Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
06-25-2017, 12:29 PM,
#6
RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
मेरी बेकाबू जवानी--3 


गतान्क से आगे...... 
डेट 20-जून-2000. अलार्म की घंटी बजी और मे उठ गयी. मे नहा धोके अपना रुमाल जिस्म से लपेट के राज अंकल ने जो इनाम दिया था उसे लेके बेड पे बैठ गयी. मेने धीरे से वो सिल्वर पेपर निकाल कर बाजू मे रखा और बॉक्स खोलके देखा की उसमे एक कछि है, वो काले रंग की थी, उस की आगे की बाजू एक छोटा सा कपड़ा जैसा था और पीछे की बाजू एक छोटी सी रस्सी जैसा था . मेने उसे पहन्के देखा तो वो आगे मेरी छूट को ही ढक पा रहा था और पीछे वो रस्सी मेरी गन्ड मे घुस गयी ऐसा मुझे लग रहा था. उस बॉक्स मे एक लेटर भी था जो में हाथ मे उठा के पढ़ ने लगी “ 

मेरी प्यारी जया 

मे ने जबसे तुम्हे देखा है मे बस तुम्हारे ख़यालो मे डूबा हुवा हू, मे सुबह होते ही तुम्हारे नाज़ुक होंठो को चूमने की राह देख रहा होता हू, जब मुझे तुम अपने होंठो को चूमने देती हो तो मुझे तुम पर बड़ा नाज़ आता है कि मेने तुम्हारी थोड़ी सी मदद की उसका फल मुझे तुम दे रही हो. जब तुम कॉलेज से घर आती हो तो मे बस यही सोचता हू बस अब मे तुम्हे कभी अपने से दूर नही करूँगा. मे मेरी जया को खुद नींद से जगाउ, उसे कॉलेज ड्रेस पहनाउ, जब कॉलेज से वापस आए तो उसे होमवर्क मे मदद करू, और फिर जब मे उसे जिस्म की प्यास के बारे मे बताउ. वो दिन भी दूर नही जब ये सब मुमकिन होगा बस जया मुझे सिर्फ़ तुम्हारा साथ चाहिए. आज तुम्हे जो इनाम दिया था वो अपने साथ लेके आओ और ज़्यादा खुलते कपड़े पहन्के आना ताकि आसान मे कोई तकलीफ़ ना हो. 
तुम्हारा प्यारा दोस्त 
राज अंकल 
“ 
मेने ये खत पढ़ते ही मन मे शरमाने लगी और सोचने लगी जब राज अंकल मुझे पूरे दिन और रात अपने पास रखेंगे तो मेरे साथ …..? यही सोच रही थी कि मेरी नज़र ने देखा कि 4:50 हो गये है. सो मेने एक शर्ट जोकि थोड़ा ढीला था और एक लहगा जोकि उपर से नीचे तक एक जैसा था वो काले रंग की कछि पे पहन्के घर का दरवाजा बाहर से बंद करके नीचे राज अंकल के घर मे चली गयी. उनके घर का दरवाजा बंद था तो मेने घंटी बजानी चाही लेकिन मुझे याद आया कि अंकल ने मुझे उनकी घर की एक चावी मुझे दी है. सो मे वापस अपने घर मे आके मेरी कॉलेज बेग मे से वो चावी निकाल के वापस आ रही थी और मेने देखा कि मेरे मम्मी पापा का दरवाजा बंद था और अंदर से कोई आवाज़ नही आ रही थी. सो मे राज अंकल के घर के पास जाके अपनी चावी से घर को खोला और अंदर जाके वापस बंद कर दिया. में अंदर जाते ही राज अंकल को ढूँढ रही थी वो कही दिख नही रहे थे, मेने उनको आवाज़ लगाई “ राज अंकल आप कहा हो”. तब एक रूम (उनका मास्टर बेडरूम) का दरवाजा खुला और वो बाहर आ गये. मेने देखा के उनके जिस्म पे सिर्फ़ एक कछि जैसा ही था जोकि काले रंग का था. राज अंकल ने मेरे पास आके मेरे माथे को चूम के मुझे कहा “ गुड मॉर्निंग जया”. मेने भी उनको कहा “ गुड मॉर्निंग राज अंकल”. फिर वो मुझे एक बंद कमरे मे ले गये. वाहा पर मखमल की एक बड़ी लाल रंग की गद्दे जैसा बड़ा सा आसान था. राज अंकल मुझे उसके बिछे मे लेके गये और बैठ ने का इशारा किया. मे दो नो पैरो की चौकड़ी बनाते हुए बैठ गयी. राज अंकल ने हल्का सा धीमा संगीत अपने टॅप मे बजा दिया. वो अब बिल्कुल मेरे सामने आके बैठ गये. में उनकी ओर देख रही थी और मेरे मन मे चल रहे सवाल को उन्होने पहचान लिया और कहा “ जया रानी तुम यही सोच रही हो के मेने तुम्हे जो इनाम दिया था वैसा ही इनाम मेने पहना हुवा है. तुम ने जो पहना है उसे बाहर के लोग पहनते है और उसे पेंटी कहते है, मेने जो पहना है उसे लंगोट कहते है, ये दोनो वस्त्रा कसरत ओर कोई भी आसन करने मे आसानी हो इस लिए पहनते है.” मेने हा मे सिर हिला दिया. फिर उन्होने मुझे पहला आसन कैसे करते है दिखाया. उन्होने अपने दोनो हाथ आगे किए, उपर किए और सिर के उपर से पीछे ले जाके उसे देखना भी था. मेने पहले हाथ आगे किए, फिर उपर किए और जैसे ही में उन्हे पीछे ले जाने लगी कि रुक गयी और वो मुझसे नही हो रहा था मेरे हाथो, कंधो मे दर्द सा होने लगा. मे जब कई बार की कोशिश के बाद भी नही कर सकी तब राज अंकल उठ के मेरे पीछे बैठ गये और उन्होने अपने दोनो पैरो को फैलाते हुए मुझे उनके बीच मे खिच लिया, उससे मेरी पीठ का भाग उनकी छाती से लग गया, मेरे बाल जो के उनकी छाती लग रहे थे तो उन्होने कहा “ जया अपने बालो को अपने माथे के उपर बाँध लो ताकि वो मेरी छाती को गुद गुडी ना करे”. उनके मुहसे ऐसा सुनते ही मे ज़ोर से हंस पड़ी और तभी अंकल मेरे बालो को पीछे से ज़ोर से पकड़ के मेरे चहरे को अपनी और करते हुए मेरे होंठो को चूमने लगे. मे उनके इस अचंक से हुए वार को समझ नही पाई और जैसे माफी माँग रही हू वैसे उनके जिस्म से लग गयी और कह रही थी मुझे माफ़ कर दो. फिर राज अंकल ने मेरे बालो को ढीला करते हुए और सहलाते हुए कहा “ जया डरो मत मे तुम पे गुस्सा नही हू, बस मेने पहली बार तुम्हे इतना खुलके हस्ते देखा तो मेने सोचा कि तुम्हे तुरंत इनाम दिया जाए और मेने तुम्हे बालो से पकड़ के तुम्हारे होंठो को चूम लिया.” मेने हल्के से हस्ते हुए उनकी ओर देखा और शर्मा गयी और अपने बालो को अपने सिर के उपर की ओर बाँध दिया. राज अंकल नेमुझे कमर से पकड़ के उनके जिस्म से पूरी तरह लड़ा दिया. पहले उन्होने मेरे दोनो हाथो को कंधे से पकड़ के सीधा किया और सहायता के लिए अपने हाथ भी सीधे कर दिए और मेरे हाथो की उंगलियो को अपने हाथो की उंगलियो से पकड़ लिया, ऐसा करते ही उनका लेफ्ट गाल मेरे राइट गाल से लग गया मानो गाल का भी आसन साथ मे हो रहा था, उन्होने मेरी हाथ की हथेली को मुट्ठी बना दिया, और फिर वो दोनो हाथो को सिर के उपर ले गये, और अब जो मे नही कर पा रही थी वो उन्होने मेरे हाथो के उनके सिर के पीछे ले जाते हुए एक जगह पर रोक दिया, इस समय मेरा कमर के उपर का पूरा बदन खिच रहा था और मेरे स्तन भी बाहर आ रहे थे लेकिन ढीला कपड़ा पहनने से वो बाहर नही आ रहे थे. राज अंकल ने मेरे हाथो को वापस मेरे सिर के उपर लाते हुए अपने हाथ मेरे हाथ मे से निकल दिया और मेरे हाथ अभी भी उपर ही थे. राज अंकल ने अपने दोनो हाथ मेरी कमर पे लगाते हुए मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और मेरे राइट गाल पे चूम लिया और फिर वाहा से मेरी गर्दन पे चूमते हुए लेफ्ट गाल को भी चूम लिया. मे समझ गयी कि ये मेरा इनाम है. मेरा दिल ज़ोरो से धड़क रहा था. राज अंकल ने मुझे करीब 15 मिनट तक वो आसन करवाया और हर बार उनके सिर के पीछे जाने के बाद वो मेरे दोनो गालो को और मेरी गर्दन पर चूम लिया करते थे. फिर वो उठ खड़े हुए और मेरे सामने आके बैठ गये. फिर उन्होने मुझे दूसरा आसन दिखाया. उस आसन मे पहले अपने दोनो पैरो को सामने की ओर ले जाते है, फिर कमर के उपर के भाग को ज़मीन पे पीठ के बाजू लेट जाते है, और फिर धीरे से दोनो पैरो को उपर की ओर अपनी जाँघो के बल पर उठाते हुए 1 मिनट तक रख ने के बाद उसे वापस नीचे लाते है. मेने सुरू किया और पीठ के बल लेट गयी और मेने धीरे से उपने पैर उपर उठाए, लेकिन मे ज़्यादा देर तक उन्हे उपर नही रख सकी, तो अंकल मेरे पैरो के आए और मेरे पैरो को हाथो से पकड़ के उपर की ओर ले गये और वैसे ही 1 मिनट तक पकड़ के रखा. मेरी गंद भी थोड़ी सी हवा मे उठ गयी थी, मुझे पैरो की आसन काफ़ी अच्छी लग रही थी. फिर करीब 15 मिनट तक पैरो के आसन के करने के बाद अंकल ने मुझे सीधा लिटा दिया. मे काफ़ी थकान महसूस कर रही थी और अपने दोनो हाथो और पैरो को ढीला छोड़ के आराम से लेट गयी. राज अंकल जो मुझे इस तरह से देख रहे थे मानो मे उनकी हर बात का सही तरह से पालन कर रही हू और वो मुझे कोई इनाम देना चाहते हो. अंकल मेरे लेटे हुए जिस्म को देख रहे थे और वो मेरे पैरो के पास आकर अपने घुटनो के बल बैठ के मेरे दोनो पैरो को फेलाते हुए जगह बनाते हुए घुटनो के बल चलते हुए मेरी जाँघो के बीच मे आ गये, और मेरे पैरो को अपनी कमर पे रखते हुए मुझे देख रहे थे. मे उनका सू सू वाला भाग अपनी चूत पे महसूस कर रही थी, वो काफ़ी बड़ा था, मेने अभी तक अपने रिस्तेदार के बच्चो के छोटे सू सू ही देखे थे, मेने सोचा जैसे आदमी बड़ा होता है वो भी बड़ा होता होगा. अंकल के दो दिन से जिस्म लगाने के वक़्त मुझे वो महसूस नही हो रहा था आज अचानक उस लंगोट की बजह से मुझे वो महसूस हो रहा था. मे काफ़ी शर्मा रही थी ये सब सोच के. फिर राज अंकल मेरी कमर से सुरू करते मेरी शर्ट के उपर से ही मुझे चूमने लगे, धीरे धीरे वो उपर आ रहे थे और मेरी दिल की धड़कन और मेरी साँसे तेज चल रही थी, उन्होने मेरे लेफ्ट स्तन के पास आके मेरे निपल जो उनका दिल था उसे चूमने के बाद वो मेरी गले पे चूमते हुए मेरे होंठो को चूमने लगे. मे भी उनको चूमने लगी वो दोनो होंठो से मेरे उपर के होठ को चूम रहे थे और मे मेरे दोनो होंठो से उनके नीचे के होठ को चूम रही थी, मे मदहोसी मे पागल हो रही थी, तभी मुझे हसास हुवा राज अंकल जब उपर आ रहे थे तब मेरा शर्ट थोड़ा मेरी नाभि के पास आ गया था मेरे उस नंगी पेट पे उनका सू सू वाला भाग मुझे लग रहा था. मुझे लग रहा था कि मेरे उपर आते समय उनकी लंगोट थोड़ी सी खुल गयी होगी उसी बजह से उनका सू सू वाला भाग मुझे मेरे पेट पे लग रहा था. उनका सू सू वाला भाग काफ़ी गरम था और वो मेरे पेट पे दबाव बना रहा था क्यूंकी अंकल के पूरे जिस्म का बोझ मुझ पर था मे उनके वजन से दबी जा रही थी यहा तक की मेरी छाती भी उनकी छाती से दब रही थी. मुझे पेट पे लगा हुवा उनका सू सू धीरे धीरे और गरम लग रहा था. इस तरफ राज अंकल मुझे गालो, होंठो और गर्दन पे बहुत ज़ोर से चूम रहे थे और कभी कभी काट भी लेते थे. राज अंकल के हाथ मेरे बालो को खोलने की कोशिश कर रहे थे मेने अपने बालो को खोलके आज़ाद कर दिया, अंकल मेरे बालो मे हाथ डाल के मेरे बालो को ज़ोर से अपनी मुट्ठी मे लेके उपर की ओर खिच ने लगे. मे भी मेरे हाथो से उनके वाइट बालो को खिच रही थी. हम दोनो एक दूसरे को काफ़ी देर से चूम रहे थे. में कई बार मेरे पैर जो के बाजू मे फेले हुए थे अंकल की कमर पे रख दिया करती थी. इन बीच मे मुझे अपने सू सू वाली जगह जिसे मुझे पता था चूत कहते थे उसमे से कुछ सू सू जैसा निकल ने का ऐएहसास हो रहा था और मेरा पूरा जिस्म अकड़ रहा था, सो मेने अंकल को ज़ोर से पकड़ लिया था. ये मेरा पहला अनुभव था और मुझे इसके बारे मे कुछ मालूम नही था. काफ़ी ज़ोरो से मेरे होंठो, गालो, गर्दन पर चूमते और मेरे बालो को खिचते हुए अंकल थोड़ा रुक गये और तभी मेरे पेट पे कुछ गरम गाढ़ा सा पानी(लिक्विड) गिर रहा था, वो मेरी नाभि के चारो ओर गिरा हुवा था और कुछ तो मेरी नाभि मे चला गया था. अंकल मेरे उपर लेटे हुए थे सो उनके पेट पर भी थोड़ा सा वो पानी लगा हुवा था, हम दोनो के पेट लगे उस गाढ़े पानी की बजाह से वो एक दूसरे से चिपक गये थे. राज अंकल मेरी आँखो मे देख रहे थे और फिर उन्होने कहा “ जया रानी ये है तुम्हारा आज का खास इनाम इसे कल सुबह तक ऐसे हीरहने देना पानी से धोना मत.” मेने राज अंकल से कहा “ अंकल मेरे भी सू सू वाली जगह पे कुछ निकला है” अंकल ने मेरा पेंट जो के इलास्टिक का था उसे नीचे करते मेरी चड्डी के कपड़े को बाजू मे करते हुए उन्होने वाहा देखा और कहा “ जया रानी आज से तुम जवान हो रही हो और मेने जो तुम्हे जिस्म की प्यास के बारे बात की थी उसकी शरुआत हो गयी है. मे तुम्हे चूमने के नसे मे था वरना मुझे मालूम हो जाता. चलो कुछ बात नही हैं आज से तुम नीचे अपनी सू सू वाली जगह याने के उसे चूत कहते है उसे कुछ भी हो मुझे बताना और ग़लती से वाहा हाथ नही लगाना.” मेने हा मे सिर हिलाते हुए अंकल से कहा “ अंकल आपकी सू सू वाली जगह को क्या कहते है वो मेरे पेट पे लग रहा था, और मुझे गरम सा लग रहा था.” अंकल ने कहा “ उसे लंड कहते है लेकिन तुम उसे सू सू वाली जगह ही कहो गी क्यूंकी मुझे वो सुन ने मे अच्छा लगता है.” मेने फिर खड़ी होके हर बार की तरह अंकल के पसीने को रुमाल से साफ कर दिया, इस बार उन्होने वो लनगोट भी निकाल दिया था वो मेरे सामने बिल्कुल नंगे थे और मेरे हाथ को पकड़ के उनकी सू सू वाली जगह पे साफ करने को इशारा किया, में उसे साफ करके जा रही थी कि अंकल ने मुझे अपनी और खिच लिया और उनके नंगे जिस्म से लगा दिया और मेरे होंठो को चूमने लगे, मेभी उनके होंठो चूमने लगी. फिर अंकल ने मुझे कहा “ जया अब कॉलेज का समय हो रहा है तुम घर जाके कॉलेज चली जाओ”. मे सीधे ही अपने घर पे आ गयी और बाहर से बंद दरवाजे को खोलके अंदर अपने कमरे मे जाके अपना शर्ट निकाल के मेरे पेट पे लगे हुए उस पानी को छू ने लगी, जो काफ़ी चिकना था और गाढ़ा भी और सफेद रंग था, मेने उसे अपनी नाक के पास लाके सूँघा तो मुझे उस की खुसबु अच्छी लगी. फिर मेने मेरा पेंट निकाल के चड्डी को वही रहने दे ते हुए मेरी कॉलेज की ड्रेस पहन ली. मे मम्मी को बाइ बोल के कॉलेज जाने लगी, नीचे राज अंकल खड़े थे, मैं उनके पास गयी और उनके होंठो को चूमने लगी, थोरी देर बाद अंकल ने कहा “ जया मेने तेरे लिए नाश्ता बनाया है उसे रिसेस मे खा लेना” मे उन्हे बाइ करके वाहा से कॉलेज चली गयी. कॉलेज जाते ही मुझे दो पीरियड के बाद जोरो सी भूख लगने लगी और मेने अंकल के दिए हुए नाश्ते को खोल दिया, उसमे ब्रेड और ओमलेट थी, मैं वो ख़ाके बहुत खुस थी. मे सोच रही थी राज अंकल का अहसान मेरे उपर और ज़्यादा बढ़ रहा था, वो मेरी हर इच्छा को पूरी कर रहे थे. सो मेने भी फेसला कर दिया था मे अंकल को कभी सीकायत का मौका नही दूँगी. 

क्रमशः........
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी - by sexstories - 06-25-2017, 12:29 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,546,868 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,591 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,251,878 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 946,405 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,680,755 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,103,120 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,989,362 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,182,326 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,078,863 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,336 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)