RE: Hindi sex मैं हूँ हसीना गजब की
"मुझे तो अपने लड़के की किस्मत पर जलन हो रही है. ऐसी
खूबसूरत अप्सरा तो बस किस्मेत वालो को ही नसीब होती है." उन्हों
ने मेरी तारीफ की. मैने उनके सामने आकर उसी तरह झुक कर अपने
स्तनो को उनकी आँखों के सामने किया फिर एक हल्के झटके से स्तनो को
हिलाया और घूम कर अपनी नितंबों पर चिपकी पॅंटी के भरपूर
दर्शन कराए. फिर अंदर चली गयी.
एक के बाद एक बिकनी ट्राइ करने लगी. हर बिकनी पिच्छलीवाली बिकनी से
ज़्यादा छ्होटी रहती थी. आख़िरी बिकनी तो बस तो बस निपल को ढकने
के लिए दो इंच घेर के दो गोल आकर के कपड़े के टुकड़े थे. दोनो एक
दूसरे से पतली डोर से बँधे थे. उन्हे निपल के उपर सेट करके
मैने डोर अपने पीछे बाँध लिए. पॅंटी के नाम पर एक छ्होटा सा एक
ही रंग का तिकोना कपड़ा योनि को ढकने के लिए एलास्टिक से
बँधा हुआ था. मैने आईने मे देखा. मैं पूरी तरह नग्न नज़र आ
रही थी.
मैं वो पहन कर जब चलते हुए उनके सामने पहुँची तो उनके हाथ का
ग्लास फिसल कर कार्पेट पर गिर पड़ा. मैं उनकी हालत देख कर हंस
पड़ी. लेकिन तुरंत ही शर्म से मेरा चेहरा लाल हो गया.
मैने अब तक कई गैर मर्दों के साथ मजबूरी मे सब कुच्छ किया था
मगर कमल जी साथ ही सेक्स को एंजाय किया था. उनकी तरह इनके साथ
तो मैं भी एंजाय कर रही थी. मैं इस बार उनके कुच्छ ज़्यादा ही पास
पहुँच गयी. उनके सामने जाकर झुकी तो मेरे बड़े बड़े बूब्स उनकी
आँखों के सामने नाचने लगे. मेरे दोनो स्तन उनसे बस एक हाथ की
दूरी पर थे. वो अपने हाथों को उठा कर उन्हे छ्छू सकते थे. मैने
अपने बदन को एक झटका दिया जिससे मेरे स्तन बुरी तरह उच्छल
उठे. फिर मैं पीछे मुड़कर अपने कमरे मे जाने को हुई तो उन्हों ने
मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी गोद मे खींचा. मैं लहरा कर उनकी
गोद मे आ गिर गयी. उनके होंठ मेरे होंठों से चिपक गये. उनके
हाथ मेरी गोलैईयों को मसल्ने लगे. एक हाथ मेरे नग्न बदन पर
फिरता हुआ नीचे टाँगों के जोड़ तक पहुँचा. उन्हों ने मेरी योनि के
उपर अपना हाथ रख कर पॅंटी के उपर से ही उस जगह को मुट्ठी मे
भर कर मसला. अब उनके हाथ मेरे ब्रा को मेरे बदन से अलग करना
चाहते थे.
वो कुच्छ और करते की उनका मोबाइल बज उठा. उनके ऑफीस के किसी आदमी
का फोन था. वो किसी अफीशियल काम बारे मे बात कर रहा था. मैं
मौका देख कर उन कपड़ो को समेत कर वहाँ से भाग गयी. मैने अपने
कपड़े उतार कर वापस सलवार कमीज़ पहनी और सारे कपड़ों को समेत
कर बॉक्स मे रख दिया. मैं पूरी तरह तैयार होकर दस मिनिट बाद
बाहर आई. तब तक राज जी जा चुके थे. मैं टेबल से ड्रिंक्स का
सारा समान उठाने को झुकी तो मुझे सोफे पर एक गीला गोल धब्बा
नज़र आया. वो धब्बा उनके वीर्य से बना था. मैं सब समझ कर
मुस्कुरा उठी.
मैं अपने कमरे मे जाकर सो गयी. आज मेरे ससुर जी की रात खराब
होनी थी. और मैं आने वाले दीनो के बारे सोचती हुई सो गयी जुब
हफ्ते भर के लिए हम दोनो को एक साथ रहना था पॅरिस जैसी
रंगीन जगह मे.
हम आज़ पर शेड्यूल फ्रॅन्स के लिए निकल पड़े. पॅरिस मे हमारी तरह
तकरीबन 100 कंपनी के रेप्रेज़ेंटेटिव आए थे. हमे एक शानदार
होटेल मे ठहराया गया. उस दिन शाम को कोई प्रोग्राम नही था. हमे
साइट सीयिंग के लिए ले जाया गया. वहाँ एइफले टवर के नीचे खड़े
होकर हम दोनो ने कई फोटो खिंचवाए. फोटोग्राफर्स ने हम दोनो को
हज़्बेंड वाइफ समझा. वो हम दोनो को कुच्छ इंटिमेट फोटो के लिए
उकसाने लगे. ससुरजी ने मुझे देखा और मेरी राई माँगी. मैं कुच्छ
कहे बिना उनके सीने से लिपट कर अपनी रज़ामंदी जाता दी. हम दोनो
ने एक दूसरे को चूमते हुए और लिपटे हुए कई फोटो खींचे.
मैने उनकी गोद मे बैठ कर भी कई फोटो खिंचवाए. ये सब फोटो
उन्हों ने छिपा कर रखने की मुझे सांत्वना दी. ये रिश्ता किसी भी
तरह से इंडियन कल्चर मे आक्सेप्टबल नही था.
अगले दिन सुबह से बहुत बिज़ी प्रोग्राम था. सुबह से ही मैं सेमिनार मे
बिज़ी रही. राज जी यानी मेरे ससुर जी एक ब्लॅक सूयीट जिसपर
गोलडेन लिनिंग थी मे बहुत जाच रहे थे. उन्हे देख कर किसी को
अंदाज़ लगाना मुश्किल हो जाए कि उनके लड़कों की शादी भी हो चुकी
होगी. वो खुद 40 साल से ज़्यादा के नही लगते थे. जैसा की मैने
पहले पार्ट्स मे लिखा था शादी से पहले से ही मैं उन पर मर मिटी
थी. अगर मेरी पंकज से शादी नही हुई होती तो मैं तो उनकी मिस्ट्रस
बनकर रहने को भी तैयार थी. पंकज से मुलाकात कुच्छ दीनो के
बाद भी होती तो मैं अपनी वर्जिनिटी राज जी पर न्योचछवर कर
चुकी होती.
खैर वापस घटनाओ पर लौटा जाए. सुबह एज पर ड्रेस कोड मैं
स्कर्ट ब्लाउस पहन रखी थी. 12 बजे के आस पास दो घंटों का
ब्रेक मिलता था. जिसमे स्वीमिंग और लंच करते थे. सब कुच्छ एज पर
स्ट्रिक्ट टाइम टेबल किया जा रहा था. सुबह उठने से लेकर कब कब क्या
क्या करना है सब कुच्छ पहले से ही डिसाइडेड था.
हमे अपने अपने कमरे मे जाकर तैयार होकर स्विम्मिंग पूल पर मिलने
के लिए कहा गया. मैने एक छ्होटी सी टू पीस बिकनी पहनी हुई थी.
बिकनी काफ़ी छ्होटी सी थी. इसलिए मैने उसके उपर एक शर्ट पहन ली
थी. कमरे से बाहर निकल कर बगल वाले कमरे मे जिसमे ससुर जी रह
रहे थे उसमे चली गयी. ससुर जी कमरे मे नही थे. मैने इधर
उधर नज़र दौड़ाई. बाथरूम से पानी बहने की आवाज़ सुनकर उस तरफ
गयी तो देखा की बाथरूम का दरवाजा आधा खुला हुआ था. सामने
राज जी पेशाब कर रहे थे. उनके हाथ मे उनका काला लिंग सम्हाल
रखा था. लिंग आधा उत्तेजित अवस्था मे था इसलिए काफ़ी बड़ा दिख
रहा था. मैं झट थोड़ा ओट मे हो गयी जिससे की उनकी नज़र अचानक
मुझ पर नही पड़े और मैं वहाँ से उनको पेशाब करते हुए देखती
रही. जैसे ही उन्हों ने पेशाब ख़त्म करके अपने लिंग को अंदर किया
तो मैं एक बनावटी खाँसी देते हुए उन्हे अपने आने की सूचना दी. वो
कपड़े ठीक करके बाहर निकले. राज जी ने नग्न बदन पर एक
छ्होटी से वी शेप का स्विम्मिंग कॉस्ट्यूम पहन रखा था. जिसमे से उनके
लिंग का उभार सॉफ सॉफ दिख रहा था. उन्हों ने अपने लिंग को उपर की
ओर करके सेट कर रखा था.
उन्हों ने मुझे बाहों से पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो मैं उनके नग्न
बदन से लग गयी. उसी अवस्था मे उन्हों ने मेरे कंधे पर अपनी
बाँह रख कर मुझे अपने से चिपका लिया. हम दोनो एक दूसरे के गले
मे हाथ डाले किसी नाव विवाहित जोड़े की तरह स्विम्मिंग पूल तक
पहुँचे.
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