RE: Chudai Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील ने बाथरूम की दीवार पे अपना सर दे मारा और नीचे बैठ के रोने लगा - ये गुनाह उस से कैसे हो गया - उसकी आँखों ने उसे धोखा क्यूँ दिया. इफ़ सेक्स स्टार्ट्स फ्रॉम आइज़, देन व्हाई माइ आइज़ डिड नोट रेस्पेक्ट माइ मदर. मैं क्यूँ उत्तेजित हुआ ? माँ चाहे पूरी नंगी भी हो के सामने आ जाए - एक बेटा कभी उत्तेजित नही हो सकता.
सुनील भूल गया था कि इंसान असल में एक जानवर ही तो है - ये रिश्ते - ये मर्यादा की दीवारें सब उसकी बनाई हुई हैं. क्यूंकी वो अधिपत्य चाहता था. कमजोरों को कुछ नही मिलता था - जो शक्ति शाली होते थे वो सभी औरतों पे अधिकार जमा लिया करते थे - जब बेटे बेटियाँ बड़े होते थे वो भी रंग में रंग जाते थे. धीरे धीरे दिमाग़ का विकास हुआ तो समझ की गड़ना हुई - एक परिवार की गड़ना हुई - फिर कहीं जा कर मर्यादा की दीवारें बनी.
सुनील के अंतर्द्वंद से बेख़बर बाहर बैठी सुमन सोच रही थी कि इतनी देर तो नहाने में इसने कभी नही लगाई - क्या अंदर मूठ मारने लग गया है - ये सोच के वो मुस्कुरा उसने रूम सर्विस फोन किया और रेड वाइन की एक बॉटल और कुछ स्नॅक्स मंगवा लिए - आगे उसने जो बातें करनी थी सुनील के साथ वो पूरे होश में रह कर नही कर सकती थी.
रूम सर्विस को ऑर्डर देने के बाद सुमन ने सागर को फोन किया.
सुमन : कैसे हो जानू
सागर : सूमी ये !!!!!!
सुमन : ट्रस्ट मी आ के समझा दूँगी.
सागर : ह्म्म
सुमन : तुम कल जल्दी क्यूँ सो गये.
सागर : अरे आधी रात को घर पहुँच के सोते नही तो क्या करते.
सुमन : क्यूँ मुझे चोदना नही था क्या - जब तक तुम से चुद नही जाती मुझे नींद कहाँ आती है.
सागर : समर ने कोटा पूरा नही किया क्या - उसके साथ हफ़्ता रहने के बाद तुम्हारी हालत ही कहाँ होती है एक दिन का ब्रेक तो लाज़मी हो जाता है तुम्हारे लिए
सुमन : हां तो इस बार हफ़्ता पूरा कहाँ हुआ. ओह आइ मिस यू सो मच.
सागर : मी टू लव.
सुमन : अच्छा रखती हूँ ज़रा अपने बर्खूदार को देख लूँ - इतनी देर हो गयी बाथरूम से निकला ही नही. सोनल का ध्यान रखना . कल फोन करती हूँ.
सुमन का फोन आने के बाद सागर को तसल्ली हो गयी वो सब संभाल लेगी - उसने पूछा तक नही कि वो कहाँ गयी है कहाँ ठहरी है - एक कमरा लिया है या दो. सागर को इन बातों से कोई मतलब नही था - वोई बस सुनील को हँसता खेलता देखना चाहता था.
सागर से बात करने के बाद सुमन ने अपने लिए एक पेग बनाया और पीने लग गयी ये पेग ख़तम करने में उसे 15 मिनट लगे तब तक भी सुनील बाथरूम से बाहर नही आया था. सुमन परेशान हो गयी वो बाथरूम पे नॉक करने जाने वाली थी कि सुनील बाथरोब पहन बाहर निकला - क्या मस्क्युलर बॉडी थी उसकी कोई भी लड़की कितना भी उसे अपनी खूबसूरती का गुमान हो - मोहित हुए बिना नही रह पाएगी.
सुमन उसे देखती रह गयी - बिल्कुल समर लग रहा था. सुनील ने अपने बॅग से नाइट सूट निकाला और फिर बाथरूम में घुस्स गया.
अहह सुमन सिसक पड़ी उसकी आँखों में खुमारी छाने लगी - खुद ही तो बोली थी सेक्स स्टार्ट्स फ्रॉम आइज़ - और उसने खुद पे असर होता हुआ महसूस किया - पर अभी तो सुनील से बहुत बातें करनी थी - ए स्लो पेनफुल स्टेप बाइ स्टेप प्रोसेस हॅड टू बेगिन.
सुनील कपड़े पहन के बाहर निकला तो एक झटका और लगा उसे पहली बार अपनी माँ को वाइन पीते हुए देख रहा था.
'कम जाय्न मी' सुमन बोली.
सुनील खड़ा रहा.
'कम ऑन यू आर अडल्ट नाउ - वन्स इन वाइल डज़ नोट हर्म'
सुनील सामने आ के बैठ गया और सोचने लगा मोम को नशे की ज़रूरत है - होश में तो वो ये बातें नही कर पाएगी जो करना चाहती है. फिर उसे ख़याल आया कि उसे खुद भी तो होश को दबाना है उसे भी तो कुछ नशे में रहना है वरना कोई बेटा अपनी माँ से वो बातें नही सुन सकता - जो सुमन उस के साथ करने वाली थी.
सुमन ने सुनील के लिए पेग बनाया और एक खुद के लिए. सुनील ने ग्लास उठा लिया.
'चियर्स यंग मॅन' सुमन ने ग्लास टकराते हुए बोला पर इस चियर्स का सुनील ने कुछ जवाब नही दिया.
'लर्न सम टेबल मॅनर्स' सुमन उसे घूरते हुए बोली.
सुनील को बोलना ही पड़ा ' चियर्स मोम'
'दट'स बेटर'
दोनो ने एक एक घूँट भरा. सुनील ने दोस्तो के साथ एक बार विस्की पी थी. वाइन आज पहली बार पी रहा था. थोड़ा खट्टा थोड़ा कड़वा सा टेस्ट उसके मुँह में रह गया, पर वाइन अच्छी क्वालिटी की थी.
सुनील सुमन की तरफ नही देख रहा था उसने अपनी नज़रें टेबल पे गढ़ा के रखी थी.
सुमन ने चिकन का पीस उठाते हुए कहा ' साथ में कुछ खाते रहो ऐसे नही पीते'
सुनील ने भी चिकन का रोस्टेड पीस उठा लिया.
सुमन का चेहरा अब सीरीयस हो गया.
'तुम जानते हो आज सुबह तुमने ना सिर्फ़ खुद को बल्कि मुझे भी गाली दी'
सुनील को सुमन की तरफ देखना ही पड़ा ये सुन और फिर वही हुआ जो नहाने से पहले हुआ था. सुमन के सुडोल उरोज़ जो सॉफ सॉफ दिख रहे थे उनका असर उसकी आँखों के द्वारा जिस्म पे पड़ने लगा.
'गाली' बड़ी मुश्किल से सुनील बोला और फिर नज़रें झुका ली.
'लुक अट मी व्हेन आइ आम टॉकिंग टू यू' सुमन गुस्से से बोली.
'म.....ओम' सुनील ने नज़रें उपर उठाई.
'तेरी हिम्मत कैसे हुई खुद को बस्टर्ड बोलने की - क्या मतलब जानता है इसका - इसका मतलब है तेरी माँ को यूज़ किया गया और प्रेग्नेंट कर के छोड़ दिया गया - जस्ट लाइक आ स्लट'
'मोम!!' सुनील की आवाज़ में दर्द था.
' क्या तू नही जानता अपने पिता का नाम -- मान लिया आज तुझे ये पता चला है कि तेरा बाइयोलॉजिकल फादर कोई और है - तो तो क्या फरक पड़ गया - मैं तेरी माँ हूँ जब मैने तुझे ये सिखाया था कि सागर तेरा पिता है - उसके बाद क्या बचता है - क्या कभी सागर ने तुझे ये अहसास होने दिया कि तू उनका बेटा नही - क्या कभी समर ने ये अहसास होने दिया कि तू सागर का नही उसका बेटा है' बोलते बोलते सुमन रोने लग गयी.
उसके आँसू सुनील की आँखों से भी बहने लगे. वो लपक के सुमन के पास गया उसे अपनी बाहों में भर लिया ' सॉरी मोम - सॉरी - प्लीज़ रोना मत - क्या करता मैं - बहुत हर्ट हुआ था मोम - पर तुम्हें कभी गाली नही दे सकता मोम - सॉरी - प्लीज़ प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो'
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