RE: Hindi sex मैं हूँ हसीना गजब की
गतान्क से आगे........................
हम दोनो एक दूसरे मे समाने के लिए जी तोड़ कोशिश करने लगे. दोनो एक दूसरे
से इस तरह लिपट रहे थे कि पानी से भाप उठना ही बाकी रह गया था. हम दोनो
झाड़ कर स्विम्मिंग पूल पर कुछ देर तक किसी जल की मछलियों की
तरह अठ खेलियां करते रहे उसके बाद पानी से निकल कर एक दूसरे के
बदन को साथ के बाथरूम मे जाकर पोंच्छा. फिर हम अपने कमरे मे
वापस लौट गये. खाना कमरे ही मॅंगा कर खाया. राज जी कुच्छ
ज़्यादा ही रोमॅंटिक हो रहे थे. उन्हों ने मुझे अपनी गोद मे बिठा कर
अपने हाथों से खिलाया. अगले दिन हॅमिल्टन और शशा पीछे ही पड़
गये हम दोनो को अलग नही छ्चोड़ा. हमने उनके साथ ही ग्रूप सेक्स का
मज़ा लिया. लेकिन हॅमिल्टन के साथ वो मज़ा नही आया जो मुझे इस
प्यारे बूढ़े शेर मे आया. हम जीतने भी दिन वहाँ ठहरे खूब
एंजाय किए. वापसी मे हम चारों को एक दूसरे से बिच्छुड़ते हुए बहुत
दुख हुआ. वापस आने के बाद हम दोनो मेरी सासू जी की नज़रें बचा
करकभी रात को तो कभी घर से बाहर किसी होटेल मे तो कभी उनके
कॅबिन मे मिलते थे. सासूजी को हमारे जिस्मानी ताल्लुक़ात की भनक नही
लगी. अभी पंकज के वापसी मे काफ़ी दिन बचे थे. जब हफ़्ता भर
बचा रह गया तो जेठ जी मुझे लेने आ गये. काफ़ी दीनो से उनके पास
आकर ठहरने के लिए ज़िद कर रहे थे. लेकिन मैं ही टालती रही
मगरइस बार ना कहा नही गया. मैं उनके साथ उनके घर हफ्ते भर रही.
हम दोनो औरतें उनकी दो बीबियो की तरह उनके अगल बगल सोती थी.
रात को कमल्जी हम दोनो को ही खुश कर देते. उनमे अच्च्छा स्टॅमिना
था. जब वो ऑफीस होते तो हम दोनो कभी कभी लेज़्बीयन सेक्स भी
एंजायकरते. मेरी जेठानी तो मुझ पर जान च्चिड़कने लगी थी. हुमारे
बीचअब कुच्छ भी गुप्त नही रहा. कमल जब ऑफीस से लौटते उसके पहले
वोखुद बन सावँर कर तैयार होती और फिर मुझे भी सजाती साँवर्ती.
हम दोनो उनके आने के बाद सन्छिप्त कपड़ों मे उनसे लिपट जाते और
उनके साथ कामुकता का खेल शुरू हो जाता. हफ्ते भर बाद पंकज
वापसआ गया. हम वापस मथुरा शिफ्ट हो गये. लेकिन मैने राज जी से
मिलने का एक रास्ता खोल रखा. राज जी ने पंकज को कह दिया
" स्मृति एक बहुत अच्च्ची सेक्रेटरी है. अभी जो सेक्रेटरी है वो
इतनी एफीशियेंट नही है. इसलिए कम से कम एक बार हफ्ते मे इसे भेज
देना देल्ही. मेरे ज़रूरी काम निबटा कर चली जाएगी.
पंकज राज़ी हो गया कि मैं हफ्ते मे उनके ऑफीस आ जाया करूँगी और
सारे पेंडिंग काम निबटा जाया करूँगी. लेकिन असल मे मैने कभी भी
ऑफीस मे कदम नही रखा. राज ने एक फाइव स्टार होटेल मे सूट
ले रखा था जहाँ मैं सीधी चली जाती और हम दोनो एक दूसरे के
बदन से अपनी प्यास बुझाते.
अभी पंकज के आए हुए आठ दस दिन ही हुए थे कि मुझे ज़ोर की
उबकाई आई. मैने डॉक्टर को दिखाया तो उन्हों ने प्रेगञेंसी कनफ्र्म
कर दिया. मैं खुशी से उच्छल पड़ी. लेकिन इसका असली बाप कौन है
जिसके साथ मैं पिच्छले महीने हम बिस्तर हुई थी. ये न्यूज़ दी. तीनो की
खुशी का ठिकाना नही रहा. तीनो को मैने कहा कि वो बाप बनने
वाला है.
पहले के लिए : इस उम्र मे बाप बनने की खुशी.
दूसरे के लिए : उसकी मर्दानगी का सबूत
तीसरे के लिए : उसके घर की पहली खुशी थी.
तीनो ने मुझे प्यार से भर दिया. पूरे घर मे हर व्यक्ति खुशी
मेझूम रहा था. सास जेठानी सभी बिज़ी थे घर के नये मेंबर के
आगमन की खुशी मे. हुमारा पूरा परिवार सिमट आया था देल्ही मे
राज जी के निवास पर. बस मुझे एक अजीब से उलझन कचोट रही
थी कि मेरे होने वाले बच्चे का बाप कौन है. फिर भी दिल मे एक
तसल्ली थी कि चाहे वो जिसका भी हो, होगा तो वो इसी घर का खून.
देखने बोलने मे इसी परिवार का ही नज़र आएगा. वरना मैने जितने
लोगों के साथ सेक्स किया था उनमे से किसी और का होता तो लोगों को
शांत कर पाना मुश्किल होता.
एंड
|