RE: Antarvasnasex ट्यूशन का मजा
उस रात मैंने दीदी की बुर दो बार चूसी तब वो सोयी. दूसरे दिन मुझे डर था कि सर और मैडम न डांटें, आखिर उस दिन की धुंआधार चुदाई के बाद मेरा लंड ठीक से खड़ा भी होना मुश्किल था. पर उस दिन सर काम से बाहर गये थे और मैडम ने हमें बस पढ़ाया, और कुछ नहीं किया. मुस्करा कर बोली "आज छुट्टी. अब कल से नये लेसन शुरू करेंगे. लीना आराम कर लेना. सर कल से फ़िर लगेंगे तुम दोनों के पीछे. सच पूछो तो मुझे बहुत अच्छा लगा कि तुम दोनों मिल गये. अब सर को वो सुख मिलेगा जो मैं उन्हें पूरा नहीं दे पाती थी. और मुझे भी मिलेगा, मुझे थोड़ी राहत भी मिलेगी."
हम दोनों ने मैडम की ओर देखा.
वे बोलीं "अरे तेरे सर असल में शौकीन हैं इन गोल मटॊल गोरे चूतड़ों के. बुर के भी शौकीन हैं पर उनका असल इंटरेस्ट पूरा पिछवाड़े ही होता है. खास कर तुम जैसे प्यारे जवान लड़के लड़कियों के पिछवाड़े में. तुम नहीं थे तो मुझे झेलना पड़ता था, अब मेरी जान छूटी. वो सर मुझे चोदते कम थे और गांड ज्यादा मारते थे. तभी तो अनिल आ गया तो मैं खुश हो गयी, बहुत प्यार से चोदता है तू मुझे अनिल. और मुझे भी तुम जैसे बच्चे बहुत पसंद हैं. अब हम दोनों की चांदी है. मैं अपने तरह से तुम दोनों से सेवा करवाया करूंगी और सर अपनी तरह से."
कुछ देर बाद मैडम आगे बोलीं "तुम दोनों बहुत गरम हो, ऐसा बहुत कम होता है. बहुत सुख पाओगे आगे जा कर. बस मेरे और सर की तरह ही रहना और हमारा नाम रोशन करना"
"पर मैडम ...’ मैं झिझकता हुआ बोला "आप और सर तो ... पति पत्नी हैं .... और मैं और दीदी भाई बहन"
मैडम हंसने लगी "कितने भोले हो अनिल. तुझे कैसे मालूम कि हम दोनों पति पत्नी हैं? भाई बहन भी हो सकते हैं ना? तुझे मालूम है कि हम कहां से आये हैं, हमारा गांव कौन सा है? हम तो नये हैं यहां"
"पर मैडम ..." दीदी बोल पड़ी.
"अब चुप, किसी से कहना नहीं. पर हम दोनों जैसे तुम लोग भी आगे खूब मजे करना. ये जीवन है ही इस तरह का आनंद उठाने के लिये. भाई बहन का असली प्यार तुमने देखा है, अब आगे बहुत तरह के प्यार देखना" मैडम ने हमें चूम कर कहा.
उस दिन वापस आते समय मैंने लीना दीदी से कहा "दीदी, मैं तुमसे शादी करूंगा."
लीना दीदी मुझे डांट कर बोली "चुप कर. हम दोनों भाई बहन हैं"
"पर सगे तो नहीं हैं ना! दूर के रिश्ते में शादी चलती है. मैं तो मां से कह दूंगा."
"पर ये शादी का भूत कैसे सवार हो गया तेरे सिर पर?" लीना मुझे कनखियों से देखते हुए बोली. "आज मैडम की बात सुनकर?"
"हां दीदी. क्या मजा लूटते हैं दोनों. हम दोनों भी ऐसी ही मस्ती करेंगे" मैं बोला. लीना कुछ नहीं बोली, बस मुस्करा दी. पर उस रात घर पर नानी के सोने के बाद उसने मुझे पहली बार अकेले में चोदने दिया.
साल भर हमने सर और मैडम के साथ ऐसे ऐसे गुल खिलाये कि कभी सोचा भी नहीं था. साल के बाद उनका ट्रान्सफ़र हो गया. पर तब तक मैं और दीदी पक्के भोगी बन गये थे. आगे भी हमने सर और मैडम के रास्ते पर चलने का निश्चय किया और ऐसे ऐसे मजे किये .... वैसे वो एक अलग कहानी या उपन्यास है"
----समाप्त ----
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