RE: बहू की चूत ससुर का लौडा
जब शशी वापस आयी तो उसके हाथ में एक बंडल था। वह बोली: लीजिए शादी के कार्ड छप कर आ गए। अब लड़कियों को चोदना छोड़िए और कार्ड बाँटिये वरना कोई भी शादी में नहीं आएगा।
राज: आह रचना की शादी में भी सबसे परेशानी वाला काम यही था और अब जय की शादी में भी यही काम सबसे कष्टप्रद है।
शशी: पर कार्ड तो बाटना ही होगा ना?
राज: हाँ सच है, पर इसमें भी कभी कभी मज़ा मिलता है। कई घरों में अकेली औरतें रहतीं हैं , उनके साथ थोड़ी सी चूहल हो जाती है। और कभी कोई पुराना माल अकेला मिल जाए तो ठुकाई भी हो सकती है।
शशी: हे भगवान, कमसे काम कार्ड तो सही मन से बाट आओ आप। सब जगह बस एक ही जुगाड़ में रहते हैं, चुदाई की।
अब दोनों हँसने लगे।
रश्मि और अमित कार्ड बाँट कर पूरी तरह से थक चुके थे, पिछले तीन दिनों से वो कार्ड ही बाँट रहे थे।
अमित: चलो थोड़ा आराम कर लेते हैं एक एक कॉफ़ी पी लेते हैं इस रेस्तराँ में। वो अंदर जाकर कॉफ़ी ऑर्डर करते हैं।
रश्मि: भाई सांब, चलो कार्ड बाटने का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। अब थोड़ी चैन की साँस के सकते हैं।
अमित: राज का भी फ़ोन आया था । वह भी कार्ड बाट बाट कर पूरी तरह से थक चुका है।
रश्मि: उनके कार्ड बट गए?
अमित: हाँ उनके कल ही पूरे बट गए थे। असल में वो हमको वहाँ बुला रहे हैं कल मज़े लेने के लिए। उसने रश्मि के हाथ को अपने हाथ में लिया और एक ऊँगली से उसकी हथेली से रगड़ कर चुदाई का सिग्नल दिया।
रश्मि लाल होकर : अभी उनको इसकी सूझ रही है? अब शादी को आठ दिन बचे हैं इनको मस्ती सूझ रही है। इनको बोल दो अब शादी के बाद ही प्रोग्राम बनाएँ।
अमित: तुम ही बोल दो ना। मेरी कहाँ मानेंगे।
रश्मि ने राज को फ़ोन किया: हाय नमस्ते कैसे हैं?
राज: पागल हो रहा हूँ तुम्हारी याद में। बस अब आ जाओ अमित के साथ।
रश्मि: क्या भाई सांब ? आप भी क्या बोल रहे हो? शादी को बस आठ दिन बचे हैं। इतना काम पड़ा है और आपको ये सब सूझ रहा है? रचना बेटी कब आ रही है?
राज: वह परसों आ रही है, तभी तो कह रहा हूँ कि कल आ जाओ और इसके बाद और कोई मौक़ा नहीं मिलेगा।
रश्मि: पर यहाँ बहुत काम बचा है। दो दिनो के बाद रिश्तेदार भी आने लगेंगे। शादी के बाद प्रोग्राम जमा लीजिएगा ना प्लीज़।
राज: देखो रश्मि, अब कोई बहाना नहीं, कल आना ही होगा। अगर अमित के पास समय नहीं है तो तुम अकेली आ जाओ।
रश्मि : आप भी बड़े ज़िद्दी हैं। फिर वह अमित को बोली: आप ही समझाइए ना ये तो मान ही नहीं रहे हैं।
अमित फ़ोन लेकर: देखो यार मन तो हमारा भी है पर टाइमिंग सही नहीं है। बहुत काम हैं यहाँ ।
राज: चलो ऐसा करो कल १० बजे आ जाना और खाना खा कर दो बजे वापस चले जाना। आधा दिन तो मिल ही जाएगा। अब कोई बहाना नहीं चलेगा। रश्मि को मनाओ।
अमित: ठीक है भाई कल हम यहाँ से ८ बजे निकलते हैं और दो बजे तुम हमें फ़्री कर देना।
रश्मि: पर कल के काम ?
अमित: चलो अब जैसे भी होगा काम चला लेंगे। ठीक है भाई, कल का पक्का।
राज: एक बार रश्मि से बात करा दो।
रश्मि फ़ोन पर आके: तो आपने अपनी बात मनवा ही ली?
राज: मेरी जान। तुम्हें चोदने को मरा जा रहा हूँ। इतना भी ना तड़पाओ ग़रीब को। आ जाओ कल और मजे से डबल चुदाई का आनंद लो। तुम कहोगी तो शशी को भी इसमे शामिल कर सकते है।
रश्मि: नहीं नहीं, जितने कम लोग जाने इसके बारे ने उतना ही भला है।
राज: ठीक है मेरी जान जैसा तुम चाहोगी वैसा ही सही। अब एक चूम्मा दे दो।
रश्मि: धत्त हम कोफ़ी पी रहे हैं बाहर। आप दे दो ।
राज: मुआ मुआ करके चुम्मी दिया। रश्मि ने कहा मिल गया। अब रखती हूँ।
अमित: बड़ा ही सेक्सी आदमी है यह बंदा। कल लगता है तुम्हारी ज़ोर से चुदाई करेगा।
रश्मि: छी आप लोगों को गंदी बातें करने में मज़ा आता है ना? चलो अब चलें यहाँ से। रश्मि उठने लगी पर वह महसूस कर रही थी कि राज से बात करने के दौरान उसकी बुर पनियाने लगी थी और वह अपनी साड़ी ठीक करने के बहाने अपनी बुर को खुजा बैठी।
अमित उसको बरसों से जानता था वो मुस्कुराया और बोला: लगता है खुजा रही है कल की चुदाई का सोचकर।
रश्मि लाल होकर: चुपचाप चलिए यहाँ से । ख़ुद तो कुछ करते नहीं और मुझे उलटा पुल्टा बोल रहें हैं।
अमित: अरे क्या नहीं करता? अपने घर में मौक़ा ही मुश्किल से मिलता है । आज रात को आ जाना , तुम्हारी भाभी को नींद की गोली खिला दूँगा फिर मस्ती से चोदूँगा तुमको, ठीक है।
रश्मि: रहने दीजिए अब कल का प्रोग्राम तो बन ही गया है , आज आराम से सोते हैं, वैसे भी कार्ड बाट कर बहुत थक गयी हूँ।
अमित: जब मैं प्रोग्राम बनाता हूँ तो तुम पीछे हट जाती हो, और मुझे ही सुनाती हो।
अब रश्मि हंस दी और बोली: सॉरी बाबा, ग़लती से बोल दिया। आप बहुत अच्छे हैं एंड आइ लव यु । यह कहकर उसने उसका हाथ दबा दिया।
अब दोनों घर के लिए निकल पड़े।
राज बहुत ख़ुश था कि सब कार्ड बट ही गए। साथ ही कल रश्मि और अमित आएँगे और बहुत मज़ा लेंगे। वह अपना लौड़ा दबाकर मस्ती से भर उठा।
अगले दिन उसने शशी को बताया कि रश्मि और अमित आ रहे हैं और मस्त चुदाई का प्लान है। इसलिए वह खाना बना कर १० बजे के आसपास चले जाये।
अगले दिन जब रश्मि ने डॉली को बताया कि वो और अमित उसके ससुराल जा रहे हैं तो वो हैरानी से पूछी: ऐसा क्या काम आ गया है?
रश्मि: बस कुछ ज़ेवर फ़ाइनल करने हैं, तेरे ससुर जी थोड़ी मदद कर देंगे । उनकी अच्छी पहचान है वहाँ। हम शाम तक वापस आ जाएँगे।
डॉली: क्या मम्मी, ज़ेवर तो हमारे शहर में भी मिलते हैं। इसके लिए भला वहाँ जाने की क्या ज़रूरत है?
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