RE: चंदा रानी
वह बच्चे को बहला रही थी, बच्चा दूध पिये हुए था और अब खेल रहा था, अभी उसका कोई सोने का मूड दिखाई नहीं पड़ रहा था।
मैं बोला- ठीक है !
और नन्दा रानी को चूम के बोला- नन्दा रानी… अभी जो मैंने तेरे साथ किया वह चुम्बन कहलाता है। इसे बहुत देर देर तक किया जाता है… .इसे जितना ज़्यादा करेंगे, चुदास उतनी ही बढ़ेगी… इसका पूरा मज़ा लेने के लिये एक दूसरे के मुंह में अपनी जीभ घुसा दी जाती है और फिर बारी बारी से मर्द और औरत एक दूसरे की जीभ चूसते हैं। इससे दोनों के मुंह का रस दूसरे के मुंह में चला जाता है जिस से प्यार में वृद्धि उतनी ही अधिक होती है।
मैंने नन्दा रानी को अबके से कस के बाहों में भींच लिया और उसका मुंह अपनी तरफ करके टपक से अपने होंठ उसके गुलाबी होंटों पर सटा दिये।
वह अचकचा गई क्योंकि पहले किसी मर्द ने उसे चूमा नहीं था और वह समझ ना पा रही थी कि क्या करे।
उसने सकुचाते हुए खुद को मेरे बाहुपाश से छुड़वाना चाहा लेकिन मैंने बहुत ज़ोर से जकड़ा हुआ था।
‘राजे… यह बिल्कुल नादान है… इसे हर चीज़ समझानी पड़ेगी… .थोड़ा बहुत तो मैंने बताया है परंतु बाकी का तुझे ही समझाना होगा।’ चंदा रानी की आवाज़ आई।
वह बच्चे को बहला रही थी, बच्चा दूध पिये हुए था और अब खेल रहा था, अभी उसका कोई सोने का मूड दिखाई नहीं पड़ रहा था।
मैं बोला- ठीक है !
और नन्दा रानी को चूम के बोला- नन्दा रानी… अभी जो मैंने तेरे साथ किया वह चुम्बन कहलाता है। इसे बहुत देर देर तक किया जाता है… .इसे जितना ज़्यादा करेंगे, चुदास उतनी ही बढ़ेगी… इसका पूरा मज़ा लेने के लिये एक दूसरे के मुंह में अपनी जीभ घुसा दी जाती है और फिर बारी बारी से मर्द और औरत एक दूसरे की जीभ चूसते हैं। इससे दोनों के मुंह का रस दूसरे के मुंह में चला जाता है जिस से प्यार में वृद्धि उतनी ही अधिक होती है।
इसके बाद मैंने नन्दा रानी को अपने और उसके सभी गुप्त अंगों के बारे में बताया, उनके देसी भाषा में नाम और सभ्य भाषा के नाम भी बताये, फिर उसे कहा कि सभी देसी नाम दोहराये।
उसके मुंह से लंड, लौड़ा, मर्द मक्खन, चूत, चूचुक इत्यादि शब्द सुन के बड़ा मज़ा आया। नन्दा रानी बहुत सकुचा सकुचा कर शरमाते हुए ये सब लफ्ज़ बोल रही थी।
फिर मैंने अपने सभी कपड़े उतार दिये और मादरजात नंगा नन्दा रानी के सामने खड़ा हो गया।
उसने शर्म के मारे अपनी नज़रें झुका लीं।
मैंने तपाक से उसकी पटियाला कट शलवार का सुथना खोला जिससे शलवार गिर के उसके पैरों के ऊपर ढेर हो गई।
इससे पहले नन्दा रानी संभलती मैंने उसकी कमीज़ भी ऊपर उठाई और उतार के फेंक दी।
ब्रा का हुक अटक रहा था तो मैंने इतनी ज़ोर से ब्रा की तनियों को खींचा कि वो टूट गईं और ब्रा भी नीचे उसके पैरों पर आ गिरी।
शर्म से नन्दा रानी का गोरा दूध जैसा बदन लाल हो गया, वो एक बाज़ू से अपना मुख ढकने की कोशिश कर रही थी और दूसरी से छातियाँ।
उसने अपनी आँखें कस के मींच ली थीं।
मैंने उसकी बाहों को परे किया और कहा- अरे रानी… ऐसे शर्माओगी तो कैसे चलेगा… अभी तो तुम्हारा यह सुनहरा बदन मुझे चूसना है और फिर तुम्हारी नथ खोलनी है। यह लो, इसे पकड़ो, यह तुम्हारे लिये भगवान ने एक लंड भेजा है। इसे मुंह में लेकर प्यार से चूसो… हाय मेरी बन्नो… माशा अल्लाह… क्या चूचुक हैं ! तेरी जैसी ये सुनहरे भूरे रंग की निप्पल तो पहली बार देखी है किसी लड़की की !
इतने में चंदा रानी की आवाज़ आई- राजे… चूचियाँ बाद में… लंड चुसाई भी बाद में… सबसे पहले राजा इसकी नथ तो खोल दे… फाड़ के रख दे नन्दा की कुंवारी बुर !
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