RE: Bhabhi ki Chudai सुष्मिता भाभी
सुष्मिता भाभी पार्ट--2
गतान्क से आगे.................
तुम्हारी बीवी की चूत में उसका लंड बड़ी तेज़ी के साथ अंदर बाहर हो रहा था. अपनी चूत में पड़ते उसके हर धक्के के जवाब में शालु बड़ी तेज़ी से अपनी गांद उपर की तरफ उच्छाल देती. गांद उठा उठा कर वो बड़ी मस्ती में चुदवा रही थी. उसकी चूत में ताबाद तोड़ उसका लंड अंदर बाहर आ जा रहा था. तुम्हारी बीवी के मुँह से बड़ी अजीब किस्म की सिसकारियाँ निकल रही थी. अपनी चूत में उसके लंड से धक्के मरवती हुई उसने मुझे अपने उपर खींच लिया और मेरी एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी तथा अपना हाथ मेरी चूत पर रख कर अपने उंगलियों से मेरे चूत को खोदने लगी. ये सब देख कर मेरा यार और मस्ती में आ गया और तुम्हारी बीवी की चूत में और जल्दी जल्दी अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. वो भी गांद उच्छाल उच्छाल कर चुड़वाती रही. काफ़ी देर के लगातार चुदाई के बाद उसका लंड तुम्हारी बीवी के चूत में ही अपना पानी छ्चोड़ने लगा. इस पे वह और ज़्यादा मस्त हो कर उस से और ज़ोर से चिपक गयी. अब उसकी चूत ने भी पानी छ्चोड़ना शुरू कर दिया. दोनो काफ़ी देर तक एक दूसरे से हानफते हुवे चिपके रहे फिर अलग हुवे. . अब तुम्हारी बीवी ने अपनी चूत के अगाल बगल और मेरे यार के लंड के अगाल बगल फैले चूत और लंड के मिश्रीत पानी को चाट कर साफ करने का हुक्म मुझे दिया. मैने इनकार किया तो फिर मेरे पति से सब कुच्छ बता देने की धमकी देने लगी. जिसके कारण पहले उसके चूत को फिर अपने यार के लंड को चाट चाट कर मैं साफ करने लगी. जब मैं अपने यार के लंड को चाट कर साफ कर रही थी तब शालु मेरी चूत को फैला कर मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर चाट रही थी. मेरी चूत में चलती हुई उसकी जीभ का असर मेरी चूत पर होने लगा. मेरी फुददी जो पहले से ही शालु के चुदाई को देख देख कर पागल हो चुकी थी अब और ताव में आगेई. उधर मेरे यार के लंड पर भी मेरे मुँह का असर होने लगा. उसका लंड फिर से खड़ा हो गया. उसने फिर एक बार मेरी चूत में अपना लंड डाल कर चोदना शुरू किया. शालु अब मेरी गांद सहला रही थी. उसने मेरी गांद में अपनी उंगली अंदर बाहर करना शुरू किया. .. ये देख कर मेरे यार के मन में ना जाने क्या आया की उसने मेरी चूत से अपना लंड निकाल कर मेरी गांद में पेल दिया. अब वो मेरी गांद मार रहा था और झुक कर शालु मेरी फुददी चाट रही थी और मेरा यार अपनी जीभ से तुम्हारी बीवी की चूत चाट रहा था. वो इतने ज़ोर से मेरी गांद में अपना लंड पेल रहा था की लगता था मेरी गांद फॅट जाएगी और मैं बेहोश हो जौंगी. मैं गिड गीदा कर उस से अपना लंड निकाल लेने को कहने लगी, जिस से उसे मुझ पर दया आ गयी और उसने अपना लंड मेरी गांद से खींच लिया. लेकिन उसका लंड अब भी पूरे ताव में था इस लिए उसने तुम्हारी बीवी को कस के पकड़ते हुए उसकी गांद में अपना लंड पेल दिया. और ज़ोर ज़ोर से तुम्हारी बीवी की गांद मारने लगा. शालु दर्द से चाटपाटती रही लेकिन बिना दया किए वो उसकी गांद चोद्ता रहा. अब उसका लंड तुम्हारी बीवी की गांद में सटा सॅट अंदर बाहर हो रहा था. शालु भी अब मस्ती में आ चुकी थी और अपना चुटटर हिला हिला कर अपनी गांद मरवा रही थी. करीब दस पंद्रह मिनिट तक लगातार तुम्हारी बीवी की गांद में धक्का मारते मारते उसने उसकी गांद में ही अपना पानी छ्चोड़ दिया.
फिर हम लोग अपना अपना कपड़े पहन कर बैठ गये और बातें करने लगे तभी मेरे पति आगाये. अरे भाभी ये सब बातें तो मुझे आज तक पता नहीं थी. हरंजड़ी मेरे सामने सती साबित्री बनी रहती है और अकेले में गैर मर्द से अपना चूत ही नहीं गांद भी चुड़वति है. हरंजड़ी की गांद में जब भी मैं अपना लंड पेलने का कोशिस करता हूँ तो गुस्से में पागल हो जाती है. सुष्मिता के मुँह से चुदाई और गांद मराई की कहानी सुन कर मेरा लंड फिर से तैयार हो चक्का था और मैं बोला, आओ एक बार अपनी गांद मार लेने दो. वह मेरे सामने घुटनों और कोहनी के बल झुक गांद हवा में उँची कर दी. मैं उसके पीछे गया और सुष्मितभाभी की मस्त फूली गांद फैला के उसके गांद के छेद पर लंड का सुपारा टीका दिया. और मैं उसकी मस्त गांद खूब मस्ती के साथ मारने लगा.
सुष्मितभाभी की दस मिनिट तक अच्छी तरह से गांद मारकर हम दोनों करवट के बल काठमांडू के होटेल के डबल बेड पर लेते हुए थे. बातों ही बातों में सुष्मिता एक और परत खोलने लगी, जैसा कि मैं तुम्हे पहले भी बता चुकी हूँ कि शालु मेरी बहुत अच्छी सहेली है. हम दोनो के बीच किसी तरह की सीक्रेसी नहीं है. हम अपनी अपनी चुदाई की कहानियाँ एक दूसरे से अक्सर बताते रहते हैं. एक दूसरे की कहानी सुनते सुनते कभी कभी हम उत्तेजित हो जाया करती हैं और एक दूसरे के बदन से चिपक कर एक दूसरे के गुप्तांगों को सहलाने, मसालने और चाटने लगते हैं. एक दिन ऐसे ही हम एक दूसरे के साथ मौज कर रहे थे. मैं काफ़ी देर से उस की चूत को अपनी जीभ से सहला और चाट रही थी. वो मेरे चूत में उंगलियाँ पेल रही थी. लेकिन हमारी उत्तेजना शांत होने के बजाय और बढ़ती जा रही थी. हमें किसी जवान मर्द के मोटे तगड़े लंड की जबरदस्त ज़रूरत महशुस होने लगी थी. उसने कोई तरकीब निकालने को कहा. थोड़ी देर के राय मशवरा के बाद हम फेवा ताल (ए टूरिसटिक प्लेस इन पोखरा) की तरफ निकल पड़े. शाम का वक़्त था. इस समय अक्सर मनचले छ्होकरे ताल पर घूमने आई लड़कियों और औरतों को घूरते और कभी कभी उन के साथ छेद्खानि करने का दुस्साहस करते पाए जाते थे. हम दोनो वहाँ जाने से पहले एक दूसरे को काफ़ी अच्छी तरह सज़ा सवार दी थी. हम दोनो सारी ब्लाउस में थे. हम ने बिना बाँह का लो-कट ब्लाउस पहन रखा था, जिस से हमारी पूरी पेट और कमर का हिस्सा नंगा तो था ही, लो कट ब्लाउस के बड़े गले से हमारी चूंचियों का काफ़ी हिस्सा नज़र आ रहा था. ब्लाउस के कापरे इतने महीन थे के उस में से हमारे ब्रा की सिलाई का एक एक धागा साफ साफ नज़र आ रहा था. सारी भी हम दोनो कमर के काफ़ी नीचे बाँध रखी थी, जिस से हमारी खूबसूरत पेरू और ढोंढी साफ साफ नज़र आ रहे थे. मैं पूरे यकीन से कह सकती हूँ के हमें इस पोज़ में देख कर किसी भी मर्द के लंड को हमें चोदने के लिए व्याकुल हो जाना तो साधारण बात थी, हम जैसी मनचली दूसरी लड़कियों का मन भी हमारी चूंचियों से खेलने और हमारे जवान अंगों से खेलने को हो सकता था. हम झील के किनारे इधर से उधर अपनी कमर को मतकाते हुवे किसी ऐसे मर्द की तलास में घूम रहे थे जो हमारे चूतो की गर्मी को अपने लंड से चोद चोद कर शांत कर सके. अभी तक हमें कोई ऐसा मर्द नहीं दिखलाई दे रहा था.
शाम होने को था. हम मायूश होने लगे थे कि आज कोई हमे चोद कर हमारी जवानी की आग को शांत करने वाला नहीं मिलने वाला है. हम झील के किनारे एक एकांत जगह पर एक दूसरे से सॅट कर बैठ गये और एक दूसरे की चूत को ठप थापा कर सांत्वना दे रहे थे. तभी एक हसीन जोड़ी उसी तरफ आते हुवे दिखाई दी. वो हम से कुच्छ ही दूरी पे आ कर बैठ गये. मर्द की उमर कोई 40-45 साल के आस पास होगी और उस के साथ आई लड़की की उमर 17-18 के करीब रहा होगा. देखने में वो दोनो बाप बेटी लग रहे थे. लड़की देखने में काफ़ी खूबसूरत थी. वो टाइट जीन्स में काफ़ी सेक्सी लग रही थी. मर्द साधारण ब्यक्तित्वा का था. हम ने उन के उपर कोई खाश ध्यान नहीं दिया. उन के हमारे करीब आ कर बैठ जाने से हमें कुच्छ अच्छा नहीं लग रहा था क्यों की अब हम एक दूसरे से ना तो खुल कर चुदाई की बातें ही कर सकते थे और ना ही एक दूसरे के बदन के साथ छेद्खानि कर के आनंद ही उठा सकते थे. इस लिए हम वहाँ से झील के दूसरे किनारे की तरफ जाने का सल्लाह मस्वीरा कर ही रहे थे कि लड़की के खिल खिला कर हँसने की आवाज़ से हम उन की तरफ आकर्षित हो गये. वो मर्द जो देखने में उस लड़की का बाप जैसा लग रहा था, वो हमारी उपस्थिति का ध्यान भी ना देते हुवे उस लड़की की चूचियों के साथ छेद्खानि कर रहा था. यह सीन देख कर मैने तुम्हारी बीवी की चूची पर अपनी केह्यूनी से धक्का मारते हुवे उधर देखने का इशारा किया. वो खुद भी पहले से ही उधर देख रही थी.
वे लोग हमारी तरफ बिल्कुल ध्यान दिए बिना अपने खेल में लगे रहे. अब वो मर्द उस लड़की को अपने गोद में खींच लिया था और उसके शर्ट के अंदर अपना हाथ डाल कर उस लड़की की चूचियों से खेल रहा था. वो लड़की उस की गोद में बड़े अजीब ढंग से मचल मचल कर उस से अपनी चूचियों को मसलवा रही थी. कुच्छ देर बाद वो लड़की उसके गोद से उतर कर उसके बगल में बैठ गयी और उस मर्द के पैंट का ज़िपर खोलने लगी. अब उस मर्द का लंड उस के पैंट के बाहर उस लड़की के हाथ में झूल रहा था. उस का लंड देख कर मेरा दम घुटने लगा था, उसके यार का साइज़ लगभग 10 इंच था. इसे देख कर शालु आह भरते हुए मेरे कानों के पास अपना मुँह लाकर बोली, " हाई सुष्मिता कितना लंबा और कैसा मोटा लंड है उसका, एक बार हमे मिलता तो मैं उस के लंड से अपना चूत साफ करवा लेती, वो लड़की तो बेहोश हो जाएगी जब वो अपना पूरा लंड उसके नन्ही सी चूत में डालेगा, इस के लंड से चूत साफ करवाने के बाद तो हम घोड़े से भी चुदवा सकती हैं, कोई उपाय सोचो इस के लंड से चुड़वाने का, ऐसा लंड मैने आज तक नहीं देखा है". मैं जैसा कह रही हूँ वैसा करते जा, वो खुद हमे चोदने को पागल हो जाएगा. और मैने तुम्हारी बीवी की सारी उलटा कर उसकी चूत पे अपना मुँह रख कर उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगी. वो अपने हाथों से अपना चूत फैलाए हुवे थी. हमें इस पोज़ में देख कर वो मर्द उठ कर हमारी तरफ आने लगा और हमारे पास पहुँचते ही उस ने मेरी सारी को उलटा कर मेरी गांद में अपना उंगली घुसा दिया. वो लड़की तुम्हारी बीवी की चूची पकड़कर मसल्ने लगी. थोड़ी देर तक हम चारों ऐसे ही मस्ती लूटते रहे फिर उस मर्द ने कहा, "अगर तुम लोग पूरा मज़ा लेना चाहती हो तो हमारे साथ चलो". मैने कहा, "तुम्हारे साथ तो पहले से ही ये है, इसे चोदने के बाद क्या तुम हम दोनो की प्यास बुझा सकते हो". आजमा कर देखो एक बार मुझ से चुड़वाने के बाद किसी और के लंड से तुम्हारी प्यास नहीं बुझेगी. तुम दोनो के लिए मैं अकेला काफ़ी हूँ परंतु अगर तुम लोग संभाल सकी तो मैं तुम दोनो की प्यासी चूत के लिए दर्जनों लड़कों का लाइन लगवा दूँगा. हमारे ग्रूप में हर उमर के लड़के हैं जिन के पास हर साइज़ का लंड है. हमारे ग्रूप में 10 साल से लेकर 60 साल तक के चुड़क्कड़ मर्द हैं, उनके लंड का साइज़ 4 इंच से लेकर 12 इंच लंबा तक है. तुम जिस जिस को पसंद करोगी और जब तक चाहोगी वी तुम्हे चोद्ते रहेंगे. हमारे लड़के छ्होटी से छ्होटी लड़कियों की चूत से लेकर बूढ़ी औरतों के फैले हुए भोसड़ा तक को पूरी तरह संत्ुस्त करने का क्षमता रखतें हैं. अच्च्छा चलो एक बार आजमा कर देखते हैं कि तुम्हारे और तुम्हारे लड़कों के लंड में कितनी ताक़त है. और वो हमे एक सुनसान इलाक़े में एक सुनसान मकान के अंदर ले गया. वहाँ पहुँच कर उसने किसी को फोन करके बोला, "दो बड़ी जानदार भाभियाँ आई हुई हैं, ये काफ़ी प्यासी भी लगती हैं इन की चूत का प्यास बुझाने के लिए अपने ग्रूप के साथ आ जाओ" फोन करने के बाद वो हमें एक बेड रूम के अंदर ले गया.
बेड रूम में पहुँचते ही उस के साथ वाली लड़की मुझे अपनी बाँहों में भर कर मेरे चूचियों को मसालने लगी। जवाब में मैने भी उस की चुचियों को पकड़ कर ज़ोर से मसल दिया. उसने मेरे कपड़ो को खोलना शुरू किया. पहले उसने मेरा सारी, उसके बाद ब्लाउस तब ब्रा खोल कर मेरे बदन से अलग किया. मेरी नंगी चुचियों को बारी बारी से अपने मुँह में लाकर बच्चों के तरह चुस्ती हुई अपने हाथों में उन्हे लेकर मसालती हुई मेरे चूचियों का तरीफ्फ करने लगी. अब उसका हाथ मेरे पेटीकोट्त के जारबन को खींच रहा था. अगले ही पल मेरा पेटीकोट्त फिसलते हुवे मेरे जांघों से नीचे के तरफ सरक रहा था. अगले पल मैं बिल्कुल नंगी खड़ी थी. अब वो मुझे पलंग पर सुला कर मेरी चूत पर अपनी जीभ रगड़ने लगी थी. ॥ मैने उसे अपने कपड़ा भी उतार लेने को कहा तो उसने एक एक कर के अपनी पैंट, शर्ट, ब्रा और पॅंटी उतार डाला. उस की चूचियाँ बड़ा सॉलिड परंतु काफ़ी छ्होटी थी. उसने अपनी चूत पे उगे बालों को शायद आज ही साफ किया था, जिस से उस की छ्होटी और चुलबुली चूत काफ़ी खूबसूरत दिख रही थी. मुझे तो शालु के साथ अपना चूत चात्वाने और उस के चूत को चाटते हुवे उस में उंगली घुसेड़ने की आदत पॅड चुक्की थी. इस की छ्होटी सी साफ सुथरी चूत को देख कर मेरे मुँह में पानी भर आया. मैं उसे चिट लिटा कर उसके उपर इस तरह से चढ़ि कि मेरी चूत उस के मुँह के सामने आ गयी और मेरा मुँह उस की चूत के पास था. मैने उस की चूत को अपने उंगलियों से फैलाया और उस की चूत के पतले गुलाबी छेद में अपनी जीभ घुसेड कर चाटने लगी. वो भी अपने हाथों से मेरी फूली हुई चूत को ज़ोर से चिदोर कर मेरे चूत में अपनी जीभ गुसेड दी. मैं अपनी जीभ तेज़ी के साथ उसकी चूत में और वो अपनी जीभ जल्दी जल्दी मेरे चूत में चलाने लगी. वो नीचे से अपना चुटटर उठा उठा कर अपना चूत मेरे मुँह पर थेल रही थी. मैं उसकी चूत में जितना संभव था उतना अंदर तक अपनी जीभ थेल कर उस की चूत को ज़ोर ज़ोर से चाट ते हुए उसके मुँह पर अपना चूत ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी. वो मेरे चूत में और मैं उसकी चूत में अपनी जीभ घुसेड एक दूसरे की चूत चाटने में भिड़े हुवे थे. उधर उसी बड़े पलंग पर वो मर्द शालु को नंगा कर के, और खुद भी नंगा होकर शालु के साथ भिड़ा हुवा था. शालु उसके लंड को अपने हाथ में लेकर अपनी जीभ से उसे चाट रही थी और वो शालु के चूत में अपना उंगली डाल कर तेज़ी से अंदर बाहर कर रहा था. शालु अपना चुटटर हिला हिला कर अपनी चूत में उसका उंगली डाळवाते हुवे उसके 10 इंच लंबे लॅंड को अपनी जीभ से चाट रही थी.वो कभी कभी उसके लंड के सुपरे को अपने मुँह में लाकर चूसने लगती थी तो कभी उस के लंड पर अपनी जीभ रगड़ र्गड़ के उसे चाटने लगती. उस की उंगली लगातार शालु के चूत में अंदर बाहर फिसल रही थी.
क्रमशः.....................................
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