RE: Sex kahani पेइंग गेस्ट
उस रात मैंने उस पर जरा भी दया नहीं की. रात भर उसकी गम्ड मारी. पर अब वहीं पलन्ग पर मारी, ज्यादा आसनों के चक्कर में नहीं पड़ा. सुबह उठने के बाद मीनल को उठा कर बाथरूम ले जाना पड़ा क्योंकि वह तो चल नहीं पा रही थी. मैने उसे नहलाया, नितम्बोम की मालिश की, मसली हुई लाल लाल चूचियों को क्रींअ लगाई और गुदा में भी क्रींअ लगी दी कि कुछ आराम मिले. नाश्ता कमरे में ही बुलवा लिया और थकी हारी बुरी तरह से चुदी मेरी दुल्हन सो गई. मैंने उसे शांअ तक सोने दिया और खुद भी आराम किया.
रात को फ़िर वही क्रम चालू हो गया. मीनल बिचारी हताश हो गई थी और उसने हार मान ली थी. आज वह कुछ न बोली और चुपचाप गांड मराती रही. मुझे उसका मुंह भी नहीं बांधना पड़ा. रोई बिलबिलाई भी जरा कम. मै खुश था कि सबक सीख रही है और हर रात पति की सेवा की अच्छी ट्रेनिंग ले रही है.
अगले दिन से मैने भी उसे थोड़ा कम मसला और कुचला. गांड मारी तो गोद में बिठा कर जैसे सीमा के साथ किया था. उसके पहले उसकी चूत चूसी. दो दिन बाद बिचारी को कुछ यौन सुख मिला और मेरे मुंह में तुरम्त झड़ गई. गांड में लन्ड डाल कर गोद में बिठाने के बाद मैने उसे खूब चूमा और धीरे धीरे नीचे से गांड मारने के साथ उसकी बुर को भी उंगली कर कर के झड़ाया. उंगली से ही मैने उसका घी जैसा चिपचिपा रस चाटा तो चार दिनों में पहली बार मेरी दुल्हन कुछ हम्सी.
शांअ को हम घूमने गये. वहां एक झाड़ी के पीछे मैने उसकी चूत चूसी और उसे अपना लन्ड चुसवाया. वापस आते समय अच्छे मोटे केले दिखे तो मैने खरीद लिये. मीनल पूछने लगी क्योम. रात को उसे जवाब मिल गया जब फ़िर से गांड में लन्ड डाल कर मैने उसे गोद में बिठाया और फ़िर केला छीलकर उसकी रिसती चूत में डाल दिया और उससे उसकी मुठ्ठ मारने लगा. मुलायम केले से चुदना उसे बड़ा अच्छा लगा और वह मुंह घुमा कर मुझे चूमते हुए स्खलित हो गई.
केला मैने बुर के अन्दर ही रहने दिया. गांड मार कर झड़ने के बाद मैने उसे कुर्सी में बिठाकर उसकी चूत चूसते हुए उसमें से केला निकाल कर खाया. मीनल के बुर के पानी से भीगा चिपचिपा केला ऐसा मस्त स्वादिष्ट हो गया था कि अब यह क्रीड़ा मैं कई बार करता. सादा केला तो मैने खाना ही बन्द कर दिया, खाता तो मीनल की बुर में डाल कर ही. मीनल को भी केले से हस्तमैथुन करने में मजा आता था. मेरी फ़रमाइश पर वह मेरे सांअने बैठ कर मुठ्ठ मार कर दिखाती थी. गांड मराने में उसे अभी भी दर्द होता था पर अब वह चुपचाप सहती थी क्योंकि अब मैं उसे चोदता बहुत कम था. गांड मारता और चूत चूसता, इसी में मुझे मजा आता था.
एक रात ऐसे ही मीनल रानी को गोद में बिठाकर गांड मारते हुए और केले से चोदते हुए मैंने घर का फ़ोन लगाया. भाभी स्पीकर फ़ोन पर आयीं. मेरी आवाज सुनकर खुश हो गईं. उन्होंने मीनल से पूछा. “क्या हाल है मेरी बेटी का” मीनल बेचारी अपनी गांड से मेरे लन्ड को पकड़ते हुए बोली “ठीक है मां, अब मजा आ रहा है. पर पहले दो दिन बहुत दर्द हुआ, मैं मर ही जाती, मेरी गांड को इन्होंने चोद चोद कर खुरच दिया है.” “अच्छा अभी बता क्या चल रहा है? अनिल का लन्ड गांड में है या बुर मेम?” सुधा भाभी ने पूछा.
मीनल बोली “गांड में है मां, और नीचे से ही मेरी मार रहे हैं, स्तन भी मसल मसल कर लाल कर दिये हैं. पर ममी, केले से मेरी बुर को चोद रहे हैं, इतना अच्छा लग रहा है कि पूछो मत, और फ़िर केला ये मेरी बुर में से ही खा लेंगे, साथ साथ चूत का रस भी पी लेंगे, इन्हें इतना पसम्द हैं मेरी बुर में डला केला कि दिन में दो तीन बार ऐसे ही खाते हैं.”
भाभी सिसकते हुए बोली. “वाह बेटी, ऐसे ही पति की सेवा कर, उसे जो चाहिये वह दे.” मैने पूछा “भाभी, आपकी आवाज ऐसे क्यों कांप रही है? और सीमा रानी किधर है?” भाभी सीत्कारी भरती हुई बोली. “मेरी टांगों के बीच बैठकर मेरी बुर चूस रही है शैतान, अनिल यह लड़की बुर चूसने में माहिर है, इतना मस्त झड़ाती है, पिछले एक घम्टे से मेरी चूत मुंह में लिये है और मुझे दस बार झड़ा चुकी पर छोड़ती ही नहीं अपनी मां की चूत, चूसे जा रही है.”
मैंने कहा “उस चुदैल बच्ची की तो मैं वापस आकर ले लूंगा पूरी. पर आप भी उसे इनाम दीजिये, यही केले वाला, केले से मुठ्ठ मार कर देखिये, आप दोनों नाम नहीं लेंगी फ़िर उंगली से मुठ्ठ मारने का. अपनी बुर में से केला खिलाइये, देखिये कैसी चहकती है, और खुद भी उसकी चूत में का केला खा कर देखिये.” फ़ोन रखने पर मैं अति उत्तेजित था. जब मैने अपनी मां की जांघों के बीच बैठी बुर चूसती उसे बच्ची की कल्पना की तो मेरा लन्ड ऐसा उछला कि सीधा झड़ गया.
समाप्त ! कैसी लगी !
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