RE: Sex Kahani गाओं की मस्ती
"मेरे गोदी मे लेट जाओ हरिया, मैं तुम्हे पंखा से हवा कर देती हूँ. कम से कम आम के पेर के नीचे थोरी बहुत ठंडा है" देवकी बोली.
"इस तरह की गर्मी कई साल के बाद परा है," हरिया कहा और देवकी की गोदी मे अपना सर रख कर लेट गया, जैसे ही देवकी पंखा झलने लगी तो हरिया उप्पेर की तरफ देखा तो देवकी की चूंची अपने चहेरे के उप्पेर पाया. हरिया अपने आप को रोक नही पाया और सारी के उप्पेर से ही वो देवकी की चूंची को धीरे धीरे दबाने लगा.
"देव बहुत किस्मत वाला है, उसे हर रोज इन सुंदर चूंची से खेलने के लिए मिलता है. देव इतनी सुंदर औरत को हर रात चोद्ता है," हरिया बोला रहा था और देवकी की चूंची को धीरे धीरे दबा रहा था.
"तुम अपने आप को और मुझको परेशान मत करो, तुम अच्छी तरफ से जानते हो कि मुझको कितनी देर तक उसका लंड चूस चूस कर खरा करना परता है. फिर उसके बाद वो दो चार धक्के मार कर झार जाता है. अगर वो मुझको अच्छी तरह से चोद पाता तो क्या मैं तुम्हारे पास कभी आती? खैर अब मुझको कोई परेशानी नही है और ना मुझको कोई शिकायत है." इतना कह कर देवकी झुक कर हरिया की धोती के उप्पेर से उसका आधा खरा लंड के उपर हाथसे मसलने लगा और दूसरी चूची को मुँह से चूसने लगा और बाँयी चूंची को मसल्ने लगा.
जगन फटी फटी आँखो से देखने लगा कि देवकी की चूंची मीडियम साइज़ के पपीते के बराबर खरी खरी थी. हरिया अपने दोनो हाथों से देवकी की चूंची को संभाल नही पा रहा था. जगन जब जब देव के घर जाया करता था तब वो देवकी की चूंची को अपनी कन्खेओ से देखा करता था. लेकिन जगन को यह उम्मीद नही थी कि देवकी की चूंची इतनी बरी बरी और सुंदर होगी. देवकी अपने हाथों से हरिया की धोती उतार कर उसका लॉरा बाहर निकाल लिया. फिर उसको अपने होठों मे लेकर धीरे धीरे सहलाने लगी और फिर हरिया के उपर उल्टी लेट कर (69 पोज़िशन) हरिया का लॉरा अपने मूह मे ले लिया.
हरिया तब देवकी की सारी उसके चूतर तक उठा दिया और उसकी झांतों भरी चूत को पूरी तरह से नंगी कर दिया. देवकी की गोरी गोरी जंघे बहुत सुडोल और सुंदर थी और उसके चूतर भी गोल गोल थे. हरिया अब देवकी की चूत की फांको को अपने हाथों से फैला कर उसकी चूत को चाटने लगा. जगन जहाँ खरा था उसको सब कुच्छ साफ साफ दिख रहा था. उसका लंड अब खरा हो चुक्का था, उसने अपने पैंट की ज़िप खोल कर अपना 10" का तननाया हुआ लॉरा बाहर निकाल कर अपने हाथों से सहलाने लगा. जगन देखा कि देवकी की चूत पेर से झांतो का चादर हटाने से चूत के अंदर का लाल लाल हिस्सा साफ साफ दिख रहा था. हरिया अपना जीव निकाल कर के उसकी चूत पर फिराने लगा. देवकी अपनी चूत पर हरिया का जीव पड़ते ही धीमे धीमे आवाज़ निकालने लगी. देवकी अपनी चूत हरिया के मुँह पर रगर्ने लगी और वो हरिया का लॉरा इतने ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी कि जगन को बाहर से उसकी आवाज़ सुनाई देने लगी.
उन्होंने अपनी पोज़िशन बदल लिया और अब हरिया के उप्पेर देवकी पूरी मस्ती से बैठी थी और अपनी चूत हरिया से चुस्वा रही थी. इस समय देवकी की चूंची बहुत ज़ोर ज़ोर से हिल रही थी और उन चूंची को हरिया अपने दोनो हाथो से पकड़ कर मसल रहा था. इस समय देवकी अपने मूह से तरह तरह की आवाज़ निकल रही थी. जगन एह सब देख कर अपने हाथों से अपना लॉरा ज़ोर ज़ोर से मलने लगा. एका एक देवकी चबूतरे से नीचे उतरी. नीचे उतेर्ते ही उसकी सारी जो की अबतक ढीली पड़ चुकी थी देवकी के बदन से फिसल कर नीचे गिर पड़ी और वो पूरी तरह से नंगी हो गयी. जगन अब देवकी की गोल गोल चूतर साफ साफ देख रहा था और उनको पकर कर मसल्ने के लिए बेताब हो रहा था. अब देवकी चबूतरे को हाथों से पकर कर झुक कर खरी हो गयी और अपने पैर फैला दिया.
हरिया तब देवकी के पिछे जा कर अपना मूसल जैसा खरा लंड देवकी की चूत मे घुसेर दिया और ज़ोर ज़ोर से देवकी को पिछे से चोदने लगा. इस समय हरिया और देवकी दो नो ही गर्मी खा चुके थे और दोनो एक दूसरे को ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे. जगन भी एह सब देख कर ज़ोर ज़ोर अपने हाथों से मूठ मारने लगा. जल्दी ही उस का पानी निकल परा और उधर हरिया और देवकी दोनो एक दूसरे को ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे और बाड़ बड़ा रहे थे. जगन अब अपने छुप्ने की जगह से निकल कर चुप चाप दूसरे रास्ते से अपने घर की तरफ चल परा और उधर हरिया और देवकी दोनो झार चुके थे.
क्रमशः.....................
|