RE: Chudai Kahani रामू ड्राइवर
मैने करवट बदल ली. उन्होने मेरा नेकर खोला दिया और मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ लिया. मेरी सारे बदन में आग सी लग गयी और मेरा दिल तेज़ी के साथ धड़कने लगा. वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी. मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था, उनके सहलाने से एक दम तन गया. वो मुझसे एक दम चिपक गयी. कुच्छ देर तक मेरे लंड को सहलाने के बाद बोली, "तुम्हारे बॉल बहुत बड़े बड़े हैं. तुम सॉफ नहीं करते हो क्या." मैने कहा, "अभी 15 दिन पहले ही सॉफ किया था." वो बोली, "मुझे नीचे के बॉल नहीं पसंद हैं.
मैं अभी तुम्हारे बाल साफ कर देती हूँ." वो उठी और लाइट ऑन करके ड्रेसिंग टेबल से शेविंग कीट निकल कर ले आई और बोली, "तुम लेट रहो, मैं तुम्हारे बाल साफ कर देती हूँ." मैं लेटा रहा और मेम साहब मेरे बॉल साफ करने लगी. बॉल साफ करने के बाद उन्होने मेरे लंड पर हाथ फिराया और कहा, "अब यह और अच्च्छा लग रहा है." कुच्छ देर तक मेरे लंड पर हाथ फिरने के बाद उन्होने मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर देर बाद वो बोली, "रामू, तुम्हारा लंड तो बहुत ही बड़ा है और जब तुम अपने पड़ोसन को चोद्ते हो तो उसे दर्द नहीं होता." मैने कहा, "पहली बार हुआ था पर अब वो मेरे लंड की आदि हो चुकी है और खूब मज़े के साथ चुडवाटी है. एक बार मैं नंगा नहा रहा था तो उसने मेरा लंड देख लिया था. मेरे लंड की साइज़ को देख कर वो मुझ पर फिदा हो गयी थी. हमेशा किसी ना किसी बहाने मेरे पास आती थी और खूब बातें करने लगी थी. एक दिन उसने मुझसे बिना किसी शरम के कह दिया की वो मुझसे चुड़वाना चाहती है. मैने बिना कोई मौका दिए उसे खूब चोडा. पहली बार उसकी चूत से खून भी आ गया था." मेम साहब बोली, "तुम्हारा लंड तो है ही इस काबिल की कोई भी औरत इसे देख कर तुमसे चुड़वाना चाहेगी. मेरे पति का लंड तुम्हारे लंड से छ्होटा लेकिन बहुत छ्होटा नहीं है. वो लगभग 5" का होगा."
मेम साहब ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद बोली, "क्या तुमने कभी किसी औरत की चूत को चटा है." मैने इनकार कर दिया. मेम साहब बोली, "चलो, अब तुम मेरी चूत को चतो और मैं तुम्हारे लंड को चूस्टी हूँ." मैं और जोश में आ गया. मैं मेम साहब की टाँगों के बीच आ गया. मैने उनकी सारी उपर कर दी. नीचे उन्होने पनटी पहन रखी थी. मैने पेंटी भी उतार दी. उनकी चूत एक दम गोरी और चिकनी थी. मैने अभी तक ऐसी चूत नहीं देखी थी. थोड़ी देर बाद मेम साहब बोली, "क्या तुमने ऐसी चूत अभी तक नहीं देखी है. तुम देखते ही रहोगे क्या, चातोगे नहीं मेरी चूत को." मैने कहा, "मैने इतनी गोरी और चिकनी चूत कभी नहीं देखी है. मेरी पड़ोसन की चूत तो साँवली है." वो बोली, "ठीक है. चलो अब मेरी चूत को चाटना शुरू करो." मैने उनकी छूट पर अपना जीभ फिरना शुरू कर दिया. वो जोश में आ कर सिसकारियाँ भरने लगी. फिर मैने अपनी एक उंगली उनकी चूत में दल दी और अंदर बाहर करने लगा. वो मेरा लंड चूस रही थी. थोड़ी देर बाद मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गया और मेरे लंड ने उनके मूह में पानी छ्चोड़ना शुरू कर दिया. मेम साहब वो सारा पानी पी गयी. 5 मिनिट बाद उनकी चूत से भी पानी निकला तो मैने भी सारा पानी छत लिया.
मेम साहब मेरे लंड का पानी निगलने के बाद मेरे लंड को फिर चूसने लगी और मैं उनकी चूत को चाटने लगा. लगभग 10 मिनिट के बाद मेरा लंड फिर तय्यार हो गया. वो बोली, "रामू अब बर्दस्त नहीं हो रहा है. जल्दी चोदो मुझे." मैं उठ कर उनके टाँगों के बीच आ गया. मैं जनता था की मेरा मोटा और लंबा लंड उनकी चूत के अंदर आराम से नहीं जाएगा और उनको बहुत तकलीफ़ होगी. मैं अपनी पड़ोसन की हालत पहली बार की चुदाई के समय देख चुका था. लेकिन मैं मेम साहब की गोरी और चिकनी चूत को बिना कोई तेल या क्रीम लगाए चोदना चाहता था. मैने उनके चूतड़ के नीचे दो तकिये रख दिए और उनकी टाँगों को पकड़ कर फैला दिया.
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