तो इन दो औरतों का किया हाल हुआ हो गा? उनके ज़ह्नो में अब चूत देने के हवाले से ज़िल्लत और इज़्ज़त का वो एहसास नही हो सकता जो आम औरतों में होता है. वो दोनो अब बड़ी मुख्तलीफ़ औरतें हैं महज़ दो घरैलू जनानियाँ नही हैं.

रहा हम से चुदवाने का सवाल तो ये ना भूलो के उन्होने हमारे सामने दो गैर मर्दों से अपनी चूतें मरवाई हैं और हम ने उन्हे दो दो लंड अपने अंदर लेते हुए देखा है. इस लिये अब हमारे और उनके दरमियाँ बहुत से पर्दे नही रहे. हम से चुदवाना उनके लिये एक बड़ी बुरी बात तो ज़रूर है मगर कोई बहुत क़यामत नही.

मेरी बात राशिद के दिल को लगी. कहने लगा के शाकिर तुम बहुत बदल गए हो. मुझे बातें सुन कर लगता है जैसे कोई और बोल रहा हो. मै मुस्कुरा दिया. फिर उस ने पूछा के अगर वो दोनो मान गईं तो किया तुम मुझे खाला यासमीन को चोदने दो गे? मैंने हंस कर कहा के तुम इस से पहले किया मुझ से इजाज़त ले कर अम्मी की चूत ले रहे थे? वो बोला ये तो है मगर इस काम के लिये उन दोनो से बात कैसे करें? मैंने कहा के तुम अपनी अम्मी को राज़ी करो और में अपनी अम्मी को मानने की कोशिश करता हूँ फिर देखते हैं किया होता है.

कुछ देर बाद में, अम्मी, राशिद और खाला अम्बरीन बेडरूम में आ गए. खाला अम्बरीन के चेहरे पर खीफफत के आसार थे और राशिद के सामने वो कुछ शर्मिंदा लग रही थीं लेकिन अम्मी बिल्कुल नॉर्मल और हशाश बशाश थीं . मेरे लिये समझना मुश्किल नही था के दोनो के रवाइयों में ये फ़र्क़ क्यों था. मै अम्मी को चोद चुका था और आज के वाकये के बाद भी उन्हे मुझ से किसी क़िसम की शरम या खौफ महसूस करने की ज़रूरत नही थी लेकिन खाला अम्बरीन और राशिद में ऐसा कोई ता’अलूक़ नही था. खाला अम्बरीन को आज उनके बेटे के सामने दो अजनबी मर्दों को अपनी चूत देनी पड़ी थी और ज़ाहिर है ये बात उनके लिये नदामत का बा’आइस थी. और अगरचे वो एक कमज़ोर औरत नही थीं मगर फिर भी उन्हे इन वाकेयात के असर से निकलने के लिये कुछ वक़्त चाहिये था.

मैंने खाला अम्बरीन की दिल-जोई के लिये कहा के हम में से किसी को परेशां होने की ज़रूरत नही है. हम ने जो किया खानदान को एक बहुत बड़ी मुश्किल से निकालने के लिये किया. खाला अम्बरीन बोलीं के ये तो ठीक है मगर मेरी और यासमीन की इज़्ज़त भी तो लूटी है इस सारे मामले में. उन्हे अपनी इज़्ज़त का राग अलापने का बहुत शोक़् था. मै क़सम खा सकता था के अगर उन्हे दोबारा मोक़ा मिलता और उन पर कोई इल्ज़ाम ना आता तो वो ज़रूर नज़ीर और करामात से चूत मरवातीं. राशिद ने कहा के ऐसा बिल्कुल नही हुआ क्योंके किसी को कुछ पता नही है. हमें ऐसी बात सोकछनी भी नही चाहिये. ये सुन कर खाला अम्बरीन वाज़ेह तौर पर रिलॅक्स हो गईं.

तनाओ कुछ कम हुआ तो में बोला के वैसे हमारी तो अभी शादियाँ नही हुई हैं मगर में ये ज़रूर चाहूं गा के औरतों के मामले में नज़ीर और करामात जितना तजर्बा हासिल कर सकूँ. अम्मी और खाला अम्बरीन ने ज़रा हैरत से एक दूसरे की तरफ देखा. राशिद ने कहा के खाला यासमीन आप को और अम्मी को प्रेग्नेंट होने का ख़तरा नही है. अम्मी ने जवाब दिया के नही हम दोनो प्रेग्नेन्सी रोकने वाली गोलियाँ लेतीं हैं.

गुफ्तगू अब काफ़ी खुल कर हो रही थी. मैंने कहा वैसे वो दोनो बड़े खुश-क़िस्मत हैं जो आप जैसी खूबसूरत औरतों को मुफ़्त में चोद लिया कहाँ आप दोनो और कहाँ वो गलियों के आवारा कुत्ते. अम्मी और खाला अम्बरीन ने इस बात का कोई जवाब नही दिया मगर ज़ाहिर है ये बात उन्हे बुरी तो नही लग सकती थी. खाला अम्बरीन ने कहा के तुम दोनो ने कुछ ज़ियादा पर पुर्ज़े नही निकाल लिये. पता नही तुम राशिद को सिखाते हो या ये तुम्हे सिखाता है. मैंने हंस कर कहा के खाला अम्बरीन में राशिद से साल बड़ा हूँ इस लिये में इस का उस्ताद हूँ. अम्मी बोलीं के तुम राशिद से चंद महीने ही बड़े हो लेकिन तुम दोनो की पदैश का साल एक ही हे. माहॉल ज़रा खुश-गवार हुआ तो मैंने सोचा के अब सीधी सीधी बात कर देनी चाहिये. मैंने कहा के किया आप दोनो एक दफ़ा मुझे और राशिद को अपनी चूत दे सकती हैं?

मेरी बात सुन कर अम्मी को तो कम हैरत हुई लेकिन खाला अम्बरीन का मुँह खुला का खुला रह गया. कहने लगीं शाकिर ये तुम किया कह रहे हो? यासमीन तुम्हारी माँ है और में तुम्हारी खाला. इसी तरह में राशिद की माँ हूँ और यासमीन उस की खाला. वो दोनो कमीने अभी अभी मेरी और तुम्हारी माँ की इज़्ज़त तार तार कर के गए हैं और तुम अब ये बात कर रहे हो. कुछ तो ख़याल करो. उन्होने राशिद की तरफ देखा और फिर अम्मी से कहा के यासमीन ये कैसी बातें कर रहा है. मैंने अम्मी को जवाब देने का मोक़ा नही दिया और कहा के खाला अम्बरीन आप जानती हैं के मैंने पिंडी में आप की फुद्दी तक़रीबन मार ही ली थी इस लिये मेरा आप को चोदने की खाहिश करना कोई ऐसी हैरत की बात नही है. रहा अम्मी का मामला तो…….. 

मैंने बात अधूरी छोड़ कर राशिद और अम्मी की जानिब मानी खैीज़ नज़रों से देखा. दोनो अचानक नर्वस नज़र आने लगे थे. उन्हे खौफ था के कहीं उनके आपस के ता’अलूक़ का राज़ खाला अम्बरीन पर खुल ना जाए. राशिद जल्दी से बोला के अम्मी में खाला यासमीन को चोदना चाहता हूँ. अम्मी ने ज़ोर से साँस ली. उनका राज़ फिलहाल महफूज़ था. अपनी परैशानी में वो ये भूल गईं के उनका भांजा अपनी माँ के सामने उन्हे चोदने की बात कर रहा था.

खाला अम्बरीन ने गुस्से से राशिद को घूरा और कहा के तुम होश में तो हो सूवर के बच्चे. राशिद का चेहरा बे-इज़्ज़ती के एहसास से सुर्ख हो गया. उस ने अपनी माँ की बात का कोई जवाब नही दिया और उठ कर बेडरूम से बाहर निकल गया. मैंने खाला अम्बरीन से कहा के ये आप ने किया गज़ब कर दिया राशिद को नाराज़ कर के हम सब मुसीबत में फँस सकते हैं. अगर उस ने नज़ीर के बारे में खालू को कुछ बता दिया तो किया हो गा? मेरी बात सुन कर खाला अम्बरीन की आँखों में खौफ के साइी लहराने लगे. अम्मी ने मुझे कहा के जेया’ओ उससे वापस ले कर आ’ओ.

में बाहर निकला तो राशिद घर के बड़े दरवाज़े के पास नज़र आया. मै उससे ठंडा कर के वापस बेडरूम में ले आया. हम अंदर पुहँचे तो अम्मी खाला अम्बरीन को दूसरे कमरे में ले गईं. वो यक़ीनन उन्हे समझाना चाह रही थीं . कोई आधे घंटे बाद अम्मी और खाला अम्बरीन वापस आ गईं. खाला अम्बरीन ने राशिद को गले से लगाते हुए कहा के ये सब बातें उनके लिये बड़ी खौफनाक हैं इस लिये वो समझ नही पा रहीं के किया करें. कुछ देर इधर उधर की बातों के बाद राशिद और खाला अम्बरीन अपने घर चले गए.

उनके जाने के बाद मैंने अम्मी से पूछा के उन्होने खाला अम्बरीन से किया बात की. वो कहने लगीं के मैंने उससे यही समझाया के वो अक़ल से काम ले और मामलात को खराब ना होने दे. मैंने कहा के किया खाला अम्बरीन राशिद से और मुझ से चुदवा लेंगीं. अम्मी बोलीं के जब सर पर पड़ती है तो हर ना-राव राव हो जाता है. मैंने फिर सवाल किया के किया खाला अम्बरीन आप के सामने ये सब कुछ कर लेंगीं? अम्मी ने कहा के अम्बरीन ने कल सुबह यहाँ आने का कहा है. अगर वो आ गई तो फिर सब कुछ हो जाए गा और अगर ना आई तो इस का मतलब हो गा के वो राज़ी नही है. उन्होने पूछा के तुम किस तरह राशिद को मेरे साथ देख सको गे. मैंने कहा अम्मी इस के साइवा और कोई चारा नही है क्योंके खाला अम्बरीन पर आप की गैर मोजूदगी में हाथ नही डाला जा सकता. जब तक इस हमाम में सब नंगे नही हूँ गे हालात ठीक नही हो सकते. और फिर राशिद जो कुछ यहाँ आ कर पहले करता रहा है एक बार और कर ले गा तो कौन सी क़यामत टूट पड़े गी. 

अम्मी के चेहरे का रंग एक लम्हे के लिये बदला लेकिन फिर कहने लगीं के शाकिर कुछ और हो ना हो तुम अम्बरीन की चूत ज़रूर लाना. मैंने पूछा अम्मी आप ऐसा क्यों चाहती हैं? उन्होने कहा के मैंने राशिद से ता’अलूक़ कायम कर के बहुत बड़ी गलती की थी और अगर इस बात का ईलम अम्बरीन को सो साल बाद भी हो गया तो में कहीं की नही रहूं गी. मैंने कहा आप फिकर ना करें ऐसा कभी नही होगा. फिर मैंने अम्मी से पूछा के किया में आज उन्हे चोद सकता हूँ तो उन्होने कहा के में रात को तुम्हारे पास आ जाऊं गी. आधी रात के बाद वो मेरे पास आ गईं और मुझ से बड़े अच्छे तरीक़े से अपनी फुद्दी मरवाई हालांके वो दिन को दो दो ताक़तवर लंड ले चुकी थीं . जब वो फ़ारिग़ हो कर अपने कमरे में चली गईं तो में बे-सबरी से अगले दिन का इंतिज़ार करने लगा.

दूसरी दिन खाला अम्बरीन और राशिद सुबह 9 ½ बजे आ गए. मै अभी सो कर ही उठा था. अम्मी के कहने पर में अपने दोनो छोटे भाई बहन को हस्ब-ए-साबिक़ नाना के घर छोड़ आया. कोई एक घंटे बाद हम चारों बेडरूम में आ गए और मैंने बेडरूम का दरवाज़ा लॉक कर दिया.

फिजा में आज फिर अजीब क़िसम का खींचाओ महसूस हो रहा था. हम चारों में से कोई भी पहल नही करना चाहता था. अम्मी बेड पर बैठी हुई थीं और खाला अम्बरीन कुर्सी पर. मै अम्मी के साथ बैठ गया और उनकी कमर में हाथ डाल कर उनका गाल चूम लिया. उन्होने मेरी रान पर अपना हाथ रख दिया. राशिद ने ये देखा तो हिम्मत पकड़ी और खाला अम्बरीन को ले कर बेड पर आ गया. मैंने अम्मी को आहिस्ता से धकेल कर बेड पर लिटाया और खुद उनके ऊपर झुक गया. उन्होने अपने मुँह पर मेरे होंठ महसूस किये तो बिला-झीजक अपने होंठ मेरे होठों के साथ चिपका दिये. मै उनके बोसे लेता रहा और वो अपने लिपस्टिक लगे होठों से जवाबन मुझे चूमती रहीं. मेरा लंड तन कर लोहा बन गया. उनके मुँह के बीसियों बोसे लेने के बाद में अम्मी के ऊपर से हटा और जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारने लगा ताके मेरा लंड बाहर आ सके.

राशिद मुझ से पहले ही नंगा हो चुका था और खाला अम्बरीन ने उस का लंड अपने हाथ में पकड़ा हुआ था. मै अम्मी के सामने खड़ा हो गया और अपना लंड उनके मुँह से क़रीब कर दिया. अम्मी ने मेरा लंड हाथ में थाम कर मुँह में ले लिया और उससे चूसने लगीं. बेडरूम में स्प्लिट A C की हल्की आवाज़ के बावजूद मेरा लंड चूसते हुए अम्मी के मुँह से सपड़ सपड़ की आवाजें सुनाई दे रही थीं . 

राशिद ने खाला अम्बरीन के कपड़े उतारने शुरू कर दिये. उन्होने अपनी क़मीज़ तो बेड पर बैठे बैठे ही उतार दी लेकिन शलवार उतारने के लिये उन्हे खड़ा होना पड़ा. शलवार उतरी तो खाला अम्बरीन के वज़नी चूतड़ मुझे नज़र आए. राशिद ने मुझे देखा और हाथ पीछे ले जा कर अपनी माँ के मोटे चूतड़ों को कस कस कर दबाने लगा. उस का लंड खाला अम्बरीन के पेट के नीचे टनटना रहा था. उस ने खाला अम्बरीन के दोनो चूतड़ों को अपने दोनो हाथों में ले कर खोला तो मुझे उनकी गांड़ का सुराख नज़र आया. राशिद ने बड़े वबाशाना अंदाज़ में अपनी माँ की गांड़ के सुराख पर उंगली फेरी.

ये देख कर अम्मी के मुँह के अंदर ही मेरे लंड में मज़े की मौजें उठने लगीं. राशिद ने खाला अम्बरीन का ब्रा भी उतारा और उनके मम्मों को दोनो हाथों में ले लिया. खाला अम्बरीन ने अपने होंठ दाँतों में दबा लिये. राशिद ने भी मेरी तरह वहीं खड़े खड़े अपना लंड अपनी माँ के मुँह में डाल दिया. खाला अम्बरीन अपने बेटे का लंड चूसने लगीं मगर उनके चेहरे पर ऐसा ता’असुर था जैसे ये सब कुछ उनके लिये ना-पसंदीदा हो.

मैंने अम्मी की क़मीज़ उनके पेट पर से ऊपर की और उस के अंदर हाथ डाल कर उनके मम्मे पकड़ने चाहे मगर क़मीज़ ब्रा से ऊपर नही गई और उनके मम्मे पूरी तरह मेरे हाथ में नही आ सके. अम्मी ने मेरा लंड मुँह से निकाला और खुद ही अपनी क़मीज़ उतार कर अपने बदन से अलहदा कर दी. फिर उन्होने अपनी शलवार भी उतार दी. मैंने उनका ब्रा खोल कर उनके मम्मों के ऊपर से हटाया और बेड पर लेट गया.

खाला अम्बरीन अब बेड पर दराज़ हो चुकी थीं और राशिद उन पर चढ़ा हुआ था. वो उनके मम्मों को बिल्कुल दीवानों की तरह मुँह में ले ले कर चूस रहा था. खाला अम्बरीन के मुँह से अब आवाजें निकलना शुरू हो गईं थीं और वो आहिस्ता आहिस्ता अपना सीना आगे पीछे कर रही थीं . ये मंज़र भी खून गरमा देने वाला था. राशिद और खाला अम्बरीन मुझ से क़रीब ही थे. जब राशिद खाला अम्बरीन का एक मम्मा चूस रहा था तो मैंने हाथ आगे बढ़ा कर उनके दूसरे मम्मे को दबाना शुरू कर दिया. खाला अम्बरीन के मुँह से निकालने वाली आवाजें एक लम्हे के लिये बंद हुईं और फिर फॉरन ही उन्होने ज़ियादा तेज़ आवाज़ में कराहना शुरू कर दिया. मै भी अपना लंड आहिस्ता आहिस्ता अम्मी के मुँह के अंदर बाहर करने लगा. जब मेरा लंड अम्मी के मुँह में घुसता तो वो अपनी ज़बान नीचे कर लातीं और जब लंड उनके मुँह से बाहर निकलता तो वो उस के टोपे पर ज़बान फेरतीं.
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