RE: Sex amukta मस्तानी ताई
फिर मेने उसके हाथ अपने कंधे पे सेट किए ताकि उसे लटकने में आसानी हो, और तेज तेज झटके मारने लगा, सुबेह के नज़ारे की वजह से में बोहत ज़्यादा उत्तेजित हो चुक्का था, और पार्वती मेरी हवस का शिकार बन रही थी, वो भी अपने आप को मुझसे चिपकाए कह रही थी, अयाया साअहीब्ब्ब्ब आअपकीए लुंद्ड़द्ड मेंन्न्न् जादुउऊ हाइईइ, आइससिईइ चुदाइईइ मेरिइइ आज्ज्जज तक्क्क्क कीसीईईई नीई नहियिइ कििई, आआअहह ऊऊऊओह उूउउइइइम्म्म्ममाआ, आआओउउउर्र्रर जोर्र्र्रर सीईई, हाआनन्न आआओरर्र उंड़रररर डलूऊओ साआहेबब्बबब आआआः, उउउउउइम्म्म्म्माआ, मेने उससे कहा ले मेरी रानी औरर्र ले ली, और तेज तेज झटके मारने लगा, वो भी पूरा साथ दे रही थी, उसकी चूत के दीवाल मेरे लंड को निचोड़ रही थी, फिर मेने अपना हाथ उसकी कमर के नीचे लगाया और उसकी गांद पकड़ के उपर नीचे करने लगे, ऑश दोस्तों में बता नही सकता कितना मज़ा आरहा था, वो भी मेरे साथ उछल रही थी, और चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी, फिर मेने उसके मूह पे अपना मूह रखा और जितनी ताक़त से झटके मार सकता था मारने लगा, वो मेरे मूह से अपना मूह हटा के कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी, पर मेने कुछ नही कहने दिया, और अपने होंठ उसके होंठ से चिपकाए रखे, वो ग्रोन और मोन कर रही थी, हमम्म्ममममममम हूऊऊऊऊऊओ आआआआआआअहह अब मेरा पानी छूटने वाला था, मेने अपने होंठ हटाए तो वो कहने लगी के क्याआअ जाआन लूऊगीई मेरिइई, मेरिइई चुतटत्त पुरीई फ़ाआद्दद्ड दीई है,,, मैने कहा मेरी जाआन्न मेंन्न्न् झाआढ़नईए वलाआ हूँ, वोह बोली उंड़रररर नहीइ निकलल्ल्ल ना, फिर मेने उसे बिठाया और अपना लंड उसके मूह में दे दिया, वो भी मस्त होके लंड को लोल्ल्यपोप की तरह चाटने और चूसने लगी, मेने उसका सर पकड़ा और उसके मूह को चोदने लगा, वो भीई रंडड़ीई की तरह पूरा साथ दे रही थी, फिर मेने अपने झटके उसके मूह पे तेज किए और उससे कहा, ओह्ह्ह्ह मेरिइइ रनीईइ मेईन्न्न्न् एयेए रहा हूँ, वो भी और ज़ोर से चूसने लगी, कुछ ही पलों में मेरे लंड से गरम फावरा उसके मूह में छूट गया, मेने उसका सर अपने हाथ से पकड़ रखा था, वो पूरा रस पी गयी और कुछ उसके मूह से बाहर आगेया था, में थक के चूर हो चुक्का था, में वहीं खाट पे लेट गया और पार्वती हाथ मूह धोके अपने काम में लग गयी, कुछ देर बाद जब मेरी आँख खुली तो मेने देखा के पार्वती घर में अकेली है और अभी तक भोला नही आया था, वो घर का काम कर रही थी, वो थोड़ा अपनी टाँगो को चौड़ा कर के चल रही थी, उसने मुझे जगा हुआ देख के कहा, देखा साहेब आपने मेरी चाल बिगाड़ दी अब मुझे घर का काम करने में तकलीफ़ हो रही है, मेने उससे के मुझे बता दो में कर देता हूँ तुम्हारा काम, वो बोली रहने दो, मेने उससे कहा के तुमने आज मुझे खुश कर दिया है बोलो तुम्हे क्या चाहिए, वो कहने लगी के साहेब आप सच में मुझे कुछ तोहफा दोगे, मेने कहा हां बोलो, तो वो कहने लगी के साहेब अबकी आप शहेर जाओ तो मेरे लिए कुछ सारी ले आना, मेने कहा ठीक है, में वहाँ से चलते समय उसे 500 रुपीज़ दिए वो खुश हो गयी और मुझे एक बड़ी से किस की, फिर में जैसे ही घर की तरफ बढ़ रहा था तो मुझे याद आया के मा और ताइजी आम के बाग की तरफ गये हैं तो में भी वहीं जाने लगा, कुछ देर चलने के बाद मेने देखा के मा और ताइजी भी लौट रही थी, उन्होने मुझे देखा और पूछा क्या किया अब तक मेने कहा कुछ नही, और फिर हम तीनो घर के ओर चल दिए, दोपेहेर हो चुकी थी, हम घर पोहचे तो देखा दीदी ने सारा काम कर लिया था और खाना भी तैयार था, अब पहली बार मेने दीदी को ध्यान से देखा, उनका कद करीबन 5,,6 इंच होगा, और उनका शरीर ना मोटा ना पतला एक दम फिट था, और उनकी चुचियाँ भारी भारी थी और उनकी गांद का शेप भी मस्त था, अचानक दीदी मुझे किसी विश्वा सुंदरी जैसी लगने लगी थी, में अपने आप कोस भी रहा था यह सब करने पे, और अंडर ही अंडर मुझे मज़ा भी आरहा था, में जानता था के मेरे अंडर का शैतान जाग चुक्का है, और अब मुझे हर औरत्को वासना की नज़र से देखने की आदत हो चुकी थी, अब वो औरत चाहे मेरी मा हो बेहन हो या ताइजी या कोई और, मतलब तो शरीर की अनंत भूख मिटाने से था, दीदी जब चल ती थी तो उनके चूतड़ देखने लायक होते थे, खैर हम सब ने साथ में खाना खाया और में अपने रूम में जाके लेट गया,
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