Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
06-25-2017, 12:31 PM,
#11
RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
मेने कॉलेज से आते ही देखा के मम्मी घर पे ही थी, मे कॉलेज आते समय मेहन्दी के पॅकेट लेके आई थी. सो मेने हाथ मूह धोके, मम्मी से कहा 
“ मेरे हाथो और पैरो पे मेहन्दी रचानी है, मुझे अपने नये घर मे आके बहुत अच्छा लगा इस लिए” मम्मी ने कहा “ बेटी तुमने बहुत जल्दी यहा के महॉल को अपना बना दिया, मे बहुत खुस हू, मे तुम्हारे आज बढ़िया मेहन्दी रचा दूँगी, जैसे शादी मे रचा ते है, लेकिन तुम अभी छोटी हो, वरना मे तुम्हारे पति का नाम इस्पे लिख देती और तुम जब अपने पति से मिलो तो उसे अपना नाम कहा लिखा है वो ढूँढ ना पड़ता” मेने कहा “ मम्मी अभी तो शादी नही लेकिन तुम मेरे लेफ्ट हाथ पे “आर” बनाना और राइट हाथ पे “एस” बनाना, कुयंकि आर फॉर रियल और एस फॉर शमा याने के रियल शमा” मम्मी की इंग्लीश वीक थी सो उन्होने मुझे उसका मतलब नही पूछा और कहा “ हा ठीक है”. में अपने हाथो और पैरो मे मेहन्दी रचा ने के बाद अपने कमरे मे आके सो गयी और मेने मम्मी को बोला था कि मे रात को खाना नही खाउन्गी. मे ने घड़ी मे रात के 12 बजे का अलार्म लगा दिया था. मे ने सपने मे देखा कि कैसे अंकल मेरे हाथो की मेहन्दी को चूम रहे थे कि अलार्म बज गया और मेने अपने हाथो और पैरो को अच्छी तरह धो दिया. मेने अपने बालो मे मम्मी से तेल भी लगवाया था, क्यूंकी अंकल उन्हे हर वक़्त बहुत ज़ोर से खिच ते थे. मेने बाथरूम जाके अपने सारे बालो को अच्छे से धोके और मेरे पूरे जिस्म को साबुन से धो दिया. मेने सुबह के अपने बालो को गीला ही रहने दिया. फिर अपने हाथो की मेहन्दी को देखा और उसमे “आर” और “एस” को देख के मुस्करा रही थी, और सोच रही थी अगर राज अंकल मेरे पति बन जाए तो मुझे हर वक़्त अपने पास ही रख ते, क्यूंकी उनकी कॉलेज मे काफ़ी जान पहचान थी, सो मुझे कॉलेज भी जाना ना पड़े और मैं हर दिन उनकी बाहो मे ही लिपटी रहू. ये सब सोच के मेरी चूत मे गुद गुडी सी होने लगी. 


डेट 23-जून-96. रात के ठीक 12:05 मिनट पे अपने भीगे बालो और हाथ – पैर मे लगाई हुई मेहन्दी को लेके अंकल के घर मे आ गयी और दरवाजा बंद करके अंकल के सामने खड़ी हो गयी. अंकल मुझे पूरी नंगी और मेरे भीगे बालो और मेरे हाथ-पैर मे लगाई हुई मेहन्दी को देख रहे थे. मुझे अपने जिस्म से लगाते हुए मेरे भीगे ने बालो मे हाथ घुमा के मुझे हल्के से चूम रहे थे. फिर अंकल ने मुझे एक बॅग दिया और कहा “ जया इस बॅग मे कुछ कपड़े है जो आज तुम्हे पहनने है और मेने हर कपड़े को कैसे और कहा पहनना वो इस कागज मे लिखा है.” मुझे आसन वाले रूम भेज दिया. मेने वाहा जाके बॅग को टेबल पे रखा के उस मे से सारे कपड़े निकाल दिए, वो सारे लाल रंग के थे, हर कपड़े पे नंबर लिखा था. फिर मेने उस कागज को पढ़ा उसमे हर नंबर के साथ कुछ लिखा था. सब से पहले नंबर पे चड्डी थी, मेने चड्डी देखी और कागज मे से पढ़ा “ जया ये तुम्हारी चूत को मेरे लंड को इस मे रख ने के लिए”, मेने उस चड्डी को देखा कि वो एक छोटी रस्सी जैसी थी, आगे मेरी चूत को ढक सके उतना ही कपड़ा था और बाकी सब एक पतली सी रस्सी जैसा था, उसमे लेफ्ट बाजू का भाग खुला था, वाहा मुझे रस्सी को बांधना था, मेने वैसे करके चड्डी को पहन लिया. अब दूसरे नांबेर पे लहँगा था, मेने देखा कि वो मखमल जैसा नरम था और कागज मे देख के पढ़ा “ जया ये तुम्हारे लंबे और नाज़ुक से पैरो को लिए”, मेने उसे पहन लिया. फिर नंबर था चोली का, उस कागज मे लिखा था “ जया ये तुम्हारे छोटे छोटे स्तनो के लिए”, मेने देखा कि उस चोली मे आगे की ओर बटन की जगह छोटी छोटी डोर थी , मेने उसे पहन ते हुए सभी डॉरो को एक दूसरे के साथ बाँध दिया, वो मेरे स्तनो पे दबाव बना रहे थे, वो बहुत टाइट थी. अब नंबर था पैरो की पायल का और उस के साथ लिखा था “ जया ये जब तुम पेहन्के चलोगि तो सारे घर मे एक संगीत जैसा बजने लगेगा”, वो सोने की पायल थी और उस पे बहुत सारे घुंगूरू थे, जब दोनो पायल पहन के मैं उस रूम मे चल रही थी तो रूम पायल को आवाज़ से गूँज उठा. अब नंबर था हाथ की चूड़ियो का और लिखा था “ जया ये तुम्हारे रेशम जैसे हाथो की कलाईयो के लिए”, मेने बारी बारी दोनो हाथो मे वो चूड़िया पहन ली और वो भी आवाज़ कर रही थी. अब नंबर था कान के झुमके और नाक की नथ्नि का और माँग टीके का और लिखा था “ जया ये तुम्हारे कान और नाक के लिए जिसे पह्न के तुम और भी खूबसूरत लगोगी, और ये माँग टीके को अपने सिर के बीच मे रखना” , मेने वो पहन लिए और माँग टीके को मेरे सिर मे बालो के साथ लगा दिया.. लास्ट मे बड़ी सी चुनरी थी और लिखा था “ जया इसे अपने सिर के उपर रख के तुम मेरे पास चली आना”, मैं उसे सिर पे डाल के हॉल मे अंकल के पास चली गयी. अंकल ने मुझे उन कपड़ो मे देखा और वो देख ते ही रह गये, मेने अंकल से पूछा “ राज अंकल ये सारे कपड़े तो एक लड़की जब उसकी शादी होती है उस वक़्त पहनती है”, अंकल ने बीच मे बोले “ हा जया मे आज तुमसे शादी करने वाला हू, मैं तुम्हारे मम्मी पापा से बात करके तुम्हारा हाथ माँगने वाला था, लेकिन इस समय मे ये सब मुमकिन नही है और तुम्हारी उमर भी अभी 18 साल नही हुई है , सो आज हम चुपके से शादी करके हमेशा के लिए एक दूसरे के हो जाएँगे”. 


मैं अंकल की बात को समझ नही पाई और पूछा “ अंकल, हम शादी करके भी एक दूसरे के साथ नही रह सकते जब तक हम मेरे मम्मी पापा को ना बता दे “ अंकल ने कहा “ जया रानी इसलिए तो मेने इस घर की चावी दी है के आज के बाद तुम्हारा जब भी मन करे तुम यहा चली आना “ मेने शरमाते हुए कहा “ अंकल आप चाहते है कि मैं रोज सुबह, दोपहर और रात को आपके पास आऊ ताकि हम दोनो अपने जिस्म की प्यास को मिटा सके, तो यही ठीक है कि हम आज रात को ही शादी करले और किसी को पता भी नही चलेगा”. राज अंकल मेरी बात से खुस थे और उन्होने किचन से पंडित जी को बुलाया जो कि उनका दोस्त था. मैं पंडित को देख के बहुत खुस हो रही थी क्यूंकी आज मेरी सच मे राज अंकल से शादी होनी वाली थी. पंडित जी ने हॉल मे आते ही शादी का समान हॉल के बीच मे रख दिया, दो छोटे से तकिया पे मुझे और अंकल को बैठने को कहा. पंडित जी के सामने हम दोनो पैरो को मोड के बैठ गये. अंकल ने पंडित को पहले ही बता दिया था कि मेरी उमर कितनी है और क्यो मुझसे शादी करना चाहते थे और कुछ रुपेये देके उनका मूह बंद कर दिया था. पंडित जी ने सबसे पहले कुछ मंत्रो चार करके हवन कुंड मे कुछ डाला, पंडित जी ने हम दोनो को एक लकड़ी देके कहा “ आप दोनो इसे एक साथ अपने राइट हाथ से पकड़ लो और मैं जैसा कहु वैसा कीजये गा”, पंदिट जी ने कुछ मंत्रो को पढ़ के कहा “ अब आप दोनो इस थाली मे रखी सभी चीज़ो पर ये लकड़ी रख के इसे हवन कुंड के पास ले जाए”, हम दोनो ने उस लकड़ी को पकड़ के थाली मे रखी सभी चीज़ो मे रख के हवन के पास ले जाने लगे कि, तभी मेरे हाथ वाहा तक नही पहुच रहे थे, तो पंडित जी ने कहा “ बिटिया अगर कष्ट हो रहा हो तो अपने होने वाले पति की गोद मे बैठ जाओ”, मैं कई बार अंकल की गोद मे बैठी थी लेकिन पंडित जी के सामने मुझे शरम आ रही थी. राज अंकल बोले “ जया रानी बैठ जाओ क्यूंकी शादी के पूजन मे काफ़ी वक़्त लगता है और पंडित जी से शरमाओ मत”. मैं अपनी जगह से उठ के अंकल याने कि मेरे होने वाले पति राज शर्मा की गोद मे बैठ गयी, मेरे स्तन के बाजू मे से अंकल ने हाथ निकाल के मेरे हाथो को पकड़ लिया और हवन के पास ले गये. पंडित जी ने कहा “ बिटिया अभी से राज अंकल तुम्हारे होने वाले पति देव जी है, तो उन्हे हिंदू शास्त्रो के अनुसार नाम लेके नही बुलाते, तुम उन्हे सिर्फ़ पति जी ही कहना”, मेने हा मे सिर हिला दिया.
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी - by sexstories - 06-25-2017, 12:31 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,464,453 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,289 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,217,231 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,571 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,632,151 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,063,528 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,921,493 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,959,798 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,994,055 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,397 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)