RE: Sex Hindi Kahani रंगीन आवारगी
रंगीन आवारगी - 2
गतान्क से आगे...................
दूसरी गेम में हार हुई शशि की. अवी ने कहा,” विमल यार अब बारी तेरी है. ले लो बदला मेरी बीवी से. मेरी मानो तो इसका पाजामा उतार दो. कम से कम अपनी बेहन की चूत के दर्शन तो कर लो!!” विमल मुस्कुराते हुए उठा,” ठीक है यार अगर तू अपनी बीवी की चूत दिखवाना चाहता है तो देख ही लेते हैं. क्यो शशि, मेरी बहना, कहीं नीचे पॅंटी तो नहीं पहन रखी?” शशि भी बेशरामी से बोली,” भैया, अपनी बेहन की चूत देखने का शौक है तो पाजामा उतार कर ही देखनी होगी. मुझे भी लगता है कि तुम बहुत बरसों से मेरी चूत के दीदार करने के इच्छुक हो, किओं बिंदु से दिल नहीं भरा?”
विमल ने शशि को होंठों पर किस किया और फिर पाजामे का एलास्टिक खींच दिया. जब वो एलास्टिक नीचे सरका रहा था तो उसने जान बुझ कर उंगलियाँ उसकी फूली हुई चूत पर रगड़ डालीं. अवी मुस्कराते हुए बोला”विमल साले तू हरामी का हरामी रहा, साले शशि की चूत स्पर्श करने की इजाज़त तुझे किस ने दी? साले अपनी बेहन की चूत पर हाथ फेरते हुए कैसा लगा?” शशि बोली,” अवी, मैं अपनी चूत पर जिसका हाथ फिराना चाहती हूँ फिरा सकती हूँ, मेरे विमल भैया से शिकायत मत करना, जब तेरी बारी आएगी तो बिंदु पर हाथ सॉफ कर लेना!!”
तीसरी बाज़ी अवी हारा. विमल ने मुझे उसकी पॅंट उतारने को बोला. जब मैने उसकी पॅंट उत्तरी तो वो बोला,” शशि, तेरी सहेली के हाथ से नंगे होना मज़े की बात है,” तभी मेरे हाथ अवी के नंगे लंड से जा टकराए,”उइईए, ये क्या? आपने कच्छा नहीं पहना?” अवी हंस पड़ा,”किओं साली साहिबा, हमारा हथियार पसंद नहीं आया जो चीख मार दी आपने? आपकी सखी तो काफ़ी खुश है इसकी पर्फॉर्मेन्स से!!” उसका लंड किसी नाग देवता की तरह फूँकार रहा था. अवी ने जान बुझ कर पॅंट के नीचे कुच्छ नही पहना था. उसका लंड विमल के लंड से थोड़ा बड़ा था. अगली गेम फिर शशि हार गयी और बिना कुच्छ बोले विमल ने उसकी शर्ट उतार डाली.
शशि के मोटे मोटे मम्मे सब के सामने थे और मेरी सखी मादरजात नंगी हो गयी. विमल ने आगे झुक कर उसके निपल को चूम लिया. “बहनचोड़ विमल, ये फाउल है. मादराचोड़ तेरी बीवी एक भी गेम ना हारी और मेरी को तुम नंगा कर चुके हो और ये ही नहीं साले अपनी बेहन का दूध भी पी रहे हो!!!” विमल बोला” अवी यार हिम्मत है तो मेरी बीवी को हरा दो और कर दो नंगा, मुझे कोई एतराज़ नहीं. मेरिबिवी भी हम सभी के बराबर ही है”
अब की बारी मैं हारी तो सभी बहुत खुश हुए. “साली साहिबा अब आई हमारी बारी. मैं भी तेरी शर्ट उतार कर नंगा करता हूँ तुझे. देखूं तो सही की चुचि पत्नी की अधिक सेक्सी है या साली की?” अवी के हाथों ने पहले तो मेरी चुचि को अच्छी तरह टटोला. मेरी चुचि पत्थर की तरह कड़ी हो गयी. कसम से अवी का हाथ लगते ही मैं पागल हो गयी. मेरी शर्ट उतार कर जब उसने मेरी चुचि को किस किया तो मैं चुदासी हो गयी और चाहती थी कि आज मुझे अवी चोद डाले. मेरी चुचि गुलाबी हो गयी,”ऊऊओह, अवी मत करो, प्लेआस्ीईईई” अवी ने मुझे होंठों पर किस किया और बोला,”साली साहिबा, जब आपने हाथ लगा कर मेरे लंड को दीवाना बनाया था, भूल गई? अभी तो आपकी चूत को नंगा करना बाकी है”
फिर हारा अवी और विमल ने मुझे कहा, बिंदु, डार्लिंग, अब अपने जीजा को कर दो पूरा नंगा. उतार दो इसकी कमीज़ भी” मैने वैसे ही किया. अवी का सीना काले बालों से ढाका हुआ था और जब उसने मुझे अपने सीने से लगाया तो मेरी कड़क चुचि उसके स्पर्श से फटने को आ गयी. अवी ने एक हाथ मेरे पाजामे में डाल कर मेरी चूत को स्पर्श किया तो मेरी सिसकारी निकल गयी. मेरी चूत से पानी की धारा बह रही थी. “साली साहिबा, आपकी चूत तो पागल हुई जा रही है. किओं ना इसका इलाज मैं अपने लंड से कर दूं? विमल यार आज मेरी बात मान लो, प्लीज़. तुम शशि को चोदो और मुझे बिंदु को चोद लेने दो.
इतनी गरम चुदासी मैने आज तक नहीं देखी. अगर किसी को एतराज़ है तो अभी बोल दे” विमल और शशि ने हाँ बोल दी. वो हैरान हुए जब मैने कहा,”मुझे एतराज़ है, जीज़्जा जी! मुझे आज की पार्ट्नर्स बदलने की स्कीम पर एतराज़ है. अगर करना ही है तो फ़ैसला हो जाए कि ये अरेंज,मेंट हमेशा के लिए होगा. हम चारों आपस में किसी के साथ भी, जब चाहें जो करना हो कर सकते हैं. अगर मंज़ूर है तो बोलो. अवी ने मेरी चुचि को चूमते हुए कहा” साली साहिबा, आपने तो मेरे मन की बात कर डाली. लेकिन शायद विमल को रोज़ रोज़ अपनी बेहन चोदना पसंद ना आए” विमल ने शशि को अपनी गोदी में उठाते हुए कहा,” अगर तुम्हारा ये प्रोग्राम अच्छा है तो फिर इस मे कोई एतराज़ क्यो? चलो एक पेग और बनायो हमारे इस नये रिश्ते के लिए. आज पता चल जाएगा कि घर की चूत कितनी स्वाद होती है”
शशि उठी और पेग बना कर ले आई. अवी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और शशि विमल की गोद में जा बैठी. विमल के सिवा हम सभी नंगे थे. अवी का लंड मेरी गांद में घुसने की कोशिश कर रहा था. जब मैने देखा तो विमल शशि की चूत को हाथों से रगड़ रहा था और जब उसके ग्लास से कुच्छ शराब शशि की चुचि पर गिरी तो विमल उसको चाटने लगा,” ऑश मेरे भाई…ये क्या कर रहे हो…मैं तो कब से जल रही हूँ…चूस लो मेरी चुचि…आआहह..चूसो भैया,,,है…मैं मर गयी…मेरी चूत एक शोला बनी हुई है…..बस करो भैया…अब नहीं रहा जाता….पेल डालो अपना पापी लंड अपनी बेहन की चूत में….मैं मारीईईईई…..उउउफफफफफफ्फ़..भैय्ा
आआआअ चोद डालो मुझे…ऊऊओ भेन्चोद्द्द्द्द्द”
अवी ने अब शराब अपने लंड के सूपदे पर गिरा डाली और मुझे चाटने को बोला. उसका सूपड़ा उठक बैठक कर रहा था और जब में उसको चाटने के लिए झुकी तो उसने लंड मेरी मुह्न में डाल दिया. मैने आँखें बंद कर के लंड चूसना शुरू कर दिया और उसके अंडकोष हाथों में ले कर मसल्ने लगी.
अवी मेरे मुख को किसी चूत की तरह चोदने लगा,”ओह भेन्चोद बिंदु….बिल्कुल रांड़ है तू….मेरी पत्नी जैसी रांड़ है तू जो अपने भाई से चुदवाने को तड़प रही है…आआअहह….रुक जाओ वरना मैं झाड़ जाउन्गा….तेरी मा की चूत साली बस कर!!!” मैं भी अवी को झड़ने नहीं देना चाहती थी. इस लिए रुक गयी. विमल हम को हमारे डबल बेड पर जा कर एक साथ चुदाई शुरू करनी चाहिए. वहाँ मैं तुझे अपनी बेहन को चोद्ते देखना चाहता हू, चाहे वो मेरी बीवी ही है!!”
विमल ने शशि का नंगा जिस्म बाहों में उठा लिया और उसको बेड पर ले गया. अवी ने मुझे उठा लिया और मैं और शशि साथ साथ नंगी बेड पर लेट गयी. दोनो मर्द लोगों के लंड रोड की तरह खड़े थे.” साली साहिबा मैं तुझे घोड़ी बना कर चोदना चाहता हूँ किओं कि आपकी गांद मुझे बहुत सेक्सी लगती है. मैं अपना लंड पीछे से आपकी चूत में जाता हुआ देखना चाहता हूँ” मैं अपने मर्द के हूकम की पालना करती हुई घोड़ी बन कर हाथों और घुटनो पर झुक गयी.
“हाँ मेरे हरामी पति देव मैं जानती थी तू यही करेगा!! अब मेरी सहेली की गांद भी चाट ले किओं के तुझे उसकी गांद में भी घुसना है थोड़ी देर बाद!!!” शशि बोली और फिर विमल की तरफ मूडी,' मुझे क्या हूकम है भैया? मुझे भी घोड़ी बनायोगे क्या? अगर घोड़ी बनायोगे तो भी ठीक है किओं कि कम से कम भेन्चोद बनते वक्त भेन की शकल नहीं देख पाओगे!!” शशि बोली.
विमल ने कहा, 'बहना, भेन्चोद रोज़ रोज़ तो बना नहीं जाता. कब से तमन्ना थी तुझे चोदने की. पहली बार तो देखना चाहता हूँ कि मेरी बहना भी चुदाई के लिए तैयार है अपने भैया से? मेरी लाडो बहना, मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे उप्पेर चढ़ कर मुझे भेन्चोद बनायो. मैं अपनी बेहन की चूत में अपना लंड जाता हुआ देखना चाहता हूँ. लेकिन पहले एक बार अपनी चूत मेरे मुख से लगा कर अपनी नमकीन चूत का स्वाद तो चखा दो मेरी बहना, अपनी चूत को मेरी ज़ुबान पर रख दो, प्लीज़” विमल लेट गया और शशि उसके उप्पेर चढ़ करपनी चूत चटवाने लगी.
अवी ने पीच्छे जा कर एक उंगली शशि की गांद में डाल दी और चोदने लगा उसको उंगली से.”अवी मदेर्चोद, हट जा…साले तुझे बिंदु जैसी हसीन औरत मिली है और तू हम भाई भेन को आराम से चुदाई नहीं करने दे रहे. लगता है किसी दिन भैया से तेरी गांद मर्वानी पड़ेगी मुझे” शशि की गांद तेज़ी से उप्पेर नीचे हो रही थी.
असल चुदाई की स्टेज सज चुकी थी. अवी मेरे पीच्छे झुका और अपनी ज़ुबान को मेरी गांद में घुसा कर चाटने लगा. मेरी गांद आज तक कुँवारी थी. एक नया आनंद मेरे बदन को आ रहा था. उधर शशि अब उठी और अपनी दोनो जांघों को फैला कर विमल के लंड पर सवार होने लगी. विमल ने अपने हाथ उसकी चुचि पर कस दिए और शशि ने उसका लंड हाथ में पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और नीचे होने लगी.
अवी ने भी अब गांद चाटना बंद कर दिया और मेरे उप्पेर चढ़ गया. अवी का सूपड़ा किसी आग के शोले जैसा गरम था. उसने मेरे नितंभ को फैलाया और जांघों के बीच से लंड मेरी चूत मे पेल दिया.'आआआआ….भैय्ाआआअ….अंदर जा रहा है तेरा लंड…ऊऊओह बेह्न्चोद बन गये तुम विमल भैया..तेरी बेहन चुद रही है तुझ से आज….शाबाश मेरे भाई!!”
लगता था कि विमल का लंड शशि किचूत की जड़ तक समा गया था. अवी का सूपड़ा भी मेरे अंदर जा चुका था और मैं आनंद सागर में गोते लगा रही थी,” उर्र्ररज्ग्घह…….डाल दो जीजा…चोद लो अपनी साली को…..मदेर्चोद एक ही बार में घुसा दो जीजा…मत रोको…पेलो मुझे….उउउस्स्सिईईई …मर गाइ मेरी मा….आआआआ…पेलो जीज्ज़ज़ज्ज्जाआा!!” अवी ने अब एक ही झटके में पूरा लंड पेल दिया. उसका लंड मेरी चूत में बुरी तरह फिट हो गया और वो मुझे कुतिया की तरह चोदने लगा. मैं भी अपनी कमर उचका कर अपनी गांद उसके लंड पर मारने लगी.
कमरा फॅक फॅक की आवाज़ों से गूँज उठा. एक बेड पर हम चार लोग जन्नत की सैर कर रहे थे. विमल ने अपनी बेहन के कूल्हे जाकड़ लिए और नीचे से चोदने लगा. अवी भी अब एक कुत्ते की तरह हाँफ रहा था. 'अवी मदेर्चोद थक गये? देखो मेरा पति कैसे चोद रहा है तेरी पत्नी को? तुझ में दम नहीं है क्या? साले चोद अपनी साली साहिबा को ज़ोर से…ज़ोर से….अंदर तक पेल अपना लंड जीज़्ज़ाआाअ!!!”
अवी ने मेरे बाल पकड़ लिए और घोड़े की लगाम की तरह खींच कर मुझे चोदने लगा. अब उसका लंड मेरी कोख से टकराने लगा. बाज़ू में अपनी सहेली और अपने पति को देख कर मेरी उतेज्ना की कोई सीमा ना रही और मैं झरने लगी.'ओह्ह्ह ज़ोर से चोदो…मैं झदीए…अवी चोद मुझे…आआहह….मैं झार रही हूऊऊ.!!!” अवी ने भी धक्के तेज़ कर दिए.
मुझे लगा कि वो भी मंज़िल के नज़दीक है. अचानक लंड रस की गरम धारा मेरी चूत में गिरने लगी और मेरा चूत रस अवी जीज़्जा के लंड रस से मिल गया. उधर शशि ने एक चीख मारी और विमल पर ढेर हो गयी. चारों झाड़ चुके थे.
दोस्तो ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
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