RE: Mastram अजय, शोभा चाची और माँ दीप्ति
माथे पर एक गीले गरम चुम्बन से अजय की आंखें खुलीं. शोभा ने उसके पीछे से आकर ये आसन बनाया था. अपने खुले रेशमी बालों को अजय के सीने पर फ़ैला, होठों को खोल कर उसके होठों से भिड़ा दिया. शोभा चाची ने जब अपनी थूक सनी जीभ अजय के मुख में डाली तो जवाब में अजय ने भी लपककर अपनी जुबान को शोभा चाची के गरम मुख में सरका दिया. दोस्तों सम्भोग के समय होने वाली थूक के आदान प्रदान की ये प्रक्रिया बड़ी ही उत्तेजक एवं महत्वपूर्ण होती है. शोभा के स्तन अजय के सिर पर टिके हुये थे और अजय उनको अपने मुहं में भरने के लिये उतावला हो रहा था. चाची का मंगलसूत्र उसके गालों से टकराकर ठंडा अहसास दे रहा था और साथ ही साथ उनके शादीशुदा होने की बात भी याद दिला रहा था. शायद इन्हीं विपरीत परिस्थितियों से निकल कर वो भविष्य में जबर्दस्त चुदक्कड़ बन पायेगा. और फ़िर भीषण चुदाई का अनुभव पाने के लिये घर की ही दो दो भद्र महिलाओं से ज्यादा भरोसेमंद साथी भला कौन मिलेगा?
चाची अब होठों को छोड़ अब अजय के सीने को चूमना लगीं. आगे सरकने से उनके स्तन अजय के चेहरे पर आ गये थे. जब अजय के होठों ने नादानों की तरह गदराये चूचों पर निप्पलों को तलाशा तो स्तनों मे अचानक उठी गुदगुदी से शोभा हंस पड़ी. कमरे के अन्दर का वातावरण अब तीनों प्राणियों के लिये काफ़ी सहज हो चला था. अजय अब सारी शर्म त्याग करके पूरी तरह से दोनों औरतों के मस्त बदन को भोगने के लिये तैयार हो चुका था. दीप्ति के दिमाग से भी बन्धन, मर्यादा और लज्जा जैसे विचार गायब हो चुके थे. अब उन्हें भी अपने बेटे के साथ साथ किसी तीसरे प्राणी के साथ प्रणय क्रीड़ा करने में भी कोई संकोच ना था.
शोभा की शरारतें भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी. अजय के पेट का सहारा ले वो बार बार शरीर ऊपर को उठा अपने चूचों को अजय के होठों की पहुंच से दूर कर देतीं. कभी अजय की जीभ निप्पलों पर बस फ़िर कर रह जाती तो बिचारे और उत्तेजित हो कर कड़क हो जाते. खुद ही उन दोनों तरसते यौवन कपोतों को अजय के मुहं में ठूस देना चाहती थी पर अजय की पूरी दीक्षा के लिये उसे औरतों पर बलपूर्वक काबू पाना भी सिखाना था. और अजय ने यहां भी उसे निराश नहीं किया. चाची की उछल-कूद से परेशान अजय ने मां के सिर को छोड़ कर दोनों हाथों से चाची के झूलते स्तनों को कस कर पकड़ा और दोनों निप्पलों को एक दूसरे से भिड़ा कर एक साथ दातों के बीच में दबा लिया मानों कह रहा हो कि अब कहां जाओगे बच कर.
शोभा आंखें बन्द करके सर उठाये सिसक सिसक कर अजय की करतूतों का मजा ले रही थी. अजय उनका अपना भतीजा आज उनके साथ दुबारा से सहवास रत था.
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