RE: चंदा रानी
‘हाय मेरा चोदू गुलाम… बड़े जोश में है मेरा राजा… हाँ हाँ… खूब चोदियो… हम भी तो तैयार बैठी हैं तेरे इस भोले मूसल चंद को अंदर घुसेड़ने के लिये !’ चंदा रानी ने प्यार से मेरे लंड को पैन्ट के ऊपर से थपथपाया।
‘राजे.. अब तू जल्दी से घर जा… हम आधे पौने घंटे में पहुँचती हैं… मैंने यहाँ सब पड़ोसियों को कह दिया है कि मुझे रात को बहुत डर लगता है… इसलिये मैं अपनी बहन के साथ रात को सोने के लिये अपने पति के एक दोस्त के घर जाया करूँगी… क्योंकि हम दो लोग हैं इसलिये किसी ने कोई बात नहीं बनाई… अगर बहन साथ ना होती तो यह नहीं हो सकता था.. तो राजे अब तो हम मेरे पति के आने पर ही तेरे घर में सोना बंद करेंगे… तेरी पत्नी आयेगी बीस दिन के बाद और मेरा चूतिया आयेगा एक महीने के बाद… .अब ज़रा सोच राजे… अगले बीस दिन तो खुल के हम तीनों चुदाई करेंगे… तेरी बीवी के आने के बाद भी कुछ ना कुछ रास्ता निकल लेंगे चोदने का… क्यों ठीक है ना… खुश मेरा राजा..बस तू तैयार हो जा मस्ती से भरे बीस दिन की मौज के… और हाँ तेरे खाने पीने का भी आराम हो जायेगा.. हम अकेले खुद थोड़े ही खायेंगे… तेरे लिये भी तो खाना बनायेंगे।’
क्या ज़बरदस्त स्कीम थी। मेरे मन तो उछलने लगा यह सोच सोच के कि रोज़ाना रात को दो दो हसीनाओं को मैं चोदूँगा, हाय कितना मज़ा आयेगा !!!
मादरचोद चूतनिवास, तू गांडू वाकयी में मुकद्दर का सिकंदर है !!!
खैर मैंने अपने मोटर साइकल को किक मारी और दस मिनटों में अपने घर आ गया जो करीब तीन किलोमीटर दूर था। चंदा रानी को आधा घंटा लगेगा क्योंकि उनको रिक्शा से आना था।
घर आकर मैंने बेडरूम को ठीकठाक किया, अलमारी से दो साफ तौलिये निकाले, चार पांच नैपकिन निकाले और फिर पास के बाज़ार से कुछ मिठाई और एक क्रेट कोकाकोला का लेकर आया। मिठाई और छह कोका कोला को फ्रिज में रख दिया और फिर मैं सोफा पर आराम से चंदा रानी और उसकी बहन नन्दा की प्रतीक्षा करने लगा।
वे लोग करीब पौने घंटे के बाद आये।
चंदा रानी गोद में बच्चा संभाले अंदर घुसी और नन्दा रानी पीछे पीछे घर मे दाखिल हुई।
नन्दा रानी को मैंने बड़े ध्यानपूर्वक ऊपर से नीचे तक निहारा। लम्बा क़द, छरहरा शरीर, मध्यम भूरे रंग के घने कंधों पर लहराते हुए सुन्दर बाल, गुलाबी होठों से सजा हुआ खूबसूरत चेहरा, सुराहीदार गर्दन, ताज़े ताज़े उभरे संगतरे के आकार के चूचुक, बहुत ही दिलकश हाथ और पैर।
रंग एसा गोरा कि कश्मीरी लोग भी फीके पड़ जाएँ, फिगर ऐसी कि मॉडल लड़कियाँ शर्म खाएँ, बड़ी बड़ी भूरी आँखें, त्वचा बिल्कुल साफ और रेशम जैसी चिकनी, कोई मेकअप नहीं।
खैर उसे मेकअप की ज़रूरत थी भी नहीं ! शक्ल चंदा रानी से काफी मिलती थी, फर्क यह था कि चंदा रानी गुदाज़, गदराई जवानी थी जबकि नन्दा रानी एक पतली कमसिन युवती थी जो आज के ही दिन व्यस्क हुई थी।
चंदा रानी के बाल गहरे भूरे थे और उसकी आँखें भी गहरे भूरे रंग की थीं।
दोनों बहनों में क्या गज़ब की कामुकता कूट कूट के भरी हुई थी। ऐसा लगता था की एक ही घर में भगवान ने सारी खूबसूरती पैदा कर डाली।
मेरी बीवी भी बहुत गोरी और सुन्दर है पर नन्दा रानी के सामने वह ज़्यादा तो नहीं पर थोड़ी सी फीकी दिखती।
मैंने नन्दा रानी को अबके से कस के बाहों में भींच लिया और उसका मुंह अपनी तरफ करके टपक से अपने होंठ उसके गुलाबी होंटों पर सटा दिये।
वह अचकचा गई क्योंकि पहले किसी मर्द ने उसे चूमा नहीं था और वह समझ ना पा रही थी कि क्या करे।
उसने सकुचाते हुए खुद को मेरे बाहुपाश से छुड़वाना चाहा लेकिन मैंने बहुत ज़ोर से जकड़ा हुआ था।
‘राजे… यह बिल्कुल नादान है… इसे हर चीज़ समझानी पड़ेगी… .थोड़ा बहुत तो मैंने बताया है परंतु बाकी का तुझे ही समझाना होगा।’ चंदा रानी की आवाज़ आई।
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