RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
गतान्क से आगे............
"आओ मेरे जमाई राजा, आओ अब तुम मेरी चूत का स्वाद लो. मेरी चूत, चूत से निकल रही सहद को तुम जीव से चॅटो और उसका स्वाद लो. अब जल्दी से मेरी चूत चूसो. जल्दी आओ मेरे जमाई राजा, मेरी चूत को संभलो. अब आज से मेरी बेटिओं के साथ साथ मेरी चूत का भी चुदाई तुम्हारे ज़िम्मे मे है"
जगन अब बहुत उत्तेजित हो गया था और उसे अपने सास की बिना झांतों वाली चूत को नज़दीक से देखना था और उसका स्वाद लेना था. वो जल्दी से सास के उपर चढ़ कर उनकी चूत को टटोलने लगा. फिर उनकी पैर के बीच जा कर उनकी चूत को गौर से देखने लगा. जगन को सास की बिना झांतों वाली चूत देख कर बहुत गर्मी आ गयी. उनके मोटे मोटे चूत के होंठ साफ साफ दिख रहे थे और उनकी चूत की घुंडी तना हुआ था और काफ़ी आगे निकल रहा था. जगन दोनों हाथों से उनकी चूत को खोल कर लाल लाल अन्द्रुनि हिस्से को देखने लगा.
फिर जगन अपना जीव निकाल कर आप'ने सास की चूत को धीरे धीरे चाटने लगा. जगन अपनी सास की चूत को उपर से नीचे अपनी जीव से चट रहा था. फिर जगन अपनी जीव की नोक को सास की चूत के अंदर डाल दिया और घुमाना शुरू कर दिया. उसको सास की चूत से निकल रही भेनी भेनी खुश्बू बहुत अच्छा लग रहा था. जगन को सास की चूत का मीठा मीठा रस और उसकी खुसबू बहुत उत्तेजित कर रहा था और वो जीव से उनकी चूत को खूब ज़ोर ज़ोर से चट रहा था और चूस रहा था. जैसे जैसे जगन अपनी सास की चूत को चट और चूस रहा था, वो भी अपनी दामाद का 10" का खरा लंड मूह मे भर कर चूस रही थी.
छ्हम्मो दामाद का लंड, जो क उनके चहेरे के सामने था, मूह मे भर कर अपनी जीव से सहला रही थी. वो लंड को दो उंगलेओं से पकर कर उस पर अपनी जीव फिरा रही थी, फिर उसको मूह मे भर कर अपना सर आगे पिछे कर के उसको मूह के अंदर और बाहर कर रही थी और गाल्लों से उसको दबा रही थी. उधर, जगन अपना जीव सास की चूत के अंदर डाल कर उनकी चूत का रस पी रहा था. जगन जितना ज़ोर से उनकी चूत को चूस्ता था छ्हम्मो उतने ही ज़ोर से अपनी चूत जगन के मूह पर दबा रही थी.
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