RE: Hindi sex मैं हूँ हसीना गजब की
"क्या हो गया है आज आपको?" मैने थूक निगलते हुए कहा.
"प्यार तुझे आज जी भर कर प्यार करना चाहता हूँ." आज ससुर जी
के मुँह से इस तरह की बातें सुन कर अजीब सा लग रहा था. राज
जी हमेशा से ही एक सोबर और मर्यादित आदमी रहे हैं. मैने जब
शादी से पहले इतनी कोशिश की थी उन्हे सिड्यूस करने की तब भी
नही हीले थे अपने उसूलों से. अगर वो चाहते तो मेरी सील तोड़ने का
श्रेय मैं उन्ही को देती. मैं तो चाहती ही थी उनकी मिस्ट्रस बनने की
मगर उनके उँचे विचारों ने मेरी एक नही चलने दी.लेकिन वो
स्तंभ, वो उँचे उसूलों का पुतला आज कैसे सेक्स के दलदल मे गोते
खा रहा है. थोड़ी बहुत चुहल बाजी थोडा लिपटना थोडा मसलना ये
सब तो मैं भी पसंद करती थी क्योंकि उन्हे मैं हमेशा ही मन से
चाहती थी. मगर उनके साथ सेक्स? मैं आसमंजस्य मे फँस गयी थी.
समझ मे नही आ रहा था कि आज वो कैसे अपना पद अपनी मर्यादा, हम
दोनो के बीच का संबंध सब भूल कर इस तरह की बातें कर रहे
हैं.
"डॅडी आपने आज बहुत पी रखी है आप आज अपने कंट्रोल मे नही
हो. आप रेस्ट करो मैं अपने कमरे मे जाती हूँ." मैने दरवाजे की
तरफ अपने कदम बढ़ाए ही थे. कि उनकी कदक्ति आवाज़ से मेरे कदम
वहीं रुक गये.
"खबरदार अगर एक भी कदम आगे बढ़ाया तो. जैसा कहता हूँ कर
नही तो आज मैं तेरारेप करने से भी नही चूकुंगा"
"डॅडी क्या हो गया आज आपको. हम दोनो का रिश्ता बदनाम हो जाएगा.
अगर किसी को पता चल
गया तो लोग क्या कहेंगे."
"तू उसकी चिंता मत कर. किसी को पता ही नही चलेगा. यहा अपने
देश से दूर हूमे जानने वाला है ही कौन. और तू रिश्तों की दुहाई
मत दे. एक आदमी और एक औरत मे बस एक ही रिश्ता हो सकता है और वो
है हवस का रिश्ता. जुब तक यहाँ रहेंगे हम दोनो साथ रहेंगे.
अपने घर जा कर तू भले ही वापस मुझसे घूँघट कर लेना."
"ऐसा कैसे हो सकता है. हम दोनो के बीच एक बार जिस्म का संबंध
हो जाने के बाद क्या सोचते हैं कभी वापस नॉर्मल हो सकेगा?"
"तू जब तक यहाँ है भूल जा कि तो मेरे बेटे से ब्याही है. भूल
जा की मैं तेरा ससुर हूँ. तू बस मेरी सेक्रेटरी है. अगर तेरी
शादी मेरे बेटे से नही हुई होती तो हम यहाँ क्या करते?"
"फिर तो बात दूसरी ही होती." मैने कहा.
"तू समझ अब भी वही बात है. तू केवल मेरी सेक्रेटरी है." देखा
नही सारी सेक्रेटरीस अपने एंप्लायर्स के साथ कैसे खुल्लम खुल्ला
सेक्स कर रहे थे."
"लेकिन….." मैं अभी भी झिझक नही छ्चोड़ पा रही थी. राज जी
उठे और कमरे मे कुर्सी टेबल खिसका कर जगह बनाया. फिर मुझे
खींच कर बीच मे खड़ा कर दिया. अंदर कुच्छ नही पहना होने के
कारण मेरे बूब्स बुरी तरह इधर उधर हिल रहे थे. और मेरे
हाथों को अपने हाथ मे थाम कर थिरकने लगे. मैं भी धीरे धीरे
उनका साथ देती हुई डॅन्स करने लगी.
कुच्छ ही देर मे मैं मूड मे आ गयी और पूरे जोश के साथ मैं
म्यूज़िक पर थिरकने लगी. राज जी ने एक झटके मे अपने बदन पर
पहने गाउन को अलग किया. मैने देखा कि वो अंदर कुच्छ भी नही
पहने थे. वो पूरी तरह नग्न हो गये थे. अपने गाउन को वही छ्चोड़
कर वो वापस जाकर बेड पर बैठ गये. अब मैं भी झिझक छ्चोड़
कर खुद को समय के हवाले कर दिया.
"मेरी ओर झुक कर अपनी चूचियो को हिलाओ" राज जी ने कहा.
मैने वैसा ही किया. उन्हों ने अब मुझे टी शर्ट उतारने के लिए इशारा
किया. उनके सामने नग्न होने का ये पहला मौका था. मैने झिझकते
हुए अपने हाथों से अपनी टी शर्ट को पकड़ कर उँचा करने लगी.
जैसे जैसे टी शर्ट उँचा होता जारहा था, मेरे अनमोल खजाने के
दोनो रत्न बाहर निकलते जा रहे थे. मैने अपनी टी शर्ट को निकाल कर
अपने हाथों से पकड़ कर एक बार सिर के उपर हवा मे घुमाया फिर उसे
राज जी की तरफ फेंक दिया. त शर्ट सीधा जा कर उनकी गोद मे
गिरा. राज जी ने उसे उठाकर कुच्छ देर तक सूंघते रहे और
चूमते रहे. मैं टॉपलेस हालत मे थिरक रही थी. थोड़ी थोड़ी देर
मे अपने बूब्स को एक झटका देती तो दोनो बूब्स उच्छल उठते. मैं
डॅन्स करते करते राज जी के पास पहुँची और उसके होंठों के
सामने अपने दोनो बूब्स को थिरकने लगी. मैने अपने एक स्तन को अपने
हाथों से थाम कर उँचा किया. फिर निपल को अपनी उंगलियों से खींच
कर उनकी होंठों के पास ले गयी. जैसे ही राज ने अपने होंठ
खोल कर मेरे बूब्स पर झपटा मारा मैं किसी मछली की तरह उनकी
पकड़ से निकल गयी. इतने दीनो की आस आज पूरी हो रही थी.
राज को तरसाने मे खूब मज़ा आ रहा था.
राज जी का लिंग उनके घने बालों के बीच खड़ा हुआ झटके खा
रहा था. मैने उसे एक बार अपनी मुट्ठी मे लेकर उसके उपर की चाँदी
को उपर नीचे किया और फिर छ्चोड़ दिया. मेरी इस हरकत से उनके लिंग
के उपर एक बूँद प्रेकुं चमकने लगा. राज ने अपने सूखते
हुए होंठों पर अपनी जीभ फिरा कर मुझे स्कर्ट उतारने के लिए
इशारा किया. मैने स्कर्ट के एलास्टिक मे अपनी उंगलियाँ डाल कर उनकी
तरफ देखी. उनकी आँखें मेरी स्कर्ट से चिपकी हुई थी. वो उतावले
हुए
जा रहे थे. मैने उन्हे कुच्छ और परेशान करने की सोची. मैने
उनकी
तरफ अपनी पीठ कर ली और अपनी स्कर्ट को धीरे धीरे नीचे कर
दिया. वो मेरी मोटी मोटी गंद को ललचाई नज़रों से देख रहे थे. मैं
अब खड़े होकर अपने बदन को म्यूज़िक पर थिरकने लगी. कुच्छ देर बाद
मैं धीरे धीरे सामने की ओर मूडी. मेरी नग्न योनि अब उनके सामने
थी.
वो एक तक मेरी काले सिल्की झांतों से भरी योनि को निहार रहे थे.
अब तो उन्हे अपने ऊपर कंट्रोल करना मुश्किल हो गया. वो उठे और
मुझे बाहों मे लेकर मेरे संग कमर हिलाने लगे. उनका गाउन उन्हों ने
बिस्तर पर ही छ्चोड़ दिया था. वो मेरे पीछे से सटे हुए थे.
हमारे नग्न बदन एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे. मेरी योनि गीली
हो
गयी थी. उनका लिंग मेरे दोनो नितंबों के बीच जगह तलाश कर
रहा था. उनके हाथ मेरे बदन पर फिसल रहे थे. सामने आदमकद
आईने मे मैने हम दोनो के अक्स को एक दूसरे से गूँथे हुए देखा तो
एग्ज़ाइट्मेंट और बढ़ गयी. उन्हों ने मुझे आईने मे देखता देख कर
मुस्कुरा कर मुझे वहीं छ्चोड़ कर मेरे पीछे पहुँचे और मेरे
दोनो
बगलो से अपने हाथ डाल कर सामने मेरे स्तन को सहलाने लगे. मैने
अपने सुंदर स्तन को राज जी के हाथों द्वारा मसला जाते देख
रहा
था. मेरी पीठ उनके सीने से लगी हुई थी. मैने अपना सिर पीछे
की
ओर करके उनके कंधे पर रख दिया.
क्रमशः........................
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