RE: Kamukta Kahani पिंकी की ब्लू फिल्म
अरुण का चेहरा भी उत्तेजना में लाल हो रहा था. उसने अपनी जीन्स के बटन खोले और अपनी शॉर्ट्स के साथ नीचे खिसका दी. उसका लंड तन कर खड़ा था. "तुम्हारा लंड वाकई में लंबा और मोटा है अरुण." राज ने कहा. "पिंकी तुम अपने भाई के लंड के बारे में क्या कहती हो?" राज ने कहा. मेने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "बहोत ही जानदार और सेक्सी है." "पिंकी अब तुम अपना मुँह पूरा खोल दो, अब तुम्हारा भाई अपना लंड तुम्हारे मुँह में डालेगा, ठीक है." राज ने कहा. राज की बात सुन में चौंक गयी. मेने ये बात सपने मे भी नही सोची थी. में और अरुण एक दूसरे को घूर रहे थे. थोड़ा झिझकते हुए मेने कहा, "ठीक है." मेने अरुण की तरफ देखा जो मेरे पास आ अपना लंड मेरे चेहरे पे रगड़ रहा था. मेने अपना मुँह खोला और उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया. पहले तो में धीरे धीरे उसे चूस रही थी फिर चेहरे को आगे पीछे करते हुए ज़ोर से चूसने लगी. जब उसने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला तो एक पुक्क्कककचह सी आवाज़ मेरे मुँह से निकली. मेने पलट कर कमेरे की तरफ मुस्कुराते हुए देखा. "तुम सही मेबहोत ही अच्छा लॉडा चूस्ति हो? तुम्हारा क्या ख़याल है जे इस बारे में?" राज ने कॅमरा जे की और मोड़ दिया जो अपना लंड अपने हाथों में ले हिला रहा था. राज ने फिर कॅमरा मेरी और करते हुए कहा, "पिंकी हम सब और हमारे दर्शक तुम्हारी चूत को देखने के लिए मरे जा रहे है, क्या तुम अपनी जीन्स और पॅंटी उतार उन्हे अपनी चूत दिखा सकती हो?" मेने अपनी जीन्स और पॅंटी उतार दी. "बहोत अच्छा, मुझे तुम्हारी चूत पे कमेरे को फोकस करने दो, " उसने कॅमरा ठीक मेरी चूत के सामने कर दिया. "एक बॉल भी नही है तुम्हारी चूत पे जैसे आज ही पैदा हुई हो!" राज बोला, "अब हम सब के लिए अपनी चूत से खेलो." में अपना हाथ अपनी चूत पे रख दिया और अपनी उंगली अंदर डाल रगड़ने लगी, "म्म्म्मम" मेरे मुँह से सिसकारी निकल रही थी. "बहोत अच्छा पिंकी, लेकिन क्या तुम जानती हो अब हम सब क्या देखना चाहेंगे." राज ने कहा. "क्या देखना चाहोगे?" मेने पूछा. "अब हम सब तुम्हारी गांद देखना चाहेंगे." राज ने कहा, "तुम पीछे घूम कर अपनी गांद कमेरे के सामने कर दो." मेने घूम कर अपनी गांद को कमेरे के सामने कर दिया और थोड़ी झुक गयी जिससे मेरी गांद थोड़ा उपर को उठ गयी. "अरुण देखो तुम्हारी बेहन की गंद कितनी सुन्दर है." जे ने कहा. "पिंकी में चाहता हूँ कि अब तुम पूरी नंगी हो बिस्तर पर जाकर लेट जाओ और अपनी टाँगे हो जितना हो सकता है उतनी उपर को हवा में उठा दो." राज ने कहा. मेने अपनी गर्दन हिलाते हुए अपनी संडले उतार दी. फिर अपना टॉप और ब्रा भी खोलकर एकद्ूम नंगी हो गयी. में बिस्तर पर लेट अपनी टाँगे घुटनो तक मोड़ अपनी छाती पे कर ली. राज ने कॅमरा मेरी चूत और गांद पे ज़ूम कर दिया. "अरुण तुम अपनी बेहन की चूत को चाटोगे." राज ने कहा. अरुण ने हां में अपनी गर्दन हिला दी. "पिंकी तुम्हे तो कोई ऐतराज़ नही है अगर अरुण तुम्हारी चूत को चाटे." राज ने पूछा. "मुझे कोई ऐतराज़ नही है बल्कि में तो कब से इंतेज़ार कर रही हूँ कि कोई मेरी चूत को चाटे." मेने हंसते हुए कहा. अरुण घुटने के बल मेरी जाँघो के बीच बैठ गया और धीरे से अपनी जीब मेरी चूत पे रख दी. वो धीरे धीरे मेरी चूत को चाट रहा था. थोड़ी देर चूत को चाटने के बाद वो अपनी ज़ुबान मेरी चूत से लेकर मेरे गंद के छेद तक चाटा और वापस आते मेरी चूत को मुँह मे ले चूसने लगा. "अरुण क्या तुम्हे तुम्हारी बेहन की चूत का स्वाद अछा लग रहा है." राज ने पूछा. "बहुत ही अच्छा स्वाद है, मज़ा आ गया!"
अरुण मेरी चूत को और ज़ोर से चूस्ते हुए बोला. "कौन सा स्वाद अछा है चूत का या गांद का?" जे ने पूछा जो अब भी अपने लंड को हिला रहा था. "पहले मुझसे चखने दो फिर बताता हूँ." कहकर अरुण ने अपनी एक उंगली पहले मेरी चूत में डाल दी फिर उसे निकाल अपने मुँह में डाल चूसने लगा. फिर उसने अपनी उंगली मेरी गांद के छेद पे घूमा उसे सूँघा और फिर मुँह में ले चूसने लगा. "वैसे तो दोनो ही स्वाद अच्छे है पर मुझे चूत ज़्यादा अछी लग रही है." "मुझे भी मेरी चूत का स्वाद चखाओ ना!" मेने अरुण से कहा. अरुण ने अपनी दो उंगलियाँ पूरी की पूरी मेरी चूत में डाल गोल गोल घूमाने लगा. मेरी चूत की अंदर से खुलने लगी. मेने अपनी चूत की नसों द्वारा उसकी उंगलियों को भींच लिया. थोड़ी देर में उसने अपनी उंगली बाहर निकाल मेरे चेहरे के सामने कर दी. मेने कमेरे की ओर देखते हुए उसकी उंगलियाँ झपटकर अपने मुँह में ले चूसने लगी जैसे में किसी लॉड को चूस रही हूँ. अरुण ने दुबारा अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. फिर उसने झुक कर अपनी नूकिली जीब मेरी चूत में डाल दी. उसकी जीब काफ़ी लंबी थी और करीब 3 इंच मेरी चूत में घुसी हुई थी. फिर वो नीचे की और होते हुए मेरी गांद के छेद को चूसने लगा. "कैसा लग रहा है पिंकी?" राज ने पूछा. "म्म्म्ममममम बहुत मज़ा आ रहा है." मेने सिसकते हुए जवाब दिया. "क्या अब तुम अपने भाई के लंड को अपनी गांद मे लेना चाहोगी?" राज ने कमेरे को मेरी गांद की ओर करते हुए पूछा. "हां उसे कहो जल्दी से अपना लंड मेरी गांद में पेल दे" मेने कहा. मेरा भाई उठ कर खड़ा हो गया. मेने भी अपनी टाँगे सीधी कर थोडा उन्हे आराम दिया और फिर टाँगो को मोड़ छाती पे रख लिया. "अरुण क्या तुमने कभी सोचा था कि तुम अपना लंड अपनी बेहन की गांद मे डालोगे?" राज ने पूछा. "हां सपने देखते हुए मेने कई बार अपने लंड का पानी छोड़ा है." अरुण ने जवाब दिया. "देखो तुम्हारी बेहन अपनी गांद को उपर उठाए तुम्हारे लंड का इंतेज़ार कर रही है. में जे और हमारे सभी दर्शक इसका बेताबी से ये देखना चाहते है. राज ने कहा, आज में डाइरेक्टर हूँ इसलिए में बोलता हूँ वैसा करो. पहले अपने लंड के सूपदे को इसकी गाड़ पे रगाडो." अरुण ने वैसा ही किया. "अब धीरे धीरे अपना पूरा लंड इसकी गांद मे पेल दो." उसने कहा. अरुण बड़े प्यार से अपना लंड मेरी गंद में घुसाने लगा. उसका सूपड़ा घुसते ही मेरी गांद के अंदर से खुलने लगी. उसका लंड काफ़ी मोटा था और वो अपने 7 इंची लंड को एक एक इंच करके घुसाता रहा जब तक की उसका पूरा लंड मेरी गंद में नही घुस गया. "अरुण अब कस कस कर धक्के मारो और अपना पूरा पानी इसकी गंद में उंड़ेल दो." राज ने कहा. अरुण अब मेरे चूतड़ पकड़ तूफ़ानी रफ़्तार से मेरी गंद मार रहा था. हम दोनो पसीने से तर बतर हो गये थे. में अपने हाथ से अपनी चूत घस्ते हुए अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगी. मेरे मुँह से सिसकारिया फुट रही थी, "ओह हाआआं ऐसे ही किए जाओ और ज़ोर से अरुण हाँ चोद दो मुझे फाड़ दो मेरी गांद को, अया में तो गयी." मेरा चूत में उबाल आना शुरू हो गया था, और दो धक्कों में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था. "मेरा भी छूट रहा है." कहकर अरुण के लंड ने अपने वीर्या की बौछार मेरी गंद में कर दी. हम दोनो के बदन ढीले पड़ गये थे गहरी साँसे ले रहे थे. उसका लंड अब ढीला पड़ने लग गया था मेने मुस्कुरा कर उसे बाहों में लिया और चूम लिया. राज अपने कमेरे से शूट कर रहा था. उसने कॅमरा को बंद करते हुए कहा, "पिंकी ये हमारा आज का आखरी सीन था. उमीद है हम जल्द ही मिलेंगे, ओके बाइ." "ब्बाइ ब्बाइ सब कोई." मेने जवाब दिया. मेने भी खड़ी हो अपने कपड़े पहनने लगी. तीनो लड़के मुझे देख रहे थे. "क्या तुम सब कोई फिर से कुछ सीन्स शूट करना चाहोगे?" में चाहता हूँ कि हमारी वेब साइट सबसे अछी पॉर्न साइट बन जाए." जे ने कहा. "हां ज़रूर करना चाहेंगे." अरुण बोला. "हां मुझे भी अच्छा लगा, में तय्यार हूँ." मेने जवाब दिया.
थोड़ी देर में जे और राज चले गये. मेरी मम्मी डॅडी भी घर आ गये थे. रात को हम सब खाना खाने डिन्निंग टेबल पर जमा था. में और अरुण खामोशी से खाना खा अपने अपने कमरे मे सोने चले गये. दो हफ्ते गुजर गये. मेरे और अरुण के बीच इस दौरान किसी तरह की बातचीत नही हुई थी. मुझे लगा कि पॉर्न साइट के लिए सीन शूट अब एक कहानी हो कर रह गयी है. शायद सब कोई इसे भूल चुके है. लेकिन हर रात सोने से पहले में उस शाम के बारे में सोचते हुए अपनी चूत की गर्मी को अपनी उंगलियों से शांत करती थी. फिर एक दिन कॉलेज जाने से पहले अरुण मेरे कमरे में आया, "जे और राज पूछ रहे थे क्या तुम दूसरी फिल्म करना चाहोगी?" "में खुद यही सोच रही थी कि तुम लोग ये फिल्म फिर कब करोगे?" मेने कहा. "मम्मी डॅडी दो दिन के लिए बाहर जा रहे है" अरुण ने कहा. "क्या तुम लोग फिर आना चाहोगे?" मेने पूछा. `अगर तुम हां कहोगी तो " अरुण ने जवाब दिया. उस दिन में काम पर चली गयी और पूरे दिन शाम होने का इंतेज़ार करती रही. सिर्फ़ सोच सोच के में इतना गरमा गयी थी कि मेरी चूत से पानी चूने लगा था. आख़िर शाम को ठीक 5.00 बजे में घर पहुँच गयी. घर में घुसते ही मेने तीनो को सोफे पर बैठे हुए देखा. "हाई सब , कैसे हो?" मैने पूछा. `हम सब ठीक है, तुम कैसी हो ?" जे ने कहा. मेने वहाँ ज़मीन पर कुछ समान पड़ा देखा, "ये सब क्या है.?" "ये मेरे कॅमरा का समान है, स्टॅंड, ट्राइपॉड वाईगरह इससे मुझे कॅमरा पकड़ कर शूट नही करना पड़ेगा. ऑटोमॅटिक शूट होता रहेगा." राज ने कहा. "ठीक है, अब क्या प्रोग्राम है. शूटिंग कहाँ करना चाहोगे?" मेने पूछा. "हम यहाँ भी कर सकते है." राज ने कहा. राज ने अपना कॅमरा ऑन किया और मुझ पर केंद्रित कर दिया, "दोस्तों हम आज फिर सुन्दर पिंकी के साथ बैठे है." मेने अपना हाथ कॅमरा के सामने हिलाया. "और ये अरुण है पिंकी का भाई, इससे तो आप सभी मिल चुके है." अरुण ने भी अपना हाथ हिलाया. "चलो तुम दोनो अब शुरू हो जाओ." राज एक डाइरेक्टर की तरह निर्देश देने लगा. मेने और अरुण ने एक दूसरे को मुस्कुराते हुए देखा. अरुण आगे बढ़ मेरे होठों पे अपने होठ रख चूमने लगा. मेने अपनी जीब बाहर निकाली और अरुण मेरी जीब को चूसने लगा. फिर उसने अपनी जीब मेरी मुँह में डाल दी. हम दोनो की जीब एक दूसरे के साथ खेल रही थी. "ओके पिंकी अब हमारे दर्शक तुम्हारी सुन्दर और आकर्षक गांद एक बार फिर देखना चाहेंगे, क्या तुम दिखाना पसंद करोगी?" राज ने कहा. "क्यों नही." इतना कहकर मेने अपनी पॅंट और टॉप उत्तर दिया. फिर ब्रा का हुक खोल उसे भी निकाल दिया. फिर अपनी पॅंटी को निकल में उसे सूंघने लगी और उसे अपने भाई की और उछाल दिया. वो मेरी पॅंटी को पकड़ सूंघने लगा. फिर में सोफे पर लेट गयी और अपनी टाँगे अपने कंधे पर रख ली जिससे मेरी गांद उठ गयी. राज ने कॅमरा मेरी गांद पर ज़ूम कर दिया. `मेने इतनी गुलाबी और सुदर गांद आज तक नही देखी.' राज ने कहा, `अरुण आप अपनी बेहन की गांद को चोदने के लिए तय्यार करो.' अरुण ने अपनी दो उंगली मुँह में ले गीली की और मेरी गांद में अंदर तक घुसा दी. अब वो अपनी उंगली को मेरी गांद में गोल गोल घुमा रहा था. राज ने कॅमरा को स्टॅंड पे लगा उसे ऑटोमॅटिक सिस्टम पर कर दिया. मेने देखा कि राज भी अपने कपड़े उतार नंगा हो चूक्का था. राज अब मेरे पास आया और मुझ गोद में उठा लिया.
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