Kamukta Kahani लेडीज़ टेलर
06-21-2017, 11:06 AM,
#12
RE: Kamukta Kahani लेडीज़ टेलर
मैं उसका पल्लू हटा कर उसके ब्लाउज और उसमें लिपटे स्तनों को निहारने लगा। फ़िर उसके दोनो स्तनों को पकड़ कर दबाने लगा और उसे आँख मारते हुये उसके निप्पलों को मसलने लगा। उसने शर्माकर अपना सिर झुका लिया। मैने उसका चेहरा पकड़कर ऊपर किया पर उअसने अपनी आँखें बन्द कर लीं। अब मैने उसे बाँहों में लिया और पीछे उसके नितम्बों को सहलाने लगा और उसके होंठों को चाटने लगा। उसने भी इसके उत्तर में अपना मुँह खोलकर मेरी जीभ को अन्दर जाने का रास्ता दिया। वह अपने गर्भाशय पर मेरे तने हुये लिंग को महसूस कर रही थी और उसकी योनि भी अब मदन रस का स्राव करने लगी थी। उसके नितम्बों की मसाज़ करते हुये मुझे पता चला कि उसने पैंटी भी नहीं पहनी है तो मैने उसके होंठ काटते हुये कहा “ओहो! मेरी कामुक रानी ने आज पैंटी भी नहीं पहनी है” यह कहकर मैने पहले तो अपनी उँगली उसकी दरार पर फेरी और फ़िर उसके गुदा द्वार पर रुककर ऊपर से ही दबाव डाला। उसने कामोत्तेजना में एक हल्की सी आह भरी और फ़िर जोर से मेरे होंठों को चूसने लगी। वह मेरे बालों में अपनी उँगलियॉ को डाले हुये आँखें बन्द करके मुझे चूम रही थी और अपने शरीर की मसाज़ का आनन्द उठा रही थी। मैं आज उसे हर हालत में नंगा करना चाहता था इसलिये मैने उसके कपड़े उतारने का काम शुरू किया। थोड़ी कोशिश से मैने उसे अपने से अलग किया और फ़िर उसके बदन को घूरने लगा। वह बिना कुछ हिले डुले मेरी आँखों मे आँखें डाले मुझे देख रही थी। फ़िर मैं अपना दाहिना हाथ उसकी योनि पर ले गया और सहलाने लगा। उसने कोई विरोध नहीं किया पर शर्म से आँखें बन्द कर लीं। अपने दूसरे हाथ से उसके निप्पल को मसलते हुये मैने उससे कहा “रानी, अपने ब्लाउज़ के बटन खोलो मैं देखना चाहता हूँ कि तुम्हारे ये दोनों तरबूज कैसे बाहर निकल कर आते हैं”। उसके ब्लाउज़ के हर खुलते बटन के साथ मुझे उसकी क्लीवेज़ और उभार दिखाई देते जा रहे थे। मैने बायें हाथ से उन्हें टटोलना शुरू कर दिया और दाहिने हाथ से साड़ी के ऊपर से उसकी भगनासा की मालिश जारी रखी। उसकी योनि के गीलेपन को कहसूस करके मैने उससे कहा “रानी, आज मैं तुम्हारी ले कर तुम्हें अपना बना लूँगा”। अब तक उसके स्तन पूरी तरह से बाहर आ चुके थे और मैं उनसे खेल रहा था जबकि वह अपने हाथ सीधे करके ब्लाउज़ को पूरी तरह से उतार रही थी। वो बिना ब्लाउज़ और ब्रा के साड़ी के पल्लू में गज़ब की कामुक लग रही थी। मैनें झुककर उसके निप्पलों को चूसना शुरू कर दिया और अपने दोनों हाथों से उसके नितम्बों को मसलना जारी रखा। वह अपने बालों में उंगलियाँ फ़िराते हुये ऊपर की तरफ़ देखने लगी और अपने स्तनों और नितम्बों के और अधिक मर्दन का संकेत दिया। मै उस कामुक देवी की प्रतिक्रियाओं से पागल हुआ जा रहा था। वह भी काफ़ी उत्तेजित हो गयी थी और अपने मुहँ से मादक आवाजें “उ…उ…उ… …ह…ह… श…श…श…” निकाल रही थी। तभी अचानक से उठकर मैं अपने होंठ काटते हुये बोला “रानी, अब प्लीज़ अपनी साड़ी उतार दो और मुझे देखने दो कि तुम सिर्फ़ पेटीकोट में कैसी लगती हो”। वह मेरी आँखों में कामुकता देख रही थी और आनंदित होकर मेरे साथ कामसुख में लीन हो रही थी। उसने अपनी साड़ी उतार दी और मेरे सामने अर्धनग्न अवस्था में केवल पेटीकोट पहने सीधे खड़ी हो गयी। मैं अभी भी उसके स्तनों को मसल रहा था और उसकी आँखों में आँखें डाले उसे घूर रहा था। उसने मेरी तरफ़ देखते हुये बोला “बाबू, प्लीज़ मुझे ऐसे मत देखो” और थोड़ा मुस्कुराकर नीचे देखने लगी कि मैं कैसे उसके स्तनों का मर्दन कर रहा हूँ।

मैं अपना एक हाथ उसके पेटीकोट पर लगे योनि रस के दाग़ के पास ले गया और पेटीकोट के ऊपर से ही उसकी योनि को रगड़ने लगा जिससे उसका पेटीकोट और भी अधिक भीग गया। उसके पेटीकोट में साधारण कपड़े के नाड़े की जगह इलास्टिक लगा था यानि कि वह समय बचाने की हर तैयारी के साथ आयी थी। मैंने फ़िर उसके निप्पलों को चूसते हुये कहा “रानी, अब अपना पेटीकोट भी उतार दो और अपने पूर्णतया नग्न देह के मुझे दर्शन कराओ”। वह भी योनि घर्षण से भीषण वासना की आग में जल रही थी इसलिये वह अपने नितम्बों को हिला हिला कर अपना पेटीकोट नीचे सरकाने लगी। एक बेवफ़ा घरेलू औरत को इस प्रकार से अपने सामने नंगा होते हुये देखना मेरे लिये सबसे कामोत्तेजक दृश्य था। जेसे ही पेटीकोट पूरी तरह से उतरा उसने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया और मैं उसकी योनि की तरफ़ देखने लगा जोकि पूरी तरह से साफ़ व चिकनी थी। मैने उसकी योनिपर एक हाथ ले जाकर उसे प्यार से सहलाते हुये उससे कहा “रानी, लगता है तुमने सिर्फ़ मेरे लिये ही इसे साफ़ किया है”। उसने अपना चेहरा ढके हुये ही हाँ में सर हिलाया। मैं एक ठंडी साँस लेते हुये बोला “वाह… मेरी जान” और उसके योनि मुख को फैलाकर अपनी उंगली के रास्ता बनाया। वह भी उत्तेजित होकर बोली “आह्… बाबू…”। अपनी उंगली उसकी योनि के अन्दर बाहर करते हुये मैने उससे पूछा “रानी, क्या तुम देखना चाहती हो कि मेरा लिंग तुम्हारी योनि के लिये कैसे तैयार हो रहा है। उसने तुरन्त बोला हाँ और मैंने उसका एक हाथ उसके चेहरे हटाकर अपने लिंग पर रख दिया और पैंट के ऊपर से ही उसे महसूस करने को बोला। वह मेरे सामने नंगी खड़ी होकर मेरे लिंग को पैंट के ऊपर से सहला रही थी। उसके मन में विचार आया कि कैसे पिछले कुछ दिनों में वह एक वेश्या की तरह हो गयी है पर कामोत्तेजना में उसने इस प्रकार के किसी भी आत्मग्लानि के बोध को मन से शीघ्र ही निकाल दिया। मैंने उसके निप्पल पर चिंगोटी काटकर आँख मारते हुये पूछा “तो, मेरी ज्योति रानी, क्या अब तुम मुझे भी नंगा देखना चाहती हो?” वह केवल मुस्कुराई और फिर अपना चेहरा छिपा लिया। मैंने उसकी योनि पर हाथ रखकर कहा “रानी, तुम्हें मुझे कपड़े उतारते हुये देखना होगा, वरना मैं तुम्हें अपने लिंग के दर्शन नहीं कराऊँगा”। मुझे पता था कि जिस तरह से उसकी योनि रस स्राव कर रही है वह मेरे निर्देश पर आज कुछ भी करने को तैयार हो जायेगी। वैसा ही हुआ, वह अपने चेहरे से हाथ हटा कर मेरे पैंट की तरफ़ देखने लगी।

मैं चेन खोलते हुये अपनी पैंट से बाहर आ गया। वह मेरे जांघिये में हुये उभार को देख रही थी। शीघ्र ही मैंने अपना जांघिया भी उतार दिया। मेरा नौ इंच का मोटे केले की तरह पूरी तरह से खड़ा लिंग एक फ़नफ़नाते सांप की भाँति उसे घूर रहा था। वह मेरे विशालकाय लिंग से चकित थी क्योंकि उसके पति का लिंग इससे काफ़ी छोटा व पतला था। वह अन्दर से कामोत्तेजना में पागल हुई जा रही थी पर शर्म का नाटक करते हुये उसने पुनः अपना चेहरा छुपा लिया। मैं उसके पास जकर चिपक कर खड़ा हो गया जिससे मेरा लिंग उसके पेट से छूने लगा। मैंने उससे कहा “रानी, मेरे लिंग को प्यार करो और इसे अपनी प्यारी योनि में प्रवेश के लिये तैयार करो”। यह सुनकर ज्योति ने मेरा लिंग अपने हाथ में ले लिया। मैंने आनंदित स्वर में कहा “आ…ह्… ज्योति, तुम्हारा स्पर्श गजब का है, काश कि मैं तुमसे पहले मिला होता”। उसे मेरी इस बात से प्रोत्साहन मिला और वह धीरे धीरे मेरे लिंग को हिलाने लगी। वह जल्दी से जल्दी इसे अपनी योनि में लेना चाहती थी क्योंकि पिछ्ले आधे घंटे से मेरी काम क्रियाओं से उसकी योनि पानी पानी हो रही थी। मेरे लिंग को पकड़े हुये वह जमीन पर लेट गयी और मुझे अपने ऊपर ठीक जगह पर ले लिया। मैंने भी उसे चूमना शुरू कर दिया पहले चेहरा, होंठ, गला और फिर निप्पल को धीरे से काट लिया। उसने मेरे लिंग को अपनी योनि पर थोड़ा रगड़ कर उसे अन्दर का मार्ग दिखाया और मुझसे कहा “बाबू प्लीज़ धीरे से डालना क्योंकि अन्दर दर्द हो रहा है”। मैंने उसकी बात मानते हुये धीरे धीरे दबाव डालना शुरु किया। एक इंच प्रवेश के बाद मैंने देखा कि वह भी इस मीठे दर्द का मजा ले रही है, मैंने पूछा “रानी, मुझे तो बड़ा मजा आ रहा है, क्या तुम भी उतने ही मजे लूट रही हो?” उसने हाँ का इशारा करते हुये मेरा सिर अपने स्तनों पर दबाया और उन्हें चूसने का संकेत दिया। मैं सातवें आसमान पर था। यह बेवफ़ा औरत मुझसे मेरी पत्नी और माँ के रूप में एक साथ प्यार कर रही थी। मैंने अपनी पत्नी के साथ संभोग में कभी इस प्रकार की उत्कंठा का अनुभव नहीं किया था। उसके बाद एक जोरदार धक्के के साथ मैं उसमें पूरा समा गया और कुछ समय बिना हिले डुले उसके स्तनों को चूसता रहा। वह नितम्बों को हिला हिला कर मेरे लिंग को अपनी योनि के अन्दर हर एक भाग में महसूस करना चाहती थी।

अब उसने अपने हाथ मेरी कमर पर ले जाकर मुझे धक्के मारने का संकेत किया। तीन चार धक्कों में ही वह अपने पहले चरमानन्द पर पहुँच गयी और मुझे अपने से चिपकाकर अपने नितम्बों को मटकाकर मेरे लिंग को अपने भीतर गहराई तक महसूस करने लगी। वह अपने इस चरमानन्द के अनुभव से सातवें आसमान पर पहुँच चुकी थी। वह इस पूरी क्रिया में मुख्य भूमिका निभा रही थी और मुझसे वह सब कुछ करवा रही थी जिसमें उसे अधिक आनन्द आ रहा था। पर शायद उसे पता नहीं था कि ये विनम्र दिखने वाला टेलर शीघ्र ही उसकी कुँवारी अक्षत गुदा का भोग करने वाला है। पहले चरमानन्द के प्रभाव से नीचे उतरने के बाद उसने पुनः मुझे धक्के मारने का इशारा किया। इस बार मैंने थोड़ा कठोरता से उसकी योनि में अपने लिंग को डाला और वह इस मीठे दर्द से कराहते हुये बोली “आआआ…ह ओओओ…ह बाबू! प्लीज़ धीरे करो” पर वास्तव में वह मुझे वैसे ही कठोरता से कामानन्द लेते देना चाहती थी। बीच बीच में उसे एक दुकान की फ़र्श पर अपने दर्ज़ी से एक वेश्या की भाँति यौन सुख लेता सोच कर अजीब सा लग रहा था परन्तु इसमें उसे आरामदायक कमरे में अपने पति से होने वाली प्रेम क्रीड़ा से अधिक आनन्द आ रहा था।

जल्दी ही वह अपने दूसरे चरमानन्द में प्रवेश करने लगी और एक कँपकँपी के साथ उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया। मैं भी बस स्खलित होने वाला था क्योंकि उसके साथ मेरा यह प्रथम अनुभव था और इस कारण अपनी उत्तेजना पर नियंत्रण कम था। इसलिये मैं जबरन उसके ऊपर आकर जोर जोर से उसे धक्के देने लगा। उसे भी पता था कि मैं शीघ्र ही स्खलित होने वाला हूँ इसलिये उसने भी मेरा पूरा साथ दिया। शीघ्र ही एक जोर की “आआआ…ह” के साथ ही मैंने अपने वीर्य की एक एक बूँद उसकी योनि में उतार दी। अन्त में मैं जोर जोर की साँसे लेता हुआ उसके ऊपर ही ढेर हो गया। उसने भी मेरे लिंग को अपनी योनि से निकालने का कोई यत्न नहीं किया और अपनी योनि को मेरे लिंग की अन्तिम बूँद तक शोषित करने का समय दिया। वह अपनी पूरी संतुष्टता दिखाते हुये मेरे बालों में हाथ फेरते हुये मेरे गालों पर चुम्बन ले रही थी। अगले पन्द्रह मिनट तक उसने यह सुनिश्चित किया कि मैं उसकी नग्न काया की मालिश करता रहूँ। मैं उसके स्तनों को दबाता रहा और वह मेरे भीगे लिंग और वृषणों से खेलती रही।

इस पूरे समय हम दोनों ख़ामोश अपने ख़्यालों में डूबे रहे। वह सोच रही थी कि कैसे वह इस पारवैवाहिक यौन सम्बन्ध में लिप्त हो गयी है और इसका उसके यौन जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। अब वह अपने पति राम और मुझे दोनों को धोखा देकर कठोर और निर्मम दिखने वाले अपने दूधिये (गुज्जर) से भी सम्बन्ध स्थापित करने को तैयार थी। मैं भी अपने इस नये शिकार के बाद स्वयं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा था और सोच रहा था कि कैसे वह अपनी नन्द और पड़ोसी को जिनसे मैं उसके घर पर मिला था मेरे पास लायेगी। वह दोनों ही मुझे पहली नज़र में ही भा गयीं थीं। अब मैं जबकि पूरी तरह सन्तुष्ट हो चुका था और इसका अपने दैनिक जीवन पर कोई दुष्प्रभाव नहीं चाहता था, मैंने उससे कहा इससे पहले कि कोई आकर दुकान पर दरवाजा खटखटाये हमें अपने अपने काम पर चलना चाहिये। वह तुरन्त उठी और कपड़े पहनने लगी। मैं तब तक उसे निहारता रहा जब तक कि उसने अपना ब्लाउज़, पेटीकोट और साड़ी पहन नहीं ली। जाते जाते उसने मुझे पकड़ कर मेरे होठों पर एक जोरदार चुम्बन लिया, जिससे कि मैं चकित हो गया क्योंकि यह पहला अवसर था जब उसने आलिंगन और चुम्बन की पहल की हो। अब मुझे पूरा विश्वास हो गया था कि ये औरत पूरी तरह से मेरे कब्जे में है। मैने बदले में उसके नितम्बों को दबाया और जाते जाते उसके नितम्बों पर हल्का सा चपत लगाया। वह मेरी ओर मुड़ी, मैने उसे आँख मारी और वह शर्माते हुये दुकान से बाहर चली गयी।

~~~ समाप्त ~~~
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta Kahani लेडीज़ टेलर - by sexstories - 06-21-2017, 11:06 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,468,551 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,761 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,218,912 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 921,698 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,634,732 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,065,354 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,924,854 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,970,961 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,998,482 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,792 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)