RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
एह देख कर जगन अपना हाथ देवकी की चूत पर ले गया और उस चूत पर जमे काले काले रेशमी झांतों से खेलने लगा. उसने धीरे से देवकी की चूत के अंदर एक उंगली डाल दी. उसने फिर चूत के फाकॉ पर अपनी उंगली फेरने लगा. देवकी की चूत अब मदनरस छोड रही थी और इसलिए इस समय उसकी चूत बहुत गीली थी. जगन फिर देवकी की चूत की घुंडी को देख कर उसको अपने उँगलेओं से पकर लिया और उसको अपने उंगलीओ से मसल्ने लगा.
देवकी इस'से बहुत उत्तेजीत हो गयी और जगन का चेहरा अपने हाथों से पकर कर उसके होठों को चूमने लगी और अपनी जीव जगन के मूह मे डाल दिया. जगन देवकी के होठ और फिर उसकी जीव को चूसने लगा. जगन फिर से अपनी उंगली उस की चूत मे पेल दिया और उसके चूत मे अपनी उंगली घुमाने लगा. देवकी मारे गर्मी के जगन का हाथ अपनी जांघों में भींच लिया और अपनी चूतर उछालने लगी और बोलने लगी,
"हाई, ऐसा मत कर, मैं मर जाउन्गी, मेरी चूत मे आग लगी है, जल्दी से अपना लंड उसमे डालो और मुझे रगर कर चोदो. क्यों मुझे सता रहे हो, तुम्हारा लंड तो खरा है क्यों उसको मेरी चूत मे पेलते नहीं, मेरी चूत तुम्हारा लंड खाने की लिए देखो कितना लार बहा रही है, जल्दी करो और मुझे रात भर चोदो. मैं बहुत चुदासी हूँ, मेरी चूत की आग बुझाओ. जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मे डाल इस चूत को चोदो और फाडो."
जगन घूम कर देवकी की जांघों को फैला दिया और उसकी चूत को अपने हाथों से खोल कर चूत के अंदर गौर से देखने लगा. जगन तब अपना नाक देवकी की चूत के पास ले जा कर उसकी सोंधी सोंधी खुसबु को सूंघने लगा. वो फिर झुक कर देवकी की चूत की घुंडी अपने जीव से छुआ और फिर उसको चटा और अपने होठों मे भर कर चूसने लगा. देवकी अपनी जाघो को और फैला दिया जिससे की जगन को अपने काम मे कोई बाधा ना हो. जगन अब देवकी के उप्पेर उल्टा लेट गया और देवकी की चूत को बरे चाब से चाटने और चूसने लगा. उसने देवकी की चूत को अपने हाथों से खोल कर उसमे अपना जीव घुसेर दिया और अंदर से उस चूत के रस को अपने जीव से चॅट चॅट कर पीने लगा. देवकी तब अपने चेहरे के सामने लटक रहा जगन का मोटा और 10: लूंबा लंड अपने मूह मे भर कर चूसने लगी.
देवकी अपने हाथों से जगन का चूतर पकर कर उसके लंड पर अपना मूह उप्पेर नीचे करने लगी और इस'से जगन का लंड देवकी के मूह के अंदर बाहर होने लगा. वो जगन का पूरा का पूरा लंड अपने मुँह मे लेने की कोशिश करने लगी लेकिन उतना लंबा और मोटा उसके मुँह मे नही जा पा रहा था. फिर देवकी जगन के लंड को अपने हाथों से पकर कर ज़ोर ज़ोर से अपने जीव से चाटने और चूसने लगी. उसकी चुसाइ मे इतना ज़ोर था कि उसकी मुँह से स्लपर स्लपर की आवाज़ निकल रही थी. फिर देवकी जगन को खींच कर अपने नीचे कर लिया और खुद जगन के उप्पेर लेट गयी. उप्पेर लेट'ते ही देवकी अपनी चूत उसके मुँह पर ज़ोर से दबा दिया और बोली,
"हाई मेरे राजा, और ज़ोर से मेरी चूत को चॅटो मैं मरी जा रही हूँ, मेरी चूत चॅट कर और चूस कर इसका सारा का सारा पानी पी जाओ." जगन भी अपना पूरा का पूरा जीव देवकी की चूत के अंदर डाल कर उसकी चूत को चाटने लगा. थोरी देर के बाद जगन देवकी की चूत से अपना मुँह उठा कर बोला,
"हाई मेरी देवकी रानी, क्या मज़ा आ रहा है तुम्हारी चूत चूस कर.सच मे तुम्हारी चूत से निकलता रस बहूत ही मीठा है. मैं तो तुम्हारी चूत चूस कर धान्या हो गया. तुम अब मुझको रोज कम से कम एक बार अपनी चूत चूसने ज़रूर देना." जगन मज़े ले ले कर देवकी की चूत तो चूस्ता रहा. उसने अपने उंगलीओ से इसकी चूत को पूरी तरह से खोल कर उसके रस को जी भर कर पीता रहा. फिट थोरी देर के बाद जगन देवकी की चूत को अपने दोनो होठों मे दबा कर चूसने लगा
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