RE: Hindi sex मैं हूँ हसीना गजब की
"अच्च्छा?"
"इसी तरह अगर अक्सर चलता रहा तो बहुत जल्दी ही मुझे दवाई लेनी
पड़ेगी ताक़त की."
" मज़ाक मत करो अगर दवाई की किसी को ज़रूरत है तो मुझे. जिससे
कहीं प्रेग्नेंट ना हो जाउ."
हम दोनो वापस एक दूसरे से लिपट गये और उस दिन सारी रात एक
दूसरे से खेलते हुए गुजर गयी. उन्हों ने उस दिन मुझे रात मे कई
बार अलग अलग तरीके से चोदा.
सुबह और उठने की इच्च्छा नही हो रही थी. पूरा बदन टूट रहा
था. आज हॅमिल्टन और शशा भी हमारे साथ मिल गये. हॅमिल्टन
मौकाखोज रहा था मुझ संग संभोग का. लेकिन अब मैं राज जी के ही
रंगों मे रंग चुकी थी. मेरा रोम रोम अब इस नये साथ को तरस
रहाथा. उस दिन भी वैसी ही चुहल बाजी चलती रही. मैने स्विम्मिंग
पूलपर अपनी सबसे छ्होटी बिकनी पहनी थी. मेरा आशिक़ तो उसे देखते ही
अपने होश खो बैठा. हॅमिल्टन के होंठ फदक उठे थे. हॅमिल्टन ने
पूल के अंदर ही मेरे बदन को मसला. शाम को हम डॅन्स फ्लोर पर
गये डॅन्स फ्लोर पर कुच्छ देर हॅमिल्टन के साथ रहने के बाद
राज जी ने मुझे अपने पास खींच लिया. शशा भी उनके बदन
सेचिपकी हुई थी. दोनो को अपनी दोनो बाजुओं मे क़ैद करके वो थिरक
रहेथे. हॅमिल्टन टेबल पर बैठा हम तीनो को देखते हुए मुस्कुराता
हुया अपने कॉकटेल को सीप कर रहा था. हम दोनो ने राज जी की
हालत सॅंडविच जैसी कर दी थी. मैं उनके सामने सटी हुई थी तो
शशा उनकी पीठ से चिपकी हुई थी. हम दोनो ने उनके बदन से शर्ट
नोच कर फेंक दी थी. उन्हों ने भी हम दोनो को टॉपलेस कर दिया था.
हम अपने स्तनो को अपने सख़्त निपल्स को उनके बदन पर रगड़ रहे
थे. कुच्छ देर बाद हॅमिल्टन भी स्टेज पर आ गया उसके साथ कोई
औरलड़की थी. इसे देख कर शशा हम से अलग होकर हॅमिल्टन के पास
चली गयी. जैसे ही हम दोनो अकेले हुए.राज जी ने अपने तपते
होंठ मेरे होंठों पर रख कर एक गहरा चुंबबन लिया. "आज तो तुम
स्विम्मिंग पूल पर गजब ढा रही थी." "अच्च्छा? मिस्टर. राज एक
स्टडऐसा कह रहा है. जिसपर यहाँ कई लड़कियों की आँखें गढ़ी हुई
हैं.
जनाब जवानी मे तो आपका घर से निकलना मुश्किल रहता
होगा?" "शैतान मेरी खिंचाई कर रही है." राज जी ने मुझे अपनी
बाहों मे लिए लिए स्टेज के साइड मे चले गये' "चलो यहा बहुत
भीड़ है. स्विम्मिंग पूल पर शेलेट हैं अभी पूल खाली
होगा." "लेकिन पहले बिकनी तो ले लें." "उसकी क्या ज़रूरत" मैने उनकी
तरफ देखा," आज मूनलाइट मे न्यूड स्विम्मिंग करेंगे. बस तुम और
मैं." उनकी प्लॅनिंग सुनते ही उत्तेजना मे मेरा रोम रोम थिरक उठा.
मैने कुच्छ कहा नही बस चुपचाप राज जी के साथ हो ली. हम
लोगों से बचते हुए कमरे से बाहर आ गये. स्विम्मिंग पूल का नज़ारा
बहुत ही दिल्कूश था. हल्की रोशनी मे पानी का रंग नीला लग रहा
था. तब शाम को 9 बज रहे थे इसलिए स्विम्मिंग पूल पर कोई
नही
था और शायद इसीलिए रोशनी कम कर दी गयी थी. उपर पूनम का
चाँद ठंडी रोशनी बिखेर रहा था. हम दोनो वहाँ पूल के निकट
पहुँच कर कुच्छ देर टके क दूसरे को निहारते रहे फिर हम दोनो ने
एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू किए. मैने आस पर ड्रेस कोड इन्नर
गारमेंट्स नही पहन रखा था. इसलिय जैसे ही वो मेरी स्कर्ट को
खींचने लगे मैने उन्हे रोका. "प्लीज़. इसे नही. किसीने देख
लिया तो?" "यहा कोई नही आएगा. और किसे परवाह है? देखा नही हॉल
मे सब नंगे घूम रहे थे." हम दोनो बिल्कुल निवस्त्र हो गये.
सबसेपहले राज जी ने पूल मे प्रवेश किया फिर मुझे हाथ पकड़ कर
अंदर खींच लिया. मैं खिल खिला कर हंस पड़ी. मैने अपनी अंजूरी
मे पानी भर कर उनके चेहरे पर फेंका. तो वो मुझे पकड़ने के लिए
मेरे पीछे तैरने लगे. हम दोनो काफ़ी देर तक चुहल बाजी करते
रहे. एक दूसरे के बदन से खेलते रहे. हम दोनो कस्के एक दूसरे से
लिपट जाते और एक दूसरे का बदन को चूमने लगते. राज जी ने
मेरे बदन का कोई हिस्सा नही छ्चोड़ा जहाँ उनके होंठों का स्पर्श ना
हुआ हो. मैने स्विम्मिंग पूल के किनारे को पकड़ कर अपने आप को स्थिर
किया. राज जी पीछे से मेरे बदन से लिपट कर मेरे गीले
स्तनोको मसल रहे थे. मैं अपनी गर्दन को पीछे घुमा कर उनके होंठों
को अपने दन्तो से काट रही थी. उनका लिंग मेरे दोनो नितंबों के
बीचसटा हुआ था. मैने अपने एक हाथ से उनके लिंग को थाम कर देखा लिंग
पूरी तरह तना हुआ था. " आज जाओ जान पानी भी मेरे बदन की आग
को बुझा नही पा रहा है. जब तक तुम मेरे बदन को शांत नही
करोगे मैं ऐसे ही फूंकति रहूंगी " मैने उनके बालों को अपनी मुट्ठी
मे भर कर अपनी तरफ मोड़ा और उन्हों ने मुझे अपनी बाहों मे भर
लिया. उस जगह पर पानी कम था. वो पानी पर खड़े होकर मुझे उठा
कर स्विम्मिंग पूल के उपर बिठा दिया. मेरी टाँगें पूल के किनारों
परझूल रही थी. वो अपने दोनो हाथों से मेरी टाँगों को फैला कर मेरी
टाँगों के बीच आ गये. मैने अपनी टाँगें उठा कर उनके कंधों पर
रख दी.इससे मेरी योनि उपर होकर उनके चेहरे के सामने हो गयी.
उन्होंने मेरी योनि पर अपने होंठ टीका दिए और अपनी जीभ को योनि के
ऊपरफिराने लगे. "अयाया म्म्म्मा...उउउउउउउउम्म्म एमेम" मैने उनके सिर को अपने
एकहाथ से पकड़ा और दूसरे हाथ को ज़मीन पर रखते हुए. उनके सिर को
अपनी योनि पर दबा दिया. वो अपनी जीभ को मेरी योनि के अंदर डाल
करउसे आगे पीछे करने लगे. मैने उत्तेजना मे अपने दोनो हाथों से
राज जी को पकड़ लिया और अपनी कमर को उसके मुँह की तरफ उठाने
लगी. उन्हो ने मेरे दोनो नितंबों पर अपनी उंगलिया गढ़ा दी और मेरे
क्लिट को अपने दाँतों के बीच दबा कर हल्के हल्के से कुतरने लगे.
वोइस हालत मे पीछे हटे तो मैं उनको पकड़े पकड़े ही वापस स्विम्मिंग
पूल मे उतर गयी. मैने अपनी टाँगों को कैंची की तरह उनके बदन
को चारों ओर से जाकड़ लिया था. फिर उनके सिर को थामे हुए अपने
टाँगों को हल्का सा लूज करते हुए उनके बदन पर फिसलती हुई
नीचेकी ओर खिसकी. जैसे ही अपने बदन पर उनके लिंग का स्पर्श महसूस
किया तो अपने हाथों से उनके लिंग को अपनी योनि पर सेट करके वापस
अपनेबदन को कुच्छ नीचे गिराया. उनका लिंग मेरी योनि के दरवाजे को
खोलता हुआ अंदर घुसता चला गया. उनको ने मेरी पीठ को स्विम्मिंग
केकिनारे से सटा दिया मैने अपने हाथों से पीछे की ओर स्विम्मिंग पूल
का सहारा लेकर अपने बदन को सहारा दिया. वैसे मुझे सहरे की
ज़्यादाज़रूरत नही थी क्योंकि मेरी टाँगों ने उनके बदन को इस तरह जाकड़
रखा था कि वो मेरी इच्च्छा के बिना हिल भी नही पा रहे थे.
उन्होनेज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू
किया. "अया.....अयाया. ......राज. ....राआाज. .......हाआअन्न. ....
हाा
अनन्न.....और जूऊर सीए......एम्म्म. ....म्म्माअजाआ आआ
गय्ाआअ.... ..ऊऊऊफ़फ्फ़. ....जूऊओरो सीईए.....म्म्म्मम. ....."
मैनेअपनी बाहों का हार उनके गले मे डाल दिया और उनके होंठों से अपने
होंठ चिपका दिए. मैं उनके होंठों को काट खा रही थी. "ले ले
लेले अंदर लेले अंदर पूरा....आआअहह क्य्ाआ चीज़
हाईईइ...... .म्म्म्ममम.. ..." कहते हुए उन्हों ने मुझे सख्ती से अपनी
बाहों मे जाकड़ लिया और अपने रास की धार मेरी योनि मे बहाना शुरू
किया. मैने इस मामले मे भी उनसे हार नही मानी. मेरा भी वीर्य
उनकेरस से मिलने निकल पड़ा. हम दोनो अपने जिस्म को दूसरे के जिस्म मे
समा गये
क्रमशः........................
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