RE: Antarvasnasex चिकनी भाभी
फूली हुई चूत का उभार मानो कछि को फाड़ कर आज़ाद होने की कोशिश कर रहा हो. पॅंटी चूत की फांकों में धँसी हुई थी. पॅंटी के दोनो तरफ से काली काली झांटें बाहर निकली हुई थी. मेरे लंड ने हरकत करनी शुरू कर दी. भाभी मानो बेख़बर हो कर कपड़े धोती जा रही थी और मुझसे गप्पें मार रही थी. अभी मैं भाभी की टाँगों के बीच के नज़ारे का मज़ा ले ही रहा था कि वो अचानक उठ कर अंदर जाने लगी.
मैने उदास हो कर पूछा " भाभी कहाँ जा रही हो ?" "
एक मिनिट में आई." थोड़ी देर में वो बाहर आई. उनके हाथ में वोही सफेद पॅंटी थी जो उन्होने अभी अभी पहनी हुई थी. भाभी फिर से वैसे ही बैठ कर अपनी पॅंटी धोने लगी. लेकिन बैठते समय उन्होने पेटिकोट ठीक से टाँगों के बीच दबा लिया. यह सोच के कि पेटिकोट के नीचे अब भाभी की चूत बिल्कुल नंगी होगी मेरा मन डोलने लगा.
मैं मन ही मन दुआ करने लगा कि भाभी का पेटिकोट फिर से नीचे गिर जाए. शायद ऊपर वाले ने मेरी दुआ जल्दी ही सुन ली. भाभी का पेटिकोट का पिछला हिस्सा फिर से नीचे गिर गया. अब तो मेरे होश ही उड़ गये. उनकी गोरी गोरी मांसल टाँगें सॉफ नज़र आने लगी. तभी भाभी ने अपनी टाँगों को फैला दिया और अब तो मेरा कलेजा ही मुँह को आ गया. भाभी की चूत बिल्कुल नंगी थी. गोरी गोरी सुडोल जांघों के बीच में उनकी चूत सॉफ नज़र आ रही थी.
पूरी चूत घने काले बालों से धकि हुई थी, लेकिन चूत की दोनो फाँकें और बीच का कटाव घनी झांतों के पीछे से नज़र आ रहा था. चूत इतनी फूली हुई थी और उसका मुँह इस प्रकार से खुला हुआ था, मानो अभी अभी किसी मोटे लंड से चुदी हो. भाभी कपड़े धोने में ऐसे लगी हुई थी मानो उसे कुच्छ पता ना हो. मेरे चेहरे की ओर देख कर बोली….. " क्या बात है आशु, तेरा चेहरा तो ऐसे लग रहा है जैसे तूने साँप देख लिया हो?" मैं बोला
"भाभी साँप तो नहीं लेकिन साँप जिस बिल मे रहता है उसे ज़रूर देख लिया."
"क्या मतलब ? कौन से बिल की बात कर रहा है?" मेरी आँखें भाभी की चूत पर ही जमी हुई थी.
"भाभी आपकी टाँगों के बीच में जो साँप का बिल है ना मैं उसी की बात कर रहा हूँ."
"हाअ..एयेए !!! बदमाश !! इतनी देर से तू यह देख रहा था ? तुझे शरम नहीं आई अपनी भाभी की टाँगों के बीच में झाँकते हुए?' यह कह कर भाभी ने झट से टाँगें नीचे कर लीं.
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