RE: Antarvasnasex रीटा की तडपती जवानी
रीटा ने भी बहादुर को कस के बांहो मे भींच कर अपनी सैन्डलस की हीलस बहादुर के चूतडो मे गाड दीं और अपनी बुंड को हवा मे बुलंद कर दी ताकी बहादुर का घीया जड तक अंदर ले सके। शुरू से आखीर तक बहादुर ने रीटा को पूरी स्पीड से चौदने से रीटा बहादुर के बहादुरीयत पर बलिहारी हो तीसरी बार लगातार झडती चली गई। रीटा की आँखे धुन्धला और चूत सुन्न हो गई थी। रीटा पूरे जौर लगा कर बहादुर के लन्ड को अपनी नन्ही चूत में दबा रखा था। फिर रीटा और बहादुर के बदन अकडने के बाद एकदम ढीले पडते चले गये। दोनो कुत्तो माफीक हाँफ रहे थे और फर्श पर दूर दूर तक सफेद पानी फैल चुका था।
कुछ देर बाद जब रीटा ने होशो हवास सम्भाला तो स्कूल लगने मे अभी दस मिनट बाकी थे। चुदी हुई रीटा अपने चकराते हुऐ सिर को पकड जमीन पर बैठ अपनी बेतरतीब सांसौ को समभालने लगी। खतरनाक तरह से चुदने के बाद जब रीटा खडी हुई तो लडखडा कर धडाम से वापिस जमीन पर गिर पडी। अब रीटा की टांगे जैसे खोखली हो कर जवाब सा दे गइ थी।
बहादुर ने रीटा की जवानी का पोर पोर चटका दिया था। बहादुर के जांबाज लन्ड़ ने उस की बच्ची चूत का पतीला बना दिया था। रीटा को ऐसा लग रहा था जैसे पाच छः जवानो ने रीटा को इकठे ही चोद डाला हो। रीटा ने झुक कर जब अपनी चूत को देखा तो रीटा के मुह से दबी दबी चीख निकल गई। रीटा की चूत फट चुकी थी और चूत से पानी के साथ खुन भी रिस रहा था बहादुर ने रीटा की चूत का नकशा बिगाड दिया था। रीटा को अपनी हि चूत पहचान मे नही आ रही थी। रीटा को लग रहा था जैसे बहादुर का धांसू लौड अब भी उस की चूत मे फंसा हो।
थोडी देर बाद बहादुर ने चुदी हुई रीटा को वापिस साईकल पर बिठा स्कूल छोडने चल पडा "बहादुर तुम्हारा लन्ड़ तो बडा शैतान निकला। कितने कस के ठोका है तुम ने मुझे मुझे लगा जैसे तुम्हारा छूटेगा ही नही। ऊफऽऽ अभी तक मेरा बदन टूट रहा है, हाय मेरी फुद्दी, यू रास्कल आई लव यू" रीटा की आवाज अब भी काँप रही थी।
बहादुर एक महान चौदू
रास्ते मे बहादुर ने रीटा को बताया कि छोटी उमर मे ही उस ने गाव में भैसौं और बकरीयों को खुब चौदा मारा करता था। इसी लिये बहादुर के लन्ड मे बला की तपिश और ताकत आ गई थी। रोज सुबह बहादुर अपने निराले लन्ड पे पानी से भरी बालटी उठा कर लन्ड़ को और भी बलवान बना लिया था। बहादुर की आंखो मे हर वकत चूत का खुमार रहता था।
बहादुर गाँव की ठरकी लडकीयों की सन्गत मे पड कर महान चौदू बन गया था। बहादुर की चौदी हुई लडकी को बहादुर से चुदवाये बिना चैन नही पडता था। बदमाश बिल्लौ, गुन्डी गुलाबौ, जालिम जुबेदा, चिकनी चमेली, लरजाती लाजो, रन्डी रानी, सुडौल सबीना, छुईमुई छमीया, शानदार शिल्पा,निगोडी निम्मौ, अनाडी अनारौ और शरारती शब्बो आदी कई लडकीयाँ अब भी बहादुर के लन्ड़ के गुनगान गाते नही थकती थी। गाव की सारी टाप कलास चूतो के पटे बहादुर के आलीशान लन्ड के नाम थे।
खेत मे मूतती लडकीयां बहादुर की खास कमजोरी थी। सुबह सैर करते करते बहादुर खेतो मे एक आधी को चौद ही आता था। कई लडकीयों को बहादुर ने गन्ने के खेतो मे गन्ने चुसाने के बहाने ले जा कर अपना लन्ड चुसा डलवाता था। और तो और बहादुर ने गाव के छोटे छोटे चिकने लडकौं को भी नही बकशा।
बहादुर का बडा भाई गाव मे बदमाश दरोगा था। दरोगा नम्बर एक का खतरनाक गाँडू था। हर एक अपराधी की गाँड मार कर ही हटता था, ईसी लिये कोई बहादुर की हरकतो के बारे मे कुसकता भी नही था।
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