Porn Hindi Kahani वतन तेरे हम लाडले
06-07-2017, 02:20 PM,
#25
RE: वतन तेरे हम लाडले
यह सुनते ही रश्मि जय से लिपट गई और रोने लगी, जय भी इस बात से अनजान कि उसकी अपनी शर्ट के बटन खुले हैं और उसकी भाभी इस समय एक सेक्सी नाइटी पहने हुए है रश्मि की कमर के चारों ओर अपने हाथ लपेट दिए। जब कि तब जय या रश्मि दोनों के मन किसी भी बुरी सोच या बुरे विचार से मुक्त थे मगर एक भाभी नाइटी पहने अपने जवान देवर के सीने से लगी खड़ी थी। कुछ देर बाद जय को अपने सीने पर भाभी के नरम नरम मम्मों का स्पर्श महसूस हुआ तो उसने एकदम रश्मि को ध्यान से देखा जो अब तक अपना सिर जय की छाती पर रखे रो रही थी। यह खुशी के आंसू थे, इसलिये जय ने रश्मि को रोने से नहीं रोका मगर अब उसकी नजरें अपनी भाभी के शरीर पर थीं। रश्मि के कंधे बिल्कुल नंगे थे और पीछे से कमर भी पूरी नंगी थी, बस रश्मि के चूतड़ों के ऊपर एक स्कर्ट नुमा छोटी छोटी पट्टी मौजूद थी और नीचे उसकी गोरी गोरी टाँगें देखकर जय को अपने शरीर में सुई जैसी चुभन होती हुई महसूस होंगे लगीं। फिर जय ने रश्मि को अपने सीने से थोड़ा पीछे हटाया तो रश्मि हट गई मगर उसके हाथ अपनी आँखों पर थे और वह अब भी लगातार रोये जा रही थी। 

जबकि जय की नजरें अपनी भाभी के गोरे शरीर का नज़ारा करने में व्यस्त थीं। काले रंग की नेट वाली निघट्य में रश्मि का गोरा शरीर ऐसे झलक रहा था जैसे कोई पत्थर का मोती हो। नाइटी का गला खुला होने की वजह से रश्मि के बूब्स का उभार भी बहुत स्पष्ट था। रश्मि के मम्मे जोकि डॉली के मम्मों से छोटे थे मगर इंसान की प्रकृति है कि उसे अपनी पत्नी के अलावा हर औरत का शरीर ही सुंदर लगता है और इस समय जय का भी यही हाल था। उसका मन कर रहा था कि वह उसके हाथ उठाए और अपनी भाभी के बूब्स को जोर से दबा दे, मगर उसने अपने ऊपर नियंत्रण रखा और ऐसी किसी भी हरकत से अपने आप को रोक लिया 


अब जय की नजरें अपनी भाभी की गोरी चिट्टी थाईज़ का निरीक्षण कर रही थीं जो मांस से भरी हुई थीं और उनको दबाने का निश्चित रूप से बहुत मज़ा आने वाला था लेकिन अब की बार भी जय ने अपने आप को बहुत मुश्किल से किसी भी ऐसी हरकत से रोक लिया अब वह रश्मि के शरीर से अपनी आँखें सेकने में व्यस्त था कि रश्मि की आवाज उसके कानों में पड़ी, रश्मि कह रही थी कि माँ को भी बता दो कि राज ख़ैरियत से है। रश्मि की आवाज सुनकर जय होश में वापस आया तो उसने रश्मि को कहा कि वह बता चुका हूँ। बस अब आप दुआ करें कि भाई खैरियत से स्वदेश वापस आ जाएं। यह सुनकर रश्मि बोली- मैं माँ से मिल लेती हूँ, यह कह कर रश्मि कमरे से निकली और राज की मां के कमरे की ओर जाने लगी तो अब की बार जय ने हाथ आगे बढ़ाकर रश्मि के कंधे पर रख दिया और बोला रूको भाभी ... रश्मि ने रुककर जय को देखा और कहा, हां बोलो ?? जय ने नजरें नीचे झुका लीं और बोला भाभी अपने कपड़े पहन लें। यह कह कर वह ऐसे ही नजरें झुकाए वापस अपने कमरे में चला गया और रश्मि ने जब अपने ऊपर नज़र डाली तो उसे एक झटका लगा कि वह नाइटी पहने कितनी देर जय के सीने पर सिर रख कर खड़ी रही और अब भी माँ से मिलने जा रही थी। रश्मि के चेहरे पर लाज की शिकन सी आई और अपने ऊपर गुस्सा भी आया कि वह ऐसी हालत में कमरे से बाहर क्यों आ गई। मगर फिर यह सोचकर मुस्कुराने लगी कि राज की सूचना मिलने पर उसे अपना होश ही कहाँ था ... यह सोच कर वह मुस्कुराती हुई वापस कमरे में चला गई और कपड़े पहनने लगी। 

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मेजर मिनी को जब राज की आवाज सुनाई दी थी वह बहुत खुश थी। वह मेजर राज से बेपनाह प्यार करती थी, मेजर राज भी उसे पसंद करता था मगर कुछ कारणों की वजह से वैवाहिक रिश्ते में नही बँध सके थे। मिनी को इस बात का दुख था मगर वह एक मीचोर लड़की थी, पारंपरिक लड़कियों की तरह उसने रश्मि से कोई लड़ाई मोल नहीं ली बल्कि उसने खुशदीली के साथ रश्मि को मेजर राज की पत्नी स्वीकार कर लिया था। यही वजह थी कि राज से बात होते ही मुख्यालय सूचना देने के बाद उसे तुरंत रश्मि का ही ख्याल आया, मगर रश्मि का नंबर पास न होने की वजह से उसने जय को कॉल की क्योंकि वह जानती थी कि जब से मेजर राज लापता हुआ है रश्मि की उदासी किसी क्षण भी खत्म नहीं हो सकी इसलिये उसे यह सूचना तुरंत देना बहुत जरूरी था। 

जय से फोन पर बात करने के बाद अब वो फिर से मेजर राज के विचारों में गुम थी। जब मेजर की शादी तय हुई थी राज और मिनी की मुलाकात नहीं हो सकी थी न ही मिनी मेजर राज की शादी पर जा सकी थी क्योंकि शादी वाले दिन मेजर मिनी अपनी ड्यूटी में व्यस्त थी और उसे छुट्टी नहीं मिल सकी थी। मिनी को अब मेजर राज की शरारतें याद आ रही थीं कि वह मिनी के साथ करता था। यूँ तो दोनों कॉलेज के समय से अच्छे दोस्त थे मगर दोनों में पहली बार शारीरिक संबंध तब स्थापित हुआ जब मेजर राज और मिनी दोनों कैप्टन के पद पर थे। जबकि दोनों की पोस्टिंग अलग शहरों में थी मगर एक मिशन के दौरान राज और मिनी मेजर पवन सिंघ के साथ ट्रेन में पंजाब से दिल्ली जा रहे थे। गर्मियों के दिन थे और रेलवे की हालत का स्तर खराब होने के कारण रेलवे में यात्रियों की संख्या बहुत कम थी। मेजर पवन सिंघ सर्वोपरि स्वभाव के अधिकारी थे और वह हमेशा मिनी और राज को एक दूसरे से दूर रखने की कोशिश करते थे मगर उनकी अपनी नज़रें मिनी के शरीर को 24 घंटे घूरती रहती थीं। 
Reply


Messages In This Thread
RE: वतन तेरे हम लाडले - by sexstories - 06-07-2017, 02:20 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,514,579 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,901 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,237,792 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 935,795 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,661,608 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,087,839 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,962,481 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,093,009 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,046,985 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,223 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)